Home Loan EMI: सैलरी के हिसाब से कितना मिल सकता है लोन? ।। कितना होना चाहिए सिबिल स्कोर (CIBIL Score)
आज के समय में होम लोन लेना सिर्फ एक ज़रूरत नहीं, बल्कि एक ट्रेंड बन चुका है। खासतौर पर बेस्ट होम लोन स्कीम, सस्ता होम लोन कैसे लें, और होम लोन के फायदे, कहां सबसे सस्ता होम लोन मिला है जैसे सवालों का जवाब हर कोई पाना चाहता हैं। कोरोना महामारी के बाद, जब लोगों ने अपने घर की अहमियत को और अधिक महसूस किया, तब से बैंक से होम लोन कैसे लें यह एक आम सवाल बन गया है। लेकिन एक घर खरीदना या बनाना आसान नहीं है, क्योंकि बढ़ती महंगाई और सस्ती होम लोन दरें लगातार बदल रही हैं। यही कारण है कि अधिकतर लोग बैंकों से लो इंटरेस्ट रेट होम लोन लेकर अपने सपनों का घर बनाते हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि होम लोन की पात्रता आपकी सैलरी के हिसाब से कितनी होगी? आइए, इस पूरी प्रक्रिया को विस्तार से समझते हैं।
घर बनाना अब एक सपना क्यों बन गया है?
हर कोई चाहता है कि उसका खुद का घर हो, लेकिन जमीन और निर्माण सामग्री की बढ़ती कीमतों ने इस सपने को हकीकत से दूर कर दिया है। आजकल एक घर बनाने में 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक खर्च हो सकते हैं। इतनी बड़ी रकम एक आम इंसान के लिए जुटाना मुश्किल होता है, इसलिए बेस्ट होम लोन ऑप्शन खोजना जरूरी हो जाता है।
होम लोन लेते समय बैंक कई पहलुओं पर विचार करता है, जैसे कि आपकी होम लोन की न्यूनतम सैलरी, आपकी नौकरी की स्थिरता और आपका होम लोन के लिए क्रेडिट स्कोर। एक अच्छा CIBIL स्कोर बैंक को यह भरोसा दिलाता है कि आप समय पर होम लोन ईएमआई चुका पाएंगे।
बैंक होम लोन देते समय किन बातों का ध्यान रखता है?
होम लोन लेने के लिए बैंक आपकी वित्तीय स्थिति की पूरी तरह से जांच करता है। दो प्रमुख कारक जो बैंक को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं:
- सिबिल स्कोर (CIBIL Score) – सबसे पहले बैंक यह देखता है कि आपका सिबिल स्कोर (CIBIL Score) कितना है अगर आप होम लोन, पर्सनल लोन या किसी अन्य प्रकार के लोन के लिए अप्लाई करना चाहते हैं, तो आपका CIBIL स्कोर 750+ होना बहुत ज़रूरी है। इसे सुधारने के लिए EMI और बिल समय पर चुकाएं, क्रेडिट कार्ड लिमिट का पूरा इस्तेमाल न करें, फालतू लोन न लें और क्रेडिट हिस्ट्री बनाए रखें। सही फाइनेंशियल आदतों को अपनाकर आप आसानी से अपना CIBIL स्कोर सुधार सकते हैं और बैंकों से कम ब्याज दर पर लोन प्राप्त कर सकते हैं।
- मासिक आय (Monthly Income) के अनुसार लोन पात्रता – बैंक यह देखता है कि आप हर महीने कितनी कमाई करते हैं और क्या आप होम लोन ईएमआई कैलकुलेटर के अनुसार EMI चुका सकते हैं।
इसके अलावा, बैंक यह भी देखता है कि आपके ऊपर पहले से कोई अन्य लोन तो नहीं चल रहा है। अगर आप पहले से किसी लोन की EMI भर रहे हैं, तो इससे आपके सस्ते होम लोन की पात्रता पर असर पड़ सकता है।
बैंक आपकी इनकम की जांच कैसे करता है?
बैंक आपकी आय को दो मुख्य आधारों पर परखता है:
- नेट इनकम (Net Income) से होम लोन पात्रता – यह वह राशि होती है जो आपकी सैलरी से टैक्स, PF, और अन्य कटौतियों के बाद आपके खाते में आती है।
- इनकम स्टेबिलिटी (Income Stability) से होम लोन अप्लाई करना – आपकी नौकरी कितनी स्थिर है और क्या आपकी आमदनी लंबे समय तक जारी रहेगी। अगर आप किसी प्रतिष्ठित कंपनी में काम कर रहे हैं, तो बैंक को आप पर अधिक भरोसा होता है।
नेट इनकम और ग्रॉस इनकम में क्या फर्क होता है?
जब आप किसी कंपनी में नौकरी जॉइन करते हैं, तो आपकी ग्रॉस सैलरी बताई जाती है। लेकिन बैंक इस पूरी सैलरी को आधार नहीं बनाता। आपकी सैलरी से PF, इनकम टैक्स और इंश्योरेंस जैसी कटौतियां होती हैं। कटौती के बाद जो पैसा आपके बैंक अकाउंट में आता है, वही आपकी नेट इनकम से होम लोन कैलकुलेशन के लिए उपयोग किया जाता है।
होम लोन की पात्रता इसी नेट इनकम के आधार पर तय होती है। इसके अलावा आपकी दूसरी देनदारियों जैसे कि पहले से चल रहे लोन, बच्चों की फीस या किराया जैसी बातों को भी बैंक ध्यान में रखता है। इसे Effective Loan Eligibility कहा जाता है।
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Eligibility Multiplier: बैंक कैसे तय करता है कि आपको कितना लोन मिलेगा?
बैंक आपकी सालाना आय के आधार पर एक होम लोन एलिजिबिलिटी कैलकुलेटर का उपयोग करता है जिससे यह तय होता है कि आपको कितना लोन मिल सकता है।
1. ग्रॉस इनकम पर आधारित लोन (Gross Eligibility Multiplier)
- अगर आपकी महीने की सैलरी ₹1 लाख है, तो सालाना सैलरी ₹12 लाख होगी।
- बैंक आमतौर पर आपकी सैलरी का 4-5 गुना लोन देता है, यानी आपको ₹48-50 लाख तक का लोन मिल सकता है।
2. नेट इनकम पर आधारित लोन (Net Eligibility Multiplier)
- टैक्स कटने के बाद आपकी नेट इनकम ₹9 लाख सालाना है।
- बैंक इस पर 6 गुना तक का लोन दे सकता है, यानी ₹54 लाख तक का लोन संभव है।
बैंक यह भी देखता है कि आपके मासिक खर्चों के बाद आपकी डिस्पोजेबल इनकम कितनी बचती है। आमतौर पर, आपकी EMI आपकी नेट इनकम के 40% से अधिक नहीं होनी चाहिए।
होम लोन की EMI तय करने का तरीका
होम लोन लेते समय यह जानना जरूरी होता है कि आपकी मासिक किस्त (EMI) कितनी होगी और यह आपकी इनकम के हिसाब से कितनी उपयुक्त होगी। आमतौर पर बैंक आपकी नेट इनकम (खर्च के बाद बची हुई रकम) के आधार पर यह तय करता है कि आपकी EMI कितनी होनी चाहिए।
बैंक EMI तय करने के लिए किन बातों का ध्यान रखता है?
- नेट इनकम – आपकी सैलरी से सभी जरूरी खर्चों को घटाने के बाद जो रकम बचती है, वही आपकी डिस्पोजेबल इनकम होती है।
- EMI-to-Income Ratio – बैंक आमतौर पर आपकी नेट इनकम का 40% तक EMI के रूप में स्वीकार करता है।
- लोन की अवधि (Tenure) – लोन की अवधि जितनी लंबी होगी, EMI उतनी ही कम होगी।
- ब्याज दर (Interest Rate) – ब्याज दर ज्यादा होगी, तो EMI भी ज्यादा होगी।
- क्रेडिट स्कोर – आपका CIBIL स्कोर अच्छा है, तो आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है, जिससे EMI कम होगी।
EMI कैलकुलेशन का उदाहरण
मान लीजिए कि आपकी नेट इनकम ₹45,000 है, तो:
- आपकी अधिकतम EMI ₹18,000 – ₹20,000 हो सकती है।
- इस हिसाब से बैंक आपको ₹45 लाख से ₹50 लाख तक का लोन दे सकता है (यह ब्याज दर और अवधि पर निर्भर करेगा)।
EMI का फॉर्मूला
बैंक EMI निकालने के लिए यह फॉर्मूला इस्तेमाल करता है:
जहाँ,
🔹 P = लोन की राशि
🔹 r = मासिक ब्याज दर (वार्षिक दर / 12)
🔹 n = लोन की अवधि (महीनों में)
कैसे करें EMI कम?
- अवधि बढ़ाएं – 20 साल की बजाय 25 या 30 साल का लोन लें, जिससे EMI कम हो जाएगी।
- अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाए रखें – इससे कम ब्याज दर पर लोन मिलेगा।
- ब्याज दर की तुलना करें – अलग-अलग बैंकों की दरें चेक करें और सबसे सस्ते लोन का चयन करें।
- अग्रिम भुगतान (Prepayment) करें – बीच-बीच में कुछ रकम जमा करके ब्याज का बोझ कम करें।
अगर आप होम लोन लेना चाहते हैं, तो अपनी इनकम के अनुसार EMI तय करें और बैंक से अच्छे ऑफर की तुलना जरूर करें!
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निष्कर्ष
अगर आप बैंक से होम लोन कैसे लें, बेस्ट होम लोन इंटरेस्ट रेट, होम लोन की न्यूनतम सैलरी और होम लोन ईएमआई कैलकुलेटर जैसे टॉपिक्स पर रिसर्च कर रहे हैं, तो सबसे पहले अपनी वित्तीय स्थिति को अच्छे से परख लें। अपनी नेट इनकम, इनकम स्टेबिलिटी और सिबिल स्कोर को सुधारें ताकि आपको बेस्ट होम लोन रेट मिल सके। सही प्लानिंग और डॉक्यूमेंटेशन के साथ, आप अपने सपनों का घर बना सकते हैं और बिना किसी वित्तीय बोझ के इसे आराम से चुका सकते हैं।