आप सभी का इस आर्टिकल में स्वागत है आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से अंधेर नगरी के प्रश्न उत्तर कक्षा 5(andher nagari chaupat raja question answer class 5) को पढ़ने जा रहे हैं। जो पश्चिम बंगाल के सरकारी विद्यालय के कक्षा 5 के पाठ 20 आकाश वाले दो मित्र से लिया गया है। तो चलिए अंधेर नगरी के प्रश्न उत्तर कक्षा 5(andher nagari chaupat raja question answer class 5) को देखें-
प्र.१. संक्षेप में उत्तर दो।
१.१. तुम्हारे पड़ोस में लगने वाले बाजार में क्या-क्या बिकता है?
उत्तर: हमारे पड़ोस में लगने वाले बाजार में हरी सब्जियां, मांस, मछली, दाल, चावल, तेल, नमक एवं विभिन्न प्रकार की मिठाइयां बिकता है।
१.२. महंत ने अपनी चेलों को किस ओर भेजा?
उत्तर: महंत ने गोवर्धन दास को पश्चिम की ओर तथा नारायण दास को पूर्व की ओर भेजा।
१.३. गोवर्धन दास ने क्या लाया?
उत्तर: गोवर्धन दास ने साढ़े तीन सेर मिठाई लाया।
१.४. कारीगर के बाद सिपाहियों ने किसे पकड़ कर लाया?
उत्तर: कारीगर के बाद सिपाहियों ने चूने वाले को पकड़कर लाया।
१.५. कोतवाल के बदले कैसे आदमी को फांसी पर चढ़ाने का हुक्म दिया गया?
उत्तर: कोतवाल के बदले मोटे आदमी को फांसी पर चढ़ाने का हुक्म दिया गया।
१.६. महंत जी ने क्या चढ़ाकर सिपाहियों से कहा?
उत्तर: महंत जी ने भौंह चढ़ाकर सिपाहियों से कहा।
१.७. राजा फांसी पर चढ़ने के लिए क्यों लालायित हो उठा?
उत्तर: राजा फांसी पर चढ़ने के लिए इसलिए लालायित हो उठा क्योंकि उस समय फांसी पर चढ़ाने वाले को सीधा स्वर्ग की प्राप्ति होती।
प्र.२. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर अपनी भाषा में लिखो।
२.१. महंत ने गोवर्धनदास से क्या कहा?
उत्तर: महंत ने गोवर्धनदास से कहा कि बच्चा गोवर्धन दास तू पश्चिम की ओर जा।
२.२. अंधेर नगरी में सभी चीजें किस भाव बिकती थी?
उत्तर: अंधेर नगरी में सभी चीजें टके सेर बिकती थी।
२.३. गोवर्धन दास के पास कुल कितने पैसे थे? उसने उन पैसों से क्या खरीदा?
उत्तर: गोवर्धन दास के पास कुल 7 पैसे थे। उसने उन पैसों से साढ़े तीन सेर मिठाई खरीदा।
२.४. गोवर्धन दास ने उसी नगर में रहने के लिए क्या तर्क दिया?
उत्तर: गोवर्धन दास उसी नगर में रहने के लिए तर्क देते हुए कहा कि मैं तो इस नगर को छोड़कर नहीं जाऊंगा क्योंकि दिन भर भिक्षा मांगने पर भी पेट नहीं भरता और यहां तो सब कुछ टके सेर भाजी टके सेर खाजा मिलता है मैं ऐसे नगर को छोड़कर नहीं जाऊंगा।
२.५. राजा के दरबार में फरियादी क्या शिकायत लेकर आया?
उत्तर: राजा के दरबार में फरियादी यह शिकायत लेकर आया कि कल्लू बनिए की दीवार उसकी बकरी के ऊपर गिरने के कारण मर गई तो उसे न्याय चाहिए।
२.६. गड़रिए ने किस तरफ से स्वयं को बचाने का प्रयास किया?
उत्तर: गड़रिए ने स्वयं को बचाते हुए कहा कि महाराज उधर से कोतवाल की सवारी आई उसी भीड़-भाड़ के कारण मैंने छोटी-बड़ी भेड़ का ख्याल ही नहीं किया, इसमें मेरा कोई कसूर नहीं।
२.७. गोवर्धन दास को फांसी पर क्यों चढ़ाया जा रहा था?
उत्तर: राजा ने कोतवाल को फांसी पर चढ़ाने का हुक्म दिया पर जब उसे फांसी देने को ले गए तो फांसी का फंदा बहुत बड़ा निकला पर कोतवाल दुबला पतला था। इस पर महाराज ने सिपाहियों से हुक्म दिया कि किसी मोटे आदमी को फांसी दे दो। क्योंकि बकरी मरने के अपराध में किसी ना किसी को सजा होना जरूरी है नहीं तो न्याय नहीं होगा। उसी हुक्म को पूरा करने के लिए गोवर्धन दास को फांसी पर चढ़ाया जा रहा था क्योंकि गोवर्धन दास मिठाई खा-खा कर खूब मोटा हो गया था।
२.८. अंत में फांसी पर कौन चढ़ा?
उत्तर: अंत में फांसी पर राजा चढ़ा।
प्र.३. निम्नलिखित कथनों को पढ़ो और उत्तर लिखो।(किसने कहा,किससे कहा?)
३.१.’नगर तो बहुत सुंदर है पर भिक्षा भी सुंदर मिले तो बड़ा आनंद हो।’
उत्तर: नारायण दास ने महंत से कहा।
३.२.’भिक्षा मांग कर सात पैसे लाया हूं, साढ़े तीन सेर मिठाई दे दो।’
उत्तर: गोवर्धन दास ने हलवाई से कहा।
३.३.’ऐसी नगरी में रहना उचित नहीं है।’
उत्तर: महंत ने गोवर्धन दास से कहा।
३.४.’महाराज, मेरा कुछ दोष नहीं। कारीगर ने ऐसी दीवार बनाई की गिर पड़ी।’
उत्तर: कल्लू ने राजा से कहा।
३.५.’चल बे चल मिठाई खाकर खूब मोटा हो गया है। आज मजा मिलेगा।’
उत्तर: सिपाहियों ने गोवर्धन दास से कहा।
३.६.’आप फांसी क्यों चढ़ते हैं?’
उत्तर: राजा ने महंत से कहा।
प्र.४. एकांकी में जो घटनाएं घटी उन पर(✓ )लगाइए और जो नहीं घटी उन पर (×)लगाइए।
४.१. महंत जी ने अंधेर नगरी छोड़ने के लिए कहा। [✓]
४.२. कल्लू किसान की दीवार गिर पड़ी थी।[✓]
४.३. कारीगर ने भिश्ती पर आरोप लगाया। [×]
४.४. नगर में सारी चीजें टके सेर मिलती थी।[✓]
४.५. सिपाहियों ने फांसी लगाने के लिए महंत को पकड़ लिया।[×]
४.६. महंत ने गोवर्धन दास को फांसी से बचाया।[✓]
४.७. लोग राजा को फांसी पर लटका देते हैं।[✓]
प्र.५. दिए गए शब्दों के सही रूप से रिक्त स्थान को भरो।
[ भार, पछतावा, चढ़ना, दोष]
सही रूप [ भारी, पछताना, चढ़ूंगा, दोषी]
५.१. गठरी तो बहुत भारी मालूम पड़ती है।
५.२. बच्चा, तुझे बाद में पछताना पड़ेगा।
५.३. मैं ही फांसी पर चढ़ूंगा।
५.४. महाराज, मैं दोषी नहीं हूं।
प्र.६. कोष्ठक से उपयुक्त शब्द चुनकर वाक्य को पूरा करो।
६.१. नगर तो बड़ा सुंदर है पर__________भी सुंदर मिले तो बड़ा आनंद हो। (भोग, रुपये, भिक्षा)
उत्तर: नगर तो बड़ा सुंदर है पर भिक्षा भी सुंदर मिले तो बड़ा आनंद हो।
६.२.सात पैसे भीख में मिले थे उसी से_________मिठाई मोल ली है। (तीन सेर, साढ़े तीन सेर, तीन किलो)
उत्तर:सात पैसे भीख में मिले थे उसी से साढ़े तीन सेर मिठाई मोल ली है।
६.३. अंधेर नगरी_________राजा टके सेर भाजी टके सेर___________। (मंत्री, खाजा, मिठाई, चौपट)
उत्तर: अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा।
६.४. इस समय ऐसी शुभ घड़ी में जो मरेगा__________जाएगा। (नरक, सीधा शहर, सीधा स्वर्ग, घर)
उत्तर: इस समय ऐसी शुभ घड़ी में जो मरेगा सीधा स्वर्ग जायेगा।
प्र.७. निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध करो।
[दिवार, गोबर्धनदास, गणेरिया, भिस्ती, फांसि, हूज्जत,महंथ]
उत्तर:
दिवार:- दीवार
गोबर्धनदास:- गोवर्धनदास
गणेरिया:- गड़ेरिए
भिस्ती:- भिश्ती
फांसि:- फांसी
हूज्जत:- हुज्जत
महंथ:- महंत
प्र.८. कल्पना करो और उत्तर दो।
८.१. यदि तुम राजा होते तो क्या उपाय करते हैं?
उत्तर: यदि मैं राजा होता तो फरियादी को कुछ रुपए दिला कर उसे न्याय दिलाता एक बकरी के कारण किसी इंसान को फांसी पर नहीं चढ़ाता।
८.२. यदि तुम गोवर्धन दास क्या स्थान पर होते तो क्या गुरु जी की बात मानते? क्यों?
उत्तर: यदि मैं गोवर्धन दास के स्थान पर होता तो मैं गुरु जी के बात को अवश्य मानता क्योंकि गुरु कभी भी अपने शिष्यों को गलत रास्ते पर नहीं ले जाते हैं।
८.३.आपको राजा किस प्रकार लगा? अपनी सोच का कारण भी बताओ?
उत्तर: मुझे राजा महामूर्ख लगा क्योंकि यदि राजा बुद्धिमान होता तो अपने राज्य को संभाल कर रखता हैं नगर में सभी चीजें एक ही दाम पर मिलती थी जो बताता है कि वहां कोई नियम नहीं था। राजा ने जिस प्रकार से फरियादी का न्याय किया वो एक मूर्ख ही कर सकता है। अपनी मूर्खता के कारण वे स्वयं को फांसी पर चढ़ा लिया।
८.४. यदि महंत नहीं लौटते तो क्या होता?
उत्तर: यदि महंत नहीं लौटते तो राजा गोवर्धन दास को ही फांसी दे दिया होता।
९. टोकरी में दिए गए शब्दों से चुनकर विशेषण-विशेष्य को सही जोड़ी मिला कर लिखो।
(सुंदर, पैसे, सात, भेड़ें, बड़ी, घड़ी, मोटा, नगर, बड़ा, फंदा, शुभ, आदमी)
उत्तर:
विशेषण विशेष्य
सुंदर नगर
सात पैसे
बड़ी भेड़ें
शुभ घड़ी
मोटा आदमी
बड़ा फंदा
नोट: विशेषण: संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता (गुण,दोष) बताने वाले शब्द को विशेषण कहते हैं। जैसे: मोटा बड़ा सात सुंदर आदि।
विशेष्य: जिसकी विशेषता बताई जाती है उसे विशेष्य कहते हैं जैसे मोटा आदमी, सुंदर नगर। यहां आदमी और नगर की विशेषता मोटा और सुंदर बताई गई है इसलिए आदमी और नगर विशेष्य हैं।
प्र.१०.निम्नलिखित वाक्यों से किसी काम को करने या होने का पता चलता है।
जैसे: रमा पड़ती है। सोहन साइकिल चलाता है।
१०.१ तू पश्चिम की ओर जा।
१०.२. मैंने उसकी बात का विश्वास नहीं किया।
१०.३. बकरी दबकर मर गई।
१०.४. मुझे साढ़े तीन सेर मिठाई दे दो।
१०.५. मैं तो यही रहूंगा।
१०.६. गुरुजी बचाओ।
उत्तर:
१०.१ तू पश्चिम की ओर जा।
१०.२. मैंने उसकी बात का विश्वास नहीं किया।
१०.३. बकरी दबकर मर गई।
१०.४. मुझे साढ़े तीन सेर मिठाई दे दो।
१०.५. मैं तो यही रहूंगा।
१०.६. गुरुजी बचाओ।
प्र.११. दिए गए शब्दों का लिंग बदलकर लिखो।
( बकरी, घोड़ा, कुंजड़िन, राजा, ऊंट)
उत्तर:
बकरी – बकरा
घोड़ा – घोड़ी
कुंजड़िन – कुंजड़ा
राजा – रानी
ऊंट – ऊंटनी
प्र.१२. दिए गए वाक्यों का वचन बदलकर वाक्य पूरा लिखो।
उदाहरण: सिपाही ने गोवर्धन दास का हाथ पकड़ा।
सिपाहियों ने गोवर्धन दास के हाथ पकड़े।
१२.१. कसाई ने गड़रिए से भीड़ खरीदी।
उत्तर: कसाईयों ने गड़रिए से भीड़ें खरीदें।
१२.३. मैं नाहक मारा जाता हूं।
उत्तर: हम नाहक मारे जाते।
१२.३. मैं फांसी पर चढ़ूंगा।
उत्तर: हम फांसी पर चढ़ेंगे।
प्र.१३. वाक्य बनाओ।
( हुक्म, पछताना, स्वर्ग, न्याय, बेकसूर, उपदेश)
उत्तर:
हुक्म: राजा ने हमें हुक्म दिया है।
पछताना: गुरुजी ने जैसा कहा है वैसा करो बाद में पछताना ना पड़े।
स्वर्ग: कहा जाता है भगवान स्वर्ग में निवास करते हैं।
न्याय: मुझे अपना न्याय चाहिए।
बेकसूर: महाराज मैं बेकसूर हूं।
उपदेश: मुझे गुरुजी के उपदेश अच्छे लगते हैं।
प्र.१४. दिए गए हमारे सामजिक मित्रों के काम के बारे में एक एक वाक्य लिखो।
( कुंजड़ा, हलवाई, कारीगर, गड़रिया, कोतवाल, डॉक्टर, डाकिया, सिपाही, भिश्ती)
उत्तर:
कुंजड़ा : कुंजड़ा तरकारी, फल, साग-सब्जियां बेचने वाला दुकानदार होता है।
हलवाई: हलवाई वाला विभिन्न प्रकार के मिठाइयां बनाकर बेचता है।
कारीगर: कारीगर विभिन्न प्रकार की वस्तुओं से जैसे लकड़ी, पत्थर या धातु से विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का निर्माण करता है।
गड़रिया: गड़रिया भेड़ बकरी को चराता है।
कोतवाल: कोतवाल पुलिस का प्रधान अधिकारी होता है जिसके अधीन कई थाने और सिपाही होते हैं।
डॉक्टर: डॉक्टर का काम मरीजों का इलाज करना होता है।
डाकिया: डाकिया लोगों के संदेशों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाता है।
सिपाही: सिपाही पुलिस विभाग में साधारण कर्मचारी होता है जो पहरेदारी का काम करता है।
भिश्ती : भिश्ती चमड़े की थैली में पानी भरकर लाने का काम करता है।
प्र.१५. सही विकल्प पर (✓) का चिह्न लगाओ।
१५.१. दिया गया पाठ किस प्रकार की रचना है?
[ ] देश भक्ति [ ]मातृ भक्ति [✓] हास्य व्यंग्य [ ]विवेकपूर्ण
१५.२. अंत में कौन फांसी पर चढ़ा?
[✓]राजा [ ]कारीगर। [ ]कसाई। [ ]सिपाही
१५.३. अंधेर नगरी नाटक के रचनाकार का नाम है-
[ ]जयशंकर प्रसाद [ ]सोहनलाल द्विवेदी [✓]भारतेंदु हरिश्चंद्र [ ]बालमुकुंद गुप्त
प्र.१६. वाक्यों को पढ़ो और समझकर अर्थ/उत्तर लिखो।
१६.१. अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा।
अर्थ :- जहां के राजा ही चौपट हो यानी कि मूर्ख हो जहां सभी चीजें एक ही दाम पर मिलती हो जो यह बताता है कि वहां कोई नियम नहीं है तो ऐसे नगर की दुर्दशा क्या होगी? इसे नगर अंधेरे में ही रहेगा उनका भविष्य कभी उज्जवल नहीं होगा।
१६.२. ‘राजा चौपट है’ यह साबित करने के लिए दो तर्क लिखो।
उत्तर: राजा चौपट है इन दो बातों से साबित होती है-
पहला: उसने अपने राज्य में कोई नियम कानून नहीं बनाया नगर में सभी चीजें एक ही दाम पर मिलती थी।
दूसरा: एक बकरी के मरने पर किसी इंसान को फांसी पर चढ़ाना कहां का न्याय है उन्हीं मूर्खता के कारण वे खुद फांसी पर चढ़े गए।
१६.३. गुरु की बात न मानने पर शिष्य को कौन से कष्ट सहने पड़े?
उत्तर: गुरु की बात न मानने पर शिष्य को फांसी के फंदे तक जाना पड़ा।
प्र.१७. महंत ने नगरी को छोड़ने की बात की। क्योंकि-
१७.१. नगरी सुंदर नहीं थी।
१७.२. नगरी में खाजा टके सेर मिलता था। [✓]
१७.३. नगरी में सभी चीजें हैं एक ही दाम पर मिलती थी जो बताता है कि वहां कोई नियम नहीं था।[✓]
१७.४. उन्हें मालूम था कि यहां सिपाही गलत आरोप में फंसा सकते हैं।[✓]
प्र.१८. संधि करो।
१८.१. शिक्षा + आर्थी = शिक्षार्थी
१८.२. हिम + आलय = हिमालय
१८.३. देह + अंत = देहांत
१८.४. पुस्तक + आलय = पुस्तकालय
१८.५. गज + आनन = गजानन
१८.६. हर + एक = हरेक
प्र.१९. तुम्हारी समझ से बकरी के मरने का वास्तविक दोषी निम्नलिखित में कौन था? कारण भी दो।
(दीवार, बनिया, गड़रिया, कोतवाल, भिश्ती, चूने वाला, कारीगर, कोई नहीं है)
उत्तर: बकरी की किसी ने हत्या नहीं की और न ही जानबूझकर दीवार गिराया गया। दुर्भाग्यवश दीवार के गिरने के कारण बकरी मरी। इसलिए मैं किसी को भी बकरी के मरने का दोषी नहीं पाता हूं।