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adjective in hindi
विशेषण का शाब्दिक अर्थ है ‘विशेषता बताना‘ । विशेषण
एक ऐसा शब्द है जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता
है संज्ञा और सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं।
हिंदी में चार विकारी शब्द
होते हैं-
एक ऐसा शब्द है जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता
है संज्ञा और सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं।
हिंदी में चार विकारी शब्द
होते हैं-
I) संज्ञा
II) सर्वनाम
III) विशेषण
IV) क्रिया
इन चारों विकारी शब्दों की अलग-अलग विशेषता बताई जाती हैं –
१. संज्ञा और सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताने वाले शब्द को
विशेषण कहते हैं।
विशेषण कहते हैं।
२. विशेषण की विशेषता बताने वाले शब्द को प्रविशेषण कहते
हैं।
हैं।
३. क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्द को क्रिया-विशेषण करते
हैं।
हैं।
क्या आपने इसके बारे में पढ़ा: रस और उसके प्रकार
adjective meaning in hindi
विशेषण को अंग्रेजी में ‘adjective’ कहते हैं।
विशेषण की परिभाषा
” जो शब्द संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताता है उसे विशेषण
कहते हैं जैसे:-अच्छा लड़का, बुरा लड़का। इस वाक्य में अच्छा और बुरा शब्द विशेषण है, क्योंकि
इनमें लड़का का विशेषता बताया जा रहा है लड़का शब्द संज्ञा
है।”
कहते हैं जैसे:-अच्छा लड़का, बुरा लड़का। इस वाक्य में अच्छा और बुरा शब्द विशेषण है, क्योंकि
इनमें लड़का का विशेषता बताया जा रहा है लड़का शब्द संज्ञा
है।”
विशेषण के कितने अंग होते है
विशेषण के तीन अंग होते हैं-
१. विशेष्य
२. विशेषक
३. प्रविशेषण
१. विशेष्य:-
जिस शब्द की विशेषता बताई जाए उसे विशेष्य कहते हैं जैसे:- काला कुत्ता,मोटा आदमी।
इन वाक्यों में कुत्ता और आदमी विशेष्य है क्योंकि यहां कुत्ता और आदमी का विशेषता बताया जा रहा है
इसलिए ये दोनों विशेष्य है।
इन वाक्यों में कुत्ता और आदमी विशेष्य है क्योंकि यहां कुत्ता और आदमी का विशेषता बताया जा रहा है
इसलिए ये दोनों विशेष्य है।
२. विशेषक:-
जिस शब्द से संज्ञा
या सर्वनाम की विशेषता बताई जाती हैं उसे विशेषक
कहते हैं यानी विशेषण को ही विशेषक कहा जाता है जैसे लाल गुलाब, नीला आकाश।
या सर्वनाम की विशेषता बताई जाती हैं उसे विशेषक
कहते हैं यानी विशेषण को ही विशेषक कहा जाता है जैसे लाल गुलाब, नीला आकाश।
इन वाक्यों में गुलाब की विशेषता लाल और आकाश की विशेषता नीला है यानी लाल और नीला विशेषक है या कहें विशेषण
है।
है।
३.प्रविशेषण:-
विशेषण की विशेषता
बताने वाले शब्द को प्रविशेषण कहते हैं। कुछ प्रविशेषण शब्द के उदाहरण है – बहुत, अत्यंत, ज्यादा,
अधिक, अत्याधिक इत्यादि। जैसे:- बहुत अच्छा लड़का है। वह बहुत तेज दौड़ता है।
बताने वाले शब्द को प्रविशेषण कहते हैं। कुछ प्रविशेषण शब्द के उदाहरण है – बहुत, अत्यंत, ज्यादा,
अधिक, अत्याधिक इत्यादि। जैसे:- बहुत अच्छा लड़का है। वह बहुत तेज दौड़ता है।
इन दोनों वाक्यों में बहुत शब्द प्रविशेषण है क्योंकि यहां विशेषण की विशेषता अच्छा और तेज की
विशेषता को बताया जा रहा है इसलिए ‘बहुत‘ प्रविशेषण है।
विशेषता को बताया जा रहा है इसलिए ‘बहुत‘ प्रविशेषण है।
एक और उदाहरण देखें-
अत्याधिक सुंदर बालक।
अत्याधिक – प्रविशेषण
सुंदर – विशेषक या विशेषण
बालक – विशेष्य
“क्रिया विशेषणों की विशेषता बताने वाले शब्द को भी प्रविशेषण कहते हैं जैसे- गरिमा बहुत धीरे-धीरे चलती हैं।”
क्या आप जानते हैं: समास और उसके भेद
उद्देश्य विशेषण और विधेय विशेषण किसे कहते हैं उदाहरण
सहित समझाएं –
विशेष्य के पूर्व या पहले आने वाले विशेषण को उद्देश्य (विशेष्य) विशेषण कहते हैं जबकि बाद वाले विशेषण विधेय विशेषण होते हैं जैसे:-
१.चतुर बालक अपना कार्य करते हैं। (उद्देश्य विशेषण)
इस वाक्य में ‘बालक‘ विशेष्य है और ‘चतुर‘ विशेषण है जिसमें विशेष्य के पूर्व या पहले विशेषण आया है इसलिए इस
वाक्य में उदेश्य विशेषण है।
वाक्य में उदेश्य विशेषण है।
२.बालक चतुर है। (विधेय विशेषण)
इस वाक्य में ‘बालक‘ विशेष्य है और ‘चतुर‘ विशेषण है जो विशेष्य के बाद आया है इसलिए इस वाक्य में विधेय विशेषण है।
विशेषण के प्रकार /भेद /भाग
विशेषण को मुख्य रूप से चार भागों में बांटा गया है
१.गुणवाचक विशेषण
२.संख्यावाचक विशेषण
i. निश्चित संख्यावाचक विशेषण
ii. अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
३.सार्वनामिक विशेषण/सांकेतिक विशेषण
i. मौलिक सार्वनामिक विशेषण
ii. यौगिक सार्वनामिक विशेषण
४.परिमाणवाचक विशेषण
i. निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
ii. अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
१.गुणवाचक विशेषण :-
जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा और सर्वनाम शब्दों के गुण, दोष, रंग, रूप,
आकार, संबंध, स्थान
आदि का पता चलता है उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं इस विशेषण में संज्ञा या सर्वनाम
के गुण को संकेत करता है लेकिन गुण का अर्थ यह नहीं है कि यहां केवल संज्ञा या
सर्वनाम के अच्छे गुणों को ही इंगित करता हो बल्कि उसके बुरे गुणों को भी बताता है
गुणवाचक विशेषण संज्ञा के अंतर्गत काल, आकार, रंग, गंध, स्वाद,
रूप, दशा आदि का वर्णन कर देते हैं
विशेषण में गुणवाचक विशेषण की संख्या सबसे ज्यादा है इनके कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं –
आकार, संबंध, स्थान
आदि का पता चलता है उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं इस विशेषण में संज्ञा या सर्वनाम
के गुण को संकेत करता है लेकिन गुण का अर्थ यह नहीं है कि यहां केवल संज्ञा या
सर्वनाम के अच्छे गुणों को ही इंगित करता हो बल्कि उसके बुरे गुणों को भी बताता है
गुणवाचक विशेषण संज्ञा के अंतर्गत काल, आकार, रंग, गंध, स्वाद,
रूप, दशा आदि का वर्णन कर देते हैं
विशेषण में गुणवाचक विशेषण की संख्या सबसे ज्यादा है इनके कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं –
काल :
|
पुराना, ताजा, भूत,
वर्तमान, भविष्य, प्राचीन, अगला, मौसमी, आगामी आदि। |
स्थान :
|
उजाड़, भीतरी, बाहरी,
ऊपरी, दायाँ, बायाँ, स्थानीय, क्षेत्रीय आदि। |
आकार:
|
बोल गोल चौकोर पीला सुंदर नुकीला लंबा चौड़ा सीधा आदि।
|
रंग :
|
नारंगी, हरा , सफेद, काला, चमकीला, धुंधला, फीका इत्यादि।
|
दशा :
|
पतला, मोटा, भारी,
हल्का, गीला, सूखा, गरीब, पालतू, रोगी । |
गुण :
|
उचित, अनुचित, सच्चा, झूठा, दानी, न्याय, दुष्ट, शांत ।
|
विशेष :
|
गुणवाचक
विशेषण में किसी भी गुण के पीछे ‘सा‘ जोड़कर उसके गुणों को कम भी किया जाता है जैसे बड़ा सा, ऊंची सी, पीला सा आदि। |
visheshan in hindi examples
गुणवाचक विशेषण के कुछ उदाहरण
|
१.कमजोर मजदूर गिर गया।
२.हमने पंजाबी गीत गाए।
३.बासी खाना मत खाओ।
कमजोर, पंजाबी और बासी शब्द
संज्ञा शब्दों मजदूर, गीत और खाना के गुण आदि को बता रहा
है ये गुणवाचक विशेषण है।
संज्ञा शब्दों मजदूर, गीत और खाना के गुण आदि को बता रहा
है ये गुणवाचक विशेषण है।
२.संख्यावाचक विशेषण:-
जिन विशेषण
शब्दों से संज्ञा और सर्वनाम शब्दों की संख्या की विशेषता का पता चलता है उसे संख्यावाचक
विशेषण कहते हैं। संख्यावाचक विशेषण में संख्या का पता चलता है इसे हम गिन सकते
हैं । परंतु इससे नाप-तौल नहीं सकते। संख्यावाचक विशेषण के अंतर्गत आने वाले कुछ
शब्दों के उदाहरण है- एक, दो, पहला, तीसरा,
तिगुना, चौगुना, दोनों, तीनों, प्रत्येक,
हरएक, कुछ, कई,
सैकड़ों, लाखों इत्यादि।
शब्दों से संज्ञा और सर्वनाम शब्दों की संख्या की विशेषता का पता चलता है उसे संख्यावाचक
विशेषण कहते हैं। संख्यावाचक विशेषण में संख्या का पता चलता है इसे हम गिन सकते
हैं । परंतु इससे नाप-तौल नहीं सकते। संख्यावाचक विशेषण के अंतर्गत आने वाले कुछ
शब्दों के उदाहरण है- एक, दो, पहला, तीसरा,
तिगुना, चौगुना, दोनों, तीनों, प्रत्येक,
हरएक, कुछ, कई,
सैकड़ों, लाखों इत्यादि।
संख्यावाचक विशेषण के कुछ उदाहरण-
१. इस बाजार में दस दुकानें हैं।
२. कई पक्षी उधर उड़ गए।
३. बाढ़ में सैंकड़ों लोग मर गए।
इन वाक्यों में आए रंगीन शब्द विशेषण है संख्यावाचक विशेषण है जहां संख्या को दर्शाया गया है। कई पक्षी में हम पक्षी को गिन सकते
हैं, उसी प्रकार सैंकड़ों
लोग में लोगों को गिना जा सकता हैं।
हैं, उसी प्रकार सैंकड़ों
लोग में लोगों को गिना जा सकता हैं।
संख्यावाचक विशेषण के दो भेद या प्रकार होते हैं-
i.
निश्चित संख्यावाचक विशेषण
निश्चित संख्यावाचक विशेषण
ii.
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
i. निश्चित
संख्यावाचक विशेषण:-
संख्यावाचक विशेषण:-
संज्ञा और सर्वनाम शब्दों की निश्चित
संख्या बताने वाले विशेषण शब्दों को निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं ।उदाहरण
संख्या बताने वाले विशेषण शब्दों को निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं ।उदाहरण
१. पांचवा मकान मौसी का है।
२. गांव में चार हाथी घुस आए।
३. दोनों भाई आएंगे।
इन वाक्य में आए रंगीन
शब्द निश्चित संख्या का बोध करा रहा है इसलिए ये निश्चित संख्यावाचक विशेषण है।
शब्द निश्चित संख्या का बोध करा रहा है इसलिए ये निश्चित संख्यावाचक विशेषण है।
ii. अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण:-
संज्ञा और सर्वनाम शब्दों की निश्चित संख्या ना बताने वाले विशेषण
शब्दों को अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं इस प्रकार के विशेषण में संख्या का
पता नहीं चलता है । उसके लिए कुछ विशेष शब्दों का प्रयोग किया जाता है जैसे:- कुछ,और, बहुत, हरएक,
प्रत्येक, कई इत्यादि।
शब्दों को अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं इस प्रकार के विशेषण में संख्या का
पता नहीं चलता है । उसके लिए कुछ विशेष शब्दों का प्रयोग किया जाता है जैसे:- कुछ,और, बहुत, हरएक,
प्रत्येक, कई इत्यादि।
उदाहरण
१.वहां बहुत आदमी हैं।
२. कुछ बच्चे खेल रहे हैं ।
३. प्रत्येक व्यक्ति के पास एक पेन है।
यहां बच्चों,आदमी
और व्यक्ति की संख्या का पता नहीं चल रहा है। जहां बहुत, कुछ और प्रत्येक शब्द का प्रयोग किया गया है ये अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण है।
और व्यक्ति की संख्या का पता नहीं चल रहा है। जहां बहुत, कुछ और प्रत्येक शब्द का प्रयोग किया गया है ये अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण है।
३.सार्वनामिक विशेषण/सांकेतिक विशेषण:-
जिस विशेषण में पुरुषवाचक और नीच वाचक
सर्वनाम के शब्द (मैं, वह, तू) के अलावा अन्य सर्वनाम जैसे यह, कोई, मेरा,
तुम्हारी, उसकी जैसे शब्द किसी संज्ञा के पहले आते हैं तब वह सार्वनामिक विशेषण कहलाते
हैं या ऐसे सर्वनाम शब्द जो संज्ञा शब्दों की विशेषता बताते हो उसे सार्वनामिक
विशेषण कहते हैं जैसे –
सर्वनाम के शब्द (मैं, वह, तू) के अलावा अन्य सर्वनाम जैसे यह, कोई, मेरा,
तुम्हारी, उसकी जैसे शब्द किसी संज्ञा के पहले आते हैं तब वह सार्वनामिक विशेषण कहलाते
हैं या ऐसे सर्वनाम शब्द जो संज्ञा शब्दों की विशेषता बताते हो उसे सार्वनामिक
विशेषण कहते हैं जैसे –
१. यह पेन है।
२. तुम्हारी पड़ोसन
डॉक्टर है।
डॉक्टर है।
इन वाक्य मैं आए रंगीन सब शब्द सर्वनामिक विशेषण है जहां संज्ञा के पहले सर्वनाम शब्द का
प्रयोग किया गयाा है।
प्रयोग किया गयाा है।
इस विशेषण को सांकेतिक विशेषण भी कहा जाता है क्योंकि यहां जिस संज्ञा की बात कहीं होती है उसी
संज्ञा को सांकेतिक रूप से सर्वनाम शब्द का प्रयोग
करके बताया जाता है जिसका अर्थ उसी वस्तु पर ही होता है जिस वस्तु या संज्ञा के
बारे कहा गया हो उदाहरण स्वरूप इन वाक्यों को देखें –
संज्ञा को सांकेतिक रूप से सर्वनाम शब्द का प्रयोग
करके बताया जाता है जिसका अर्थ उसी वस्तु पर ही होता है जिस वस्तु या संज्ञा के
बारे कहा गया हो उदाहरण स्वरूप इन वाक्यों को देखें –
१. मेरा घर गंगा किनारे है।
२. वह छाता खरीदेंगे।
इन वाक्यों में घर और छाता संज्ञा
शब्द है जिसे संकेत के रूप में मेरा और वह सर्वनाम
शब्द का प्रयोग करके दिखाया गया है यानी मेरा और वह घर और छाता के लिए ही प्रयोग
किया गया है।
शब्द है जिसे संकेत के रूप में मेरा और वह सर्वनाम
शब्द का प्रयोग करके दिखाया गया है यानी मेरा और वह घर और छाता के लिए ही प्रयोग
किया गया है।
visheshan in hindi examples
उत्पत्ति के अनुसार सार्वनामिक विशेषण को दो भागों में बांटा गया है।
i. मौलिक सार्वनामिक
विशेषण:-
जो
सर्वनाम बिना किसी परिवर्तन के संज्ञा के पहले प्रयोग में आता है उसे मौलिक
सार्वनामिक विशेषण कहते हैं जैसे
सर्वनाम बिना किसी परिवर्तन के संज्ञा के पहले प्रयोग में आता है उसे मौलिक
सार्वनामिक विशेषण कहते हैं जैसे
१. यह फल।
२. कोई
बालक?
बालक?
३. वह आम है।
इन वाक्यों में यह, कोई, वह शब्द सर्वनाम है जो बिना किसी परिवर्तन के या बदलाव के संज्ञा शब्द फल, बालक, आम के पहले आया है इसलिए यहां मौलिक सार्वनामिक विशेषण है।
ii. यौगिक सार्वनामिक विशेषण:-
इस प्रकार के विशेषण में प्रयोग किए जाने वाले सर्वनाम के साथ प्रत्यय
लगाकर या जोड़कर संज्ञा के पहले सर्वनाम लगता है वहां यौगिक सार्वनामिक विशेषण
होता है यौगिक का अर्थ दो शब्दों का मेल होता है जहां सर्वनाम शब्द और प्रत्यय शब्द जोड़कर एक नया सर्वनाम शब्द
बनाया जाता है जैसे इस (सर्वनाम) + सा (प्रत्यय)
= ऐसा, कौन + सा =
कैसा।
लगाकर या जोड़कर संज्ञा के पहले सर्वनाम लगता है वहां यौगिक सार्वनामिक विशेषण
होता है यौगिक का अर्थ दो शब्दों का मेल होता है जहां सर्वनाम शब्द और प्रत्यय शब्द जोड़कर एक नया सर्वनाम शब्द
बनाया जाता है जैसे इस (सर्वनाम) + सा (प्रत्यय)
= ऐसा, कौन + सा =
कैसा।
१. ऐसा आदमी।
२. कैसा घर है।
इन वाक्यों में संख्या संज्ञा आदमी और घर के आगे यौगिक सार्वनामिक
विशेषण
शब्द लगा है।
विशेषण
शब्द लगा है।
४.परिमाणवाचक विशेषण :-
परिमाण का अर्थ होता है ‘मात्रा‘।जिस शब्द या जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा और सर्वनाम के मात्रा का पता
चलता है वहां परिमाणवाचक विशेषण होता है। अक्सर छात्र-छात्राएं परिमाण और परिणाम
शब्दों में अंतर ही नहीं कर पाते हैं और परिमाणवाचक विशेषण के स्थान पर परिणामवाचक
विशेषण लिख देते हैं जो गलत है। परिणाम का अर्थ होता है प्रभाव या फल किसी वस्तु
का प्रभाव या फल । पर विशेषण में परिमाण की बात कही गई है जिसका अर्थ होता है
मात्रा या नाप तौल वाली वस्तु जैसे उदाहरण के रूप में देखें –
चलता है वहां परिमाणवाचक विशेषण होता है। अक्सर छात्र-छात्राएं परिमाण और परिणाम
शब्दों में अंतर ही नहीं कर पाते हैं और परिमाणवाचक विशेषण के स्थान पर परिणामवाचक
विशेषण लिख देते हैं जो गलत है। परिणाम का अर्थ होता है प्रभाव या फल किसी वस्तु
का प्रभाव या फल । पर विशेषण में परिमाण की बात कही गई है जिसका अर्थ होता है
मात्रा या नाप तौल वाली वस्तु जैसे उदाहरण के रूप में देखें –
१.नवीन दस किलो आटा लाया।
२.निशा एक मीटर कपड़ा लाई।
इन वाक्यों में रंगीन शब्द परिमाणवाचक विशेषण है इसमें आटा और कपड़ा की ‘मात्रा‘ बताई गई है जो किलो और मीटर में
है आटा की मात्रा दस किलो और कपड़ा की मात्रा एक
मीटर है।
है आटा की मात्रा दस किलो और कपड़ा की मात्रा एक
मीटर है।
कभी-कभी ऐसा वाक्य दिखाई देता है जिसमें हमें या पता
लगाने में परेशानी होती है कि यह संख्यावाचक विशेषण है या परिमाणवाचक विशेषण है यह
बात हमेशा याद रखे है कि संख्यावाचक विशेषण में वस्तुओं को गिन सकते है और
परिमाणवाचक विशेषण में
नहीं गिनते है बल्कि उसे नाप-तौल कर
देखते है जैसे इन वाक्यों को देखें-
लगाने में परेशानी होती है कि यह संख्यावाचक विशेषण है या परिमाणवाचक विशेषण है यह
बात हमेशा याद रखे है कि संख्यावाचक विशेषण में वस्तुओं को गिन सकते है और
परिमाणवाचक विशेषण में
नहीं गिनते है बल्कि उसे नाप-तौल कर
देखते है जैसे इन वाक्यों को देखें-
१. बहुत से आदमी हैं।
२. बहुत दूध है।
पहला वाक्य में संख्यावाचक विशेषण है क्योंकि आदमी को
गिना जा सकता है और दूसरे वाक्य में परिमाणवाचक विशेषण है क्योंकि इससे नाप-तौल कर
दिया जा सकता है। इसी प्रकार कुछ शब्द देख देखते हैं जो संख्यावाचक विशेषण और
परिमाणवाचक विशेषण दोनों में ही देखने को मिलते हैं-कुछ या थोड़ा, सब, और, बहुत,
पूरा,कम इत्यादि।
गिना जा सकता है और दूसरे वाक्य में परिमाणवाचक विशेषण है क्योंकि इससे नाप-तौल कर
दिया जा सकता है। इसी प्रकार कुछ शब्द देख देखते हैं जो संख्यावाचक विशेषण और
परिमाणवाचक विशेषण दोनों में ही देखने को मिलते हैं-कुछ या थोड़ा, सब, और, बहुत,
पूरा,कम इत्यादि।
परिमाणवाचक विशेषण दो भागों में बांटा गया है-
i. निश्चित परिमाणवाचक विशेषण:- संज्ञा और सर्वनाम शब्दों की परिमाण की विशेषता का निश्चित पता बताने
वाले शब्दों को निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं उदाहरण के रूप में देखें
१. रमेश तीन
लीटर दूध लेने गया।
लीटर दूध लेने गया।
२. रवि दस किलो चावल ले आया।
इन वाक्यों में आए रंगीन शब्द निश्चित परिमाण को दर्शा रहा है जिसके कारण इन वाक्यों में निश्चित परिणामवाचक विशेषण है।
ii.
अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण:- जिन परिमाणवाचक विशेषणों से नापतौल का निश्चित पता नहीं चलता है वहां
अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण होता है जैसे-
अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण:- जिन परिमाणवाचक विशेषणों से नापतौल का निश्चित पता नहीं चलता है वहां
अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण होता है जैसे-
१. चाय में कम चीनी डालो।
२. कुछ दूर मेरे साथ चलो।
इन वाक्यों में आए रंगीन शब्द अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण है जो अनिश्चित मात्रा को दर्शा रहा है।
तुलनात्मक विशेषण किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखें।
दो या दो से अधिक वस्तुओं या भावों के गुण, मान आदि के परस्पर मिलान का विशेषण तुलनात्मक
विशेषण कहलाता है हिंदी व्याकरण में इस विषय पर बहुत
कम विचार हुआ है क्योंकि हिंदी में विशेषणों की तुलना अंग्रेजी के जैसा क्रम के
अनुसार नहीं होता है अंग्रेजी व्याकरण में डिग्री(Degree) के विचार से तुलना की तीन अवस्थाएं या दशा है positive
comparative superlative.
विशेषण कहलाता है हिंदी व्याकरण में इस विषय पर बहुत
कम विचार हुआ है क्योंकि हिंदी में विशेषणों की तुलना अंग्रेजी के जैसा क्रम के
अनुसार नहीं होता है अंग्रेजी व्याकरण में डिग्री(Degree) के विचार से तुलना की तीन अवस्थाएं या दशा है positive
comparative superlative.
इनके शब्द रूप इस प्रकार हैं-
Positive
|
comparative
|
superlative
|
Good
|
Better
|
Best
|
Bad
|
Worse
|
Worst
|
इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि अंग्रेजी में विशेषणों की
तुलना करते समय शब्दों के रूप बदल जाते हैं परंतु हिंदी में परिवर्तन करते समय
विशेषणों के रूप नहीं बदलते हैं। उनमें परिवर्तन नहीं होता। कुछ उदाहरण-
तुलना करते समय शब्दों के रूप बदल जाते हैं परंतु हिंदी में परिवर्तन करते समय
विशेषणों के रूप नहीं बदलते हैं। उनमें परिवर्तन नहीं होता। कुछ उदाहरण-
१.श्याम मोहन से अधिक ईमानदार हैं ।
२.राहुल मिश्रा अपने वर्ग का सबसे तेज छात्र हैं।
इन वाक्यों में ईमानदार तथा तेज विशेषण
है दो व्यक्तियों की तुलना में इन शब्दों के रूप नहीं बदले। हिंदी में से, अपेक्षा, सामने,
सबमें, और सबसे लगाकर विशेषणों की तुलना की
जाती है कुछ उदाहरण-
है दो व्यक्तियों की तुलना में इन शब्दों के रूप नहीं बदले। हिंदी में से, अपेक्षा, सामने,
सबमें, और सबसे लगाकर विशेषणों की तुलना की
जाती है कुछ उदाहरण-
१. वह राम की तुलना में सबसे अच्छा है।
२. सुशील की अपेक्षा गणेश अधिक शिष्ट है।
३. यह सबसे अच्छी पुस्तक है।
सर्वनाम
|
विशेषण
|
तुम
|
तुम्हारा, तुमसा
|
हम
|
हमसा, हमारा
|
मैं
|
मुझसे
|
कौन
|
कैसा
|
आप
|
आपसा
|
यह
|
ऐसा
|
क्रिया शब्दों से विशेषण ओं की रचना
क्रिया
|
विशेषण
|
तैरना
|
तैराक
|
भूलना
|
भुलक्कड़
|
चलना
|
चालू
|
लड़ना
|
लड़ाकू
|
पढ़ना
|
पढ़ाकू
|
खेलना
|
खिलाड़ी
|
अव्यय शब्द से विशेषणों की रचना
क्रिया
|
विशेषण
|
पीछे
|
पिछली
|
आगे
|
अगला
|
नीचे
|
निचला
|
बाहर
|
बहरी
|
ऊपर
|
ऊपरी
|
सर्वनाम और सर्वनामिक विशेषण में क्या अंतर है?
संज्ञा के बदले प्रयुक्त होने वाला शब्द सर्वनाम कहलाता
है जबकि यही सर्वनाम किसी संज्ञा के साथ विशेषण रूप में प्रयुक्त होता है तो वह
सर्वनामिक विशेषण कहलाता है जैसे:- वह खेल रहा है में वह सर्वनाम है ।
है जबकि यही सर्वनाम किसी संज्ञा के साथ विशेषण रूप में प्रयुक्त होता है तो वह
सर्वनामिक विशेषण कहलाता है जैसे:- वह खेल रहा है में वह सर्वनाम है ।
वह किताब राम की है में वह किताब का विशेषण है।
नामिक विशेषण किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखें।
कभी-कभी संज्ञा शब्द विशेषण की भांति प्रयुक्त होते हैं
विशेषण की भांति प्रयुक्त होने पर संज्ञा शब्द नामिक विशेषण कहलाते हैं जैसे:-
विशेषण की भांति प्रयुक्त होने पर संज्ञा शब्द नामिक विशेषण कहलाते हैं जैसे:-
शिशु अवस्था, गंगा नदी, रामपुर गांव, पटना शहर, पुलिस चौकी, हिमालय पहाड़, किसान भाई, भारत सरकार, इत्यादि ।
विशेषणों
का संज्ञा की भांति प्रयोग कैसे होता है
कुछ विशेषण है संज्ञा की भांति प्रयुक्त होते हैं संज्ञा
की भांति प्रयुक्त होने पर विशेषण बहुवचन का रूप लेते हैं जैसे
की भांति प्रयुक्त होने पर विशेषण बहुवचन का रूप लेते हैं जैसे
गरीब भी जीना चाहते हैं।
हमारे वीरों ने शौर्य का प्रदर्शन किया।
बड़ों का कहना मानो।
युद्ध कभी कायरों से नहीं लड़ा जाता।
हमारे देश में बुद्धिमानों की कमी नहीं है।
सदा अच्छों की संगति में रहना चाहिए।
visheshan in hindi examples
क्या आपने इन्हें पढ़ चुके हैं-