अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध (essay on international yoga day in hindi)
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प्रस्तावना
योग का जन्म भारत में हुआ है। ऋग्वेद में इसका उल्लेख हुआ है।योग भारतीय संस्कृति की बड़ी पहचान है। योग शब्द संस्कृत से लिया गया है जिसका अर्थ है ‘जोड़ना या एक जुट होना’।
योग एक शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है जो लोगों को शांति और आत्मविश्वास और ताकत तो देता है साथ ही इंसान को प्रकृति से भी जोड़ता है। योग के पिता के रूप में ‘शिव’ को जाना जाता है।
योग को अंतरराष्ट्रीय योग के रूप में कैसे स्वीकार किया गया
जब श्री नरेंद्र मोदी सितंबर माह के 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में गए थे तब उन्होंने अपने भाषण में योग पर काफी जोर दिया और यह प्रस्ताव रखा की योग हमारे जीवन में बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है इसलिए इसे अंतरराष्ट्रीय का दर्जा देने का प्रस्ताव रखा। इस महासभा में 193 देशों ने भाग लिया था जिसमें से 175 देशों ने नरेंद्र मोदी जी की प्रस्ताव को स्वीकार किया जिनमें अमेरिका, कनाडा और चीन जैसे देश भी शामिल है। इस समय संयुक्त राष्ट्रीय महा सभा के अध्यक्ष Sum kutesa थे ।11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र से प्रस्ताव को मंजूरी मिली। इसके साथ ही हर वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाएं जाने लगा। संयुक्त राष्ट्रीय में 90 दिन के भीतर प्रस्ताव स्वीकार किया गया। यह ऐसा पहली बार हुआ था की इतना कम समय में किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार किया गया हो।
सबसे पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कब मनाई गई
पहली बार 21 जून 2015 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया जिसका थीम था ‘सद्भाव और शांति के लिए योग’। पहले योग दिवस पर भारत ने दो शानदार रिकॉर्ड बनाएं इस दिन नरेंद्र मोदी 35000 से ज्यादा लोगों के साथ दिल्ली के राजपथ पर योग किया।
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इसके बाद 2016 में चंडीगढ़ में अतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया जिसका थीम था – connect the youth
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2017 में लखनऊ में 51000 से भी ज्यादा लोगों ने नरेंद्र मोदी के साथ योग में शामिल हुआ था 2017 का थीम था – yoga for health
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2018 में देहरादून मैं अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया जिसका थीम – yoga for peace था
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2019 में रांची के प्रभात तारा ग्राउंड में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया जिसका थीम था – yoga for climate action
21 जून को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस क्यों मनाते है
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए 21 जून का चयन इसलिए किया गया क्योंकि 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे बड़ा दिन होता है भारतीय मान्यता के मुताबिक इसे ग्रीष्म संक्रांति का दिन माना जाता है आम दिनों के मुताबिक 21 जून को सूर्य की किरणें ज्यादा देर तक धरती पर रहती हैं जिसके कारण दिन बड़ा होता है योग में इस घटना को संक्रमण काल कहते हैं संक्रमण काल में योग करने से शरीर को बहुत फायदा मिलता है।
NCERT के पाठ्यक्रम में योग को कब शामिल किया गया
2015 में NCERT के पाठ्यक्रम में योग को शामिल किया गया साथ ही केंद्रीय विश्व विद्यालय में योग के लिए अलग विभाग बनाने की भी घोषणा की गई। भारत में अंतरराष्ट्रीय योग का उत्सव आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जाता है।
योग से लाभ
- योग से व्यक्ति के मन, शरीर और आध्यात्मिक विकास होता है।
- योग से मानव शरीर में होने वाले दुष्ट प्रभाव से बचाया जा सकता है।
- जो व्यक्ति योग करता है उसका मन सुखमय होता है वह प्रसन्नता में रहता है। वह प्रकृति से जुड़ा हुआ रहता है उसमें किसी भी प्रकार की बीमारी जल्दी से हावी नहीं हो पाता है।
- जिस समाज में योग होगा उसमें किसी भी प्रकार की विद्रोहता, हिंसा, ईर्ष्या, बेईमानी, दुराचार, कदाचार, अपवित्रता असंतोष, विलासिता, आत्मनुक्ता जैसे दुष्ट प्रभाव नहीं होगा।
- जो व्यक्ति निरंतर योग करता है उनमें बीमारी ना के बराबर होती है जिसके कारण जो दवाई में खर्च होने वाली पैसों की बचत होती है।
- योग से ज्ञान इंद्रियों का विकास होता है और योग करने वाले व्यक्तियों की स्मरण शक्ति में भी वृद्धि होता है।
- योग से शरीर तथा मांसपेशियां भी मजबूत होती है जिम करने से अच्छा योग को अच्छा माना गया है योग से आयु में भी वृद्घि होती है।