संस्कृति है क्या? पाठ का प्रश्न उत्तर क्लास 9 WB Class 9 Hindi Solutions Chapter 3 With PDF

संस्कृति है क्या? पाठ का प्रश्न उत्तर क्लास 9 WB Class 9 Hindi Solutions Chapter 3 With PDF

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संस्कृति है क्या? पाठ का प्रश्न उत्तर क्लास 9 WB Class 9 Hindi Solutions Chapter 3 With PDF

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न – 1 : ‘संस्कृति है क्या ?’ पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखें।

उत्तर :
‘संस्कृति है क्या?’ निबंध में रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी ने संस्कृति और सभ्यता के बीच का अंतर स्पष्ट किया है। उनके अनुसार, संस्कृति का संबंध मनुष्य के आंतरिक गुणों, जैसे दया, प्रेम, करुणा, सत्य, और सदाचार से होता है, जबकि सभ्यता बाहरी सुख-सुविधाओं और भौतिक साधनों से जुड़ी होती है।

दिनकर बताते हैं कि सभ्यता की भव्यता जरूरी नहीं कि सुसंस्कृति को जन्म दे। उदाहरणस्वरूप, आदिवासी भले ही आधुनिक तकनीकों से दूर हैं, फिर भी उनके आचरण में मानवता, परोपकार और नैतिकता है, इसलिए वे सुसंस्कृत माने जा सकते हैं।

वे यह भी कहते हैं कि संस्कृति का निर्माण एक दिन में नहीं होता, बल्कि सैकड़ों वर्षों के अनुभव और जीवन-मूल्यों के आधार पर होता है। भारत की संस्कृति इसलिए महान है क्योंकि इसमें विभिन्न संस्कृतियों का समावेश हुआ है। अंत में दिनकर यही संदेश देते हैं कि संस्कृति का विकास आदान-प्रदान और संपर्क से होता है, अलगाव से नहीं।

प्रश्न – 2 : ‘संस्कृति है क्या?’ पाठ का मूल भाव लिखें।

उत्तर :
इस निबंध का मूल भाव यह है कि संस्कृति किसी भी समाज की आत्मा होती है, जो मनुष्य के विचार, आचरण और व्यवहार में प्रकट होती है। संस्कृति केवल बाहरी वस्तुओं या सुविधाओं से नहीं मापी जाती, बल्कि यह मनुष्य के भीतर के सद्गुणों, जैसे करुणा, प्रेम, संयम, सहिष्णुता आदि से पहचानी जाती है।

दिनकर यह सिद्ध करते हैं कि संस्कृति का निर्माण आदान-प्रदान से होता है और भारत की संस्कृति इसलिए महान है क्योंकि इसमें अनेक परंपराओं और विचारों का समन्वय है। संस्कृति के विकास के लिए खुलेपन, संपर्क और सहिष्णुता की आवश्यकता होती है।

प्रश्न – 3 : ‘संस्कृति है क्या?’ निबंध के माध्यम से दिनकर हमें क्या संदेश देना चाहते हैं?

उत्तर :
दिनकर इस निबंध के माध्यम से यह संदेश देना चाहते हैं कि सच्ची संस्कृति वही होती है जो मनुष्य के अंदर के गुणों से प्रकट होती है, न कि केवल बाहरी रूप से। वे हमें यह समझाना चाहते हैं कि सभ्यता और संस्कृति अलग चीजें हैं — सभ्यता बाहरी विकास है जबकि संस्कृति आंतरिक विकास का प्रतीक है।

वे यह भी बताते हैं कि जो समाज या देश अन्य संस्कृतियों से खुद को काटकर रखता है, उसका पतन निश्चित होता है। इसलिए विभिन्न संस्कृतियों के बीच संपर्क और विचारों का आदान-प्रदान जरूरी है। दिनकर अंत में कहते हैं कि भारत की एकता, विविधता में निहित है, और यही उसकी सबसे बड़ी सांस्कृतिक विशेषता है।

प्रश्न – 4 : ‘संस्कृति है क्या?’ पाठ में व्यक्त दिनकर के विचारों पर प्रकाश डालें।

उत्तर :
‘संस्कृति है क्या?’ पाठ में दिनकर जी ने संस्कृति की गहराई को आत्मिक दृष्टिकोण से समझाते हुए इसे केवल बाहरी रीति-रिवाजों या भौतिक उपलब्धियों से नहीं, बल्कि आत्मिक और नैतिक मूल्यों से जोड़ा है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि सभ्यता और संस्कृति में अंतर है—जहाँ सभ्यता बाहरी विकास और तकनीकी प्रगति को दर्शाती है, वहीं संस्कृति आंतरिक सुधार, नैतिकता और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है। दिनकर के अनुसार, संस्कृति किसी एक जाति, धर्म या समाज की बपौती नहीं, बल्कि समय, अनुभव और समावेशी विचारधारा से निर्मित होती है। उनका मानना है कि संस्कृति अलगाव में नहीं, बल्कि विभिन्नता के संपर्क, संवाद और समन्वय से विकसित होती है। भारतीय संस्कृति का उदाहरण देते हुए उन्होंने इसे सामासिक संस्कृति कहा है, जहाँ विभिन्न भाषाएँ, धर्म और जीवनशैली एक सूत्र में पिरोए गए हैं। उनके विचारों में यह भी स्पष्ट है कि सच्चा सुसंस्कृत वही होता है जो अपने अहं और विकारों पर विजय पाकर मानवता, सहिष्णुता और सत्य जैसे मूल्यों को अपनाता है।

प्रश्न – 5 : ‘संस्कृति है क्या?’ पाठ के उद्देश्य पर प्रकाश डालें।

उत्तर :
इस पाठ का उद्देश्य विद्यार्थियों को संस्कृति की सही परिभाषा, उसका महत्व, और सभ्यता से अंतर को समझाना है। दिनकर ने यह बताने का प्रयास किया है कि संस्कृति किसी विशेष जाति, धर्म या क्षेत्र की नहीं होती, बल्कि यह मनुष्य की समग्र चेतना, मानवीय मूल्यों और नैतिक गुणों की परिचायक होती है।

इस निबंध का उद्देश्य यह भी है कि भारत जैसी बहुधर्मी और बहुभाषी सभ्यता में भी एक साझा संस्कृति है, जो विभिन्नताओं को जोड़ती है और एकता को मजबूत करती है। पाठ छात्रों को यह सिखाता है कि संस्कृति को खुले मन से अपनाना चाहिए और अलगाव नहीं, संवाद जरूरी है।

प्रश्न 6: ‘संस्कृति है क्या?’ निबंध के आधार पर संस्कृति और समाज के संबंध स्पष्ट करें।

उत्तर :
रामधारी सिंह ‘दिनकर’ के अनुसार संस्कृति और समाज का गहरा संबंध है। संस्कृति समाज की आत्मा होती है, जो उस समाज के लोगों के विचारों, व्यवहारों, विश्वासों और मूल्यों में प्रकट होती है। जिस समाज में करुणा, दया, सेवा, संयम, सहिष्णुता जैसे गुण होते हैं, वह समाज सुसंस्कृत कहलाता है।

दिनकर कहते हैं कि संस्कृति केवल किसी जाति, धर्म या वर्ग की नहीं होती, बल्कि यह सामूहिक आचरण और मानवीयता का प्रतीक होती है। समाज की परंपराएँ, भाषा, रीति-रिवाज़, कला, साहित्य, संगीत और जीवन-दर्शन मिलकर संस्कृति का निर्माण करते हैं।

संस्कृति का प्रभाव समाज की सोच और कार्यशैली पर पड़ता है और समाज की संस्कृति उसके लोगों को एकजुट करती है। इसलिए संस्कृति समाज को दिशा देती है और उसे नैतिक रूप से मजबूत बनाती है।

प्रश्न 7: दिनकर के विचार के अनुसार संस्कृति और सभ्यता में क्या अंतर है?

उत्तर :
दिनकर के अनुसार संस्कृति और सभ्यता दो अलग-अलग चीज़ें हैं, जिन्हें अक्सर लोग एक ही मान लेते हैं। उनका अंतर निम्नलिखित है:

बिंदुसंस्कृतिसभ्यता
स्वरूपआंतरिक (भीतर की चीज)बाह्य (बाहरी चीजें)
पहचानविचारों, आचरण, मूल्यों सेभौतिक सुख-सुविधाओं, वस्तुओं से
उदाहरणकरुणा, दया, संयम, सदाचारसड़कें, भवन, रेल, विज्ञान
मूल्यनैतिकता और मानवतातकनीकी और भौतिक उन्नति
टिकाऊपनअधिक टिकाऊआसानी से नष्ट हो सकती है
निर्माणवर्षों की साधना और जीवन मूल्यों सेवैज्ञानिक व तकनीकी विकास से

दिनकर यह भी कहते हैं कि सभ्यता के भीतर संस्कृति उसी तरह छिपी रहती है जैसे दूध में मक्खन। अर्थात, सुसभ्य व्यक्ति जरूरी नहीं सुसंस्कृत हो, लेकिन सुसंस्कृत व्यक्ति सभ्यता को आत्मसात कर सकता है।

प्रश्न 8: पाठ के आधार पर संस्कृति तथा सभ्यता में अंतर लिखें।

उत्तर :
‘संस्कृति है क्या?’ निबंध के आधार पर संस्कृति तथा सभ्यता में स्पष्ट अंतर निम्नलिखित रूप में समझा जा सकता है:

  • संस्कृति एक व्यक्ति या समाज के आंतरिक मूल्यों का प्रतिफल है, जैसे – दया, प्रेम, सेवा, सत्य, परोपकार आदि।
  • सभ्यता हमारे बाहरी जीवन की सुविधाओं और उपकरणों से जुड़ी होती है, जैसे – मकान, गाड़ी, सड़क, विज्ञान, तकनीक आदि।

दिनकर के अनुसार, किसी व्यक्ति के पास सभ्यता के सारे उपकरण हो सकते हैं लेकिन वह सुसंस्कृत हो, यह जरूरी नहीं। उदाहरण के लिए, छोटानागपुर के आदिवासी भले ही आधुनिक तकनीक से दूर हैं, पर उनके जीवन में मानवीय गुण अधिक हैं, इसलिए वे सुसंस्कृत माने जा सकते हैं।

संस्कृति का निर्माण धीरे-धीरे होता है, यह सदियों के अनुभव और मूल्यों का संग्रह होती है। वहीं सभ्यता कुछ समय में बनाई और नष्ट की जा सकती है।

निष्कर्षतः, संस्कृति समाज के मूल्यों को संरक्षित करती है जबकि सभ्यता समाज को भौतिक रूप से उन्नत बनाती है। दोनों का संतुलन समाज के संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक है।

ससंदर्भ आलोचनात्मक व्याख्या

प्रश्न 1.
संस्कृति ऐसी चीज है, जिसे लक्षणों से तो हम जान सकते हैं, किन्तु उसकी परिभाषा नहीं दे सकते।
– लेखक का नाम लिखें। पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर:
इस पंक्ति के लेखक रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हैं।
इसका मतलब है कि संस्कृति को हम किसी की आदतों, व्यवहार या सोच से समझ सकते हैं, लेकिन इसकी एक सीधी-साधी परिभाषा देना कठिन है। जैसे—संस्कृति हमारे भीतर होती है, जबकि सभ्यता हमारे बाहर दिखाई देती है।

प्रश्न 2.
हर सुसभ्य आदमी सुसंस्कृत ही होता है, ऐसा नहीं कहा जा सकता।
यह भी नहीं कहा जा सकता कि हर सुसंस्कृत आदमी सभ्य ही होता है।

– यह पंक्ति कहाँ से ली गई है । पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर:
यह पंक्तियाँ ‘संस्कृति है क्या?’ निबंध से ली गई हैं।
दिनकर जी कहना चाहते हैं कि सभ्यता और संस्कृति अलग-अलग चीजें हैं। कोई आदमी अच्छे कपड़े पहनता है, गाड़ी में चलता है, इसका मतलब यह नहीं कि वह सुसंस्कृत भी है। इसी तरह कोई साधारण जीवन जीता है, लेकिन उसका व्यवहार बहुत अच्छा है, तो वह सुसंस्कृत हो सकता है।

प्रश्न 4.
उसे सुसंस्कृत समझने में कोई उज्र नहीं होना चाहिए।

– आशय स्पष्ट कीजिए 
उत्तर:
यह बात आदिवासियों के बारे में कही गई है।
हालाँकि उनके पास महंगे साधन नहीं होते, लेकिन वे सच्चे, दयालु और ईमानदार होते हैं। इसलिए उन्हें सुसंस्कृत कहा जा सकता है, क्योंकि संस्कृति का मतलब केवल बाहर की चीजों से नहीं होता।

प्रश्न 5. वे जाति की संस्कृति का निर्माण करते थे।

-‘वे’ से किसकी ओर संकेत है?
उत्तर:
यहाँ ‘वे’ शब्द ऋषियों के लिए है।
ऋषि सादा जीवन जीते थे, वे फूस की झोपड़ी में रहते थे, लेकिन उनका आचरण बहुत ही ऊँचा था। इसलिए भले ही वे सभ्य न दिखें, पर वे सुसंस्कृत थे और समाज को दिशा देने वाले भी थे।

प्रश्न 6 .
उसकी संस्कृति भी उतनी ही ऊँची समझी जाती है।

– आशय स्पष्ट कीजिए 
उत्तर:
इसका मतलब है – जो लोग बुरी चीजों जैसे क्रोध, लालच, मोह, कामना आदि पर नियंत्रण रखते हैं, उनकी संस्कृति बहुत ऊँची मानी जाती है। असली संस्कृति वही है जो हमें बुराइयों से दूर रखे।

प्रश्न 7.
संस्कृति, सभ्यता की अपेक्षा महीन चीज होती है।

– आशय स्पष्ट कीजिए 
उत्तर:
इसका अर्थ है – सभ्यता को हम देख सकते हैं, जैसे कपड़े, मकान, गाड़ी आदि। लेकिन संस्कृति हमारे अंदर होती है, जैसे विचार, व्यवहार और सोच। जैसे फूल दिखता है लेकिन उसकी खुशबू दिखाई नहीं देती – उसी तरह संस्कृति होती है।

प्रश्न 8.
‘अपस्टार्ट’ को लोग बुरा समझते हैं।

क्यों ‘अपस्टार्ट’ को लोग बुरा समझते हैं।
उत्तर:
क्योंकि जब कोई आदमी अचानक अमीर हो जाता है या कोई ऊँचा पद पा जाता है, तो वह तुरंत वैसा आचरण नहीं कर पाता जैसा उस पद को शोभा देता है। इसलिए ऐसे लोगों को अंग्रेज़ी में ‘अपस्टार्ट’ कहा जाता है।

प्रश्न 9.
जिसका जैसा संस्कार है, उसका वैसा ही पुनर्जन्म भी होता है।

– आशय स्पष्ट कीजिए
उत्तर:
इसका अर्थ है – हमारे अच्छे या बुरे कर्मों का असर अगले जन्म में भी होता है। अच्छे संस्कारों वाले लोगों को फिर से अच्छा जीवन मिलता है। यही पुनर्जन्म का सिद्धांत है, जिसे सभी भारतीय धर्म मानते हैं।

प्रश्न 10.
आदान-प्रदान की प्रक्रिया संस्कृति की जान है।

– आशय स्पष्ट कीजिए
उत्तर:
संस्कृति तब ही बढ़ती और समृद्ध होती है जब वह दूसरों से कुछ लेती और कुछ देती है। कोई भी संस्कृति अगर सिर्फ अपनी बातों को सही माने और दूसरों से कुछ न सीखे, तो वह धीरे-धीरे कमजोर हो जाती है।

प्रश्न 11.
जो जाति केवल देना ही जानती है, लेना कुछ नहीं…

– आशय स्पष्ट कीजिए
उत्तर:
यदि कोई समाज या जाति दूसरों से कुछ नहीं सीखती और अपने ही घमंड में रहती है, तो उसकी संस्कृति एक दिन खत्म हो जाती है। संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए खुले मन से सीखना जरूरी होता है।

प्रश्न 12.
पहले एक भाषा में ‘शेली’ और ‘कीट्स’ पैदा होते हैं…
उत्तर:
दूसरी संस्कृति या भाषा से संपर्क होने पर साहित्य, दर्शन और सोचने के तरीके पर भी असर पड़ता है। जैसे–रवींद्रनाथ टैगोर पर अंग्रेज़ी के कवियों शेली और कीट्स का प्रभाव पड़ा था।

प्रश्न 13.
एक देश में जो धर्म खड़ा होता है, वह दूसरे देशों के धर्मों को भी बदल देता है।
उत्तर:
जब कोई नया विचार या धर्म किसी देश में आता है, तो वह दूसरे देशों के धर्मों और सोच पर भी असर डालता है। जैसे–ईसा मसीह के विचारों पर बुद्ध के विचारों का असर था। इसी तरह भारत का यूरोप से संपर्क होने पर यहाँ नवजागरण आया और समाज-सुधारक पैदा हुए।

प्रश्न 14.
भारत देश और भारतीय जाति इस दृष्टि से संसार में सबसे महान है।
उत्तर:
यह पंक्ति रामधारी सिंह ‘दिनकर’ के निबंध ‘संस्कृति है क्या?’ से ली गई है।
भारत ने बहुत-सी संस्कृतियों को अपनाया है, लेकिन अपनी संस्कृति को भी बनाए रखा। यही बात उसे दुनिया में सबसे महान बनाती है। यहाँ सब धर्मों और संस्कृतियों का सम्मान होता है और सबमें मेल-मिलाप की भावना है।

अति लघु उत्तरीय एवं लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. संस्कृति क्या होती है?
उत्तर: संस्कृति को शब्दों में ठीक से परिभाषित नहीं किया जा सकता, इसे सिर्फ हमारे व्यवहार और आदतों से समझा जा सकता है।

प्रश्न 2. अंग्रेजी में संस्कृति को कैसे समझाया गया है?
उत्तर: अंग्रेजी में कहा गया है कि संस्कृति वह गुण है जो हमारे अंदर होता है।

प्रश्न 3. अंग्रेजी में सभ्यता को कैसे बताया गया है?
उत्तर: सभ्यता वह चीज़ है जो हमारे पास होती है, जैसे – सुख-सुविधाएं।

प्रश्न 4. क्या हर सुसंस्कृत व्यक्ति सभ्य होता है? क्यों?
उत्तर: नहीं, क्योंकि कोई व्यक्ति अच्छे गुणों वाला (सुसंस्कृत) हो सकता है लेकिन उसके पास सभ्यता की चीजें (जैसे – घर, गाड़ी) न हो।

प्रश्न 5. छोटानागपुर के आदिवासी पूर्ण रूप से सभ्य क्यों नहीं कहे जाते?
उत्तर: क्योंकि उनके पास आधुनिक सुख-सुविधाओं वाले यंत्र या साधन नहीं हैं।

प्रश्न 6. छोटानागपुर के आदिवासियों में कौन से अच्छे गुण हैं?
उत्तर: उनके अंदर दया, माया, सच्चाई और अच्छे व्यवहार जैसे गुण हैं।

प्रश्न 7. पुराने समय के ऋषि कैसे रहते थे?
उत्तर: वे झोपड़ियों में रहते थे, मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाते थे और पत्तों पर खाते थे।

प्रश्न 8. भारतीय संस्कृति को किसने बनाया?
उत्तर: हमारी संस्कृति को ऋषियों और पुराने कलाकारों ने बनाया जो सादा जीवन जीते थे।

प्रश्न 9. संस्कृति और सभ्यता के बीच कैसा संबंध है?
उत्तर: दोनों एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं और साथ-साथ आगे बढ़ते हैं।

प्रश्न 10. घर बनाना किसका उदाहरण है?
उत्तर: घर बनाना सभ्यता का उदाहरण है।

प्रश्न 11. मनुष्य की कुछ प्राकृतिक आदतें कौन-सी हैं?
उत्तर: गुस्सा करना, लालच करना, ईर्ष्या और मोह जैसे भाव मनुष्य की स्वाभाविक आदतें हैं।

प्रश्न 12. जब आदमी अपनी बुरी आदतों पर काबू नहीं रखता तो क्या होता है?
उत्तर: तब उसमें और जानवरों में कोई फर्क नहीं रह जाता।

प्रश्न 13. एक सच्चा इंसान किस बात की कोशिश करता है?
उत्तर: वह यह कोशिश करता है कि गुस्सा उस पर हावी न हो, बल्कि वह गुस्से को काबू में रखे।

प्रश्न 14. ऊँची संस्कृति किसकी मानी जाती है?
उत्तर: जो लोग अपनी बुरी आदतों पर जीत पा लेते हैं, उनकी संस्कृति को ऊँची माना जाता है।

प्रश्न 15. सभ्यता और संस्कृति का आपस में क्या संबंध है?
उत्तर: सभ्यता के अंदर संस्कृति ऐसे छुपी होती है जैसे दूध में मक्खन।

प्रश्न 16. संस्कृति और सभ्यता में से कौन ज्यादा टिकाऊ है?
उत्तर: संस्कृति ज्यादा टिकाऊ है क्योंकि वह जल्दी नष्ट नहीं होती।

प्रश्न 17. ‘अपस्टार्ट’ किसे कहते हैं?
उत्तर: जिसे अचानक धन या ऊँचा पद मिल जाए, उसे ‘अपस्टार्ट’ कहते हैं।

प्रश्न 18. संस्कृति की झलक हमें कहाँ दिखाई देती है?
उत्तर: हमारे बोलने, पहनने, खाने-पीने और सोचने में संस्कृति की झलक दिखती है।

प्रश्न 19. असली में संस्कृति क्या है?
उत्तर: यह जीवन जीने का तरीका है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है।

प्रश्न 20. संस्कृति कब तक हमारा साथ देती है?
उत्तर: जन्म-जन्मांतर तक।

प्रश्न 21. संस्कार पर एक सामान्य कहावत क्या है?
उत्तर: “जैसा संस्कार, वैसा ही अगला जन्म।”

प्रश्न 22. संस्कृति का असर कब तक रहता है?
उत्तर: हमारी आत्मा के साथ कई जन्मों तक।

प्रश्न 23. संस्कृति बनाने वाले लोग कौन हैं?
उत्तर: कवि, दार्शनिक, चित्रकार और मूर्तिकार।

प्रश्न 24. संस्कृति कैसे बढ़ती है?
उत्तर: एक-दूसरे से मिलजुलकर, यानी आदान-प्रदान से।

प्रश्न 25. कौन-सा भाव संस्कृति को बिगाड़ देता है?
उत्तर: अलग-थलग रहने और दूसरों से न सीखने का भाव।

प्रश्न 26. शेली और कीट्स कौन थे?
उत्तर: वे अंग्रेजी भाषा के प्रसिद्ध कवि थे।

प्रश्न 27. उर्दू भाषा और मुगल चित्रकला भारत को किसकी देन है?
उत्तर: मुसलमानों की।

प्रश्न 28. अगर भारत का यूरोप से संपर्क न होता तो क्या होता?
उत्तर: तो समाज सुधारक जैसे – गांधी, विवेकानंद आदि पैदा नहीं होते।

प्रश्न 29. जब दो जातियाँ आपस में मिलती हैं तो क्या होता है?
उत्तर: तब एक नई सोच और संस्कृति जन्म लेती है।

प्रश्न 30. सांस्कृतिक असर किन-किन पर होता है?
उत्तर: रहन-सहन, कला, सोच और विचार पर।

प्रश्न 31. सबसे मजबूत संस्कृति किसकी मानी जाती है?
उत्तर: जो दूसरों से मेल-जोल रखती है और उनमें सामंजस्य होता है।

प्रश्न 32. क्या हर सुसभ्य आदमी सुसंस्कृत होता है?
उत्तर: नहीं, कोई सभ्य दिखता है लेकिन उसके व्यवहार में संस्कृति न हो।

प्रश्न 33. ऋषियों की जीवनशैली को यूरोप सभ्यता क्यों नहीं मानता?
उत्तर: क्योंकि उनके पास आधुनिक सुख-सुविधाएं नहीं थीं।

प्रश्न 34. घर के नक्शे को देखकर हमारी कौन-सी रुचि पता चलती है?
उत्तर: हमारी सांस्कृतिक पसंद।

प्रश्न 35. कौन-सा प्रभाव हमेशा चलता रहता है?
उत्तर: सभ्यता और संस्कृति का एक-दूसरे पर।

प्रश्न 36. संस्कृति बनने में कितना समय लगता है?
उत्तर: कई सौ साल।

प्रश्न 37. पुस्तकालय, संग्रहालय, नाटकघर क्या हैं?
उत्तर: ये संस्कृति के उपकरण (साधन) हैं।

प्रश्न 38. कोई देश क्या दावा नहीं कर सकता?
उत्तर: कि वह किसी और की संस्कृति से प्रभावित नहीं है।

प्रश्न 39. भारत की सोच पर विज्ञान का असर कैसे हुआ?
उत्तर: यूरोप से संपर्क होने के कारण।

प्रश्न 40. संस्कृति की जान किसे कहा गया है?
उत्तर: आपसी मेल-जोल और आदान-प्रदान को।

प्रश्न 41. भारत की संस्कृति दुनिया में महान क्यों है?
उत्तर: क्योंकि इसमें कई जातियों की संस्कृति शामिल है।

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