बीमा प्रीमियम भुगतान में बड़ा बदलाव: 1 मार्च से लागू होगा नया नियम
बीमा पॉलिसी धारकों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव आने वाला है। 1 मार्च से बीमा प्रीमियम भुगतान की प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक होने जा रही है। बीमा नियामक इरडा (IRDA) ने जीवन और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को ‘Bima-ASBA’ सुविधा लागू करने का निर्देश दिया है। यह नया सिस्टम ग्राहकों के बैंक खाते में प्रीमियम राशि को ब्लॉक कर देगा, जो केवल तभी कटेगी जब पॉलिसी जारी हो जाएगी।
क्या है ‘Bima-ASBA’?
‘Bima-ASBA’ (बीमा – एप्लिकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट) एक नई भुगतान प्रणाली है, जो बीमा पॉलिसी के लिए प्रीमियम राशि को पहले से ब्लॉक करने की अनुमति देती है। यह प्रक्रिया उसी तरह काम करती है जैसे शेयर बाजार में आईपीओ (IPO) के लिए आवेदन देते समय रकम ब्लॉक की जाती है और आवंटन होने के बाद ही कटती है।
‘Bima-ASBA’ कैसे काम करता है?
- ग्राहक अपनी बीमा पॉलिसी के लिए आवेदन करते समय बैंक खाते में प्रीमियम राशि को ब्लॉक कर सकता है।
- जब तक बीमा कंपनी आवेदन की समीक्षा नहीं कर लेती और पॉलिसी जारी नहीं हो जाती, तब तक राशि खाते में सुरक्षित रहती है।
- जैसे ही पॉलिसी स्वीकृत हो जाती है, तभी प्रीमियम राशि खाते से डेबिट की जाती है।
- यदि किसी कारणवश बीमा प्रस्ताव अस्वीकार किया जाता है, तो ब्लॉक की गई राशि स्वतः अनब्लॉक हो जाती है और ग्राहक के खाते में वापस आ जाती है।
इस बदलाव के मुख्य बिंदु:
- प्रीमियम भुगतान प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी: ग्राहक का पैसा तब तक उनके खाते में सुरक्षित रहेगा जब तक कि पॉलिसी जारी नहीं हो जाती।
- यूपीआई वन-टाइम मैंडेट (UPI-OTM) की सुविधा: बीमा कंपनियों को यूपीआई-ओटीएम के जरिए भुगतान लेने की अनुमति होगी, जिससे भुगतान की प्रक्रिया और आसान बनेगी।
- नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन (NPCI) द्वारा सीमा तय होगी: प्रीमियम राशि को ब्लॉक करने की अधिकतम सीमा NPCI द्वारा समय-समय पर निर्धारित की जाएगी।
- जीवन और स्वास्थ्य बीमा के लिए अनिवार्य: यह सुविधा सभी जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के लिए लागू होगी, जिससे ग्राहकों को अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक भुगतान विकल्प मिलेगा।
- ग्राहकों के लिए बिना जोखिम भुगतान प्रणाली: इससे ग्राहक निश्चिंत रह सकते हैं कि उनका पैसा तभी कटेगा जब उनकी पॉलिसी को मंजूरी मिल जाएगी।
गिग वर्कर्स को मिलेगा स्वास्थ्य योजना का लाभ
बीमा भुगतान प्रणाली में बदलाव के अलावा, सरकार अस्थाई कर्मचारियों (गिग वर्कर्स) के लिए भी एक महत्वपूर्ण योजना लेकर आ रही है।
क्या है यह योजना?
- जून से मिलेगा स्वास्थ्य सेवा का लाभ: ई-कॉमर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए सेवा देने वाले गिग वर्कर्स को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के तहत स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जाएगा।
- ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य: इस योजना का लाभ लेने के लिए गिग वर्कर्स को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा।
- स्वास्थ्य मंत्रालय देगा चिकित्सा सेवा का लाभ: पंजीकरण करने वाले कर्मचारियों को एक कार्ड जारी किया जाएगा, जिसके माध्यम से उन्हें चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिलेगा।
- ईपीएफओ की पेंशन योजना का लाभ भी संभव: श्रम मंत्रालय, गिग वर्कर्स को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की सेवाओं से जोड़ने की योजना पर भी काम कर रहा है। इस प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
Read Also: Corporate Health Insurance: क्या कंपनी की इंश्योरेंस पॉलिसी पर पूरी तरह निर्भर रहना सही है?
गिग वर्कर्स को इस योजना से क्या लाभ होगा?
- सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं: PM-JAY योजना के तहत पंजीकृत कर्मचारी सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज करवा सकेंगे।
- आर्थिक सुरक्षा: बीमारी की स्थिति में गिग वर्कर्स को बड़ी चिकित्सा लागत से राहत मिलेगी।
- पेंशन और अन्य लाभ: EPFO से जुड़ने पर उन्हें भविष्य में पेंशन और अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभ मिल सकते हैं।
Read Also: E-Insurance Account: कैसे खुलेगा ई-इंश्योरेंस अकाउंट, क्या हैं इसके फायदे?
निष्कर्ष
1 मार्च से लागू होने जा रहे ‘Bima-ASBA’ नियम से बीमा भुगतान की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुरक्षित होगी। यह सुविधा ग्राहकों को अनावश्यक वित्तीय दबाव से बचाने में मदद करेगी। वहीं, गिग वर्कर्स के लिए स्वास्थ्य योजना और संभावित ईपीएफओ लाभ, असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकते हैं।
इन बदलावों के साथ, सरकार और बीमा नियामक संस्थाएं वित्तीय सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही हैं। ग्राहकों और गिग वर्कर्स दोनों के लिए यह बदलाव एक महत्वपूर्ण सुधार साबित हो सकता है।