नीलू कहानी के प्रश्न उत्तर class 8॥ Neelu Question Answer Class 8

नीलू कहानी के प्रश्न उत्तर class 8॥ नीलू पाठ के प्रश्न उत्तर Class 8 ॥ Neelu Question Answer Class 8

नीलू कहानी के प्रश्न उत्तर class 8॥ नीलू पाठ के प्रश्न उत्तर Class 8 ॥ Neelu Question Answer Class 8

आप सभी का इस आर्टिकल में स्वागत है आज हम इस आर्टिकल के माध्यम नीलू कहानी के प्रश्न उत्तर class 8 को पढ़ने जा रहे हैं। जो पश्चिम बंगाल के सरकारी विद्यालय के कक्षा 8 के पाठ्यपुस्तक साहित्य मेला से  पाठ 3 नीलू  से लिया गया है जिसके लेखक महादेवी वर्मा  है।  तो चलिए नीलू कहानी के प्रश्न उत्तर class 8 , Neelu Question Answer Class 8 को देखें-

वस्तुनिष्ठ प्रश्न :

प्रश्न 1.नीलू पाठ हिन्दी साहित्य की कौन-सी गद्य विधा है?

(क) कहानी
(ख) संस्मरण (✔)
(ग) रेखाचित्र
(घ) प्रहसन
उत्तर :
(ख) संस्मरण

प्रश्न 2. नीलू किस प्रजाति का कुत्ता था?

(क) अल्सेशियन
(ख) भूटिया
(ग) अल्लेशियन-भूटिया वर्ण संकर (✔)
(घ) देशी
उत्तर :
(ग) अल्सेशियन-भूटिया वर्ण संकर

प्रश्न 3. महादेवी वर्मा की जन्म-मृत्यु की कौन-सी तिथि सही है?

(क) सन् 1907-1980
(ख) सन् 1980-2014
(ग) सन् 1807-1887
(घ) सन् 1907-1987 (✔)
उत्तर :
(घ) सन् 1907-1987

प्रश्न 4. लूसी की मृत्यु कैसे हुई?

(क) ठंड लगने से
(ख) भूटिया कुत्ते द्वारा मारने
(ग) लकड़बग्घे द्वारा (✔)
(घ) कजली और बादल के द्वारा
उत्तर :
(ग) लकड़बघ्घे द्वारा

लघुउत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 1. लूसी कौन थी?

उत्तर :
लूसी उत्तरायण नाम की जगह में रहने वाली एक अल्सेशियन नस्ल की कुतिया थी। वह नीलू की माँ थी।

प्रश्न 2. उत्तरायण के लोग लूसी से सामान कैसे मँगवाते थे?

उत्तर :
उत्तरायण के लोग लूसी के गले में एक कपड़ा बाँध देते थे, जिसमें रुपये और सामान की सूची होती थी। लूसी वह कपड़ा लेकर खुद दुकान तक पहुँच जाती थी। दुकानदार लूसी के गले से कपड़ा खोलकर रुपये और सूची ले लेता था, फिर सामान की पोटली उसकी पीठ या गले में बाँध देता था। लूसी बर्फ से ढके रास्तों से होते हुए सुरक्षित वापस लौट आती थी और लोग अपना सामान उससे ले लेते थे।

प्रश्न 3. लेखिका को मित्र के आने की सूचना नीलू से कैसे मिलती थी?

उत्तर :
जब कोई खास परिचित व्यक्ति आता, तो नीलू धीरे-धीरे अंदर आकर चुपचाप लेखिका के कमरे के दरवाज़े पर खड़ा हो जाता। नीलू का इस तरह आना ही लेखिका को यह बताने के लिए काफी होता था कि कोई मित्र मिलने आया है।

प्रश्न 4. नीलू अकेले कैसे रह गया?

उत्तर :
नीलू को सिर्फ कजली के साथ रहना अच्छा लगता था, लेकिन कजली और बादल कभी एक-दूसरे से अलग नहीं होते थे। इसलिए नीलू उनके साथ नहीं रह पाया और अकेला रह गया।

प्रश्न 5. अल्सेशियन और भूटिया कुत्तों के स्वभाव में क्या अंतर होता है?

उत्तर :
अल्सेशियन कुत्ते शिकार करना पसंद करते हैं और समझदार होते हैं। भूटिया कुत्ते गुस्से वाले और लड़ाकू स्वभाव के होते हैं।

प्रश्न 6. गौरैया कहाँ अपना घोंसला बना लेती थी?


उत्तर : गौरैया लेखिका के बँगले के रोशनदान में जाकर अपना घोंसला बना लेती थी।

प्रश्न 7. नीलू की मृत्यु क्या सामान्य कुत्तों की तरह हुई?


उत्तर : नहीं, नीलू की मृत्यु सामान्य कुत्तों की तरह नहीं हुई। आमतौर पर कुत्ते दर्द में कराहते हुए मरते हैं, लेकिन नीलू की मौत शांत, बिना किसी तकलीफ और शांत भाव से हुई थी।

बोध मूलक प्रश्न :

प्रश्न 1. लूसी की रूपाकृति का वर्णन करो।

उत्तर :
लूसी बाकी कुत्तों से अलग और खास थी। वह हिरन की तरह तेज दौड़ सकती थी। उसका शरीर ऐसा लगता था जैसे किसी साँचे में ढला हो। उसके बाल पीले रंग के थे, जो दूर से काले दिखते थे। उसकी आँखें छोटी और काली थीं, कान सीधे खड़े रहते थे और उसकी पूँछ लंबी और रोएँदार थी। वह बहुत सुंदर और आकर्षक लगती थी।

प्रश्न 2. लूसी का स्वभाव स्वच्छंद सहचरी के समान क्यों था?


उत्तर : अल्सेशियन कुत्ता सिर्फ एक मालिक को ही पूरी तरह मानता है। अगर उसे कोई एक मालिक नहीं मिलता, तो वह सबके साथ दोस्त की तरह व्यवहार करता है, लेकिन किसी का आदेश नहीं मानता। वह सिर्फ प्यार और विनम्रता से कही बात को मानता है। लूसी भी अल्सेशियन नस्ल की थी, इसलिए उसका स्वभाव भी एक आज़ाद सहचरी की तरह था – जो सबके साथ रहती थी लेकिन किसी की गुलाम नहीं थी।

प्रश्न 3. नीलू ने खरगोशों की प्राण रक्षा किस प्रकार की?


उत्तर : एक दिन खरगोश ज़मीन में सुरंग बनाकर दूसरे कंपाउंड में चले गए। वहाँ कुछ खरगोशों पर जंगली बिल्ले ने हमला कर दिया और उन्हें घायल कर दिया। कुछ खरगोश सियार या बिल्ले का शिकार बन गए। पहरे के समय नीलू ने यह खतरा देखा और तुरंत दीवार कूदकर उस ओर पहुँच गया। उसे देखते ही बिल्ला भाग गया। फिर नीलू रात भर सुरंग के सामने भीगते हुए खड़ा रहा, ताकि कोई और खरगोश बाहर न निकले और वे सुरक्षित रहें। इस तरह नीलू ने साहस और समझदारी से खरगोशों की जान बचाई।

प्रश्न 4. नीलू के स्वभावगत विशेषताओं को लिखिए।


उत्तर : नीलू का स्वभाव बाकी कुत्तों से बिल्कुल अलग था। उसकी खास बातें इस प्रकार थीं:

  1. वह खाने के लिए लालायित नहीं रहता था।
  2. वह खुश होने पर पूँछ नहीं हिलाता था और न ही किसी के पीछे-पीछे घूमता था।
  3. वह बिना कारण कभी भौंकता या काटता नहीं था।
  4. वह न तो दीन था और न ही डरपोक, बल्कि आत्मविश्वासी और शांत स्वभाव का था।
  5. वह अपनी समझ से अनजान लोगों को पहचान लेता था।
  6. उसका स्वभाव हिंसक नहीं था, वह शांत और समझदार था।
प्रश्न 5. लेखिका का नीलू प्रेम अपने शब्दों में लिखिए।


उत्तर : लेखिका नीलू से बहुत प्यार करती थी। जब उसकी माँ मर गई, तो लेखिका ने छोटे नीलू को दूध के साथ दुग्ध-चूर्ण मिलाकर पिलाया और कोमल ऊन की डलिया में सुलाया। जब वह कहीं बाहर जाती, तो नीलू को भी अपने साथ ले जाती। नीलू हमेशा घर के बाहर बरामदे में बैठा रहता था। जब उसे निमोनिया हो गया, तो लेखिका ने दवा और इंजेक्शन दिलवाकर उसका इलाज कराया। नीलू जन्म से लेकर मृत्यु तक हमेशा लेखिका के साथ रहा। लेखिका का उसके प्रति प्रेम माँ जैसा था।

प्रश्न 6. लूसी के अभाव में नीलू का पालन-पोषण कैसे हुआ?


उत्तर : लूसी की मृत्यु के बाद नीलू दूध के लिए रोने लगा। तब लेखिका ने उसे दुग्ध-चूर्ण मिलाकर दूध पिलाया। जब उसे रजाई में भी माँ जैसी गर्मी नहीं मिली, तो वह फिर से रोने लगा। तब लेखिका ने उसे कोमल ऊन और अधबुने स्वेटर से बनी डलिया में सुलाया। अब वह आराम से सोने लगा। लेखिका जब प्रयाग लौटी, तो नीलू को भी अपने साथ ले आई और उसका पूरा ध्यान रखा।

प्रश्न 7. ‘जीवन के समान उसकी मृत्यु भी दैन्य से रहित थी’ — आशय स्पष्ट कीजिए।


उत्तर : इस पंक्ति का मतलब है कि नीलू का जीवन जैसे खुशियों और आत्मसम्मान से भरा हुआ था, वैसे ही उसकी मृत्यु भी बिना किसी दुख या तकलीफ के हुई। वह न तो कभी डरपोक था और न ही कभी कमजोर दिखा। उसकी मौत भी शांत, सहज और सम्मानजनक थी, जैसे उसका पूरा जीवन था।

प्रश्न 8. ‘एक व्यक्ति का स्वामित्व उसे सुलभ नहीं होता, तो वह सबके साथ सहचर जैसा आचरण करने लगता है।’ — आशय स्पष्ट कीजिए।


उत्तर : इस पंक्ति का मतलब है कि अगर अल्सेशियन कुत्ते को कोई एक मालिक नहीं मिलता, तो वह किसी एक का नहीं होता, बल्कि सभी के साथ दोस्त की तरह व्यवहार करने लगता है। वह किसी का हुक्म नहीं मानता, लेकिन जो प्यार से बात करता है, उसकी बात मान लेता है। यह उसकी स्वच्छंद (आज़ाद) और समझदार प्रकृति को दिखाता है।

भाषा बोध :

1. निम्न शब्दों का संधि विच्छेद कर संधि का नाम लिखिए।
शब्दसंधि विच्छेदसंधि का नाम
उत्तरायणउत्तर + अयनस्वर संधि (दीर्घ)
कालान्तरकाल + अन्तरस्वर संधि (दीर्घ)
स्वभावसु + भावव्यंजन संधि (परसवर्ण)
कुहराच्छन्नकुहरा + आच्छन्नस्वर संधि (दीर्घ)
प्रतीक्षाप्रति + ईक्षास्वर संधि (दीर्घ)

 

2. निम्नलिखित शब्दों से मूल शब्द और उपसर्ग अलग कीजिए-
शब्दउपसर्गमूल शब्द
परिस्थितिपरिस्थिति
आचरणचरण
सकुशलकुशल
सुडौलसुडौल
निर्लिप्तनिरलिप्त
सतर्कतर्क

 

3. क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्द को क्रिया विशेषण कहते है। जैसे- नीलू धीरे-धीरे खरगोशों के पास गया। ऐसे कुछ क्रियाविशेषण चुनिए-

(क) स्वामी के पीछे-पीछे घूमना उसे पसंद न था।
(ख) वह सदर्प धीरे-धीरे आकर दरवाजे पर खड़ा हो जाता।

4. निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग करो-
  • कुत्ते की मौत मरना
    अर्थ: बुरी तरह मरना / अपमानजनक मृत्यु होना
    वाक्य: जो व्यक्ति जीवन भर बुरा आचरण करता है, वह अंत में कुत्ते की मौत मरता है।

  • उत्तरायण होना
    अर्थ: सूर्य का उत्तर दिशा की ओर जाना / शुभ समय की शुरुआत
    वाक्य: भीष्म पितामह ने प्राण त्यागने के लिए उत्तरायण होने की प्रतीक्षा की।

  • अवज्ञा करना
    अर्थ: आदेश या बात की उपेक्षा करना / अनादर करना
    वाक्य: हमें अपने माता-पिता और शिक्षकों की कभी अवज्ञा नहीं करनी चाहिए।

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