पत्रकारिता क्या है तथा पत्रकारिता का अर्थ
पत्रकारिता शब्द अंग्रेजी के जर्नलिज्म(journalism)का हिंदी अनुवाद है। जर्नलिज्म(journalism) लैटिन भाषा के जर्नल से बना है। जिसका शाब्दिक अर्थ दैनिक होता है। इसे एक प्रकार से एक डायरी माना जाता है। पत्रकारिता के प्रारंभिक दिनों में अर्थात् 17वीं शताब्दी में यूरोपीय देशों में सरकारी कार्यों एवं गतिविधियों के प्रतिदिन के विवरण लिखकर रखे जाते थे। जिसे जर्नल कहा जाता था। इसमें किसी एक कार्यालय की कार्यों का लेखा जोखा होता था उसे उसी उसी कार्यालय के गिने चुने लोग पर पाते थे उन बिना जर्नल सूचना पट का विस्तृत रूप था। समय के साथ साथ इसका और अधिक विस्तार होता गया और आज या अपने अब तक के सबसे अधिक विस्तृत स्वरूप में हैं। हिंदी के एक शब्द पत्रकारी से भी पत्रकारिता शब्द का विकास माना जाता है। यह पत्र लेखन से जुड़ा है। इस प्रकार एक पत्र में सूचनाओं अथवा जानकारियों को लिखकर दूसरों तक प्रेषित किया जाता है। उसी प्रकार एक पत्र में सूचनाओं अथवा जानकारियों को लिखकर दूसरे तक प्रेषित किया जाता है उसी प्रकार पत्रकारिता में सूचनाओं और जानकारियों को प्रसारित या प्रकाशित किया जाता है जो बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करते हैं। पत्रकारिता में व्यक्तिगत या औपचारिक पत्रों के सभी स्वरूपों को शामिल माना जा सकता है। विकास के क्रम में पत्रकारिता आज इतनी लंबी दूरी तय कर चुकी है कि उसे किसी एक परिभाषा में समेटना आसान नहीं है। इस क्षेत्र के विद्वानों द्वारा बताई गयी भिन्न-भिन्न परिभाषा दृष्टिपात करे तो पत्रकारिता के स्वरूप को समझा जा सकता है।
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पत्रकारिता की परिभाषा क्या है या पत्रकारिता किसे कहते हैं journalism kise kahate hain
पत्रकारिता की परिभाषा विभिन्न विद्वानों ने अलग-अलग तरीके से किया है जो निम्नलिखित है-
हरबर्ट ब्रूकर के अनुसार
पत्रकारिता वह माध्यम या साधन है जिसके माध्यम से हमें अपने मस्तिष्क में उस दुनिया के बारे में समस्त सूचनाएं संकलित कराते हैं जिसे हम स्वत: कभी नहीं जान सकते हैं।
लेसी स्टेफस के अनुसार
हाल हाल में घटी घटनाएं जिन घटनाओं और बातों की जानकारी नहीं है उसके बारे में बतलाना पत्रकारिता है।
सीएम पोस्ट के अनुसार
बिना किसी दबाव और प्रभाव के जनहित में निष्पक्षता से और सम्यक आचारण के साथ सत्य को सबके सामने लाने के लिए चुनौति पूर्ण उत्तरदायित्व का नाम पत्रकारिता है।
कृष्ण बिहारी मिश्र के अनुसार
पत्रकारिता वह व्यवस्थित ज्ञान है जिसमें पत्रकारों के लिए कर्तव्यों और उद्देश्यों का विवेचन किया जाता है जो अपने युग और अपने संबंध में लिखा जाता है वही पत्रकारिता है।
इंद्र विद्या वचस्पति के अनुसार
पत्रकारिता पांचवा वेद है जिसके द्वारा हम ज्ञान विज्ञान संबंधी नवीनतम जानकारी प्राप्त कर अपने बंद मस्तिष्क को खोलते हैं।
पत्रकारिता संदर्भ कोश के अनुसार
जन सूचना जनसंचार और जन रंजन करना अथवा जनसाधारण तक समाचार बा विचार संप्रेषण हेतु संचालित माध्यमों जैसे समाचार पत्र पत्रिका रेडियो और टीवी आदि के संपादन मुद्रण प्रकाशन संयोजन तथा प्रसारण आदि की विद्या या कला पत्रकारिता है।
डॉक्टर भवन खुराना के अनुसार
पत्रकारिता वह धर्म है जिसका संबंध पत्रकार की उस कर्म से है जिससे तत्कालिक घटनाओं और समस्याओं का सबसे अधिक सही और निष्पक्ष विवरण जनता के समक्ष प्रस्तुत करें और जन मन जागृत करने का श्रम भी करें।
पत्रकारिता के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए या पत्रकारिता के दायित्व कौन-कौन से हैं
१. जनमत व्यक्त करना
२. स्वास्थ्य मनोरंजन
३. सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार
४. शिक्षा स्वास्थ्य कानून और अन्य सभी क्षेत्रों के लिए परामर्श यह सलाह देना।
५. कृषि व्यापार उद्योग राजनीति और अन्य तमाम क्षेत्रों की जानकारी देना।
६. जन जागृति फैलाना।
७. उत्साह वर्ध्दान करना।
८. प्रेरणा देना।
९. अनुचित बातें स्थितियों कार्यों व्यक्तियों और आचरण का अनुरोध करना
१०. सूचना देना
११. लोगों को जागरूक करना
१२. लोगों के उद्देश्यों को बताना
इस सभी पत्रकारिता के उद्देश्य या दायित्व के अंतर्गत आता है।