hindi grammar
इस संसार में बहुत से भाषाएँ हैं। प्रत्येक भाषा को बोलने, लिखने और प्रयोग करने के लिए कुछ नियम होते हैं इन नियमों का ज्ञान देने वाला शास्त्र को ही व्याकरण कहते हैं। व्याकरण पूर्णत: भाषा पर आश्रित है। व्याकरण के नियम प्रायः लिखित भाषा को लक्ष्य मानकर निश्चित किए जाते हैं, क्योंकि बोलने की भाषा की अपेक्षा लिखित भाषा में शब्दों का प्रयोग अधिक सावधानी के साथ किया जाता हैं। व्याकरण का अर्थ तीन शब्दों – वि + आ + करण शब्दों से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है, ‘भली- भाँति समझना।
हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा हैं संविधान में यह भाषा राजभाषा के रूप में स्वीकृत की गई है। इसलिए प्राथमिक कक्षाओं से लेकर विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में हिन्दी भाषा को महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है। इसी को देखते हुए हिन्दी भाषा से संबंधी सम्पूर्ण ज्ञान के लिए हिन्दी व्याकरण का ज्ञान बहुत महत्वपूर्ण एवं आवश्यक है।
- स्वर वर्ण
- व्यंजन वर्ण
- तत्सम और तद्भव शब्द
- संज्ञा (Noun)
- सर्वनाम (Pronoun)
- विशेषण (Adjective)
- क्रिया (Verb)
- क्रिया विशेषण (Adverb)
- लिंग (Gender)
- वचन (Numbers)
- कारक (Case)
- उपसर्ग (Prefix)
- प्रत्यय (Suffix)
- विलोम शब्द (Antonyms)
- पर्यायवाची शब्द (Antonyms)
- शब्द विचार (Merphology)
- संधि (Joining )
- समास (Compound)
- वाच्य ( Voice)
- मुहावरे और उनके अर्थ और वाक्य (Idioms)
- पत्र लेखन ( Letter Writing)
- रस – परिभाषा,अंग, प्रकार उदाहरण सहित
- छन्द किसे कहते हैं छन्द के प्रकार
- अलंकार किसे कहते हैं अलंकार के प्रकार
- अनुच्छेद लेखन
कहानी क्या है , कहानी किसे कहते हैं
एकांकी क्या है , एकांकी किसे कहते हैं
उपन्यास क्या है, उपन्यास किसे कहते हैं
आत्मकथा क्या है, आत्मकथा किसे कहते हैं