खोजी पत्रकारिता का क्या आशय है,खोजी पत्रकारिता पर निबंध लिखिए(khoji patrakarita par nibandh)
खोजी या अन्वेषी पत्रकारिता एक ऐसी प्रमाणिक पत्रकारिता है जो समाज के हित को ध्यान में रखकर समाज विरोधी गतिविधियों को सबके सामने निर्भीकता से प्रस्तुत करती है
जैसे सरकारी एजेंसियों के बीच आम लोगों की शिकायत के आधार पर जांच पड़ताल करने का जिम्मा लोकपाल का होता है उसी तरह तथ्यों की गहराई में जाकर गड़बड़ी की असली वजह और उसके लिए जिम्मेदार लोगों को ढूंढ निकालने का काम एक खोजी पत्रकार करता है।
खोजी पत्रकारिता का उद्देश्य और दायित्व किसी जनविरोधी कार्य या गतिविधियों की सूचना देना मात्र नहीं होता वरन पूरी स्थिति का छानबीन कर छिपी हुई सच्चाई को उजागर करके जनता को जागरूक बनाना होता है अतः खोजी समाचार में तथ्यों का संकलन विकल्पों का विश्लेषण और तर्क युक्त विचारों एवं पुष्ट निष्कर्षों का प्रस्तुति कर दिखाई देता है। खोज पत्रकारिता में दो प्रमुख बातों पर विशेष बल दिया जाता है-
१. ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी यह सूचना को प्रकाशित या प्रसारित करना जिसे निहित स्वार्थ वाले लोग छुपाना चाहते हैं।
२. जो किसी पत्रकार की अपनी खोज हो अर्थात् जिसे पहले किसी ने ढूंढ के नहीं निकाला हो।
लोकतांत्रिक राष्ट्र में प्रेस की स्वतंत्रता को मौलिक अधिकार माना गया है। इसी आधार पर प्रेस को प्रमाण प्राप्त करने का अधिकार भी मिला है। इस अधिकार के मिलने के पहले भी भारतीय प्रेस ने बोकोर्स कांड पंडूबी तथा सरकारी मंत्रालय में हुए अनिल घोटाले का उजागर हुआ था।
अमिताभ बच्चन द्वारा स्वीडन में फ्लैट खरीदने का तत्कालीन केंद्र सरकार जब खंडन कर रही थी तब इंडियन एक्सप्रेस ने तस्वीरों और कागजी प्रमाणों के साथ प्रकाशित करते हुए सही स्थिति को उजागर किया था।