आप सभी का इस आर्टिकल में स्वागत है आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से सियारामशरण गुप्त द्वारा रचित समय कविता के प्रश्न उत्तर कक्षा 5 (Samay Kavita class 5 question answer) को पढ़ने जा रहे हैं। इस कविता के माध्यम से कवि ने समय के महत्व को बताया है और कहा है कि समय रहते हमें सब कुछ कर लेना चाहिए। एक बार समय बीतने पर पछतावा के अलावा और कुछ नहीं मिला। तो चलिए समय कविता के प्रश्न उत्तर class 5 (samsy Kavita ka questions answer class 5 ) को देखें-
१. संक्षेप में उत्तर दो।
१.१. इस कविता के कवि कौन है?
उत्तर: इस कविता के कवि सियारामशरण गुप्त है।
१.२. कवि ने किसके बिगड़ने की बात कही है?
उत्तर: कवि ने समय के बिगड़ने की बात कही है।
१.३. हमें अपने पर क्या रखना चाहिए?
उत्तर: हमें अपने पर विश्वास रखना चाहिए।
१.४. हमें क्या बनना चाहिए?
उत्तर: हमें वीर बनना चाहिए।
१.५. क्या व्यर्थ चला जा रहा है?
उत्तर: जीवन व्यर्थ चला जा रहा है।
१.६. किसे नष्ट करके हमें दुख मिलेगा?
उत्तर: समय को नष्ट करके हमें दुख मिलेगा।
१.७. हमारे बचपन का समय कैसा होता है?
उत्तर: हमारे बचपन का समय अत्याधिक मूल्यवान होता है।
१.८. हम किस तरह सुख पाएंगे?
उत्तर: हम समय का सही उपयोग (सदुपयोग) कर सुख पाएंगे।
१.९. समय खोकर हमें क्या मिलेगा?
उत्तर: समय खोकर हमें पछ्तावा के साथ ही साथ दुःख और कष्ट मिलेगा।
२. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर अपनी भाषा में लिखो।
२.१. कविता में कवि किसके उपयोगिता की बात कर रहे हैं?
उत्तर: कविता में कवि समय की उपयोगिता की बात कर रहे हैं।
२.२. समय को व्यर्थ क्यों नहीं गंवाना चाहिए?
उत्तर: समय अत्यंत ही मूल्यवान होता है। जो समय एक बार चला जाता है, वह फिर वापस लौट कर नहीं आता है। इसलिए हमें समय को व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए।
२.३. उद्योगी किसे कहेंगे? उद्योगी बनने के लिए तुम क्या करोगे?
उत्तर: जो मनुष्य परिश्रमी होता है। जिसमें आलस नहीं होता, सब काम समय रहते कर लेता है, वैसे व्यक्ति को उद्योगी कहेंगे। उद्योगी बनने के लिए समय का सदुपयोग के साथ परिश्रम करेंगे।
२.४. काम ना करने के बहाने मनुष्य से कौन करवाता है?
उत्तर: काम ना करने के बहाने मनुष्य से आलस करवाता है।
२.५. काम को टालते रहने से क्या होता है?
उत्तर: काम को टालते रहने से समय व्यर्थ चला जाता है एवं काम कभी भी पूरा नहीं हो पाता है।
२.६. मनुष्य समय का सदुपयोग कैसे कर सकता है?
उत्तर: सही समय पर सही काम करके मनुष्य समय का सदुपयोग कर सकता है।
२.७. कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखो।
उत्तर: सियारामशरण गुप्त जी द्वारा लिखित कविता ‘समय’ कविता में समय के महत्व को बताया है। मनुष्य के जीवन में सबसे मूल्यवान वस्तु समय ही है और जब तक मनुष्य के पास समय है तब तक उसका कुछ नहीं बिगाड़ता है। इसलिए यह अत्याधिक आवश्यक है कि मनुष्य जो भी कार्य करें उसमें अपने मन को लगा दे। किसी भी प्रकार का संदेश अपने मन में ना रखें क्योंकि जो समय एक बार चला जाता है, वह फिर वापस लौट कर नहीं आता। कवि के अनुसार व्यक्ति को वीरों की भांति खड़े होकर जग में कुछ नाम कमाना चाहिए। कवि पुनः बताते हैं कि परिश्रमी व्यक्ति को कहीं भी अवसर मिल जाता है तथा समय नष्ट करके कोई भी व्यक्ति सुखी नहीं रह सकता। यह आलस ही है जो मनुष्य से तरह-तरह के बहाने करवाता है, इसलिए मनुष्य को सभी कार्य कल पर ना डाल कर आज ही कर लेना चाहिए। कवि आगे कहते हैं कि विद्यार्थी जीवन सबसे सुंदर समय होता है। यदि इसका सदुपयोग नहीं किया गया तो सदैव पछताना पड़ेगा, इसलिए हमें समय रहते कुछ ऐसा कार्य करना चाहिए जिससे हम भी सुखी हो एवं संसार भी सुखी बने।
३. कविता की निम्न पंक्तियों का भावार्थ लिखो।
३.१. करना है जो काम उसी में चित्त लगा दो।
उत्तर: कवि सियारामशरण गुप्त जी इस पंक्ति के माध्यम से कहते हैं कि हमें जो भी काम करना है उसे पूरी मन से करना होगा।
३.२. देखो जीवन व्यर्थ तुम्हारा चला जा रहा।
उत्तर: कवि सियारामशरण गुप्त जी इस पंक्ति के माध्यम से कहते हैं कि देखो समय के बीत जाने से तुम्हारा जीवन भी व्यर्थ चला जा रहा है।
३.३. आलस ही है करा रहा ये सभी बहाने।
उत्तर:कवि सियारामशरण गुप्त जी इस पंक्ति के माध्यम से कहते हैं कि मनुष्य के अंदर छिपी आलस ही मनुष्य को सभी बहाने कराता है।
३.४. खोकर पीछे इसे, सदा ही पछताओगे।
उत्तर: कवि सियारामशरण गुप्त जी इस पंक्ति के माध्यम से कहते है कि जो मनुष्य समय को व्यर्थ ही बर्बाद करता है उसे बाद में पछतावा ही होगा।
४. श्रुतलेख।
विश्वास, व्यर्थ, भांति, उद्योगी, नष्ट, संसार, क्या।
५. शब्दों की वर्तनी शुद्ध करके लिखो।
उत्तर:
जिवन – जीवन
बीगड़ा – बिगड़ा
चीत – चित्त
सनदेह – संदेह
बडे – बड़े
६. प्रत्येक खंड से शब्दों को लेकर कविता की पंक्ति पूरी करो।
खण्ड – क खण्ड – ख खण्ड – ग
i. अभी समय है कर नहीं सुख टला जा रहा है।
ii. आएगा क्या समय नहीं सुसमय भी बिगड़ा है।
iii. उद्योगी को कहां अभी नहीं कुछ कोई भी पाता।
iv. समय नष्ट समय तो मिल पाता।
उत्तर:
i. अभी समय है अभी नहीं कुछ भी बिगड़ा है।
ii. आएगा क्या समय समय तो चला जा रहा है।
iii. उद्योगी को कहां नहीं सुसमय मिल पता।
iv. समय नष्ट कर नहीं सुख कोई भी पाता।
७. वाक्यों को पढ़ो और काल निर्णय कर उसे पास में लिखो।
७.१. मेरा समय व्यर्थ बीत गया। …. भूतकाल…..
७.२. बहुत अच्छा समय चल रहा है। ….. वर्तमान काल…..
७.३. वार्षिक परीक्षा आने वाली है। ….. भविष्यत काल….
[ काल किसे कहते हैं? या काल करता होता है?
उत्तर: क्रिया के जिस रुप से उसके होने के समय का पता चलता है उसे काल कहते हैं। काल को तीन भागों में बांटा गया है-
१. भूतकाल (जो समय बीत चुका है।)
२. वर्तमान काल (जो समय चल रहा है।)
३. भविष्यत् काल (जो समय आने वाला है।) ]
११. ‘सु’ माने अच्छा तथा ‘कु’ माने बुरा। जैसे – सु + समय = सुसमय एवं कु + पथ = कुपथ। इन दो उपसर्गों ‘सु’ और ‘कु’ को लगाकर चार नए शब्द बनाओ।
११.१. सुविचार
११.२. सुपुत्र
११.३. कुकर्म
११.४. कुसमय
[उपसर्ग किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर: ऐसे शब्द जो किसी शब्द से पहले लगकर उस शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं उसे उपसर्ग कहते हैं।
उदाहरण: उपसर्ग + शब्द = नया शब्द
नि + डर = निडर
भर + पेट = भरपेट
ला + जवाब = लाजवाब]
१२. विपरीतार्थक शब्द लिखो।
सुसमय – कुसमय
विश्वास – अंधविश्वास
आलस – परिश्रमी
सुख – दु:ख
संदेह – विश्वास
बिगड़ा – सुधरा
[ विपरीतार्थक शब्द किसे कहते हैं?
उत्तर: जो शब्द एक दूसरे का उल्टा अर्थ देता है उसे ही विपरीतार्थक शब्द कहते हैं। जैसे: मोटा – पतला, छोटा – बड़ा, भाई- बहन, माता- पिता आदि।]