सौर मंडल में कितने ग्रह हैं उनके नाम बताइए (saurmandal mein kitne grah hain)

सौर मंडल में कितने ग्रह हैं उनके नाम बताइए (saurmandal mein kitne grah hain)

सौरमंडल क्या होता है

सौरमंडल एक आकाशीय क्षेत्र है जो ग्रहों, उपग्रहों, तारों, धूमकेतुओं और अन्य आकाशीय पिंड से मिलकर बनता है। यह सूर्य के चारों ओर स्थित होता है और उनके आकार, आयाम और गतिविधियों को नियंत्रित करता है। सौरमंडल में हमारा धरती स्थित है और इसके साथ-साथ अन्य ग्रह भी हैं जैसे कि शनि, मंगल, बृहस्पति, उर्गा, नेपच्यून और प्लूटो। यह सौरमंडल हमारे ब्रह्मांड का आंतरिक भाग है और हमारी धरती के साथ-साथ इसकी अद्वितीयता और रहस्यमयता हमें विचित्र बनाती है।

सौरमंडल किसे कहते हैं

आकाशगंगा में ग्रह, उपग्रह, उल्का, क्षुद्रग्रह आदि सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले समूह को ही सौरमंडल कहते हैं। ये सभी खगोलीय पिंड गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा एक दूसरे से बंधे हुए हैं।

अंर्तराष्ट्रीय खगोलशास्त्रीय संघ  की प्राण सम्मलेन 2006  के अनुसार सौरमंडल में मौजूद पिंडों को तीन श्रेणियों में बनता गया हैं- 

  1.  परम्परागत ग्रह :  बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, वृहस्पति, शनि, अरुण एवं वरुण।
  2. बौने ग्रह:  प्लूटो, चेरोन, सेरस,  2003 यू. बी. 313
  3. लघु सौरमंडलीय पिंड:  धूमकेतु, उपग्रह, अन्य खगोलीय पिंड

आकार के अनुसार ग्रहों का अवरोही क्रम

ग्रहों का अवरोही क्रम वृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण, पृथ्वी, शुक्र, मंगल एवं बुध है।

सूर्य से ग्रहों की दूरी का क्रम 

सूर्य से ग्रहों की दूरी का क्रम  बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, वृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण हैं।

सौर मंडल में कितने ग्रह हैं उनके नाम बताइए तथा जानकारी(saurmandal mein kitne grah hain): 

सौरमंडल में 8 ग्रह हैं- बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, वृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण।  

सूर्य (Sun)

सूर्य सभी ग्रहों से बड़ा है सूर्य का व्यास 13927 मिलियन किमी है। सूर्य में न्यूक्लियर फ्यूजन रिलेक्शन के कारण सूर्य के ऊपरी सतह पर विस्फोट होते रहता है। जिसके कारण हर वक्त सूर्य से ऊर्जा निकलते रहती है। सूर्य के ऊपरी सतह का तापमान 6000 डिग्री सेल्सियस रहता है और केन्द्र का तापमान 15 मिलियन डिग्री सेल्सियस है। सूर्य पृथ्वी से 13 लाख गुना बड़ा है।

सौर मंडल में कितने ग्रह हैं उनके नाम बताइए (saurmandal mein kitne grah hain)

सौर मंडल में कितने ग्रह हैं उनके नाम बताइए (how many planets are there in the solar system)

बुध ग्रह (Mercury)

ये सौरमंडल का सबसे छोटा तथा सूर्य के सबसे निकट का ग्रह है। सूर्य से 7 करोड़ किमी की दूरी से सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है अपनी एक चक्कर पूरा करने में 58 दिन का समय लगता है। बुध ग्रह सबसे कम समय में 88 दिन में सूर्य की एक परिक्रमा पूरा करता है बुध ग्रह का व्यास 4880 किमी है इस ग्रह की कोई उपग्रह नहीं है। इसका विशिष्ट गुण है चुंबकीय क्षेत्र का होना। बुध ग्रह का गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी की अपेक्षा कम होती है।

बुध ग्रह

शुक्र ग्रह (Venus)

10 करोड़ 80 लाख किमी की दूरी पर स्थित है शुक्र सूर्य का एक चक्कर लगाने में 224 दिन 7 घंटा लगते हैं। सौरमंडल का सबसे चमकीला एवं गर्म ग्रह शुक्र ग्रह है। या अन्य ग्रहों के विपरीत दिशा में अरुण के समान पूर्व से पश्चिम की ओर परिक्रमा करता है। शुक्र पृथ्वी का निकटतम ग्रह है। इसे सांझ का तारा और भोर का तारा भी कहते हैं। इसका कोई उपग्रह नहीं है।

शुक्र ग्रह (Venus)

बृहस्पति ग्रह (Jupiter)

बृहस्पति सूर्य से 77 करोड़ 83 लाख 40 हजार 821 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बृहस्पति को सूर्य का पूरा एक चक्कर लगाने में 11 साल 117 दिन का समय लगता है। और अपना एक चक्कर लगाने में 9 घंटे 56 मिनट का समय लगता है। इसे अपनी धुरी में चक्कर लगाने में 10 घंटा सबसे कम और सूर्य के परिक्रमा करने में लगभग 12 वर्ष लगते हैं। यह ग्रह पृथ्वी से 318 गुना बड़ा है। इस ग्रह का व्यास 142984 किमी है। यह सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। इसका उपग्रह ग्यानीमीड सभी उपग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह है।

बृहस्पति ग्रह (Jupiter)

मंगल ग्रह (Mars)

मंगल ग्रह सूर्य से 23 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंगल ग्रह को सूर्य की एक चक्कर लगाने में 1 साल 322 दिन लगते हैं। और अपनी जगह एक चक्कर लगाने में 39 मिनट का समय लगता है। मंगल ग्रह का ब्यास 6794 किलोमीटर है। मंगल ग्रह पृथ्वी से छोटा है जिसके कारण इसका गुरुत्वाकर्षण बल भी पृथ्वी से कम है। इसे लाल ग्रह कहा जाता है इसका रंग लाल आयरन ऑक्साइड के कारण है।
इसके 2 उपग्रह फोबोस और डीमोस है। सौरमंडल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी ओलिपस मेसी एवं सबसे ऊंचा पर्वत निक्स ओलम्पिया इसी ग्रह पर है।

मार्स ओडेसी नामक कृत्रिम उपग्रह से मंगल पर बर्फ छत्रकों को और हिमशीतित जल की उपस्थिति की सूचना मिली है।

मंगल ग्रह (Mars)

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ) ISRO ने अपना मंगलयान (Mars Orbit Mission – MOM ) 5 नवम्बर , 2013 ई . को श्री हरिकोटा (आन्ध्रप्रदेश) से ध्रुवीय अंतरिक्ष प्रक्षेपणयान PSLV – C – 25 से प्रक्षेपित किया । यह भारत का पहला अंतराग्रहीय अभियान है ।

शनि ग्रह (Saturn)

शनि ग्रह सूर्य से 142 करोड़ 66 लाख 66 हजार 400 किलोमीटर की दूरी पर है। शनि को सूर्य का पूरा एक चक्कर लगाने में 29 साल 175 दिन का समय लगता है और अपनी जगह घूमने 10 घंटे 40 मिनट का समय लगता है। शनि ग्रह का व्यास 116460 किलोमीटर है। यह आकार में दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। इसमें (मोटी प्रकाश वाली कुंडली) वलयों की संख्या 7 है। शनि का सबसे बड़ा उपग्रह टाइटन है। जिसका पृथ्वी जैसा स्वयं का सघन वायुमंडल है।
फोबे नामक शनि का उपग्रह है जिसका घनत्व जल से भी कम है यानी इसे जल में रखने पर तैरने लगेगा।

शनि ग्रह (Saturn)

अरुण ग्रह (Uranus)

अरुण ग्रह सूर्य से 300 करोड़ 65 लाख 80 हजार किलोमीटर दूर है। वरुण ग्रह को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 84 साल लगता है और अपनी जगह पर घूमने में 17 घंटे 14 मिनट लगते हैं। अरुण ग्रह का व्यास 51 हजार 118 किलोमीटर है। यह आकार में तीसरा बड़ा ग्रह है। इसके चारों ओर 9 वलयों में 5 वलयों का नाम B.Y∆ इप्सिलोन है। इसे लेटा हुआ ग्रह कहते हैं।

अरुण ग्रह (Uranus)

वरुण ग्रह (Neptune)

वरुण ग्रह सूर्य से 439 करोड़ 83 लाख 96 हजार 44 किलोमीटर दूर है। वरुण ग्रह सूर्य का एक चक्कर लगाने में 60190 दिन लगता है पर अपनी सदा एक चक्कर लगाने में 16 घंटा 12 मिनट का समय लगता है। वरुण ग्रह दिखने में नीला है। यह सूर्य से सबसे दूर स्थित ग्रह है। यह हरे रंग का ग्रह है। इसके चारों ओर अतिशीतल मिथेन का बादल छाया हुआ है।

वरुण ग्रह (Neptune)

पृथ्वी ग्रह (Earth)

इसका एकमात्र उपग्रह चंद्रमा है। यह अपने कक्ष पर पश्चिम से पूर्व 1610 कि.मी. प्रति घंटा की चाल से 23 घंटे 56 मिनट 46 सेकेंड में एक पूरा चक्कर लगाती है। इस गति को पूर्णक या दैनिक गति कहते हैं। पृथ्वी का व्यास 12742 किमी है। पृथ्वी सूर्य से 14 करोड़ 96 लाख किलोमीटर की दूरी में है।
सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट 46 सेकेंड (लगभग 365 दिन 6 घंटे) का समय लगता है। इससे वार्षिक गति या परिक्रमण कहते हैं। इससे ऋतु परिवर्तन होता है। पृथ्वी को अपनी जगह घूमने में 1 दिन का समय लगता है। जिससे दिन और रात होती है। इसी दैनिक गति कहते हैं।

पृथ्वी ग्रह (Earth)

नोट्स: 24 अगस्त 2006 को अंतर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञानी संघ ( I.A.U) की प्राग (चेक गणराज्य) बैठक में खगोल वैज्ञानिकों ने प्लेटो का ग्रह होने का दर्जा खत्म कर दिया क्योंकि इसकी कक्ष वृत्ताकार नहीं है और यह वरुण ग्रह के लिए कक्ष से होकर गुजरती है।
नई खगोलीय व्यवस्था में प्लूटो को बौने ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है। यह सूर्य का निकटतम तारा है।

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