समावेशी शिक्षा का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर बच्चा, चाहे उसकी सामाजिक, आर्थिक, शारीरिक या मानसिक स्थिति कुछ भी हो, उसे समान रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो। इसके प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

1. सभी के लिए समान शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित करना

समावेशी शिक्षा का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसी भी बच्चे को उसकी जाति, धर्म, लिंग, विकलांगता या सामाजिक पृष्ठभूमि के आधार पर शिक्षा से वंचित न किया जाए।

भेदभाव मुक्त वातावरण तैयार करना

विद्यार्थियों के बीच समभाव की भावना को बढ़ावा देना और किसी भी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करना।

विकलांग और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ना

ऐसे बच्चों को सामान्य स्कूलों में पढ़ने का अवसर देना ताकि वे समाज में आत्मनिर्भर और सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।

शिक्षकों और स्कूलों को समावेशी बनाने की दिशा में प्रशिक्षित करना

शिक्षकों को ऐसी ट्रेनिंग देना जिससे वे विविध आवश्यकताओं वाले छात्रों को प्रभावी रूप से पढ़ा सकें।

शिक्षा में गुणवत्ता और अवसर की समानता सुनिश्चित करना

सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और समान अवसर देना ताकि वे अपने जीवन में आगे बढ़ सकें।

समावेशी शिक्षा के बारे और अधिक जानने के लिए इस आर्टिकल को 

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