एडमंड हेली कौन थे उन्होंने क्या भविष्यवाणी की थी क्या उनकी भविष्यवाणी सत्य हुई?

एडमंड हेली कौन थे उन्होंने क्या भविष्यवाणी की थी क्या उनकी भविष्यवाणी सत्य हुई?

एडमंड हेली कौन थे उन्होंने क्या भविष्यवाणी की थी क्या उनकी भविष्यवाणी सत्य हुई?

एडमंड हेली इंग्लैंड के प्रसिद्ध खगोलविद्, गणितज्ञ और वैज्ञानिक थे। वे महान वैज्ञानिक सर आइजक न्यूटन के घनिष्ठ मित्र थे। न्यूटन जब अपने प्रसिद्ध गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत (Law of Gravitation) को प्रकाशित करना चाहते थे, तब हेली ने उनका हर तरह से सहयोग किया। हेली ने न केवल न्यूटन को प्रोत्साहित किया, बल्कि उनकी पुस्तक के प्रकाशन में भी आर्थिक सहायता दी। इस कारण विज्ञान के विकास में उनका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

हेली ने विशेष रूप से धूमकेतुओं (Comets) का अध्ययन किया। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि धूमकेतु भी ग्रहों की तरह सौरमंडल के सदस्य हैं और वे सूर्य के चारों ओर निश्चित कक्षाओं में परिक्रमा करते हैं। उस समय तक लोग धूमकेतुओं को रहस्यमय, अमंगलकारी और अस्थायी मानते थे, लेकिन हेली ने इनके बारे में वैज्ञानिक दृष्टि प्रस्तुत की।

हेली ने प्राचीन खगोलविदों द्वारा देखे गए धूमकेतुओं की तिथियों का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि –

  • सन् 1531 ई. में एक धूमकेतु देखा गया था।
  • सन् 1607 ई. में भी वही धूमकेतु दिखाई दिया।
  • स्वयं हेली ने सन् 1682 ई. में इसे देखा।

इन तीनों धूमकेतुओं के प्रकट होने में लगभग 75–76 वर्षों का अंतर था। अपने गहन अध्ययन के आधार पर हेली ने यह निष्कर्ष निकाला कि ये तीनों अलग-अलग धूमकेतु नहीं हैं, बल्कि एक ही धूमकेतु बार-बार सूर्य की परिक्रमा करके लौटता है

इसी आधार पर हेली ने यह भविष्यवाणी की कि यह धूमकेतु लगभग 75–76 वर्षों के अंतराल पर पुनः अवश्य प्रकट होगा। उन्होंने कहा कि यह धूमकेतु अगली बार सन् 1758 ई. में दिखाई देगा।

उनकी यह भविष्यवाणी पूरी तरह सत्य सिद्ध हुई। सन् 1758 में वही धूमकेतु फिर से आकाश में प्रकट हुआ। इस प्रकार हेली ने न केवल अपने अध्ययन को सही सिद्ध किया, बल्कि यह भी प्रमाणित कर दिया कि धूमकेतु कोई रहस्यमय या अमंगलकारी पिंड नहीं हैं, बल्कि वे सूर्य की परिक्रमा करने वाले खगोलीय पिंड हैं।

एडमंड हेली की भविष्यवाणी सत्य सिद्ध होने के बाद उस धूमकेतु को “हेली का धूमकेतु” (Halley’s Comet) नाम दिया गया। इस प्रकार उन्होंने यह स्थापित कर दिया कि धूमकेतु सौरमंडल के सदस्य हैं और उनकी गति भी वैज्ञानिक नियमों के अनुसार होती है।

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