उखड़े खंभे का सारांश,उखड़े खंभे summary
प्रस्तुत पाठ उखड़े खंभे हास्य व्यंग्यात्मक शैली पर हरिशंकर परसाई द्वारा लिखा गया है इसमें राजा और उसकी राज्य के कर्मचारियों की मुनाफाखोरी(रिश्वतखोरी) पर व्यंग्य कसा गया है। मुनाफाखोरी से पूरा समाज पीड़ित है लेकिन इस बीमारी का इलाज प्रजा ढूंढ नहीं पाती। आज पूरा समाज रिश्वतखोरी से भरा हुआ है एक छोटी सी छोटी काम के लिए भी रिश्वत ली जाती है रिश्वतखोरों से हम कभी बच नहीं सकते। यह व्यंग्यात्मक शैली में लिखी गई जीवन से परिचय कराता है जीवन की आलोचना करता है तथा विसंगतियों, मिथ्याचार्यों और पाखंडों का पर्दाफाश करता है एक छोटी सी काम या बड़े से बड़े काम के लिए नीचे से ऊपर दर्ज तक के लोगों को रिश्वत देना पड़ता है उखड़े खंभे में हरिशंकर परसाई इसी को दर्शाने का पूरा प्रयास किया है जिसमें एक राजा द्वारा रिश्वतखोरों को बिजली के खंभे में लटकाने की बात कही गई है। पूरी खबर जंगल की आग की तरह फैल जाती है जिसके कारण सभी लोग बिजली के खंभे के पास खड़े होकर मुनाफाखोरों को लटकाए जाने का इंतजार करने लगते हैं पर शाम तक किसी को लटकाया नहीं जाता। जिसके कारण सभी लोग जुलूस बनाकर राजा के पास यह पूछने के लिए पहुंच जाते हैं कि अभी तक किसी भी मुनाफाखोरों को बिजली के खंभे में क्यों नहीं लटकाया गया है? तो उन्हें समझाते हुए राजा ने कहा कि मुनाफाखोरों को बिजली के खंभे पर अवश्य लटकाए जाएंगे पर इसके लिए थोड़ा समय लगेगा क्योंकि लटकाने के लिए फंदे बनाने का ऑर्डर दे दिए गए हैं और उनके मिलते ही सभी मुनाफाखोरों को खंभे में लटका दिया जाएगा। उनमें से किसी ने कहा कि फंदे बनाने का ठेका भी रिश्वत लेने वाले के हाथों में ही है कहने का तात्पर्य है कि यहां हर समाज के हर व्यक्ति एक रिश्वतखोर है जो हर किसी काम के लिए बिना रिश्वत लिए कोई काम नहीं करता। ऐसे रिस्वतखोरो को ही सभी पसंद करते हैं राजा उनसे कहे की उन्हें भी फंदे में टांगा जाएगा तो दूसरा व्यक्ति उनसे कहने लगा कि पर वह तो कह रहा था कि फांसी पर लटकाने का ठेका भी मैं ही ले लूंगा। अर्थात् हम यह जानते हुए भी कि जिन व्यक्ति को हम काम में लगा रहे हैं वह भी रिश्वतखोर से मिला हुआ होता है फिर भी हम उनसे काम कराने लगते हैं। मुनाफाखोरों को सोलहवें दिन बिजली के खंभे में लटकाने की बात सामने आई पर जैसे ही 16 वें दिन आ गए बिजली के सारे खम्भे उखड़े पड़े थे। खम्भे के पास खड़े मजदूर से पता चला कि उनसे रात को सारे खम्भे उखड़वाए हैं। जिसमें सेक्रेटरी, बिजली इंजीनियर, इंजीनियर, विशेषज्ञ, ओवरसियर सभी छोटे से बड़े पद के लोग इस काम में शामिल है। और सभी राजा या सरकार से बचने के लिए यह झूठी अफवाह फैलाई कि जमीन के नीचे एक भयंकर बिजली प्रवाहित हो रही है यदि हमारे बिजली के खंभे जमीन में गड़े रहते तो वह बिजली खंभों के द्वारा ऊपर आते और उसकी टक्कर अपने पावरहाउस की बिजली से होती तथा भयंकर विस्फोट होता साथ ही एक भी प्राणी इसके प्रवाह से नहीं बचते और न ही एक भी इमारते खड़ी रहती इसलिए हमने शहर को बचाने के लिए शहर के सारे बिजली के खंभे उखाड़ डालें।
जब भी सरकार द्वारा इन सभी मुनाफाखोरी या रिश्वतखोर के प्रति आवाज उठाई जाती है और उन पर कोई कार्रवाई की जाती है तो मुनाफाखोर या रिश्वतखोर इससे बचने के कह तरीके निकाल लेते हैं और सरकार को भी उसके सामने झुकना पड़ जाता है। रिश्वत देना वा लेना दोनों ही अपराध की श्रेणी में आते हैं फिर भी हम उससे बच नहीं पाते हैं और यह अपराध पूरी दुनिया में फैलती ही जा रही है पर इसे खत्म नहीं किया जा सकता जब तक कि खुद ही जागरूक ना हो जाए।
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मौखिक प्रश्न
क) राजा ने क्या घोषणा कराई?
उ. राजा ने घोषणा कराई कि सारे मुनाफाखोरों (रिश्वातखोरो) को बिजली के खंभों से लटका दिया जाएगा।
ख) मुनाफाखोरों को टांगने के लिए क्या चाहिए था?
उ. मुनाफाखोरों को टांगने के लिए फंदा चाहिए था।
ग) सोलहवें दिन सुबह उठकर लोगों ने क्या देखा?
उ. सोलहवें दिन सुबह उठकर लोगों ने देखा कि बिजली के सारे खम्भे उखड़े पड़े हैं।
घ) इंजिनियर साहब ने क्या हुक्म दिया था?
उ. इंजिनियर साहब ने बिजली के सारे खम्भे उखड़वाने का हुक्म दिया था।
लिखित प्रश्न
क) राजा के पास लोग क्या शिकायत लेकर आए?
उ. राजा ने सोलहवें दिन सारे मुनाफाखोरों को बिजली के खंभे में लटकाने की घोषणा कर दी थी पर पन्द्रहवें दिन के रात ही सारे बिजली के खंभे को उखड़वा दिये गये थे। सारे गांव वाले इसे देखकर हैरान थे और उखड़े खंभे के पास खड़े एक मजदूर को लेकर राजा के पास इसकी शिकायत लेकर आए थे।
ख) सेक्रेटरी ने खम्भे क्यों उखड़वाए?
उ. शहर को बचाने के लिए सेक्रेटरी ने खम्भे उखड़वाए।
ग) विशेषज्ञ ने राजा को क्या बताया?
उ. विशेषज्ञ ने राजा को बताया कि मैं भूमि तथा वातावरण की हलचल का विशेष अध्ययन करता हूं। मैंने परीक्षण के द्वारा पता लगाया है कि ज़मीन के नीचे एक भयंकर प्रवाह घूम रहा है। जो आज वह बिजली हमारे शहर के नीचे से निकलेगी। यदि हमारे बिजली के खंभे ज़मीन में गड़े रहते तो वह बिजली खंभों के द्वारा ऊपर आती और उसकी टक्कर अपने पावरहाउस की बिजली से होती जिससे भयंकर विस्फोट होता इस विस्फोट कारण शहर पर हजारों बिजलियां एक साथ गिरती जिसके प्रभाव से एक भी प्राणी नहीं बचता और न ही एक भी इमारतें खड़ी रहती।
घ) लोग वापस क्यों लौट गए?
उ. लोग राजा के पास बिजली के उखड़े खंभे की शिकायत लेकर गए थे। पर उन्हें जब खम्भे के उखड़वाए जाने के पीछे का कारण पता चला तो वे सब उस संकट के बारे सोचकर हैरान थे। और अपनी जान बच जाने की अनुभाव पाकर मुनाफाखोरों को बिल्कुल भूल गए और सभी लोग वापस वहां से लौट गए।
2. किसने कहा?
क) ” उसे उसके ही फंदे से टांगा जाएगा।”
उ. राजा ने कहा।
ख) ” किसके हुक्म से तुम लोगों ने खंभे उखाड़े।”
उ. राजा ने कहा।
ग) ” साहब, पूरे शहर की सुरक्षा का सवाल था।”
उ. सेक्रेटरी ने कहा।
घ) ” ज़मीन के नीचे एक भयंकर प्रवाह घूम रहा है।”
उ. विशेषज्ञ ने कहा।