दादी अम्मा कविता का प्रश्न उत्तर class 5 ( Dadi amma kavita ka questions answer class 5)
आप सभी का इस आर्टिकल में स्वागत है आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से ‘दादी अम्मा’ कविता का प्रश्न उत्तर ( Dadi amma kavita ka questions answers class 5) को पढ़ने जा रहे हैं। जो पश्चिम बंगाल के सरकारी विद्यालय के कक्षा 5 के पाठ 25 दादी अम्मा से लिया गया है। तो चलिए ‘दादी अम्मा’ कविता का प्रश्न उत्तर ( Dadi amma kavita ka questions answers class 5) को देखें-
१. संक्षेप में उत्तर दो।
१.१. कविता में कौन किस को मना रहा है?
उत्तर: कविता में बच्चे अपनी दादी को मना रहे हैं।
१.२. गुस्सा शांत करने के लिए क्या करने को कहा गया है?
उत्तर: गुस्सा शांत करने के लिए ठंडा पानी पीने को कहा गया है।
१.३. गुस्से में दादी अपना क्या जला रही है?
उत्तर: गुस्से में दादी अपना कलेजा जला रही है।
१.४. बच्चों के मनाने पर दादी क्या छुपा रही है?
उत्तर: बच्चों के मनाने पर दादी अपनी हंसी छुपा रही है।
१.५. दादी से बच्चे क्या माफ और क्या साफ करने के लिए कह रहे हैं?
उत्तर: दादी से बच्चे भूल माफ और दिल साफ करने के लिए कह रहे हैं।
१.६. कविता के कवि कौन है?
उत्तर: कविता के कवि शकील बदायूंनी है।
२. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर अपनी भाषा में लिखो।
२.१. कविता की किस पंक्ति में बच्चों ने दादी मां को नसीहत दी है?
उत्तर: कविता की इस पंक्ति में बच्चों ने दादी मां को नसीहत दी है-
छोटी-छोटी बातों पर न बिगड़ा करो
गुस्सा हो तो ठंडा पानी पी लिया करो,
खाली पीली अपना कलेजा न जलाओ
२.२. बच्चों ने क्या करने की मन में ठानी है और इसके लिए वे क्या करने को तैयार हैं?
उत्तर: बच्चों ने अपने रूठी दादी को मनाने की मन में ठानी है। और इसके लिए वह सब कुछ करने को तैयार है वे अपनी दादी को अपने हाथों से खाना खिलाना चाहते हैं वे कहते हैं कि दादी चाहे हमें मारो या धमकाओ पर हमारी बात मान जाओ। कहो तो हम तुम्हारे चंपी कर देते हैं या पीने के लिए हुक्का भर देते हैं।
२.३. बच्चों ने कौन सा प्रण लिया?
उत्तर: बच्चों ने अपनी रूठी दादी को मनाने का प्रण लिया है।
२.४. अंत में बच्चे दादी को मनाने के लिए कौनसी प्रार्थना करते हैं?
उत्तर: अंत में बच्चे दादी को मनाने के लिए उनसे प्रार्थना करते हैं कि अगर हमसे कोई भूल हो गई है तो हमें माफ कर दो। उन गलतियों को अपने दिल से निकाल दो और हमें माफ करते हुए कोई एक अच्छी सी कहानी सुनाओ।
३. सही उत्तर के आगे (✓) का चिह्न लगाओ।
३.१. यदि दादी रूठ जाए तो-
क) उनकी और ध्यान नहीं देना चाहिए। [ ]
ख) खुद भी रूठ जाना चाहिए। [ ]
ग) उनकी रूठने का कारण पूछ कर उन्हें प्यार से मना लेना चाहिए। [✓]
३.२. बच्चों ने गीत गाया क्योंकि-
क) दादी गीत सुनना चाहती थी। [ ]
ख) दादी गुस्से में थी। [✓]
ग) दादी हंसना चाहती थी। [ ]
घ) दादी चुप थीं। [ ]
४. दादी अम्मा के गुस्से से डर कर तुमने शब्दों के वर्ण उल्टा-पुल्टा लिख दिए हैं। इन्हें सही क्रम में जल्दी लिखो।
i. अम्मादादी : दादीअम्मा ii. जाकले : कलेजा
iii. ओकामध : धमकाओ iv. क्काहु : हुक्का
v. हाकनी : कहानी vi. रीम्हातु : तुम्हारी
५. नीचे लिखे वाक्यों के खाली स्थानों में उचित मुहावरे चुनकर भरो। (याद रहे मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग करते समय उनका रूप बदल जाता है।)
कलेजा जलाना, आंखें मिलाना, गले लगना, दिल साफ करना
i. दादी अमीना- हामिद! क्या छुपा रहे हो? मुझसे आंखें मिला कर बात करो और सच सच बताओ किया चिमटा तुमने किस लिए लाया।
ii. हामिद- अम्मा! चिमटे के बगैर रोटी सेंकने में रोज तुम्हारे हाथ जल जाते थे इसलिए चिमटा ले आया। तुम गुस्से से अपना कलेजा मत जलाओ।
iii. दादी अमीना- या खुदा! तुम्हारी दादी तुम पर कभी गुस्सा कर सकती है भला! नहीं मेरे लाल! तुम सारा दिन भूखे प्यासे रहे और मेरे लिए यह चिमटा ले आए। अरे मेरी नन्ही सी जान तुमने तो मुझे एक पल भी न भुलाया। उदास मत हो अपना दिल साफ करो और मेरे गले लग जाओ।
७. कल्पना करो। तुम्हारी दादा / दादी / नाना / नानी इनमें से कोई तुमसे रूठ गया हो और उन्हें मनाने के क्रम में तुम्हारे और उनके बीच हो सकने वाले संवादों (बात-चीत) को नीचे लिखो।
उत्तर:
बालक : दादा जी आप मुझसे क्यों रूठे हो? मुझसे कोई भूल हो गई है क्या?
दादाजी: तुम्हें नहीं पता? तुमने क्या किया है?
बालक: नहीं दादा जी क्या मुझसे कोई भूल हो गई है क्या?
दादाजी: मुझे ऐसे बच्चों से बात नहीं करना जो दूसरे बच्चों को मारते, उनसे झगड़ते हैं।
बालक: पर दादा जी रोहन ने मुझसे बिना पूछे मेरा फुटबॉल ले गया था और जब मैंने मांगा तो वह देने से मना करने लगा।
दादाजी: इतनी छोटी सी बात के लिए क्या यह सही है उसे मारो, उससे झगड़ा करो।
बालक: नहीं… पर….।
दादाजी: नहीं पर क्या? क्या तुमने उनसे पूछा कि फुटबॉल क्यों नहीं देना चाहता है?
बालक: नहीं।
दादाजी: यही तुम्हारी गलती है जब भी कोई ऐसा करें तो उनसे पहले प्यार से पूछो कि उसने फुटबॉल क्यों लिया है। फिर उन्हें प्यार से समझाओ और बिना लड़ाई-झगड़ा किए उनसे अपनी फुटबॉल या कोई भी सामान बिना किसी को चोट पहुंचाए लेने की कोशिश करो यही तुम्हारी पहचान है। नहीं तो उनमें और तुम में कोई फर्क नहीं होगा।
बालक: सॉरी दादा जी! आगे से फिर ऐसी गलती नहीं होगी।