नन्हा संगीतकार के प्रमुख पात्र का चरित्र-चित्रण कीजिए॥ Nanha Sangeetkar ke pramukh patra ka charitra-chitran kijiye

नन्हा संगीतकार के प्रमुख पात्र का चरित्र-चित्रण कीजिए। 

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नन्हा संगीतकार कहानी के नायक जेंको के चारित्रिक विशेषताओ को लिखो

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नन्हा संगीतकार कहानी के प्रमुख पात्र जेन के चरित्र चित्रण कीजिए।

नन्हा संगीतकार के प्रमुख पात्र का चरित्र-चित्रण कीजिए। 
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नन्हा संगीतकार कहानी के नायक जेंको के चारित्रिक विशेषताओ को लिखो
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नन्हा संगीतकार कहानी के प्रमुख पात्र जेन के चरित्र चित्रण कीजिए।

उत्तरः नन्हा संगीतकार कहानी हमारे पाठ्य पुस्तक साहित्य संचयन के पाठ नन्हा संगीतकार से लिया गया है जिसके रचनाकार हेनरिक सेंकेविच है। नन्हा संगीतकार कहानी का प्रमुख पात्र जेन है जिसको लोग नन्हा संगीतकार भी कहकर पुकारते है नन्हा संगीतकार के चरित्र की कई विशेषता है जिसमें से कुछ निम्नलिखित है-

क) कमजोर बालक : नन्हा संगीतकार जन्म से ही दुबला-पतला और बेहद कमजोर बालक था । पड़ोसियों ने जन्म से पहले ही उसकी मृत्यु की घोषणा कर दी थी लेकिन ईश्वर की कृपा से वह जीवित रहा।

ख) लापरवाह बालक: नन्हा संगीतकार एक लापरवाह बालक था वह जंगलों में भेड़ों को चराने जाता परन्तु जंगल में भेड़िये भी रहते हैं उन्ही जंगलों में वह बिना किसी सावधानी के ऐसे ही चला जाता अगर किसी दिन वह भेड़ियों के रास्ते में आ जाता तो शायद उसे अपने हाथों से जान धोने पड़ते। परन्तु वह इतना लापरवाह है कि इन बातों पर ध्यान भी नहीं देता है।

ग) माँ के प्रति प्रेमः नन्हा संगीतकार के जीवन में उसके माँ के अलावा उसका कोई नहीं था वह अपने माँ से बेहद प्रेम करता था। चूकि माँ बहुत गरीब होने के कारण उसे ठीक से दो वक्त का खाना भी नहीं दे पाती थी परन्तु तब भी वह अपनी माँ से किसी भी चीज की शिकायत नहीं करता था बल्कि अपनी माँ की सहायता करने के लिए वह भेड़े चराने और घास चुनने का भी कार्य किया करता था ।

घ) साहसी और हिम्मतवाला: नन्हा संगीतकार एक साहसी बच्चा था पड़ोसियों ने कई बार उसके सामने एक मरने की भविष्यवाणी की थी परन्तु तब भी वह इन बातों पर ध्यान नहीं देता था अगर कोई साधारण सा व्यक्ति होता तो शायद यह कब का अपना हिम्मत हार चूका होता उसके जीने की इच्छा समाप्त हो जाती परन्तु नन्हा संगीतकार एक साहसी और हिम्मतवाला व्यक्ति था उसे इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता और वह एक स्वाभिमानी लड़का भी था तभी तो उसने महज 8 बरस की अवस्था में अपने बल बूते जीना सिख लिया था। वह अपने किसी भी कार्य में दुसरो का सहारा नहीं लेता था।

ङ) बुद्धिमान बच्चा : नन्हा संगीतकार चाहे शरीर से कितना ही दुबला पतला कमजोर क्यों न था परन्तु वह अपने मस्तिष्क का भरपूर प्रयोग करता था उसने अपने लिए लकड़ी और घोरे के बाल से अपने लिए एक सारंगी बनाया था जिससे उसकी बुद्धिमानी का पता चलता है।

च) संगीत प्रेमी जेंको : जेन संगीत से बहुत प्रेम करता था। उसे हर प्रकार की आवाज़ में संगीत सुनाई देता था। संगीत सुनने के लिए कई दिनों तक शादी-ब्याह के मौके पर वह किसी कोने में दुबककर भूखे प्यासे बैठा रहता था।वह भेड़ – बकरियाँ  चराने जाता था या साथियों के साथ जंगल में बेर चुनने, खाली हाथ ही घर लौटता और माँ से तुतलाकर बोलता, ”ओह माँ कैसा खूबसूरत संगीत था। कैसी मधुर तान थी -लाsss लाsss!” ऐसी बातों को सुनकर उसके पड़ोसियों ने उसका नाम ही रख दिया संगीतकार जेंको।

छ) प्रकृति प्रेमी: जेन का जंगल में बसता था। वह सोचता रहता कि वहाँ कितनी मधुर स्वर हैं, जो गूँजते और बजते रहते हैं, पूरा जंगल गाता है, उसकी प्रतिध्वनि से जंगल गूँज उठता है। जब वह अपने साथियों के साथ जंगल में जाता था तो वह उन प्रतिध्वनियों के बारे में बताता, लेकिन उसके संगी-साथी आश्चर्य जताते क्योंकि उन्हें वैसा संगीत का स्वर सुनाई नहीं देता था। जेन का अधिकांश समय जंगल में ही व्यतीत होता था।

ज) बेपरवाह: संगीतकार जेन अपने कार्यों, खान-पान और वेशभूषा के प्रति बेपरवाह था। अतः वह दिनोंदिन कमजोर और दुर्बल होता चला गया। उसकी आँखें हर वक्त चौकन्नी और आंसुओं से भरी रहती। छाती और गाल धँसते जा रहे थे। वह कभी भी आम बच्चों की तरह तंदुरुस्त नहीं हो पाया। फसलों की कटाई के वक्त तो वह लगभग फाँके ही करता था, क्योंकि ऐसे वक्त वह केवल कच्चे शलजम खाकर जीवित रहता था।

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