रक्षाबंधन पर निबंध हिन्दी में (raksha bandhan in hindi essay)
प्रस्तावना
भाई बहन के रिश्ते का त्योहार रक्षाबंधन हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है । जो भाई – बहन के रिश्तों को और भी मजबूत बनाने के लिए मनाया जाता है । यह त्योहार भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता हैं इसके साथ ही इसे नेपाल और पाकिस्तान में भी बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है हिन्दू धर्म के लोगों के अलावा इसे भारतवर्ष में अन्य धर्मों के लोग भी बड़े उत्साह के साथ मानते हैं । यह एक ऐसा पर्व है जो पारिवारिक बंधनों के एकता और मजबूती को दर्शाता है । कहा जाता है कि इस दिन भाई बहन की आजादी, उसका सम्मान और रक्षा का प्रतिज्ञा लेता है। यह भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है जो एक दूसरे को बंधे रखता है जो जन्मों-जन्मों तक एक दूसरे का साथ देता है ।
कब मनाते तथा अर्थ
रक्षाबंधन का त्योहार हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास(सावन महीने) के अंतिम दिन यानी कि श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। श्रावण मास पूरा ही हिंदू धर्म के अनुसार काफी शुभ माना जाता है। रक्षाबंधन का अर्थ होता है रक्षा – सुरक्षा और बंधन – बाँधना यानी कि बहन अपने भाई की कलाई में रक्षासूत्र बाँधती है । रक्षासूत्र का अर्थ यह है कि भाई को अपने जीवन में किसी भी प्रकार के तकलीफ, परेशानी, संकट या किसी प्रकार के बीमारी उसे छू न सके और उसका जीवन खुशहाल हो।
तैयारियाँ
रक्षाबंधन की तैयारियां बहन पहले से ही करती हैं। एक तो वह खुद से अपने भाई के लिए राखी बनाती है या फिर बाज़ार जा कर कोई अच्छा सा मनपसंद राखी खरीद कर लाती है। रक्षाबंधन के पहले दिन ही पूरी तैयारियां करके बहन रखती है भाई भी अपने बहन को क्या दे पहले से ही सोच कर रखता है रक्षाबंधन के दिन सुबह भाई एवं बहन जल्दी उठ जाते है स्नान करके साफ-सुथरा कपड़ा पहनते है फिर पुजा किया जाता है। बहने नए कपड़े पहनती है और आरती की थाली सजाती है। फिर वह अपने भाई के दाहिने हाथ में राखी बांधती हैं और चंदन एवं कुमकुम का तिलक लगाती हैं। उसके बाद बहन भाई की आरती उतारती है और फिर उसे मिठाई खिलाकर मुंह मीठा करवाती है। इस उपलक्ष में भाई अपनी बहन को एक विशेष तोहफा (उपहार) देते है। इस तरह रक्षाबंधन का यह त्योहार मनाया जाता है।
भाई बहन का संबंध
भाई बहन का संबंध बहुत ही अटूट और पवित्र होता है भाई अपने बहन की रक्षा और बहन अपने की भाई रक्षा बखूबी करते है भले ही उनके बीच कितना भी अनबन क्यों न हो जब संकट टूट पड़ती है तो एक दूसरे का साथ देने में कोई कसर नहीं छोड़ते।
उपसंहार
अतः हम यह कह सकते है कि राखी का यह त्योहार भाई एवं बहन के अटूट रिश्ते को दर्शाता है। आज के दौर में यह पर्व हमारी संस्कृति की पहचान बन चुका है और हमें इस पर गर्व होना चाहिए इस त्योहार को मनाने के साथ ही हम सभी को एक–दूसरे के साथ मिलजुल कर रहने का संकल्प भी लेना चाहिए। सुख–दुख में सभी के साथ मिलजुल कर रहना चाहिए।