वापसी कविता प्रश्न उत्तर class 8 (wapsi Kavita ka questions answer class 8 )
आप सभी का इस आर्टिकल में स्वागत है आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से वापसी कविता के प्रश्न उत्तर (wapsi Kavita ka questions answer) को पढ़ने जा रहे हैं। जो पश्चिम बंगाल के सरकारी विद्यालय के कक्षा 8 के पाठ 8 वापसी कविता से लिया गया है। तो चलिए वापसी कविता के प्रश्न उत्तर class 8 (wapsi Kavita ka questions answer class 8) को देखें-
वस्तुनिष्ठ प्रश्न:
१. कवि लौटकर किस वृक्ष पर बसेरा बनाना चाहता है?
उत्तर: नीम
२. पलाश के फूलों का रंग होता है?
उत्तर:लाल
३. हम किसी लक्ष्य नहीं कर पाएंगे?
उत्तर: नयी छाल को
४. हरियाली से हमें क्या मिलता है?
उत्तर: राहत और सुख
लघूत्तरीय प्रश्न:
१. कवि कहां घोंसला बनाना चाहता है?
उत्तर: कवि बरामदे के पंखे के ऊपर घोंसला बनाना चाहते हैं।
२. कवि को क्यों लगता है कि हम उसे नहीं पहचान सकेंगे?
उत्तर: मनुष्य आधुनिकता की चकाचौंध में इस प्रकार से घुल मिल जाएगा कि उसे अपने नैतिक परंपराओं का ज्ञान ही नहीं रहेगा। इसी कारण कवि को लगता है कि हम उसे नहीं पहचान सकेंगे।
३. बारिश के बाद क्या छा जाती है?
उत्तर: बारिश के बाद हरियाली छा जाती है।
४. कवि की पहचान को कौन बदल देगा?
उत्तर: कवि की पहचान को उनके ही लोग बदल देंगे।
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बोधमूलक प्रश्न:
१. ‘तुम बिना रूप बदले भी/बदल जाओगे’………….. का क्या आशय है?
उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति के माध्यम से कवि उन लोगों को संबोधित करते हुए कहते हैं जो आज के आधुनिकता की चकाचौंध में इस प्रकार से डूबे हुए हैं कि उन्हें अपनी ही संस्कृति और विरासत की कोई परवाह नहीं है वे उन्हें भूल चुके हैं जिसके कारण कवि को लगता है कि उनकी संस्कृति और विरासत के कोई अस्तित्व ही ना रहेगा।
२. हमें अपनी परंपरा, अपने पूर्वजों और अपनी प्रकृति के प्रति सहिष्णु क्यों होना चाहिए?
उत्तर: हमें अपनी परंपरा, अपने पूर्वजों और अपने प्रकृति के प्रति सहिष्णु होना चाहिए क्योंकि प्राचीन परंपराएं हमें संस्कारित बनाती है और हमारे पूर्वज हमारे भविष्य के मार्गदर्शक होते हैं वही प्रकृति हमें जीवन प्रदान करती है।
भाषा बोध:
१. निम्नलिखित वाक्यांश में आए कारक विभक्तियों का नाम लिखिए-
i) पक्षी की तरह
उत्तर: की (संबंध कारक)
ii) पलाश के पेड़ पर नयी छाल की तरह
उत्तर: के (संबंध कारक)
पर (अधिकरण कारक)
की (संबंध कारक)
iii) हमारी पहचान हमेशा के लिए गड्डमड्ड कर जाएगा।
उत्तर: के लिए ( संप्रदान कारक)
नोट्स:
कारक किसे कहते हैं?
संज्ञा सर्वनाम के जिस रुप से वाक्य के अन्य शब्दों के साथ उनका संबंध बताया जाता है उसे ही कारक कहा जाता है।
हिंदी में कारक 8 है और कारकों के बोध के लिए संज्ञा या सर्वनाम के आगे जो चिह्न लगाए जाते हैं उसी को विभक्तियां कहते हैं कुछ लोग इन्हें परसर्ग के नाम से भी जानते हैं। प्रत्येक कारक के अलग-अलग विभक्तियां चिह्न हैं। हिंदी कारकों की विभक्तियों के चिह्न इस प्रकार से हैं-
कारक विभक्ति चिह्न
१. कर्ता ने
२. कर्म को
३. करण से
४. संप्रदान को, के लिए
५. अपादान से
६. संबंध का, के, की, रा, रे, री
७. अधिकरण में, पर
८. संबोधन हे, अजी, अहो, अरे, इत्यादि।
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२. निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कर लिंग-निर्णय कीजिए:
[पक्षी, बगिया, घोंसला, हरियाली, रूप]
पक्षी:- पक्षी पेड़ पर बैठा है। (पुल्लिंग)
बगिया:- बगिया फूलों से भरी हुई है। (स्त्रीलिंग)
घोंसला:- यह घोंसला बहुत पुराना है (पुल्लिंग)
हरियाली:- हमारे चारों ओर हरियाली ही हरियाली छायी हुई है। (स्त्रीलिंग)
रूप:- उसे देखो उसका रूप दिन-ब-दिन बदलते जा रहा है। (पुल्लिंग)
नोट्स:-
लिंग किसे कहते हैं?
संज्ञा के जिस रुप से स्त्री जाति या पुरुष जाति का पता चलता है तो उसे हिंदी व्याकरण की भाषा में लिंग कहा जाता है इसे दो भागों में बांटा गया है-
१. स्त्रीलिंग २.पुल्लिंग
१. स्त्रीलिंग: संज्ञा के जिस रुप से उसके स्त्री जाति के होने का पता चलता है उसे स्त्रीलिंग कहते हैं। जैसे: बगिया, हरियाली, बेटी, औरत, चप्पल, किताब, पुस्तक, कवयित्री, शक्ल, चिड़ी इत्यादि।
२.पुल्लिंग: संज्ञा के जिस रुप से उसके पुरूष जाति के होने का पता चलता है उसे पुल्लिंग कहते हैं। जैसे: पुस्तकालय, कवि, गायक, बेटा, जूता, ग्रंथ, बाग़, घोंसला, पक्षी, रूप, चेहरा इत्यादि।