सूक्ष्म शिक्षण के कौशक – श्यामपट्ट कौशल

अध्यापक के लिए चॉक तथा ब्लैकबोर्ड उतना ही आवश्यक हैं, जीतना एक सैनिक के लिए अस्त्र । कक्षा अध्यापक हमेशा इसका उपयोग करता है लेकिन किस तरह से इसका सही और उचित प्रयोग किया जाए, यह बात बहुत कम अध्यापक को पाता हैं। भारत जैसे निर्धन देश में यह एक सामान्य शिक्षण की सहायक सामग्री है। जिसका प्रयोग प्रत्येक विद्यालय में किया जाता हैं।

               श्यामपट्ट के आविष्कार सर्वप्रथम जेम्स विलियम ने किया था विधि पूर्वक उपयोग पाठ को प्रभावशाली बनाने में सहायक होता है। अध्यापक को श्यामपट्ट कार्य में पारंगत होना चाहिए जिससे वह इस साधन का कुशलता पूर्वक उपयोग कर पाठ को सफल बना सके।

 श्यामपट्ट कार्यों में तीन पक्ष पर विशेष ध्यान रखा जाता हैं –

1. श्यामपट्ट करी मेन स्वच्छता :- श्यामपट्ट कार्य में वाक्य सीधी रेखा में होनी चाहिए इन वाक्यों के बीच की दूरी एक जैसी होनी चाहिए और साथ ही साथ यह भी ध्यान रखा जाए कि एक शब्द के ऊपर दूसरी शब्द न लिए जाए।

2. लेख की स्पष्टता :- श्यामपट्ट पर लिखे गए अक्षर एक दूसरे के बराबर और एक समान दूरी पर लिखें जाएँ अंतराल जहां आवश्यक हो वहाँ दिया जाए।

3. श्यामपट्ट कार्यों की उपयुक्ता : – श्यामपट्ट कार्य में शब्दों अथवा वाक्यों का लेख होता है और रेखा चित्र बनाकर उसकी व्याख्या की जाती है। इन सबकी उपयोगिता निम्नलिखित तरीकों से जाँची जा सकती है –


i.
लिखित सामग्री संक्षिप्त हो ।


ii.
स्पष्ट हो ।


iii.
ध्यान आकर्षित करें ।


iv.
रंगीन चॉक का जरूरत के अनुसार उपयोग करें।


v.
मुख्य बिन्दुओं को रेखांकित करना चाहिए।

   इन सब बातों के अलावा प्रभावशाली श्यामपट्ट कार्य हेतु निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना आवश्यक हैं-


i.
कक्षा में श्यामपट्ट लेख सभी विद्यार्थी देख सके।


ii.
पाठ शुरू करने के पूर्व श्यामपट्ट को अच्छी तरह से साफ कर लिया
जाए।


iii.
कक्षा में जाने से पूर्व आवश्यकता अनुसार चॉक अपने साथ लेकर जाए।


iv.
श्यामपट्ट के एक खड़े होने चाहिए।


v.
श्यामपट्ट कार्य का उपयोग करने हेतु संकेतक का उपयोग करें।  


vi.
लिखते समय यह ध्यान दिया जाए कि जिस चॉक से लिखा जा रहा है वह आवाज न करती हो ।


vii.
चॉक पर पार्यप्त दबाव डाल कर लिखें जिसे कि लेख श्यामपट्ट पर स्पष्ट रूप से अंकित हो।


viii.
श्यामपट्ट पर लिखते समय अध्यापक को सदैव ध्यान रखना चाहिए कि वर्ग वर्तनी संबंधी अशुध्दियां न करें ।


ix.
अक्षरों के बीच में उचित दूरी रखकर लिखें ।  


x.
श्यामपट्ट पर साफ और स्पष्ट चित्र बनाने चाहिए।


xi.
श्यामपट्ट की ओर करके नहीं बोलना चाहिए ।


xii.
लिखते समय अपनी नज़र छात्रों के क्रियाकलाप पर भी रखनी चाहिए


xiii.
श्यामपट्ट पर कार्य करने के पश्चात छात्रों को ध्यान आकर्षित करने वाली विभिन्न व्यक्त क्रियाएँ नहीं करनी चाहिए।


xiv.
अनावश्यक बातों को मिटाएँ ।


xv.
 अक्षरों का उचित आकार हो ।


xvi.
कक्षा की समाप्ति पर श्यामपट्ट को साफ कर लेना चाहिए।


xvii.
प्रत्येक श्यामपट्ट पर ये जरूर लिखा होना चाहिए।

सूक्ष्म शिक्षण के कौशक - श्यामपट्ट कौशल

 

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