नन्हा संगीतकार एक मार्मिक कहानी है इसे अपने शब्दों में लिखे॥ Nanha Sangeetkar ek marmik kahani hai ise apne shabdon mein likhe
उत्तरः- नन्हा संगीतकार हमारे पाठ्य पुस्तक साहित्य संचयन के पाठ नन्हा संगीतकार से लिया गया है जिसके रचनाकार हेनरिक सेंकेविच है। लेखक ने बड़े मार्मिक तरीके से एक गरीब बच्चे के सपने को कुचलता दिखाया गया है। कहानी की शुरुआत कहानी के प्रमुख पात्र नन्हा संगीतकार के जन्म से होता है जन्म से ही वह बहुत दुबला पतला कमजोर था। जन्म के कुछ छन बाद ही लोगों को लगा कि यह बच्चा ज्यादा दिन नहीं जियेगा लोगों ने इसके क्रियाक्रम का भी प्रबंध कर दिया था। परन्तु ईश्वर की कृपा से उसे कुछ नहीं हुआ। परन्तु उसने एक गरीब घर में जन्म लिया था। उसके परिवार में सिर्फ उसकी लाचार माँ थी जो अपने बेटे से बेहद प्यार करती थी परन्तु गरीबी के अभाव में उसे भरपेट खिला भी नहीं पाती थी। जारे के दिनों में बच्चे को बड़ा तकलीफ होता था। बच्चा इतना कमजोर था कि इसके पड़ोसी हमेशा यह भविष्यवाणी करते कि यह बच्चा ज्यादा दिन जी नहीं पायेगा और अगर जी भी गया तो अपनी माँ को कभी खुशी नहीं दे पाएगा क्योंकि उसका शरीर कभी भी भारी काम करने लायक नहीं बन पाएगा। इतने मुश्किलों में भी बच्चे को ईश्वर से कोई नाराजगी थी क्योंकि ईश्वर ने उसे एक अनोखी खूबी दी थी उसे संगीत से बहुत ज्यादा प्रेम था वह हर प्रकार के स्वर में डूबकर सुनता था । हर प्रकार की आवाज़ में उसे संगीत सुनाई देता था। उसे संगीत की लत लग गयी थी जिसके कारण कई बार उसे अपने माँ से या जहाँ वह काम करने जाता था उनसे मार खाना पड़ता था तब भी इस लत को छोड़ना उसके बस में न था। वह शराबखाने के दिवार के पीछे बैठकर संगीत सुनता था जब उसके गाँव में शादी-ब्याह का कार्यक्रम चलता तो वह कई दिनों तक खाना पीना छोड़कर संगीत को सुनता रहता था। उसने अपने लिए लकड़ी और घोड़े के पूंछ के बाल से एक सारंगी भी बनाई थी। उसे वायलिन की बड़ी चाह थी वह एक बार अपने जीवन में वायलिन को छूना चाहता था उसे बजाना चाहता था। अमीरी के बच्चे के लिए वायलिन बजाना कोई मामूली सा कार्य होता है परन्तु नन्हा संगीतकार के लिए यह बहुत बड़ी बात है। उसकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी अतः एक वायलिन की ख्वाइश करना उसके लिए पहाड़ तोड़ने जैसा ही बात था। लेकिन एक दिन उसके गाँव के ही बैंगले में उसने एक वायलिन देखा जिसे पाने के लिए वह उस बैंगले में घुस गया घर के नौकरों ने उसे चोर समझ कर बहुत मारा फिर न्यायधीश ने भी उसे कोड़ो से मारने की सजा दी जिसके कारण बच्चे की हालत और ख़राब हो गयी बच्चे को उसकी माँ गोद में लेकर घर गयी उसकी माँ भी बच्चे की यह हालत देख कर बहुत रोई। मृत्यु के कुछ पल पहले जेंको अपनी माँ से कहता है कि माँ क्या “भगवान मुझे स्वर्ग में असली वायलिन देगा।” यह वाक्य से हमें पता चलता है कि बच्चे की एक छोटी सी इच्छा थी उसे किसी प्रकार का धन दौलत नहीं चाहिए था परन्तु इस संसार ने एक छोटी सी एक लाचार माँ से उसके जीने की एक मात्र सहारा छीन लिया जिसे सोचकर पाठको का मान कहीं न कहीं पसीज जाता है अतः हम कह सकते है कि नन्हा संगीतकार के मार्मिक कहानी है जिसमें एक बेवश माँ और एक लाचार बच्चें की कहानी हैं।
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