आत्मत्राण कविता से आपको क्या प्रेरणा मिलती है॥ आत्मत्राण कविता से हमें क्या प्रेरणा मिलती है

आत्मत्राण कविता से आपको क्या प्रेरणा मिलती है ॥ आत्मत्राण कविता से हमें क्या प्रेरणा मिलती है

आत्मत्राण कविता से आपको क्या प्रेरणा मिलती है ॥ आत्मत्राण कविता से हमें क्या प्रेरणा मिलती है

उत्तर –
रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कविता ‘आत्मत्राण’ हमें जीवन के संघर्षों और कठिनाइयों से जुड़ी गहरी प्रेरणा देती है। कवि का कहना है कि मनुष्य को दुःखों से मुक्ति पाने की इच्छा नहीं करनी चाहिए, बल्कि उन दुःखों और संकटों का सामना करने की शक्ति प्रभु से माँगनी चाहिए।

कवि स्वयं भी प्रभु से यही प्रार्थना करता है कि वह उसके सभी कष्टों को दूर न करें, बल्कि उसे इतना साहस, धैर्य और आत्मबल प्रदान करें कि वह उन कठिनाइयों को सहन कर सके और उनसे पार पा सके। कवि का विश्वास है कि दुःख और संकट जीवन के शिक्षक होते हैं। ये मनुष्य की कमजोरी को दूर करके उसे दृढ़, साहसी और आत्मनिर्भर बनाते हैं।

इस कविता का संदेश यह है कि हमें संसार के दुःखों से भागना नहीं चाहिए और न ही उन्हें बोझ मानकर टूटना चाहिए। हमें निराश होकर रोना-धोना नहीं चाहिए और न ही परमात्मा पर संदेह करना चाहिए। इसके विपरीत हमें यह विश्वास रखना चाहिए कि दुःख अस्थायी हैं और वे हमें और मजबूत बनाने आए हैं। इसीलिए हमें परमात्मा से केवल इतना ही माँगना चाहिए कि वे हमें दुःख सहने और उन पर विजय पाने की शक्ति प्रदान करें।

यह कविता हमें प्रेरित करती है कि सुख और दुःख दोनों परिस्थितियों में हम आस्थावान बने रहें। सुख के समय हमें प्रभु का धन्यवाद करना चाहिए और दुःख के समय उनसे साहस और शक्ति की प्रार्थना करनी चाहिए। इस प्रकार ‘आत्मत्राण’ कविता जीवन जीने की एक सकारात्मक और आस्थामयी राह दिखाती है, जिसमें संघर्ष को अवसर और दुःख को आत्मबल का साधन माना गया है।

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