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कक्षा कक्ष प्रबंधन कौशल (Classroom management skills)
कक्षा प्रबंधन कौशल (Classroom management skills) एक ऐसी शिक्षण तकनीक
है जो अध्ययन को कक्षा में अपने गतिविधियों को नियंत्रण मेन रखकर प्रभावपूर्ण कक्षा
प्रबंध में सहायता करें और शिक्षण उद्देश्यों को प्राप्त करने में आवश्यकता अनुसार अनुशासनात्मक
ढंग से कार्य करने में सफलता प्राप्त कराएं।
कक्षा कक्ष प्रबंधन(Classroom management) कौशल शिक्षक के ऐसे व्यवहार हैं जिनके द्वारा शिक्षक प्रभावशाली
शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के लिए उचित कक्षा वातावरण उत्पन्न करने तथा छात्रों के व्यवहारों
को नियंत्रित करता हुआ उनका ध्यान विषय वस्तु की ओर नियंत्रित करता हुआ उनका धायन विषय
की ओर आकर्षित करता है तथा कक्षा के अंत तक उसे बनाएँ रखता है एक अच्छे अध्यापक की कक्षा प्रबंध कौशल में दक्षता प्राप्त
करना अति आवश्यक होता है।
कक्षा कक्ष प्रबंधन का अर्थ (meaning of classroom management):
कक्षा कक्ष प्रबंधन को अंग्रेजी में classroom management कहां जाता है जो हिंदी का ही अंग्रेजी रूपांतरण है। कक्षा कक्ष प्रबंधन दो शब्दों से मिलकर बना है:-
१. कक्षा कक्ष (classroom)
२. प्रबंधन (management)
एक कक्षा में शिक्षण के लिए या शैक्षिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध होना तथा कक्षा(class) को सुचारू रूप से चलाना ही कक्षा कक्ष प्रबंधन (classroom management) है
कक्षा कक्ष प्रबंधन की परिभाषा(classroom management definition)
कक्षा कक्ष प्रबंधन (Classroom Management) शिक्षण प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण अंग है, जिससे कक्षा में अनुशासन, सकारात्मक वातावरण और शिक्षण की प्रभावशीलता सुनिश्चित की जाती है। विभिन्न विद्वानों ने कक्षा कक्ष प्रबंधन की परिभाषा अलग-अलग प्रकार से दी है, जिनमें से कुछ प्रमुख परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं:
डब्ल्यू. एच. ग्लासर (W. H. Glasser) –
“कक्षा कक्ष प्रबंधन का मुख्य उद्देश्य कक्षा में ऐसा वातावरण तैयार करना है, जिससे छात्र आत्म-अनुशासन सीखें, शिक्षण में रुचि लें और उनके सीखने की प्रक्रिया प्रभावी हो।”
जैकब कूनिन (Jacob Kounin) –
“कक्षा कक्ष प्रबंधन शिक्षक की वह कला है, जिससे वह छात्रों के व्यवहार को सही दिशा में नियंत्रित कर उन्हें शिक्षण गतिविधियों में संलग्न करता है।”
एफ. एम. जोन्स (F. M. Jones) –
“कक्षा कक्ष प्रबंधन केवल अनुशासन बनाए रखने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक सुव्यवस्थित शिक्षण प्रणाली है, जो छात्रों की सहभागिता को बढ़ाती है और सीखने को प्रभावी बनाती है।”
गुड और ब्रोफी (Good & Brophy) –
“कक्षा कक्ष प्रबंधन वह प्रक्रिया है, जिसमें शिक्षक छात्रों के व्यवहार को नियंत्रित कर, उनके सीखने के अवसरों को अधिकतम करता है।”
रिचर्ड ड्यूक (Richard Duke) –
“एक सफल कक्षा प्रबंधन वह होता है, जिसमें शिक्षक न केवल अनुशासन बनाए रखता है, बल्कि छात्रों के साथ एक सकारात्मक संबंध स्थापित करता है और शिक्षण प्रक्रिया को प्रभावी बनाता है।”
प्रोफेसर एस.के. दुबे के अनुसार: कक्षा कक्ष से अभिप्राय भौतिक तथा मानवीय संसाधनों के मनोवैज्ञानिक प्रबंधन से है जो शिक्षण अधिगम को प्रभावी व दक्षतापूर्ण बनाते हैं।
कक्षा कक्ष प्रबंधन कौशल के घटक (kaksha kaksh prabandhan koushal ke
ghatak in hindi)
कक्षा कक्ष प्रबंधन कौशल के घटक निम्नलिखित हैं जिसे हम
नीचे देखेंगे ।
- अधिगम को रोचक बनाना
- छात्रों को उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अभिप्रेरित करना।
- छात्रों के समुचित विकास के लिए प्रयास करना
- विद्यार्थी अध्यापक अन्तः क्रिया को प्रोत्साहित करना।
- अनुशासन होनता पर नियंत्रण करना।
- वांछित व्यवहार का पुनर्बलन करना।
- कक्षा प्रबंध (Classroom management) में छात्रों की सहभागिता स्वीकार करना।
- कक्षा प्रबंध(Classroom management) में अनुशासन को महत्व बताना।
- सौन्दर्यवातावरण का निर्माण करना।
- निर्देशों में स्पष्टता होनी चाहिए।
कक्षा कक्ष प्रबंधन के उद्देश्य लिखिए(kaksha kaksh prabandhan ke uddeshy likhiye)
१. कक्षा कक्ष में शैक्षिक वातावरण का निर्माण करना:
२. शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को सरल व प्रभावशाली बनाना:
३. कक्षा में संबंधित तथ्यों के बीच समन्वय स्थापित करना
४. भौतिक एवं मानवीय संसाधन का उचित प्रयोग:
५. कक्षा कक्ष को संपूर्ण सुविधाओं से परिपूर्ण करना:
६. अधिगम को स्थायी बनाना
७. विद्यार्थी एवं अध्यापक के बीच संबंध स्थापित करना:
कक्षा कक्ष प्रबंधन के सिद्धांत (Principles of Classroom Management)
1. अनुशासन और नियंत्रण का सिद्धांत (Principle of Discipline and Control)
यह सिद्धांत कक्षा में सुव्यवस्थित माहौल बनाए रखने पर केंद्रित है। शिक्षक को अनुशासन बनाए रखने के लिए स्पष्ट नियम और दिशानिर्देश तय करने चाहिए। कठोर अनुशासन के बजाय सकारात्मक सुदृढ़ीकरण (Positive Reinforcement) का उपयोग करना अधिक प्रभावी होता है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- स्पष्ट नियम बनाना और उनका पालन सुनिश्चित करना
- विद्यार्थियों को आत्म-अनुशासन (Self-Discipline) सिखाना
- नियमों के उल्लंघन पर उचित प्रतिक्रिया देना
उदाहरण:
- समय पर कक्षा में उपस्थिति सुनिश्चित करना
- अनुशासनहीनता के लिए स्पष्ट परिणाम तय करना
2. प्रेरणा और सशक्तिकरण का सिद्धांत (Principle of Motivation and Empowerment)
विद्यार्थियों को प्रेरित (Motivated) करने से उनकी सीखने में रुचि बढ़ती है। जब छात्र आत्म-प्रेरित (Self-Motivated) होते हैं, तो वे सीखने की प्रक्रिया में अधिक भाग लेते हैं और अपने शैक्षणिक लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- सकारात्मक प्रेरणा (Positive Motivation) का उपयोग करना
- विद्यार्थियों को सीखने के लिए प्रोत्साहित करना
- पुरस्कार और सराहना का प्रयोग करना
उदाहरण:
- प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षण (Project-Based Learning) को बढ़ावा देना
- सृजनात्मक और नवाचारी शिक्षण विधियाँ अपनाना
3. सहभागिता और सहयोग का सिद्धांत (Principle of Participation and Collaboration)
एक प्रभावी कक्षा प्रबंधक अपने छात्रों को शिक्षण गतिविधियों में अधिक भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है। छात्रों को केवल सुनने के बजाय संवाद, समूह कार्य और गतिविधियों में भाग लेने का अवसर दिया जाना चाहिए।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- समूह चर्चा (Group Discussion) को बढ़ावा देना
- सहयोगी शिक्षण (Collaborative Learning) को अपनाना
- विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना
उदाहरण:
- समूह परियोजनाएँ (Group Projects) और केस स्टडीज (Case Studies)
- डिबेट, प्रश्नोत्तरी और एक्टिव लर्निंग रणनीतियाँ
4. लचीलापन और अनुकूलन का सिद्धांत (Principle of Flexibility and Adaptation)
हर छात्र की सीखने की शैली अलग होती है। शिक्षक को अपने शिक्षण को विद्यार्थियों की जरूरतों के अनुसार अनुकूलित करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- विभिन्न शिक्षण विधियों (Teaching Methods) को अपनाना
- व्यक्तिगत सीखने की जरूरतों (Individual Learning Needs) को समझना
- डिजिटल तकनीकों (Digital Learning Tools) का प्रयोग करना
उदाहरण:
- ऑडियो-विज़ुअल सामग्री (Audio-Visual Content) का उपयोग करना
- व्यक्तिगत ट्यूटरिंग (One-on-One Tutoring) प्रदान करना
5. संचार और संवाद का सिद्धांत (Principle of Communication and Interaction)
सफल कक्षा प्रबंधन के लिए शिक्षक और छात्रों के बीच प्रभावी संचार (Effective Communication) आवश्यक है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- स्पष्ट और प्रभावी संचार तकनीकों का प्रयोग करना
- छात्रों की समस्याओं को समझने और उन्हें हल करने के लिए संवाद करना
- छात्रों को विचार व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करना
उदाहरण:
- विद्यार्थियों के साथ दो-तरफा संवाद (Two-Way Communication)
- एक्टिव लिसनिंग (Active Listening)
6. सकारात्मक वातावरण का सिद्धांत (Principle of Positive Environment)
कक्षा में सकारात्मक माहौल (Positive Learning Environment) बनाना विद्यार्थियों के सीखने के अनुभव को बेहतर बनाता है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- विद्यार्थियों की उपलब्धियों को पहचानना और सराहना करना
- सहयोगी और सहायक वातावरण विकसित करना
- असफलता को सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा मानना
उदाहरण:
- विद्यार्थियों को उनकी उपलब्धियों के लिए प्रेरित करना
- सिखने की प्रक्रिया को मनोरंजक बनाना
कक्षा कक्ष प्रबंधन के लिए आवश्यक तत्व (Essential Elements of Classroom Management)
कक्षा कक्ष प्रबंधन (Classroom Management) शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण कौशल है, जो विद्यार्थियों को अनुशासित, प्रेरित और शिक्षण प्रक्रिया में संलग्न बनाए रखने में मदद करता है। एक सुव्यवस्थित कक्षा वातावरण से शिक्षण प्रभावी बनता है, जिससे छात्र अधिक सीखने में सक्षम होते हैं।
1. स्पष्ट नियम और अपेक्षाएँ (Clear Rules and Expectations)
कक्षा में अनुशासन बनाए रखने और सकारात्मक माहौल सुनिश्चित करने के लिए, छात्रों को स्पष्ट नियमों और अपेक्षाओं से अवगत कराना आवश्यक है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- छात्रों को कक्षा के नियमों के बारे में जानकारी देना
- कक्षा में अनुकूल और अनुशासित वातावरण बनाए रखना
- सकारात्मक व्यवहार को प्रोत्साहित करना
उदाहरण:
- “कक्षा में बिना अनुमति के बात न करें”
- “सभी छात्र समय पर कार्य पूरा करें”
2. प्रभावी संचार कौशल (Effective Communication Skills)
शिक्षक को स्पष्ट, प्रभावी और प्रेरणादायक संचार कौशल विकसित करने चाहिए, ताकि छात्र उनके निर्देशों को आसानी से समझ सकें।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- दो-तरफा संवाद (Two-Way Communication) को बढ़ावा देना
- विद्यार्थियों की समस्याओं को सुनना और हल करना
- गैर-मौखिक संचार (Body Language) का उपयोग करना
उदाहरण:
- छात्रों से प्रश्न पूछकर उनकी समझ का आकलन करना
- बातचीत में सरल और स्पष्ट भाषा का उपयोग करना
3. समय प्रबंधन (Time Management)
शिक्षक के लिए यह आवश्यक है कि वे कक्षा में समय का सही उपयोग करें, ताकि सभी पाठ्यक्रम सामग्री को प्रभावी रूप से कवर किया जा सके।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- कक्षा में समय सारिणी (Class Schedule) का पालन करना
- पढ़ाई और गतिविधियों के लिए संतुलन बनाना
- समय पर कार्यों को पूरा करवाना
उदाहरण:
- पाठ की शुरुआत में दिन की रूपरेखा स्पष्ट करना
- पढ़ाई और मनोरंजक गतिविधियों के बीच संतुलन बनाए रखना
4. प्रेरणा और सशक्तिकरण (Motivation and Engagement)
छात्रों को सीखने के लिए प्रेरित करना एक शिक्षक की प्रमुख जिम्मेदारी होती है। यदि छात्र प्रेरित होंगे, तो वे अधिक ध्यान देंगे और विषयवस्तु को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- सकारात्मक सुदृढ़ीकरण (Positive Reinforcement) का उपयोग करना
- छात्रों की उपलब्धियों को पहचानना और सराहना करना
- कक्षा में रोचक शिक्षण तकनीकों को अपनाना
उदाहरण:
- छात्रों को उनके प्रयासों के लिए सराहना पत्र (Appreciation Certificates) देना
- ग्रुप एक्टिविटीज और केस स्टडीज का उपयोग करना
5. शिक्षण तकनीक और संसाधनों का उपयोग (Use of Teaching Strategies and Resources)
शिक्षकों को पारंपरिक शिक्षण विधियों के साथ आधुनिक डिजिटल टूल्स और नवीन तकनीकों का उपयोग करना चाहिए।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- विभिन्न शिक्षण विधियों (Different Teaching Methods) का उपयोग करना
- डिजिटल टूल्स (Digital Learning Tools) और स्मार्ट क्लासरूम तकनीकों को अपनाना
- पाठ्य सामग्री को रोचक और इंटरैक्टिव बनाना
उदाहरण:
- स्मार्ट बोर्ड, प्रोजेक्टर और ऑडियो-विजुअल सामग्री का उपयोग करना
- गेम-आधारित शिक्षण (Game-Based Learning) को बढ़ावा देना
6. समस्या समाधान और संघर्ष प्रबंधन (Problem-Solving and Conflict Resolution)
शिक्षकों को कक्षा में उत्पन्न होने वाली समस्याओं और विवादों को कुशलता से हल करने की क्षमता होनी चाहिए।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- छात्रों के बीच मतभेद को शांति से सुलझाना
- सकारात्मक व्यवहार को प्रोत्साहित करना
- सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करना
उदाहरण:
- कक्षा में विवाद होने पर दोनों पक्षों को शांतिपूर्वक सुनना
- समूह चर्चा और टीम-बिल्डिंग एक्टिविटीज का आयोजन करना
7. सकारात्मक कक्षा वातावरण (Positive Classroom Environment)
एक अच्छा शिक्षक अपने छात्रों के लिए एक ऐसा माहौल बनाता है, जहां वे खुलकर सीख सकें और अपनी जिज्ञासा को बढ़ा सकें।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- छात्रों को एक सुरक्षित और प्रेरणादायक वातावरण प्रदान करना
- सहयोग और समावेशीता को बढ़ावा देना
- मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक समर्थन देना
उदाहरण:
- छात्रों को एक-दूसरे की राय का सम्मान करने के लिए प्रेरित करना
- कमजोर छात्रों को अतिरिक्त सहायता प्रदान करना
8. कक्षा की भौतिक संरचना और संगठन (Classroom Physical Structure and Organization)
शिक्षक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कक्षा की भौतिक संरचना शिक्षण और अधिगम को सुगम बनाए।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- कक्षा में बैठने की व्यवस्था को प्रभावी बनाना
- अध्ययन सामग्रियों को व्यवस्थित रखना
- कक्षा की सफाई और सुरक्षा का ध्यान रखना
उदाहरण:
- छात्रों की बैठने की व्यवस्था इस प्रकार हो कि वे शिक्षक और ब्लैकबोर्ड को आसानी से देख सकें
- कक्षा में आवश्यक शिक्षण संसाधनों को सुचारू रूप से व्यवस्थित करना
“एक प्रभावी शिक्षक वही है जो न केवल पढ़ाता है, बल्कि अपने छात्रों के लिए एक प्रेरणादायक माहौल बनाता है।”
कक्षा कक्ष प्रबंधन में शिक्षक की भूमिका
शिक्षक का कार्य केवल ज्ञान प्रदान करना ही नहीं, बल्कि कक्षा में एक अनुशासित, प्रेरणादायक और समावेशी वातावरण तैयार करना भी होता है, जिससे छात्र न केवल विषयवस्तु को समझ सकें, बल्कि नैतिकता, अनुशासन और आत्मनिर्भरता भी सीखें। एक शिक्षक के प्रभावी कक्षा प्रबंधन के लिए सबसे पहले यह आवश्यक है कि वह स्पष्ट नियम और अनुशासन बनाए रखे, ताकि छात्र सही दिशा में आगे बढ़ सकें। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कक्षा में निर्धारित समय सारणी का पालन हो, सभी गतिविधियाँ सुव्यवस्थित ढंग से संचालित हों, और प्रत्येक छात्र को सीखने का समान अवसर प्राप्त हो। शिक्षक को छात्रों के साथ संवाद स्थापित करने के लिए एक मैत्रीपूर्ण रवैया अपनाना चाहिए ताकि वे अपनी समस्याओं और जिज्ञासाओं को खुलकर साझा कर सकें। सकारात्मक कक्षा वातावरण बनाने के लिए शिक्षक को छात्रों को प्रोत्साहित करने, उनकी रुचियों को समझने और उन्हें उनकी क्षमताओं के अनुसार सीखने के अवसर प्रदान करने की आवश्यकता होती है।
कक्षा में शिक्षा को प्रभावी बनाने के लिए शिक्षक को नवीनतम शिक्षण तकनीकों का उपयोग करना चाहिए, जैसे कि स्मार्ट बोर्ड, प्रोजेक्टर, दृश्य-श्रव्य सामग्री, समूह चर्चा और प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षण। यह न केवल छात्रों की रुचि को बढ़ाता है, बल्कि उन्हें व्यावहारिक ज्ञान भी प्रदान करता है, जिससे वे विषयों को गहराई से समझ पाते हैं। इसके अलावा, शिक्षक को छात्रों में आलोचनात्मक और तार्किक सोच विकसित करने की दिशा में कार्य करना चाहिए, ताकि वे केवल रटने की बजाय सीखने की प्रक्रिया को समझकर जीवन में उसे लागू कर सकें। एक शिक्षक को यह समझना आवश्यक है कि प्रत्येक छात्र की सीखने की क्षमता अलग होती है, इसलिए वह पाठ्यक्रम को इस तरह प्रस्तुत करे कि प्रत्येक छात्र को उसका अधिकतम लाभ मिले। कक्षा में निष्पक्षता बनाए रखना भी शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, ताकि सभी छात्रों को समान अवसर मिले और उनमें कोई भेदभाव न हो।
शिक्षक को छात्रों की प्रेरणा सुनिश्चित करने के लिए एक सराहनीय और प्रोत्साहित करने वाला दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। छात्रों को उनके छोटे-छोटे प्रयासों के लिए भी सराहा जाना चाहिए, जिससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ता है और वे बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित होते हैं। इसके लिए शिक्षक विभिन्न पुरस्कार प्रणाली, प्रशंसा और सकारात्मक प्रतिक्रिया का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, छात्रों को कक्षा में अधिक सहभागी बनाने के लिए संवादात्मक शिक्षण तकनीकों का उपयोग किया जाना चाहिए, जिससे वे केवल शिक्षक द्वारा बताए गए तथ्यों को न सुनें, बल्कि उसमें सक्रिय रूप से भाग लें। इससे उनकी समस्या-समाधान करने की क्षमता विकसित होती है और वे आत्मनिर्भर बनते हैं।
समय प्रबंधन शिक्षक के कक्षा प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण कारक होता है। शिक्षक को अपनी कक्षा को इस तरह से व्यवस्थित करना चाहिए कि पाठ्यक्रम के अनुसार सभी विषयों को समुचित समय दिया जाए और अतिरिक्त सह-शैक्षिक गतिविधियों के लिए भी पर्याप्त समय उपलब्ध हो। यह भी आवश्यक है कि शिक्षक होमवर्क, प्रोजेक्ट और परीक्षाओं के कार्यों को संतुलित रूप से बांटें, ताकि छात्रों को अनावश्यक दबाव न महसूस हो। इसके अतिरिक्त, शिक्षक को छात्रों की प्रगति का नियमित मूल्यांकन करना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
शिक्षक की भूमिका केवल कक्षा तक ही सीमित नहीं होती, बल्कि उन्हें अभिभावकों और स्कूल प्रशासन के साथ भी तालमेल बैठाना पड़ता है। शिक्षक को छात्रों की प्रगति, उनके व्यवहार और सीखने की गति से अभिभावकों को अवगत कराना चाहिए, ताकि वे अपने बच्चों के विकास में योगदान दे सकें। इसके अलावा, स्कूल प्रशासन की नीतियों और नियमों के अनुसार शिक्षण गतिविधियों को संचालित करना भी शिक्षक की जिम्मेदारी होती है। वर्तमान समय में, छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक संतुलन को बनाए रखना भी शिक्षक की भूमिका का महत्वपूर्ण भाग बन चुका है। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कक्षा में कोई भी छात्र तनाव, डर या असहज महसूस न करे, बल्कि वह आत्मविश्वास के साथ अपनी शिक्षा ग्रहण कर सके।
कुल मिलाकर, कक्षा कक्ष प्रबंधन में शिक्षक की भूमिका केवल पढ़ाने तक सीमित नहीं होती, बल्कि वह एक मार्गदर्शक, प्रेरक और अनुशासन निर्माता के रूप में कार्य करता है। एक प्रभावी शिक्षक कक्षा में संतुलन बनाए रखता है, जिससे छात्रों को न केवल विषयों की गहरी समझ मिलती है, बल्कि वे नैतिकता, अनुशासन और आत्मनिर्भरता भी सीखते हैं। एक सुव्यवस्थित कक्षा वातावरण ही छात्रों को सीखने और सफल होने के लिए प्रेरित करता है, और यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी पूरी तरह से शिक्षक की होती है। यही कारण है कि एक शिक्षक का प्रभावी कक्षा प्रबंधन, छात्रों की शिक्षा और उनके भविष्य की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
Sir bhu se bed karte hai uska topic 2 sem ka send kar dijiye Hindi me chahiye hamre class ke kuchh students hai hindi midium ke unhe bhi chahiye please sir apka yah bahut hi usfull hai hamre liye Aisa hi chahiye