कैसे लॉकडाउन शिक्षा जगत को प्रभावित कर रहा हैं

कैसे लॉकडाउन शिक्षा जगत को प्रभावित कर रहा हैं

कैसे लॉकडाउन शिक्षा जगत को प्रभावित कर रहा हैं

कैसे लॉकडाउन शिक्षा जगत को प्रभावित कर रहा हैं

देश की उन्नति में शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान रहता है, शिक्षा के बिना कोई देश विकसित नहीं हो सकता
हैं वैसे भी भारत जैसे देश शिक्षा के मामले में अभी विकसित ही हो रहा था
, पर कोरोना जैसे महामारी बीमारी के कारण पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया
जिसके कारण सभी स्कूल कॉलेज को  बंद करना पड़ा।
 हलाकी ऑनलाइन क्लास सभी स्कूलों कॉलेज में
लागू करने की घोषना किया गया  फिर भी इसका ज्यादा
असर दिखाई नहीं रहे है जिसके के कारण भारत में शिक्षा का स्तर नीचे गिरते दिखाई दे
रहा है। हलाकी शिक्षक इसे बचाने की अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहें है और कुछ हद तक
सफल भी हो रहे है। शिक्षा का स्तर नीचे गिरने का निम्नलिखित कारण है –

i) सरकार की ओर से स्कूलों में किसी भी प्रकार की व्यवस्था प्रदान न करना  :-     

सरकार या शिक्षा मंत्री की ओर से हर स्कूलों में ऑनलाइन क्लास की सुविधा प्रदान
करना चाहिए था जो कि अब तक किसी स्कूल में नहीं है। बच्चे न सही सभी शिक्षक स्कूल से
ही ऑनलाइन क्लास ले ऐसा कोई नियम होना चाहिए था जब से लॉकडाउन हुआ है सभी सरकारी कामकाज़
बंद हो गया है जिससे भी स्कूल को भरी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा हैं जो कुछ भी
सुविधा सरकारी स्कूलों में दिया जाता था अब वह पूरी तरह से बंद है।  

ii) अधिकतर शिक्षक को ऑनलाइन क्लास का ज्ञान नहीं :-

ऑनलाइन  क्लास सुनने में जितना अच्छा लगता
हैं उतना ही कठिन हैं ऑनलाइन क्लास लेना स्कूल के कक्षा में खड़ा हो कर पढ़ने से कई  गुणा कठिन हैं जो शिक्षा जगत को भरी पड़ रहा है क्यों
कि हमारे देश में बहुत से ऐसे शिक्षक भी है जो बस सामान्य मोबाइल का ही इस्तेमल करते
है उन्हे इस प्रकार से कभी भी ऑनलाइन शिक्षा का प्रशिक्षण नहीं दिया गया हैं कि  वे इसका सामना कर सके फिर भी शिक्षक अपनी ओर से ऑनलाइन
क्लास लेने की पूरी कोशिश में लगे हैं।   



iii) अधिकतर बच्चों के पास ऑनलाइन क्लास में शामिल होने कि सुविधा नहीं :-

यह भी बहुत बड़ी समस्या है कि हमारे देश  कृषि प्रदान देश है यहाँ अधिकतर कृषि कर अपनी जीविका
चलते हैं और किसी के पास तो ये भी नहीं है वे मजदूरी कर अपने परिवार का देख रेख करते
है यहाँ गरीब बच्चों की  संख्या सबसे ज्यादा
हैं यहाँ जो सरकारी स्कूलों में जो पढ़ते है वे ऐसे ही परिवार के बच्चे होते हैं उनके
पास कहाँ से स्मार्ट फोन या लैपटॉप होंगे वे कैसे लॉकडाउन में क्लास ले पायेंगे। जिस
कारण से शिक्षा का स्तर नीचे गिर रहा है।

iv) माता-पिता का अपने बच्चों पर ध्यान न देना :-

अक्सर यह देखा जा रहा कि अधिकतर अभिभावक अपने बच्चों के प्रति जो ज़िम्मेदारी होनी
चाहिए वे उससे पीछे हट रहे है अब इस लॉकडाउन में प्रत्येक अभिभावक का यह कर्तव्य है
कि वे अपने बच्चों को ऑनलाइन क्लास में शामिल होने में प्रोत्साहित करें कुछ देर उनके
साथ ऑनलाइन क्लास में बैठे देखे कि वे ऑनलाइन के बहाने बैठ कर गेम या और कुछ तो नहीं
कर रहे है क्यों कि ये स्कूल तो नहीं है कि यहाँ शिक्षक बार बार बच्चों को समझते रहें
पूरी ज़िम्मेदारी शिक्षक का ही हो। अक्सर बच्चे ऑनलाइन क्लास न कर मोबाइल में कुछ और
ही करते रहते हैं कभी मूवी देखते है कभी कार्टून तो कभी गेम पर ऑनलाइन क्लास नहीं करते
जिससे भी बच्चे शिक्षा से पीछे हट रहे है।

v) प्राईवेट स्कूलों में सैलरी नहीं दिया जाने से शिक्षक की कमी :-

लॉकडाउन ने कुछ कुछ प्राईवेट स्कूलों को झंझोर कर रख दिया है अभिभावक की मांग और
सैलरी को की कटोती के कारण शिक्षकों की भी कमी नजर में आ रहा जिसके कारण बच्चों को
हर विषय की ज्ञान नहीं दिया जा रहा है गिने चुने विषयों की पढ़ाई केवल स्कूलों में हो
पा रही है जिससे भी शिक्षा का स्तर जगत गिरते हुए नजर आ रहा है।

vi) कुछ कुछ स्कूलों का बंद हो जाना :-

कुछ कुछ ऐसे निजी स्कूल भी है जो लॉकडाउन के कुछ महिना बाद पूरी तरह से बंद कर
दिया गया वजह समय से फी जमा नहीं करना
, अभिभावक का लापरवाह होना, उनकी मांग और  शिक्षक का सैलरी नहीं बनना इन सभी को देख कर स्कूल
को बंद करने में मजबूरन बंद करना पड़ा और वहाँ पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा भी पूरी तरह
से बंद हो गया।

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