प्रश्न कौशल क्या है, प्रश्न कौशल के उद्देश्य, प्रश्न कौशल के घटक, प्रश्न पूछने के प्रकार
प्रश्न कौशल क्या है (prashn koushal kya hai hindi )
प्रश्न कौशल क्या है इसे जानने के लिए हमें स्कूली अवस्था में जाना होगा शिक्षक को अपने पाठ से संबन्धित बहुत से प्रश्न पूछने पड़ते है। जिससे कि वह यह जान सके कि उसके बच्चों ने कितना सीखा है। इस तरह के कौशल को ही प्रश्न कौशल कहते है। शिक्षण केवल सूचनाएं देने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक द्विपक्षीय संवाद है जिसमें शिक्षक और विद्यार्थी दोनों सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। इस संवाद को प्रभावी बनाने के लिए शिक्षक को कुछ विशेष कौशलों की आवश्यकता होती है, जिनमें प्रश्न पूछने की कला सबसे महत्वपूर्ण होती है। इसी कला को ही प्रश्न कौशल कहा जाता है।
प्रश्न कौशल के उद्देश्य ( prashan koushal ke udeshya)
- विद्यार्थियों ले ध्यान को पूर्वज्ञान की ओर केन्द्रित करना।
- विद्यार्थियों को पाठ के संबंध में रुचि उत्पन्न करना।
- विद्यार्थियों ने कितना सीखा है। इसका अनुमान लगाना।
- प्रश्न करने के कौशल का एक उद्देश्य विद्यार्थियो के व्यक्तिगत कमजोरियों का भी पता लगाया जा सकता है।
- पाठ की पुनरावृति करना
- विद्यार्थी को नवीन ज्ञान अर्जित करने की प्रेरणा देना।
- विद्यार्थी की कल्पना शक्ति का विकास करना।
- विद्यार्थी के रुचि के संबंध में पता लगाना।
प्रश्न कौशल के घटक (prashan koushal ke ghatak)
- बिना बात के प्रश्नों को बहुत अधिक बढ़ा- चढ़ा कर नहीं पूछना चाहिए प्रश्न इस प्रकार होना चाहिए जैसे दिल्ली से पहले भारत की राजधानी कौन था? न कि इस प्रकार के प्रश्न होना चाहिए – जैसे भारत आजाद पहले भारत पर किसका अधिकार था और उस समय भारत कि राजधानी क्या था?
- प्रश्न ऐसे हो जिसका एक ही उत्तर संभव हो।
- प्रश्न बच्चों कि आयु योग्यता एवं के क्षमता के अनुसार होनी चाहिए ।
- प्रश्न का रूप (मार्ग) इस प्रकार न हो कि वह उत्तर को निर्देश दे ।
- प्रश्न ऐसा न हो जिसका उत्तर हाँ या ना में हो।
- प्रश्नों को एक निश्चित उद्देश्य से पूछा जाना चाहिए
कक्षा में शिक्षक के प्रश्न पूछने का ढंग या तरीका क्या होना चाहिए?
- प्रश्न पूरे कक्षा में पूछना चाहिए।
- प्रश्न सिर्फ आगे पंक्ति विद्यार्थी से नहीं पूछना चाहिए।
- उत्तर देने से पहले बालकों को प्रश्न के उत्तर को सोचने का अवसर देना चाहिए।
- प्रश्न सरल एवं स्पष्ट तरीके से पूछा जाना चाहिए।
- एक छात्र अगर एक प्रश्न का सही उत्तर नहीं दे पाता है तो प्रश्न दूसरे छात्र से प्रश्न पूछना चाहिए ।
- यदि कक्षा में छात्र किसी प्रश्न का उत्तर देने से असमर्थ है तो अपनी भाषा में परिवर्तन करके सरल ढंग से प्रश्न को पूछना चाहिए।
- प्रश्न को सही- सही ढंग से पूछना चाहिए प्रश्न पूछने में आवाज बहुत तेज़ या धीमी नहीं होनी चाहिए ।
1. पूरे कक्षा को शामिल करें
प्रश्न केवल आगे बैठने वाले छात्रों से न पूछें, बल्कि सभी से करें।
2. उत्तर सोचने का समय दें
प्रश्न पूछते ही उत्तर न मांगें। छात्रों को सोचने का अवसर दें।
3. सरल और स्पष्ट भाषा का प्रयोग करें
प्रश्न कठिन शब्दों में नहीं, बल्कि छात्रों की समझ के अनुसार हो।
4. प्रश्न दोहराएं (यदि आवश्यक हो)
यदि छात्र नहीं समझ पा रहे हैं तो प्रश्न को सरल भाषा में दोहराएं।
5. सही उत्तर नहीं देने पर छात्र को हतोत्साहित न करें
गलती पर सुधार करें लेकिन सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखें।
6. वॉयस मॉडुलेशन का ध्यान रखें
प्रश्न पूछते समय आपकी आवाज मध्यम होनी चाहिए – न बहुत तेज़, न बहुत धीमी।
प्रश्न पूछने के प्रकार (Types of Questions in Teaching)
1. तथ्यात्मक प्रश्न – जिनका उत्तर पुस्तक में होता है।
जैसे: “भारत का संविधान कब लागू हुआ?”
2. समझ आधारित प्रश्न – जिससे यह पता चले कि छात्र ने विषय को समझा या नहीं।
जैसे: “संविधान और कानून में क्या अंतर है?”
3. विश्लेषणात्मक प्रश्न – छात्रों को गहराई से सोचने के लिए प्रेरित करते हैं।
जैसे: “अगर संविधान न होता तो क्या होता?”
4. कल्पनात्मक प्रश्न – छात्रों की रचनात्मकता और कल्पना को बढ़ाते हैं।
जैसे: “अगर तुम प्रधानमंत्री होते तो शिक्षा में क्या बदलाव लाते?”
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