PPF या LIC में निवेश से टैक्स बचत—बजट 2025 में आपके लिए क्या बदला?

PPF या LIC में निवेश से टैक्स बचत—बजट 2025 में आपके लिए क्या बदला?

कर बचाने के लिए कई लोग पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), लाइफ इंश्योरेंस (LIC) और टैक्स-सेविंग म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं। लेकिन क्या बजट 2025 में इन निवेशकों को कोई राहत मिली है? अगर आप भी टैक्स बचाने के लिए इन योजनाओं में निवेश कर रहे हैं, तो इस बजट में आपके लिए क्या बदलाव आया है और कौन-सी कर व्यवस्था आपके लिए बेहतर होगी? आइए, विस्तार से जानते हैं।

PPF या LIC में निवेश से टैक्स बचत—बजट 2025 में आपके लिए क्या बदला?


बजट 2025 की सबसे बड़ी घोषणा—12 लाख तक की आय टैक्स फ्री

इस साल की सबसे बड़ी घोषणा यह रही कि अब 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पूरी तरह से कर-मुक्त होगी, लेकिन यह लाभ केवल नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) के तहत मिलेगा।

इसके अलावा, स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया है, जिससे नौकरीपेशा लोगों को 12.75 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा

अब सवाल यह उठता है कि जो लोग पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax Regime) में PPF, LIC और अन्य टैक्स-सेविंग स्कीम्स में निवेश करते हैं, उनके लिए क्या बदलाव हुआ है?

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टैक्स स्लैब में हुआ बदलाव—अब कितना देना होगा टैक्स?

नई कर व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया है:

वार्षिक आय नया टैक्स दर (%)
4 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं
4 से 8 लाख रुपये तक 5%
8 से 12 लाख रुपये तक 10%
12 से 16 लाख रुपये तक 15%
16 से 20 लाख रुपये तक 20%
20 से 24 लाख रुपये तक 25%
24 लाख रुपये से अधिक 30%

पुरानी कर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिसका मतलब यह है कि जो लोग PPF, LIC या अन्य टैक्स सेविंग स्कीम्स में निवेश कर रहे हैं, उन्हें पुरानी कर व्यवस्था के तहत ही टैक्स बचाने की सुविधा मिलेगी।


PPF और LIC में निवेश करने वालों के लिए बजट 2025 में क्या बदलाव?

1. PPF और LIC में निवेश करने वाले निवेशक किस श्रेणी में आते हैं?

जो लोग टैक्स बचाने के लिए PPF, LIC, ELSS म्यूचुअल फंड, EPF (Employees’ Provident Fund) और अन्य छोटी बचत योजनाओं में निवेश करते हैं, वे पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax Regime) के तहत आते हैं।

2. क्या सरकार ने पुरानी कर व्यवस्था में कोई बदलाव किया?

नहीं। इस बजट में वित्त मंत्री ने पुरानी कर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया। यानी, अगर आप टैक्स बचाने के लिए PPF या LIC में निवेश कर रहे हैं, तो आपके लिए चीजें पहले की तरह ही रहेंगी।

3. क्या नई कर व्यवस्था में टैक्स बचाने के लिए PPF या LIC में निवेश की जरूरत होगी?

नई कर व्यवस्था में डिडक्शन और छूट की जरूरत कम हो गई है, क्योंकि इसमें 12 लाख रुपये तक की आय टैक्स-फ्री कर दी गई है। ऐसे में, अगर आपका मुख्य उद्देश्य सिर्फ टैक्स बचाना था, तो नई कर व्यवस्था अपनाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

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आपके लिए कौन-सी कर व्यवस्था बेहतर?

अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल—आपको पुरानी कर व्यवस्था चुननी चाहिए या नई? यह पूरी तरह से आपकी आय, निवेश आदतों और टैक्स बचाने की रणनीति पर निर्भर करता है।

अगर आपके लिए पुरानी कर व्यवस्था बेहतर है:

✔ आप PPF, LIC, EPF, टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड्स (ELSS), होम लोन इंटरेस्ट, मेडिकल इंश्योरेंस जैसी योजनाओं में निवेश करते हैं।
✔ आपकी आय 12 लाख रुपये से अधिक है और आप अधिकतम 80C और अन्य कर छूट का लाभ लेना चाहते हैं।
✔ आप लॉन्ग-टर्म सेविंग और रिटायरमेंट प्लानिंग कर रहे हैं।

अगर आपके लिए नई कर व्यवस्था बेहतर है:

✔ आपकी सालाना आय 12 लाख रुपये या उससे कम है।
✔ आप बिना किसी निवेश के ही कम टैक्स भरना चाहते हैं
✔ आप अपने पैसे को लॉक नहीं करना चाहते और उसे फ्री-फ्लो कैश के रूप में रखना चाहते हैं।
✔ आपको टैक्स-सेविंग स्कीम्स में निवेश करने की कोई जरूरत नहीं लगती।


निष्कर्ष—आपको क्या करना चाहिए?

अगर आप पहले से PPF, LIC, या EPF जैसी योजनाओं में निवेश कर रहे हैं और टैक्स बचाने के साथ भविष्य के लिए बचत भी करना चाहते हैं, तो पुरानी कर व्यवस्था आपके लिए सही रहेगी

लेकिन अगर आप सिर्फ टैक्स बचाने के लिए निवेश कर रहे थे और अन्य कोई निवेश योजना नहीं रखते हैं, तो नई कर व्यवस्था अपनाना फायदेमंद होगा

संक्षेप में:

पुरानी कर व्यवस्था – उन लोगों के लिए जो टैक्स बचाने के साथ लॉन्ग-टर्म सेविंग भी करना चाहते हैं।
नई कर व्यवस्था – उन लोगों के लिए जो बिना निवेश किए कम टैक्स भरना चाहते हैं।


अब आपकी बारी!

💡 आपके हिसाब से कौन-सी कर व्यवस्था बेहतर है—नई या पुरानी? हमें कमेंट में बताएं!

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