Mutual Fund Investment Budget 2025: म्यूचुअल फंड से जुड़ी बड़ी और महत्वपूर्ण खबर

Mutual Fund Investment Budget 2025: म्यूचुअल फंड से जुड़ी बड़ी और महत्वपूर्ण खबर

जैसे ही 2025 का बजट भाषण पेश हुआ, म्यूचुअल फंड से जुड़े निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण और लाभकारी घोषणा की गई। वित्त मंत्री ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए एक बड़ी राहत का ऐलान किया, जिससे इस क्षेत्र में निवेश कर रहे लोगों के लिए राहत की एक नई किरण दिखाई दी।

Mutual Fund Investment Budget 2025

म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए राहत:

बजट के बाद, म्यूचुअल फंड से जुड़े निवेशकों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है, और यह ख़बर सीधे तौर पर Section 194K से जुड़ी हुई है। इस धारा के तहत, म्यूचुअल फंड पर मिलने वाले डिविडेंड पर टीडीएस (TDS) की सीमा को दोगुना कर दिया गया है। यह कदम खास तौर पर उन निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित होगा, जिनका म्यूचुअल फंड से मिलने वाला डिविडेंड एक निर्धारित सीमा से अधिक होता है।

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क्या है Section 194K?

म्यूचुअल फंड निवेश से होने वाली आय पर टैक्स कटौती (TDS) से संबंधित Section 194K के बारे में जानना महत्वपूर्ण है।

  • Section 194K इनकम टैक्स की धारा है, जो म्यूचुअल फंड यूनिट्स के जरिए होने वाली आय पर स्रोत से टैक्स कटौती (TDS) को नियंत्रित करती है।

इस धारा के अनुसार, यदि किसी निवेशक को एक वित्तीय वर्ष में म्यूचुअल फंड से ₹5,000 या उससे अधिक का डिविडेंड प्राप्त होता है, तो उस पर 10% की दर से TDS (Tax Deducted at Source) कटौती लागू होती है।

बड़ी घोषणा:

अब, वित्त मंत्री के द्वारा बजट में किए गए इस ऐलान के बाद, म्यूचुअल फंड से मिलने वाले डिविडेंड पर टीडीएस की सीमा ₹5,000 से बढ़ाकर ₹10,000 कर दी गई है।

इसका मतलब यह है कि यदि किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में आपके निवेश से सालाना ₹10,000 या उससे अधिक का डिविडेंड मिलता है, तो एसेट मैनेजमेंट कंपनियां आपके डिविडेंड से 10% का TDS काटेंगी। इससे निवेशकों के लिए एक नई राहत मिलती है क्योंकि पहले इस सीमा को ₹5,000 रखा गया था, जिसके ऊपर टीडीएस लागू होता था। अब यह सीमा ₹10,000 तक बढ़ाई गई है, जिससे अधिक संख्या में निवेशकों को इसका लाभ मिलेगा।

पैन (PAN) और TDS:

अगर निवेशक ने अपना पैन (PAN) नंबर नहीं दिया है, तो इस स्थिति में TDS की दर बढ़कर 20% हो जाती है। इसलिए, अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं, तो पैन नंबर को जरूर अपडेट करें, ताकि आपको 10% की सामान्य दर से टैक्स कटौती हो सके।

यह भी ध्यान में रखना ज़रूरी है कि म्यूचुअल फंड यूनिट्स की बिक्री से होने वाले पूंजीगत लाभ (Capital Gains) पर TDS लागू नहीं होता है। TDS केवल डिविडेंड आय पर ही लागू होता है, जो निवेशक को म्यूचुअल फंड यूनिट्स से प्राप्त होता है।

फॉर्म 15G/15H का लाभ:

अब, एक और राहत है जो निवेशकों के लिए खास है। अगर आपकी कुल आय कर-मुक्त सीमा (Income Tax Exemption Limit) के भीतर है, तो आप फॉर्म 15G (गैर-वरिष्ठ नागरिकों के लिए) या फॉर्म 15H (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) भर सकते हैं।

  • फॉर्म 15G का इस्तेमाल गैर-वरिष्ठ नागरिक कर सकते हैं, जिनकी कुल आय कर-मुक्त सीमा के भीतर है।
  • फॉर्म 15H वरिष्ठ नागरिकों के लिए होता है, जो अपने आयकर दायित्वों से मुक्त हैं।

इन फॉर्म्स को जमा करने से निवेशक TDS कटौती से बच सकते हैं, क्योंकि ये फॉर्म यह साबित करते हैं कि उनकी कुल आय कर-मुक्त सीमा के भीतर है और उन पर TDS लागू नहीं होना चाहिए।

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निष्कर्ष:

म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए यह बजट एक बड़ा बदलाव लेकर आया है। डिविडेंड पर टीडीएस की सीमा को ₹5,000 से बढ़ाकर ₹10,000 करना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो निवेशकों को राहत प्रदान करेगा। इसके साथ ही, पैन नंबर के महत्व को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है, क्योंकि बिना पैन के TDS की दर बढ़कर 20% हो जाती है।

इसके अलावा, फॉर्म 15G और 15H के जरिए TDS कटौती से बचने का एक आसान तरीका भी उपलब्ध है, खासकर उन निवेशकों के लिए जिनकी कुल आय कर-मुक्त सीमा के भीतर आती है।

इस तरह के बदलाव म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं और उन्हें वित्तीय साल 2025 में अपने निवेश पर अधिक लाभ प्राप्त करने का मौका मिल सकता है।

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