आचार संहिता (Code of Conduct) क्या है,आचार संहिता के नियम क्या है,aachar sanhita ke rules in hindi
आचार संहिता एक अनुशासन है जिसके अंतर्गत कानून द्वारा दिए गए अधिकारों के दुरुपयोग को रोका जा सकता है। दूसरे शब्दों में अधिकारों के आधार पर कर्तव्य को निभाने की व्यवस्था को आचार संहिता कहते हैं पत्रकारिता जगत के लिए आचार संहिता के अंतर्गत निम्नलिखित बातों पर बल दिया गया है।
१. जनसंचार के तीनों माध्यमों के बीच एवं परस्पर विरोध और विवाद से बचना।
२. जनविरोधी समाचारों या गतिविधियों को प्रोत्साहित नहीं करना।
३. पीत पत्रकारिता या नीजी स्वार्थ की पत्रकारिता से दूर रहना।
४. सस्ती लोकप्रियता के लिए आपत्तिजनक चित्र लेख या आलेख प्रस्तुत नहीं करना।
५. महिला कर्मियों से रात्रि 10:30 बजे के बाद अथवा अनावश्यक रूप से अतिरिक्त समय में काम नहीं कराना।
पत्रकारिता आचार संहिता के नियम क्या है aachar sanhita ke niyam
विभिन्न कानूनी अधिकारों के उपयोग करते हुए पत्रकारिता जगत को अपने कर्तव्य और आचार संहिता का पालन करना चाहिए।
१. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता:
विषय भाषा एवं प्रस्तुतीकरण मर्यादित होना चाहिए जाति धर्म संप्रदाय अथवा मान्यता के विरुद्ध नहीं लिखना चाहिए। किसी अप्रिय स्थिति से गुजरी यह हादसे का शिकार हुए किसी भी उम्र की लड़की अथवा महिला की पहचान को सार्वजनिक नहीं करना।
२. मनहानि:
अपराधी के परिजनों या मित्रों के नाम उस स्थिति में प्रकाशित या प्रसारित नहीं किए जाने चाहिए जब वे अपराधी के कृतियों से अनजान या असम्पकृत हो।
आरोप सिद्ध नहीं हो जाने तक आरोपी को लिखा या कहा नहीं जाना चाहिए साथ ही अपराधी कितना ही प्रतिष्ठित व्यक्ति क्यों ना हो उसके लिए समानजनक शब्दों का उपयोग नहीं होना चाहिए।
३. कॉपीराइट सर्वाधिकार संरक्षण कानून:
कॉपीराइट कानून से बचने के लिए भाषा में परिवर्तन करके विचारों की चोरी नहीं करना।
४. संसद, विधानसभा, विधान परिषद से जुड़े कानून:-
मीडिया को सारी बातों की जानकारी होने के बाद भी जनहित में केवल आवश्यक जानकारी प्रकाशित या प्रसारित की जानी चाहिए।
५. आपत्तिजनक विज्ञापन (निरोधक) कानून:
आर्थिक आय को ध्यान में रखकर पत्रकारिता जगत में इस आचार संहिता का उल्लंघन सबसे अधिक होता है परंतु जनहित में ऐसे विज्ञापनों का प्रकाशन और प्रसारण नहीं होना चाहिए।
६. सांख्यिकी अधिग्रहण अधिनियम:
विभिन्न मंत्रालयों और सरकारी विभागों से संख्यिकी सूचनाएं केवल पत्रकार ही प्राप्त कर सकते हैं अतः इनके प्रकाशन या प्रसारण में इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि किसी ऐसे आंकड़े को प्रस्तुत नहीं किया जाए जिससे सरकारी के कार्य योजना प्रभावित होती हो।
चुनाव आचार संहिता एक ऐसा आचार संहिता है जो चुनाव के के समय में एक आचार नियमावली (Rules of Conduct) बनाया जाता है जिसे सभी राजनैतिक पार्टियों को मानना अनिवार्य होता हैं। इसे आदर्श आचार संहिता या आचार संहिता भी कहते है तथा इसे अंग्रेजी में Code of Conduct कहा जाता है।
यह नियमावली चुनाव आयोग बनाता है चुनाव आयोग ने इन नियमों को कई भागों में बांटा है।
१.साधारण आचरण
२.मीटिंग और जुलूस के लिए ज़रूरी बातें
३.सत्ता पर काबिज़ पार्टी और मतदान के दिन के लिए अलग नियम।
इसका मतलब साफ है कि हर मौके के लिए अलग-अलग कायदे कानून बनाए गए हैं।
अगर कोई उम्मीदवार इन नियमों का पालन नहीं करता है तो चुनाव आयोग उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकता है और आयोग से उसे चुनाव लड़ने से रोका भी जा सकता है साथ ही उम्मीदवार के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज हो सकती है। जांच में दोषी पाए जाने पर उसे जेल भी जाना पड़ सकता है। ये नियम चुनाव से पहले और अंतिम तक चलता है। ये आचार संहिता इस लिए लागू किया जाता है ताकि चुनाव की प्रक्रिया सावधानी पूर्वक चलें। किसी विपक्ष नेता के बीच में किसी प्रकार का तनाव या किसी जाति या धर्म को लेकर दंगा न हो।