अनुच्छेद लेखन

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 स्वच्छता पर अनुच्छेद लेखन

मनुष्य के पढ़े लिखे और संस्कारवान होने की पहचान उसके रहन-सहन से चलती है। इसके लिए स्वच्छता महत्वपूर्ण होती है। व्यक्ति को न केवल स्वंय स्वच्छ रहना चाहिए बल्कि अपने घर, गाली- मौहल्ले और शहर की भी स्वच्छ रखना चाहिए। विद्यार्थियों को तो बचपन से ही स्वच्छ रहने और रखने की आदत डालनी चाहिए। उन्हें अपनी पुस्तकें, बस्ता, यूनिफ़ोर्म, स्टडी-टेबल स्वच्छ रखना चाहिए। स्कूल को भी स्वच्छ रखने में योगदान करना चाहिए। कक्षा में कूड़ा- कर्कट नहीं फेंकना चाहिए। यदि छोटेबड़े सब स्वच्छ रहेंगे और अपने आस-पास को स्वच्छ रखेंगे तो सारा देश स्वच्छ हो जाएगा। देश को सिर्फ देश का कर्मचारी का ही काम स्वच्छ रखना या साफ रखना नहीं होता हैं बल्कि देश के हर आम नागरिक का यह कर्तव्य है कि वे खुद को और अपने देश को स्वच्छ रखें।   

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जल बचाएँ पर अनुच्छेद लेखन

हमें जीने के लिए ऑक्सीज़न और जल की ज़रूरत भोजन की तरह होती हैं। जल को तो अमृत कहा गया है। हमें नहाने- धोने, खाना बनाने, पीने के लिए जल की जरूरत पड़ती है। पेड़- पौधों, खेतों में फसलें उगाने के लिए जल की जरूरत पड़ती है। पेड़-पौधों, खेतों में फसलें उगाने के लिए जल की जरूरत पड़ती है। नल से पानी लेकर उन्हें बंद कर देना चाहिए। जल बोर्ड के बड़े बड़े पाइपों से जलरिस्ता रहता है। इसकी सूचना अधिकारियों को देनी चाहिए। नहाने, खाना बनाने, हाथ ढेने आदि के लिए उतना ही  जल प्रयोग में लाना चाहिए, जितना ज़रूरी हो। जल संकट राष्ट्र संकट होता है। एक- एक बूँद बचाकर हम राष्ट्र की सेवा कर सकते हैं।

 

डस्टर की आत्मकथापर अनुच्छेद लेखन

मैं डस्टर हूँ। यह इंगलिश नाम है। हिन्दी में मुझे झाड़न कहते हैं। मेरा शरीर प्लास्टिक या लड़की का होता है। में एक ओर पतला मुलायम कपड़ा पहनता हूँ। मैं अनपढ़ हूँ पर पढ़ने- लिखने के काम आता हूँ। यदि मैं नहीं होता तो सकुल- कॉलेज में पढ़ने- पढ़ाने का काम नहीं हो पाता। मेरी सहायता से शिक्षक- शिक्षिकाएँ पढ़ाते हैं । वे मेरा प्रयोग ब्लैक या ग्रीन बोर्ड साफ़ करने के लिए करते हैं। गणित,हिन्दी और इंगलिश के शिक्षक- शिक्षिकाएँ मेरा सबसे अधिक प्रयोग करते हैं। कुछ तो बिल्कुल ही नहीं करते। कुछ विद्यार्थी मुझे उछाल-उछालकर पकड़न- पकड़ाई खेलते हैं। ये शरारती विद्यार्थी मुझे घायल कर देते हैं। मेरे मुलायम कपड़े फट जाते हैं काश! ये विद्यार्थी मेरी पीड़ा समझ सकते ।  

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