SIP Withdrawal Tax: एसआईपी से 1 करोड़ Withdrawal करने पर कितना टैक्स लगेगा? जाने पूरी कैलकुलेशन
आज के दौर में म्यूचुअल फंड निवेश का एक प्रमुख माध्यम बन चुका है। सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए लोग लंबी अवधि में अच्छा खासा रिटर्न कमा रहे हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यदि आप SIP के माध्यम से 1 करोड़ रुपये कमाते हैं और इसे निकालते हैं, तो आपको कितना टैक्स देना होगा? इसका सीधा उत्तर आपकी होल्डिंग अवधि और फंड के प्रकार (इक्विटी या डेट) पर निर्भर करता है। इस आर्टिकल में हम विस्तार से समझेंगे कि SIP से 1 करोड़ रुपये निकालने पर कैपिटल गेन टैक्स कैसे लागू होता है और आप टैक्स बचाने के लिए कौन-सी रणनीतियां अपना सकते हैं।
कैसे काम करता है SIP और इससे अर्जित लाभ पर टैक्स?
SIP निवेशक हर महीने एक निश्चित राशि अपने चुने हुए म्यूचुअल फंड में डालते हैं। यह निवेशक को कंपाउंडिंग का लाभ देता है और समय के साथ बड़ा रिटर्न उत्पन्न करता है। लेकिन जब निवेशक इसे निकालता है, तो उस पर कैपिटल गेन टैक्स लागू होता है।
कैपिटल गेन टैक्स दो कारकों पर निर्भर करता है:
- फंड का प्रकार: क्या यह इक्विटी म्यूचुअल फंड है या डेट म्यूचुअल फंड?
- होल्डिंग अवधि: आपका निवेश शॉर्ट-टर्म (कम समय) है या लॉन्ग-टर्म (लंबे समय तक)?
नीचे इन दोनों प्रकारों के टैक्सेशन को विस्तार से समझाया गया है।
इक्विटी म्यूचुअल फंड पर टैक्सेशन
यदि म्यूचुअल फंड में 65% या अधिक निवेश इक्विटी में है, तो टैक्स इस प्रकार लगेगा:
1. शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG):
- यदि निवेश अवधि 1 वर्ष या उससे कम हो, तो आपको लाभ पर 15% टैक्स देना होगा।
- उदाहरण: यदि आपने 1 करोड़ रुपये निकाला और इसमें 50 लाख रुपये का लाभ है, तो आपको 7.5 लाख रुपये (50 लाख × 15%) टैक्स देना होगा।
2. लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG):
- यदि निवेश अवधि 1 वर्ष से अधिक हो, तो पहले 1 लाख रुपये का लाभ टैक्स-फ्री होगा। उसके बाद, बचे हुए लाभ पर 10% टैक्स लागू होगा।
- उदाहरण: यदि आपने 50 लाख रुपये का लाभ कमाया, तो 1 लाख रुपये टैक्स-फ्री होगा और 49 लाख रुपये पर 10% यानी 4.9 लाख रुपये टैक्स देना होगा।
डेट म्यूचुअल फंड पर टैक्सेशन
यदि म्यूचुअल फंड में 65% से कम निवेश इक्विटी में है, तो टैक्स इस प्रकार लागू होगा:
1. शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG):
- यदि निवेश अवधि 3 वर्ष या उससे कम हो, तो लाभ आपकी कुल आय में जुड़कर आपकी टैक्स स्लैब के अनुसार करयोग्य होगा।
- उदाहरण: यदि आप 30% टैक्स स्लैब में आते हैं और आपका लाभ 30 लाख रुपये है, तो आपको 9 लाख रुपये (30 लाख × 30%) टैक्स देना होगा।
2. लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG):
- यदि निवेश अवधि 3 वर्ष से अधिक हो, तो 1 अप्रैल 2023 से डेट फंड पर भी शॉर्ट-टर्म जैसा टैक्स लगेगा। लाभ को आपकी कुल आय में जोड़ा जाएगा और आपकी टैक्स स्लैब के अनुसार करयोग्य होगा।
हाइब्रिड (Balanced) फंड पर टैक्सेशन
- यदि फंड में 65% से अधिक इक्विटी है, तो इस पर इक्विटी फंड की तरह टैक्स लगेगा।
- यदि 65% से कम इक्विटी है, तो इस पर डेट फंड की तरह टैक्स लगेगा।
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कैसे बचाएं टैक्स?
यदि आप SIP से निकासी पर टैक्स कम करना चाहते हैं, तो इन रणनीतियों को अपनाएं:
1. SWP (सिस्टमैटिक विड्रावल प्लान) अपनाएं:
- एक बार में पूरी निकासी करने के बजाय हर साल धीरे-धीरे राशि निकालें, ताकि आप LTCG छूट (1 लाख रुपये तक टैक्स-फ्री) का लाभ उठा सकें।
2. स्टैगर्ड विड्रावल करें:
- यदि आपका लाभ बहुत अधिक है, तो एक ही वित्तीय वर्ष में सब कुछ निकालने की बजाय इसे कई वर्षों में वितरित करें ताकि आप निचले टैक्स स्लैब में रहें।
3. HUF या अन्य फैमिली मेंबर के नाम निवेश करें:
- यदि आपके परिवार में कोई ऐसा सदस्य है जिसकी टैक्सेबल इनकम कम है, तो उनके नाम से निवेश करें और कम टैक्स दर पर निकासी करें।
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SIP टैक्स कैलकुलेटर: कितना टैक्स लगेगा?
यदि आप जानना चाहते हैं कि SIP से निकासी पर कितना टैक्स लगेगा, तो आप SIP टैक्स कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं। यह आपके निवेश का डेटा लेकर आपको एक स्पष्ट गणना प्रदान करेगा कि आपको कितना टैक्स देना होगा।
निष्कर्ष
SIP के माध्यम से 1 करोड़ रुपये कमाना निश्चित रूप से एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन सही टैक्स प्लानिंग के बिना आपको बड़ा नुकसान भी हो सकता है। इक्विटी और डेट फंड के अलग-अलग टैक्स नियम हैं, जिन्हें समझना और सही रणनीति अपनाना आवश्यक है। टैक्स बचाने के लिए SWP, स्टैगर्ड विड्रावल और परिवार के नाम निवेश जैसे उपाय अपनाएं।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। निवेश करने से पहले किसी प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।