पत्रकारिता में स्तंभ योजना से क्या अभिप्राय है
पत्रकारिता में स्तंभ योजना दो प्रकार की होती हैं
पहला स्तंभ योजना
पहला स्तंभ योजना केवल समाचार पत्रों के लिए होती हैंं समाचार पत्र के प्रत्येक पृष्ठ को उसके चौड़ाई के हिसाब से 8 बराबर हिस्सा में बांटा जाता है प्रत्येक हिस्से को एक स्तंभ या प्रचलित रूप में कॉल्ब कहा जाता है इसे समाचारों और चित्रों को किसी पृष्ठ पर दिए गए स्थान पर सजाने के लिए, स्थान नापने की इकाई माना जाता है। समाचार पत्र के प्रत्येक पृष्ठ को आकर्षक बनाने के लिए पृष्ठ सजाकार होते हैं। जो प्रतिदिन हर पृष्ठ का खाका तैयार करते हैं। फिर समाचारों महत्व के आधार पर उपयुक्त पृष्ठ पर उचित स्थान में समांजित किया जाता है। इस क्रम में विज्ञापन तथा चित्रों की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
दूसरा स्तंभ योजना
दूसरा स्थान योजना का तात्पर्य है नियमित अंतराल के बाद प्रकाशित होने वाले कठिनाई सामग्री अथवा प्रसारित होने वाली रेडियो, टेलीविजन के कार्यक्रम एक स्थायी शीर्षक के अंतिम दिये जाने वाली लेख या विचार एक स्तंभ के रूप में जाने जाते हैं। टीवी और रेडियो के लिए विशेष शीर्षक के अंतर्गत प्रसारित होने वाले कार्यक्रम इस श्रेणी में आते हैं। स्तंभ योजना बनाते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है समाचार पत्र पर इसके लिए पृष्ठ पर एक निर्धारित स्थान को और इसे निर्धारित समय पर ही लिया जाए जैसे संपादक के नाम पत्र या पाठक मंच नाम से कोई स्तंभ प्रतिदिन या सप्ताह में समाचार पत्र के किसी विशेष पर प्रकाशित होती हैं। अगर कोई अपने लिए कोई स्तंभ पहले से निश्चित कर रखा होता है तो उस स्तंभ में किसी अन्य की रचना प्रकाशित नहीं हो सकती।
इस तरह के स्तंभ किसी विषय क्षेत्र से संबंधित हो सकते हैं इनका उद्देश्य लेखक या रचनाकार को स्वतंत्र पूर्वक अपने विचारों की अभिव्यक्ति के लिए मंच उपलब्ध कराना होता है इसे संवाद यानी रिपोर्टिंग या संपादकीय अथवा विचार या टिप्पणी का मिलाजुला रूप माना जा सकता है समाचार पत्रों में जिस प्रकार के स्तंभों को विशेष स्थान मिलता है उसमें युवा जगत महिला मंच चिकित्सा कृषि ज्ञान विज्ञान तथा बालभारती आदि प्रमुख हैं स्तंभ लेखन को दूसरे शब्दों में व्यक्तिगत पत्रकारिता कहा जा सकता है स्तंभों को निम्नलिखित भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है-
१.वाक्पीठ स्तंभ (foram colum) – इसके अंतर्गत चर्चा परिचर्चा या विचार आदि प्रकाशित होते हैं।
२. परामर्श स्तंभ:- इसके अंतर्गत शिक्षा स्वच्छ कानून या व्यक्तिगत समस्याओं से संबंधित प्रश्नोत्तर सामग्री प्रस्तुत की जाती हैं।
३. विविध (मनोरंजन) – इस तरह के स्तंभ में विभिन्न विषयों की गंभीर अथवा मनोरंजक रचनाएं प्रस्तुत की जाती हैं। ये रचनाएं सूचना और जानकारी पर आधारित भी हो सकती है और व्यंग्य विनोद अथवा वार्तालाप गपशप की शैली में लिखी गई रचना भी।
इन सभी प्रकार के स्तंभों के लिए कुछ शीर्षक सुनिश्चित होते हैं जैसे कौउ-कौउ, आठवां कॉलम, यंत्र तंत्र, सर्वत्र, तीर कमान, चलती चक्की, समकोण, मंत्र, आठवां अजूबा, देश के नखरे, देश के चर्चे इत्यादि।