पर्यायवाची को अंग्रेजी मे सिनोनिम( synonyms) कहते है वैसे ‘पर्याय’ शब्द संस्कृत भाषा से लियागया है जिसका अर्थ ‘सब ओर गमन करने वाला’ है, और हिन्दी शब्दकोश के अनुसार इसका अर्थ ‘समानार्थक’ है यानी समान अर्थ देने वाला ।
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पर्यायवाची शब्द को ‘प्रतिशब्द’ भी कहते है। विभिन्न प्रकार के जीवंत तथा गतिशील भाषाएँ एक दूसरे के संपर्क में आकर दूसरी भाषा के शब्दों को ग्रहण कर लेती हैं ऐसे शब्द एक भाव अथवा अर्थ का बोध कराते हैं कुछ पर्यायवाची शब्दों में अर्थ अथवा भाव की दृष्टि से कुछ अंतर भी होता है किन्तु उन्हें भी समानार्थी ही कहा जाता है। वस्तुतः प्रत्येक शब्द का अपना एक स्वरूप, भाव और बोध होता है। परंतु लंबे समय तक समान अर्थ के प्रयोग में आने के कारण वह पर्यायवाची बन जाता है। हिन्दी के पर्यायवाची शब्दों में अधिकांश शब्द संस्कृत भाषा के हैं इसके साथ ही प्राकृत, अपभंश और पालि के भी अनेक शब्द आते है। भाषा की व्यंजन शक्ति बढ़ाकर उसे उन्न्त, पुष्ट, प्रभावोत्पादक, तथा हृदय ग्राहिणी बनाने के लिए पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग किया जाता है लेकिन अर्थ की समानता होने पर भी प्रत्येक शब्द का प्रयोग हर स्थान पर उचित नहीं होता है। आइए कुछ पर्यायवाची शब्द देखते हैं-
शब्द | पर्यायवाची शब्द |
अंधकार | तम, अंधेरा, तमिस्त्र, तिमिर |
अग्नि | आग, अनल, पावक, ज्वाला |
असुर | दानव, दनुज, राक्षस, रजनीचर |
अनुपम | अद्वितीय, अनोखा, अद्भुत, निराला |
आशा | उम्मीद, आस , अपेक्षा |
अधम | दुष्ट, दुर्जन, नीच, पामर, शठ, धूर्त |
अनुभवी | जानकार, योग्य, तजुर्बेकार |
अर्जुन | पार्थ, कौंतेय, पृथा पुत्र |
आनद | खुशी, आमोद, प्रमोद, हर्ष, उल्लास |
आँख | लोचन, चक्षु, नयन, अक्षि, नेत्र, |
अतिथि | पाहुन, मेहमान, आगन्तुक, अभ्यास |
अहंकार | दर्प, दम्भ, घमंड अभिमान, मद |
आभूषण | अलंकार, जेवर, गहना, भूषण |
अश्व | घोटक, सैंधव, हाय, तुरंग, बाजि |
अमर | शाश्वत, स्थायी, देव, चिरस्थायी |
ईश्वर | ईश, परमात्मा, प्रभु, परमेश्वर, जगदीश, दीनबंधु |
इच्छा | चाह, कामना, लालसा, मनोरथ |
इन्द्र | देवेंद्र, सुरेन्द्र, शचीश, देवेश , शक्र , पुरंदर |
उन्नति | उत्थान, प्रगति, विकास उत्कर्ष, अभ्युदय |
उपवास | व्रत, प्रतिज्ञा, उपास |
कृष्ण | माधव, व्रजराज, गोपाल, गोविंद, केशव, गिरिधर, नंदलाल |
कायर | डरपोक, भीरु, बुजदिल, कापुरूष |
कोयल | पिक, कोकिला, श्यामा, वसंत दूत |
कुबेर | किन्नर, नरेश , यक्षराज , घनन्द, धनपति |
कपड़ा | वस्त्र, पट, अम्बर, असन, चीर |
कामदेव | मनोज, विश्व केतु, रतिपति, अनंग, मदन |
कान | कर्ण, श्रवण, श्रुतिपुट, श्रोता |
किनारा | तट, तीर, कगार, कूल |
ख्याति | यश, प्रशंसा, प्रसिद्धि, शोहरत |
खूँखार | खतरनाक, भयानक, डरावना, खौफनाक |
ग्रंथ | पुस्तक, पोथी, किताब |
गुरु | आचार्य, शिक्षक, अध्यापक, पथप्रदर्शक, मार्गदर्शक |
चिल्ल- पौ | शोर, हल्ला- गुल्ला , गुलगपाड़ा ,चीख पुकार |
धन | वित्त, द्रव्य, संपति, राशि, अर्थ |
भौंरा | भ्रमर, मधुरप, मधुकर, भृंग, भंवरा |
भारत | भरतखंड, भारतवर्ष, आर्यावर्त, हिंदुस्तान, हिन्द |
जंगल | वन, कानन, अरण्य, अटवी, विपिन |
ब्राह्मण | विप्र, द्विज, भूदेव, भूसुर |
बालक | बच्चा, शावक, बाल ,शिशु, लड़का |
बंदर | मर्कट, वानर, शाखा मृग, कपि , हरि |
बाण | तीर, इषु, शर, नाराज |
बादल | मेघ, जलद, वारिद, जलधर |
बर्फ | तुषार, हिम |
फूल | कुसुम, सुमन, प्रसून, मंजरी, पुष्प |
झण्डा | पताका, ध्वज, वैजयंती, फरहरा, केतन, पर्चम |
पुत्र | बेटा, लाल, नंदन, लड़का , सूत, आत्मज, तनय |
पुत्री | बेटी, लड़की, सुता, तनया, आत्मजा |
पत्ता | पर्ण , किसलय, पात, दल , पत्र |
पति | भर्ता, प्राण वल्लभ, नाथ, स्वामी, कांत |
पत्नी | प्रिया, वधू, भार्या, गृहिणी, कांता |
पारंगत | चतुर, चालाक, कुशल, दक्ष |
पथ | मार्ग, बाट, पंथ, राह |
पर्वत | गिरि , नग, शैल, पहाड़ |
नौकर | सेवक, दास, परिचारक, अनुचर, भृत्य |
नौका | जलयान, पोत, नाव, बेड़ा, तरी, तरिणी |
दानव | राक्षस, दैत्य, निशाचर, असुर, रजनीचर, तमीचर |
दुःख | कष्ट, शोक, व्यथा, वेदना, पीड़ा, क्षोभा, विषाद |
दूध | क्षीर, पय, दुग्ध, गोरस |
दृढ़ | मजबूर, पक्का, अचल, अडिग |
मृत्यु | शरीरांत, देहांत, देहावसान, मौत, मरण, निधन |
मित्र | सखा, मीत,सहचर, दोस्त, साथी |
मनुष्य | मानव, नर, इंसान, आदमी, अनुज, मनुपुत्र |
मीन | मछली, मत्स्य, मकर, अंडज, झष |
महारानी | महिषी, पट्टमहिषी, महादेवी |
मूर्ख | अज्ञ, अबोध, जड़ , मूढ़ |
माथा | ललाट, मस्तक, पेशानी |
मकान | घर, सदन, निकेतन, आवास |
नमस्कार | प्रणाम, वन्दे, नम, नमस्ते |
निमंत्रण | न्यौता, बुलावा, आमंत्रण |
युद्ध | संग्राम, लड़ाई, संघर्ष |
यमराज | सूर्यपुत्र, जीवन पति, हरि, धर्मराज, यम |
रात्रि | निशा, यामिनी, राका, रजनी, तमसा, रैन |
राम | राघव, रघुपति, सीतापति, दशरथ नंदन, कौशलेश |
रावण | लंकेश, दशानन, दशशीश, लंकाधीश |
लक्ष्मी | रमा, कमला, विष्णुप्रिया, हरिप्रिया |
विद्धुत | चपला, चंचला, दामिनी , क्षणप्रभा, घनवल्ली |
वात्सल्या | स्नेह, प्रेम, ममत्व |
वर्षा | मेह, वारिष, पावस, प्रावृत्त, वृष्टि, बारिश, बरसात |
विष्णु | नारायण, केशव, गोविंद, लक्ष्मीपति, कलमापति |
वृक्ष | द्रुम, पादक, विटप, तरु, पेड़ |
विदेश | परदेश, अनजान देश, विलायत |
विजय | सफलता, जीत, फतह, जय |
विभाजित | विभक्त, बंटा हुआ, टुकड़ों में विभक्त |
सांप | सर्प, नाग, पन्नग, अहि, व्याल, विषधर |
सुगंध | महक, खुशबू, सौरभ, सुरभि |
सौन्दर्य | शोभा, सुंदरता, सुषमा |
संसार | विश्व, जगत, जहान, दुनिया |
समुद्र | जलधि, वारिधि, रत्नाकर, उद्धि, सिन्धु |
स्वर्ग | नाक, अमर लोक, सुरलोक, देवलोक, द्युलोक |
सोना | स्वर्ण, कनक, हेम, कंचन, कुन्दन, सुवर्ण |
सुंदर | मनोहर, रमणीय, अभिराम, कमनीय, चारु |
समूह | जत्था, मण्डली , समुदाय, दल, वृंद, राशि |
शरीर | अंग, काया, गात, देह, वदन, कलेवर |
सिंह | व्याघ्र, केशरी, केहरी, वनराज, मृगेंद्र, मृगपति |
संघर्ष | संग्राम, युद्ध, लड़ाई, रण, फसाद, बलवा, झगड़ा |
स्वामी | मालिक, भर्ता, अधिपति |
साहस | पराक्रम, हिम्मत, वीरता, शौर्य |
सरस्वती | वाणी, वाक, वाचा |
सरल | आसान, सुलभ, सुगम |
सतत | निरंतर, लगातार, अविराम |
हाथी | गज, दंती, वारण, हस्ती, द्विरद, गजराज |
हार | पराजय, पराभव, परास्त |
शत्रु | रिपु, वैरी, दुश्मन |
कोकिल | कोयल, पिक, श्यामा |
गंगा | जाह्नवी, भागीरथी, सुरसरि |
किला | दुर्ग, कोट, गढ़ |
बहन | भगिनी, सहोदरा, बांधवी |
वन | जंगल, विपिन, कानन |
मुँह | मुख, चेहरा, वदन |
हनुमान | अंजनीपुत्र, महावीर, बजरंगी |
महिला | नारी, औरत, स्त्री |
ज़हर | विष, कालकूट, हलाहल |
तोता | कीर, सुग्गा, सुआ |
अमृत | सुधा, सोम, अमिय |
दुर्गा | गौरी, नारायणी, कल्याणी |
गरुड़ | पक्षीराज, खगेश, हरिवाहन |
यमुना | कालिंदी, श्यामा, रविसुता |
झरना | निर्झर, स्रोत, सोता |
नदी | सरिता, सलिला, तरंगिनी |
पृथ्वी | धरा, धरती, भूमि |
शेर | सिंह, वनराज, मृगराज |
पत्थर | पाषाण, शिला, पाहन |
अक्ल | बुद्धि, प्रज्ञा, मति |
बर्फ़ | तुषार, हिम, तुहिन |
तट | कगार, किनारा, कूल |