बुद्धि किसे कहते हैं-बुद्धि का अर्थ,परिभाषा, बुद्धि की प्रकृति एवं विशेषताएं, बुद्धि के प्रकार (intelligence)
बुद्धि किसे कहते हैं(buddhi kise kahate hain)
बुद्धि व्यक्ति की वह सर्वभौम शक्ति है जो उसे ध्येय युक्ति कार्य करने तर्कपूर्ण चिंतन करने तथा वातावरण के साथ प्रभावपूर्ण समायोजन करने में सहायता देती है।
जो व्यक्ति जितना अधिक चतुराई से समस्या का समाधान निकाल लेता है और संकट में नहीं पड़ता वह उतना ही बुद्धिमान माना जाता है। संसार में प्रत्येक व्यक्ति को बुद्धि मिली है। यह जन्मजात क्षमता है इसका विकास वातावरण में होता है।
अतः बुद्धि व्यक्ति की क्षमता है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने वातावरण के प्रति अनुक्रिया करता है। वह वातावरण तथा परिस्थितियों का शिकार नहीं बनता। वह स्वयं को समायोजित करता है या स्वयं वातावरण के अनुकूल बन जाता है।
बुद्धि का अर्थ(meaning of intelligence in hindi)
बुद्धि का अंग्रेजी रूपांतरण है intelligence। Intelligence शब्द लैटिन भाषा से लिया गया है जो लैटिन भाषा के दो शब्दों पहला Inter और दूसरा Legere ।
बुद्धि सामान्य शब्द है। जिसका अर्थ गगन है। बुद्धि का अर्थ इतना व्यापक है कि इसका अर्थ प्रत्येक परिस्थिति में, प्रत्येक संदर्भ में इसका अर्थ बदल जाता है।
कुछ लोग बुद्धि को समायोजन की क्षमता मानते हैं। समायोजन करने के लिए बुद्धि की आवश्यकता होती है, जो समायोजन के व्यवहार का निर्धारण करती है।
सीखने की क्षमता तथा अमूर्त चिंतन को भी बुद्धि के रूप में स्वीकार किया गया है। जितनी शीघ्रता से, शुद्धता से बालक सिखता है वह उतना ही बुद्धिमान कहलाता है। इसी प्रकार जो व्यक्ति जितना अमूर्त चिंतन करता है उसे उन उपलब्धियों के कारण बुद्धिमानों की श्रेणी में रखा जाता है।
समस्या समाधान की दिशा में त्वरित निर्णय लेने वाला भी बुद्धिमान कहलाता है। जैसे तेनालीराम और बीरबल जैसे लोग विकट समस्याओं के सरल समाधान के कारण ही बुद्धिमानओं की श्रेणी में आते हैं।
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बुद्धि किसे कहते हैं, बुद्धि की परिभाषा (definition of intelligence)
विभिन्न विद्वानों ने बुद्धि की परिभाषा अपने-अपने ढंग से की है उनका मूल विचार भी उसी प्रकार से हैं-
टर्मन (terman) के अनुसार:
एक व्यक्ति उसी अनुपात में बुद्धिमान होता है, जिस अनुपात में वह अमूर्त रूप से चिंतन की क्षमता रखता है।(an individual is intelligent in proprotion as he is able to carry on abstract thinking.)
स्पीयरमैन के अनुसार:
बुद्धि सामवर्धिक चिंतन है।(intelligence is relational thinking.)
थार्नडाइक के अनुसार:
वास्तविक परिस्थिति के अनुसार अपेक्षित प्रतिक्रिया की योग्यता ही बुद्धि है।
एच.ई. गैरिट के अनुसार:
ऐसी समस्याओं को हल करने की योग्यता जिनमें ज्ञान और प्रतीकों को समझने और प्रयोग करने की आवश्यकता हो, जैसे अंक शब्द रेखा चित्र समीकरण और सूत्र ही बुद्धि है।
बिने तथा साइमन के अनुसार:
निर्णय सद्भावना उपकरण समझने की योग्यता उक्ति युक्त तर्क और वातावरण में अपनी को व्यवस्थित करने की शक्ति ही बुद्धि है।
बुद्धि की प्रकृति बताइए, बुद्धि की विशेषताएं बताइए, बुद्धि की प्रकृति एवं विशेषताएं(nature of intelligence in hindi)
उपर्युक्त परिभाषा ओं से स्पष्ट होता है कि बुद्धि की प्रकृति एवं विशेषता निम्नलिखित है-
१. बुद्धि समायोजन की विशेषता है
२. बुद्धि अधिगम की योग्यता है
३. बुद्धि अमूर्त चिंतन है
४. बुद्धि समस्या समाधान है
५. मानसिक आयु पर बुद्धि
१. बुद्धि समायोजन की विशेषता है
अक्सर यह देखा जाता है कि व्यक्ति विभिन्न प्रकार के वातावरण में अपने आप को समायोजित करना चाहता है लेकिन व्यक्ति विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों में अपने आप को समायोजित नहीं कर पाता है अतः बुद्धि एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा व्यक्ति किसी भी परिस्थितियों में अपने आप को उस रूप में ढलने का प्रयास करता है या उस परिस्थिति से समायोजित होने का प्रयास करता है। समायोजन की क्षमता ही व्यक्ति की बुद्धि की विशेषता होती है। जिस व्यक्ति का दिमाग या बुद्धि उस परिस्थिति को जिस तरह से हल करने में यह समाधान करने में सक्षम होता है उस व्यक्ति का बुद्धि भी उसी प्रकार से कार्य करता है।
२. बुद्धि अधिगम की योग्यता है
बुद्धि का यह एक महत्वपूर्ण विशेषता है कि व्यक्ति किसी कार्य कौशल को किस सीमा तक तथा कितने समय में सीखता है या उसे पूरा कर पाता है। सीखने की मात्रा की अधिकता तथा सीखने में लगने वाला समय की बुद्धि की विशेषता होती है जो व्यक्ति किसी भी कार्य को जितनी तेजी से करता है उसकी बुद्धि उतनी ही तेजी से काम करता है तथा जो व्यक्ति किसी भी कार्य को सीखने या करने में बहुत अधिक समय लगाता है तो वह व्यक्ति एक तो मन बुद्धि होगा या विशिष्ट बुद्धि वाला व्यक्ति होगा जिस कारण से उसके सीखने की गति में प्रभाव पड़ती है।
३. बुद्धि अमूर्त चिंतन है
हर मनुष्य किसी भी काम को सोच विचार कर या चिंतन मनन करके ही करता है यह मनुष्य की एक विशेषता है जो अन्य प्राणी में नहीं पाया जाता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी कार्य को करने से पहले उसे अमूर्त रूप से या गहराई से सोच विचार या चिंतन मनन करके ही करता है। चिंतन स्वयं में अमूर्त है परंतु या अमूर्त चिंतन कालांतर में अन्य कार्यों को संपन्न करने में योग देता है। उसी प्रकार बुद्धि भी एक अमूर्त चिंतन ही है।
४. बुद्धि समस्या समाधान है।
हर व्यक्ति के सामने हर प्रकार की समस्या है किसी ना किसी वक्त खड़ी हो ही जाती है जिसका समाधान मनुष्य ढूंढने लगता है। बुद्धि की एक विशेषता है समस्याओं का समाधान ढूंढना। समस्या जितनी जटिल होगी या कठिन होगी समाधान में उतना ही अधिक समय लगेगा। जिस व्यक्ति की बुद्धि लब्धि जितना अधिक होगा वह उसी तेजी से उस समस्या का समाधान ढूंढ लेगा। समस्या का समाधान मिल जाने पर व्यक्ति को अपार संतुष्टि मिलती है।
५. मानसिक आयु पर बुद्धि
बुद्धि की और एक विशेषता है कि बुद्धि मानसिक आयु पर भी निर्भर होती है। एक छोटा सा बालक किसी भी समस्या को अपने उम्र या अपनी मानसिकता के दायरे में रहकर ही सोच सकता है तथा उसका समाधान कर सकता है जैसे-जैसे बड़ा होता है उनकी मानसिक आयु बड़ी होती जाती है तथा उनके सोचने समझने तथा कार्य करने और समस्या समाधान करने की गति में तीव्रता देखी जाती हैं अतः बुद्धि मानसिक आयु पर भी निर्भर होती है।
बुद्धि के प्रकार बताइए, buddhi ke prakar kitne hain,intelligence ke prakar, इंटेलिजेंस के प्रकार (types of intelligence)
थार्नडाइक ने बुद्धि को तीन भागों में बांटा है-
१. अमूर्त बुद्धि (Abstract intelligence)
२. मूर्त बुद्धि (Concrete intelligence)
३. सामाजिक बुद्धि (Social intelligence)
१. अमूर्त बुद्धि (Abstract intelligence)
अमूर्त बुद्धि का कार्य सूक्ष्म तथा अमूर्त प्रश्नों को चिंतन तथा मनन के माध्यम से हल करना है। समस्याओं तथा अनुभव की प्रतिमाओं को अधिकाधिक स्पष्ट करने के लिए अमूर्त बुद्धि का प्रयोग किया जाता है। कवि साहित्यकार चित्रकार आदि अपनी भावनाओं को अमूर्त बुद्धि के माध्यम से ही अभिव्यक्त करते हैं। अमूर्त बुद्धि में शब्द अंक एवं प्रतीकों का प्रयोग अधिक किया जाता है या पठन की सीखने की प्रक्रिया है, उन समस्याओं को हल करने की भी प्रक्रिया है जिनमें शब्द या प्रतीकों का इस्तेमाल किया जाता है। इसीलिए शब्द एवं प्रतीकों के माध्यम से अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की कला अमूर्त या मौखिक बुद्धि की देन है। विद्यालय में पठन गणित भूगोल इतिहास एवं ऐसी ही विषयों में सफलता केले अमूर्त बुद्धि का विकास करना आवश्यक हो जाता है।
प्रत्येक व्यक्ति अपने अमूर्त बुद्धि के क्षमता के अनुसार ही किसी भी वस्तु को पहचानता व उसे समझता है यह व्यक्ति की बुद्धिमानी का निशानी है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी वस्तु को किस प्रकार से ग्रहण करता है या उसे सीखता है।
अमूर्त बुद्धि का परीक्षण तीन प्रकार से किया जा सकता है
i. आकांक्षा का स्तर: व्यक्ति की आकांक्षा के स्तर का मापन करने से हमें उस व्यक्ति की अमूर्त बुद्धि का पता चलता है। जिस व्यक्ति को आकांक्षा का स्तर जितना ऊंचा होगा उसकी अमूर्त बुद्धि भी उतनी ही तीव्र होगी।
ii. विभिन्न प्रकार के कार्य करने से: जो व्यक्ति विभिन्न प्रकार के कार्य करता है या अनेकों प्रकार के कार्यकर्ता है उनके कार्य करने की क्षमता से अमूर्त बुद्धि का पता लगाया जा सकता है।
iii. कार्य करने की गति से: जो व्यक्ति अमूर्त कार्यों को जितना अधिक गति से करता है उसकी अमूर्त बुद्धि उसी के अनुसार कम या अधिक होगी।
२. मूर्त बुद्धि (Concrete intelligence)
मूर्त का अर्थ होता है समक्ष या सामने। किसी भी वस्तु को देखकर उसे समझने और उनके अनुरूप क्रिया करने में मूर्त बुद्धि का उपयोग किया जाता है। इसको यांत्रिक (mechanical) या गत्यात्मक (motor) भी कहा जाता है। इस प्रकार की बुद्धि उन परिस्थितियों में कार्य करते हैं जिम्मी वस्तु या उद्देश्य निहित हो होता है जैसे कारपेंटर का काम, मिस्त्रीगिरी का काम, मशीनों का काम, आदि यंत्रों से संबंधित काम इसी प्रकार के अंतर्गत आते हैं। ऐसे व्यक्ति ऑन समस्याओं को शीघ्र हल कर लेता है जिसमें मूर्त वस्तुओं को पहचानने की शक्ति हो।
मूर्त बुद्धि का दूसरा स्वरूप शिक्षा में भी देखा जा सकता है। इसमें गत्यात्मक योग्यता (motor ability) निहित रहते हैं। नृत्य, खेल तथा अन्य इसी प्रकार के कार्यों में यह बुद्धि निहित होती है।
३. सामाजिक बुद्धि (Social intelligence)
सामाजिक बुद्धि से तात्पर्य है कि जो जिस व्यक्ति में यह शक्ति होती है कि किस प्रकार से समाज में समायोजन करने की क्षमता उत्पन्न कर सकती हैं? सामाजिक प्राणी होने के कारण व्यक्ति को समाज में संबंध बनाने में यह बुद्धि योग्यता प्रदान करते हैं। इस प्रकार की बुद्धि के अंतर्गत व्यवहार कौशल आता है। व्यवहार कौशल के साथ व्यक्तित्व एवं चरित्र के गुण निहित होते हैं स्वभाव मन स्थिति मनोवृति ईमानदारी निर्णय हास्य स्वभाव आधिकारिक समाजिक बुद्धि की ओर संकेत करते हैं।
बहुत से व्यक्ति असामाजिक या सामाजिक बुद्धि ना होने के कारण अपने जीवन में असफल हो जाते हैं। सामान्यता अमूर्त एवं सामाजिक बुद्धि साथ साथ चलती है। नेतागण इसी बुद्धि के उपयोग से जन जीवन में लोकप्रिय होकर प्रतिनिधि बन जाते हैं।
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