सुभान खाँ कहानी के प्रश्न उत्तर class 8 ॥ Subhan Khan Question Answer Class 8

सुभान खाँ कहानी के प्रश्न उत्तर class 8 ॥ Subhan Khan Question Answer Class 8 ।।सुभान खाँ कहानी के प्रश्न उत्तर कक्षा 8 

सुभान खाँ कहानी के प्रश्न उत्तर class 8 ॥ Subhan Khan Question Answer Class 8 ।।सुभान खाँ कहानी के प्रश्न उत्तर कक्षा 8 

आप सभी का इस आर्टिकल में स्वागत है आज हम इस आर्टिकल के माध्यम सुभान खाँ कहानी के प्रश्न उत्तर class 8 को पढ़ने जा रहे हैं। जो पश्चिम बंगाल के सरकारी विद्यालय के कक्षा 8 के पाठ्यपुस्तक साहित्य मेला से  पाठ 2 सुभान खाँ से लिया गया है जिसके लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी  है।  तो चलिए सुभान खाँ कहानी के प्रश्न उत्तर class 8 , subhan khan Question Answer Class 8 को देखें-

वस्तुनिष्ठ प्रश्न :

प्रश्न 1. लेखक सुभान दादा से कौन-सी सौगात लाने के लिए कहता है?

(क) बादाम
(ख) खजूर
(ग) छुआरे (✔)
(घ) मटर
उत्तर :
(ग) छुआरे

प्रश्न 2. जियारत का अर्थ है-

(क) यात्रा करना
(ख) भ्रमण करना
(ग) तीर्थ यात्रा करना (✔)
(घ) नौका यात्रा करना
उत्तर :
(ग) तीर्थ यात्रा करना

प्रश्न 3. किस दिन लेखक को बचपन में मुसलमान बच्चों की तरह कूदना पड़ता था।

(क) ईद
(ख) बकरीद
(ग) मुहर्रम(✔)
(घ) शबे-बारात
उत्तर :
(ग) मुहर्रम

प्रश्न 4. सुभान दादा का क्या अरमान था?

(क) वृद्धा आश्रम बनाने का
(ख) बाल सुधार गृह बनवाने का
(ग) अस्पताल बनाने का
(घ) मस्जिद बनाने का (✔)
उत्तर :
(घ) मस्जिद बनाने का।

लघुउत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. सुभान खाँ का घर किसका अखाड़ा था?

उत्तर : सुभान खाँ का घर बच्चों का अखाड़ा था। वहाँ उनके पोते-पोतियाँ और नाती-नातिनें खूब खेलते-कूदते थे। पूरा घर बच्चों की आवाज़ों और हँसी-ठिठोली से भरा रहता था। इसलिए उनका घर बच्चों का अखाड़ा कहलाता था।

प्रश्न 2. मजदूरी करने के विषय में सुभान खाँ की क्या राय थी?

उत्तर : सुभान खाँ का मानना था कि मजदूरी या काम करना बहुत जरूरी है, लेकिन काम करते समय अल्लाह को याद करना भी उतना ही जरूरी है। उनका कहना था कि जब अल्लाह को याद कर लो, तो फिर पूरी मेहनत और ईमानदारी से अपने काम में लग जाना चाहिए।

प्रश्न 3. लेखक के मामा और सुभान दादा किन पर्वों पर एक-दूसरे को नहीं भूलते थे?

उत्तर : लेखक के मामा होली और दिवाली जैसे हिन्दू त्योहारों पर सुभान दादा को याद करते थे, और सुभान दादा ईद और बकरीद जैसे मुस्लिम त्योहारों पर लेखक के मामा को याद करते थे। वे एक-दूसरे को हमेशा त्योहारों पर शुभकामनाएँ देना नहीं भूलते थे।

प्रश्न 4. लेखक के सौगात माँगने पर सुभान दादा ने क्या कहा?

उत्तर : जब लेखक ने सुभान दादा से सौगात (तोहफे) की माँग की, तो दादा ने मुस्कराते हुए कहा कि वहाँ के लोग खजूर और छुआरें लाते हैं। यानी, वही चीज़ें वे भी लाएँगे।

प्रश्न 5. पश्चिम दिशा की तरफ मुँह करके सुभान दादा क्यों नमाज़ पढ़ते थे?

उत्तर : सुभान दादा पश्चिम दिशा की तरफ मुँह करके इसलिए नमाज़ पढ़ते थे क्योंकि उसी दिशा से अल्लाह के रसूल आए थे। उस दिशा में उनका पवित्र तीर्थ स्थान है। इसलिए वे उसी ओर मुँह करके नमाज़ अदा करते थे।

बोधमूलक प्रश्न :

प्रश्न 1. सुभान दादा कर्ज के पैसे से क्यों नहीं जाना चाहते थे?

उत्तर : सुभान दादा का मानना था कि कर्ज के पैसे से तीर्थ करने से पुण्य (सवाब) नहीं मिलता। इसलिए वे उधार लेकर तीर्थ यात्रा पर नहीं जाना चाहते थे।

प्रश्न 2. सुभान दादा का क्या अरमान था, और वह कैसे पूरा हुआ?

उत्तर : सुभान दादा का सपना था कि वे अपनी बस्ती में एक सुंदर मस्जिद बनवाएँ। वे एक साधारण राजमिस्त्री थे, लेकिन उनका इरादा मजबूत था। उनके बेटे अच्छी कमाई करने लगे थे। लेखक के मामा ने मस्जिद के लिए अपने बगीचे से सारी लकड़ी दे दी। दादा ने अपनी पूरी जमा पूंजी मस्जिद में लगा दी और खुद ही नक्शा बनाकर उसकी देखरेख की। आखिरकार उनकी मेहनत और लगन से मस्जिद बनकर तैयार हो गई और उनका सपना पूरा हो गया।

प्रश्न 3. इस पाठ की किन घटनाओं से साम्प्रदायिक एकता का पता चलता है?

उत्तर : इस पाठ में कई ऐसी घटनाएँ हैं जो साम्प्रदायिक एकता यानी हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे को दिखाती हैं। बचपन में लेखक और सुभान दादा के बीच बहुत प्यार था। ईद-बकरीद पर सुभान दादा लेखक को याद करते थे और होली-दीवाली पर लेखक की नानी उन्हें प्यार से पूए, खीर और गोश्त खिलाती थीं। लेखक अबीर लेकर सुभान दादा की दाढ़ी में लगाता था और दादा मक्का से लाकर छुआरे लेखक को बड़े प्यार से देते थे।
जब सुभान दादा मस्जिद बनवा रहे थे, तो लेखक के मामा ने अपने बगीचे से उसकी लकड़ी दी। मस्जिद बन जाने के बाद दादा ने हिन्दू और मुस्लिम दोनों को बुलाया और सभी का आदर-सत्कार किया। इन सभी घटनाओं से साफ़ पता चलता है कि इस पाठ में गहरी साम्प्रदायिक एकता और आपसी प्रेम की भावना है।

प्रश्न 4. सुभान दादा ने हिन्दुओं का सत्कार किस प्रकार किया?

उत्तर : सुभान दादा ने हिन्दुओं का आदरपूर्वक सत्कार किया। उन्होंने एक हिन्दू हलवाई से तरह-तरह की मिठाइयाँ बनवाईं और पान-इलायची का भी अच्छा प्रबंध किया। वे चाहते थे कि मस्जिद के उद्घाटन में आए सभी हिन्दू मेहमानों का पूरा सम्मान और प्रेम से स्वागत हो।

प्रश्न 5. सुभान दादा का चरित्र-चित्रण संक्षेप में कीजिए (छह वाक्यों में)।

उत्तर : सुभान दादा एक मेहनती और ईमानदार राजमिस्त्री थे। वे बहुत ही सरल और सच्चे स्वभाव के इंसान थे। बच्चों से उन्हें बहुत प्यार था और वे सभी से प्रेम से पेश आते थे। वे धार्मिक जरूर थे, लेकिन सभी धर्मों का सम्मान करते थे। हिन्दू-मुसलमान सभी के साथ उनका व्यवहार समान और आदरपूर्ण था। अपनी ईमानदारी के कारण गाँव के लोग उन्हें पंच भी मानते थे।

विचार और कल्पना 

प्रश्न.1. धार्मिक त्योहारों के माध्यम से राष्टीय एकता के उपायों पर एक संक्षिप्त निबंध लिखिए। 

उत्तर: धार्मिक त्योहारों के माध्यम से राष्ट्रीय एकता

भारत विविधताओं का देश है जहाँ अनेक धर्मों के लोग रहते हैं। हर धर्म के अपने त्योहार होते हैं, जैसे – हिन्दुओं के होली, दिवाली, मुसलमानों के ईद, बकरीद, सिखों के बैसाखी और ईसाइयों के क्रिसमस। इन त्योहारों को मिल-जुलकर मनाने से लोगों के बीच प्रेम, भाईचारा और एकता की भावना बढ़ती है।

जब हम एक-दूसरे के पर्व में शामिल होते हैं, तो हमारे दिलों में आपसी समझ और सम्मान पैदा होता है। त्योहारों पर मिठाइयाँ बाँटना, एक-दूसरे को बधाइयाँ देना और साथ मिलकर खुशियाँ मनाना – ये सब हमारे बीच सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करते हैं।

धार्मिक त्योहार हमें सिखाते हैं कि धर्म भले ही अलग हो, लेकिन मानवता सबसे ऊपर है। अगर हम हर धर्म का सम्मान करें और सभी त्योहारों में हिस्सा लें, तो देश में राष्ट्रीय एकता और शांति को बनाए रखना आसान होगा।

निष्कर्षतः, धार्मिक त्योहार न सिर्फ खुशी का कारण बनते हैं, बल्कि वे राष्ट्रीय एकता के मजबूत स्तंभ भी होते हैं। हमें इन त्योहारों को मिल-जुलकर मनाना चाहिए ताकि हमारा देश एकता में अनेकता का सुंदर उदाहरण बना रहे।

भाषा बोध :

1. निम्नलिखित शब्दों का संधि-विच्छेद कर संधि का नाम लिखिए :
क्रमशब्दसंधि-विच्छेदसंधि का नाम
1.संसारसम् + सारव्यंजन संधि
2.पवित्रपवि + इत्रस्वर संधि
3.शिष्टाचारशिष्ट + आचारस्वर संधि
4.आनंदातिरेकआनंद + अतिरेकस्वर संधि
5.सज्जनतासत् + जनताव्यंजन संधि
6.सत्कारसत् + कारव्यंजन संधि
7.उद्घाटनउत् + घाटनव्यंजन संधि

 

2. निम्नलिखित सामासिक पदों का समास-विग्रह कर समास का नाम लिखिए-
क्रमसामासिक पदसमास-विग्रहसमास का नाम
1.दाढ़ी-मूँछदाढ़ी और मूँछद्वन्द्व समास
2.पूरब-पश्चिमपूरब और पश्चिमद्वन्द्व समास
3.भाव-विभारभाव में विभार (या विभार से युक्त)तत्पुरुष समास
4.बड़ी-बड़ीजो बड़ी हैं वे – बड़ी-बड़ीद्विगु समास
5.रस-भरीरस से भरीतत्पुरुष समास
6.लाल-छड़ियाँलाल हैं जो छड़ियाँकर्मधारय समास

 

3. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लीखिए –
क्रमशब्दपर्यायवाची शब्द
1.अरमानइच्छा, कामना, चाह
2.मुल्कराष्ट्र, जनपद, राज्य
3.नूररोशनी, प्रकाश, उजाला
4.तकदीरभाग्य, नसीब, किस्मत
5.सौगातभेंट, उपहार, तोहफ़ा
6.पेड़वृक्ष, तरु, विटप
7.बगीचेबाग, उपवन, उद्यान

 

4. निम्नलिखित उर्दू शब्दों के हिन्दी अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
क्रमउर्दू शब्दहिन्दी अर्थवाक्य
1.पैकपरिक्रमामुहर्रम के दिन ताजिए की पैक निकाली जाती है।
2.तसबीहमालाबुज़ुर्ग तसबीह के दानों को फेरते हुए अल्लाह को याद करते हैं।
3.रसूलपैगंबर / ईश्वर का दूतमुसलमान अल्लाह के रसूल का बहुत सम्मान करते हैं।
4.पेशानीललाट / माथाउनकी पेशानी पर सच्चाई और शांति की चमक थी।
5.उम्र-दराजबड़ी उम्र का / वृद्धपंचायत में उम्र-दराज लोगों की सलाह ली जाती थी।
6.नूरानीप्रकाशमान / तेजस्वीदादा के चेहरे पर नूरानी रौशनी झलक रही थी।
7.मुकर्ररनिश्चित / तयगांव में झगड़े सुलझाने के लिए दादा को पंच मुकर्रर किया गया।

 

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