वह देश कौन-सा है कविता question answer class 5

वह देश कौन-सा है कविता question answer class 5

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आप सभी का इस आर्टिकल में स्वागत है आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से ‘वह देश कौन-सा है’ कविता question answer class 5 और इस कविता के सारांश को पढ़ने जा रहे हैं। इस कविता के कवि पंडित रामनरेश त्रिपाठी जी है जो भारत को महान बताते हुए यहां के प्राकृतिक सौंदर्य का बखूबी वर्णन किया है तो चलिए ‘वह देश कौन-सा है’ कविता question answer और इनके सारांश को देखें-

वह देश कौन-सा है कविता question answer class 5

१. संक्षेप में उत्तर दो।

१.१. इस कविता के कवि कौन हैं?

उत्तर: इस कविता के कवि पंडित रामनरेश त्रिपाठी है।

१.२. कविता में किस देश का उल्लेख है?

उत्तर: कविता में भारत देश का उल्लेख है।

१.३. इस कविता में भारत की किन विशेषताओं का उल्लेख किया गया है?

उत्तर: इस कविता में भारत देश की प्राकृतिक विशेषताओं का उल्लेख किया गया है।

१.४. भारत के चरणों को कौन होता है? इसका मुकुट किसे बताया गया है?

उत्तर: भारत के चरणों को रत्नेश यानी कि समुद्रत होता है और इसका मुकुट हिमालय को बताया गया है?

१.५. भारत के सेवक सपूतों की संख्या कितनी है?

उत्तर: भारत के सेवक सपूतों की संख्या कोटि-कोटि यानी कि करोड़ों में है।

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२. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर अपनी भाषा में लिखो।

२.१. भारत एक आनंदमय देश किस प्रकार है?

उत्तर: भारत को आनंदमय बनाने में यहां के प्रकृति का बहुत बड़ा योगदान है इनमें कई सारी खूबियां है। जैसे यहां की नदियां जो अमृत के समान है। यहां के जल बहुत लाभदायक हैं इस जल से पूरे भारत के भूमि को सीखते हैं। भारत देश में तरह-तरह के फूल सदा ही खिले रहते हैं साथ ही यहां के पर्वत, मैदान, हरियाली भारत को और भी आनंदमयी बना देता है।

२.२.’नदिया सुधा की धारा बहा रही है – इसका आशय स्पष्ट करो।

उत्तर: नदियां सुधा की धारा बहा रही है। इसका आशय यह है कि नदियों में जो जल बह रही है उसका जल निर्मल एवं साफ है इस जल का प्रयोग हम विभिन्न रूप में करते हैं नदी के जल का प्रयोग करने से हरियाली आएगी साथ ही सिंचाई करने से विभिन्न प्रकार के अनाज उत्पन्न होंगे तथा नदी के जल का प्रयोग सभी जीव जंतु अपने जरूरत के अनुसार उपयोग में लाते हैं।

२.३. भारत की धरती में कौन से अनंत धन गड़े हैं?

उत्तर: भारत की धरती में अनेक प्रकार के धन गड़े हैं जैसे: लोहा, कोयला, मैंगनीज, तांबा, सोना इत्यादि। इन्हीं वस्तुओं के कारण भारत की धरती बहुत ही मूल्यवान बने हुए हैं।

२.४. भारत के प्राकृतिक सौंदर्य के बारे में क्या कहा गया है?

उत्तर: भारत के प्राकृतिक सौंदर्य के बारे में कहा गया है कि भारत के प्रकृतिक सौंदर्य देखते ही बनते हैं भारत के उत्तर में हिमालय पर्वत है तो दक्षिण में हिंद महासागर। यहां मैदान, पर्वत, वनों में हरियाली ही हरियाली बाग बगीचों से गिरा हुआ है जो भारत के प्राकृतिक सौंदर्य में चार चांद लगा देता है।

२.५. भारत ने पृथ्वी के निवासियों को किस प्रकार जगाया?

उत्तर: भारत ने विश्व के हर कोने में शिक्षा का ज्ञान दीपक जलाया। जिस समय विश्व का अधिकतर भाग अशिक्षित था उसमें भारत के लोग रामायण महाभारत और वेदों की शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। भारत के लोगों ने इसी शिक्षा को पृथ्वी के हर कोने तक पहुंचाया है। इस प्रकार भारत के लोगों ने पृथ्वी के लोगों को शिक्षा के माध्यम से जगाया।

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२.६. इस कविता का सार अपने शब्दों में लिखो।
या
‘वह देश कौन सा हैै’ कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखें।

उत्तर: प्रस्तुत कविता ‘वह देश कौन सा है’ से लिया गया है तथा इसके रचयिता पंडित रामनरेश त्रिपाठी जी है। इस कविता के माध्यम से कवि ने देश की प्राकृतिक सुंदरता, यहां की सांस्कृतिक और इसके साथ-साथ यहां के लोगों की न्यायप्रियता का वर्णन किया है।
कवि ने भारत देश का गुणगान करते हुए कहा है कि यह देश महान है। इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है। कवि कहते हैं कि जिसका चरण कुछ समुंद्र धोता हो उस देश के बारे में क्या कहना। जहां हिमालय पर्वत उसका मुकुट बनता हो जहां का जल जो स्वच्छ और अमृत के समान हो वह देश कितना महान होगा।
यहां की हरियाली सदा एक जैसी रहती है और एक अनुपम सुंदरता का एहसास कराती है। यहां के फूल जो तरह-तरह के बहुत सुंदर होते हैं। जहां स्वयं मां अन्नपूर्णा अनाज का भंडार अपने हाथों धरती पर फैलाने लगती है वह देश महान है।
सर्वप्रथम यहां के लोगों ने शिक्षा प्राप्त किया था और पूरी दुनिया के लोगों को शिक्षित किया था। इस देश में सर्वप्रथम वेद की रचना हुई थी। इसी देश में सबसे पहले सभ्यता का विकास हुआ। यहां के लोगों का जीवन दूसरे की भलाई और मानव सेवा में लगा दिया। यहां के लोगों का उद्देश्य जीवन में त्याग ही है। अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र राम अपने पिता के एक आदेश पर अपना राज्य छोड़ दिया और 14 वर्ष का वनवास जीवन जिया। उनके साथ सीता और भाई लक्ष्मण भी राम के साथ वन चले गए।
कवि कहते हैं कि यहां की हर वस्तु हर जगह हर कहानी का कोई मोल नहीं। या अमूल्य है। इनकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम होगी। इसलिए यह देश महान है।

२.७. तुमको भारत की क्या-क्या चीजें लुभाती हैं?

उत्तर: भारत एक ऐसा महान देश है जहां की प्रत्येक वस्तुएं मुझे लुभाती है। यहां की पवित्र जल जो तन और मन को शुद्ध कर देती है। यहां की हरियाली जो धरती से लेकर पहाड़ों तक रहती है, जो एक प्राकृतिक शोभा देती है। यहां के पुष्प जो तरह-तरह के होते हैं, हमें सुगंध देते हैं और पूरे वातावरण को आनंदमय कर देते हैं। यहां राम जैसे पुरुष जो अपने पिता के आदेश के अनुसार राज-पाट त्याग देते हैं। उनके भाई लक्ष्मण जो भाई का साथ नहीं छोड़ता वहीं दूसरी ओर सीता जो पति सेवा के लिए उनका साथ नहीं छोड़ती। यहां एक तरफ राम का आदर्श है तो दूसरी तरफ लक्ष्मण का त्याग हमें दिखाई देता है। भारत का इतिहास सभ्यता और संस्कार इस देश को और भी महान बनाता है। इसलिए भारत देश की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है।

३. सही शब्द द्वारा कविता के पंक्तियों को पूरा करो-

३.१. ________ निवासियों को जिसने प्रथम जगाया? (पृथ्वी/ आकाश)
उत्तर: पृथ्वी
३.२. जिसके बड़े__________ फलकंद नाज मेवे? (रसीले/सूखे)
उत्तर: रसीले
३.३. _________जहां है वह देश कौन सा है (आनंदमय/मीठा)
उत्तर: आनंदमय
३.४. __________जहां सुधा की धारा बाहर ही है (नदियां/पर्वत)
उत्तर: नदियां
३.५. __________शुद्ध प्रेमी भाई भले जहां के? (नि:स्वार्थ/स्वार्थी)
उत्तर: नि:स्वार्थ
३.६.__________सिवाय, दूजा, वह देश कौन सा है? (भारत/देश)
उत्तर: भारत
३.७.________वह देश कौन सा है के कवि है? (रामनरेश त्रिपाठी/राम अवतार त्रिपाठी)
उत्तर: रामनरेश त्रिपाठी
३.८. निष्पक्ष ________जन, जो पढ़े लिखे हैं (न्यायकारी/अन्याय)
उत्तर: न्यायकारी
३.९. मन-मोहिनी_________जो की गोद में बसा है (प्रकृति/हरियाली)
उत्तर: प्रकृति

४. कविता के निम्नलिखित पंक्तियों का सरल अर्थ लिखो-

क)     जिसके चरण निरंतर रत्नेश धो रहा है,
जिसका मुकुट हिमालय, वह देश कौन सा है
नदिया जहां सुधा की धारा बहा रही है,
खींचा हुआ सलोना, वह देश कौन सा है?

व्याख्या: प्रस्तुत पंक्तियों के कवि पंडित त्रिपाठी जी है। उन्होंने यह प्रश्न किया है कि वह देश कौन सा है जिसका पांव सदा सागर पखारता रहता है। वह देश कौन सा है जिसका मुकुट स्वयं हिमालय हैं। जहां हर समय मीठे जल की प्राप्ति होती रहती है और इस कारण पूरे स्थान में हरियाली दिखती है। पंडित त्रिपाठी जी आश्चर्य से इन सब घटनाओं को देख रहे हैं और प्रश्न कर रहे हैं बताओ वह देश कौन सा है उनके मन में यही सवाल बार-बार उठ रहा है कि जब प्रकृति अपना सारा प्यार आशीर्वाद के रूप में इस धरती को दे रही है वह देश कौन सा है?

ख)     जिसके सुगंध वाले, सुंदर प्रसून,
प्यारे, दिन-रात हंस रहे हैं, वह देश कौन-सा है?
मैदान, गिरि, वनों में हरियालिया लहकती,
आनंदमय जहां है वह देश कौन-सा है?

व्याख्या: प्रस्तुत पंक्तियों में कवि यहां यह जानना चाहते हैं कि वह देश कौन सा है जहां इतनी सुंदर सुंदर फूल खिले रहे हैं। जो पूरे वातावरण को आनंदमय बना रहे हैं। यह फूल ऐसे लग रहे हैं जो अपना सर उठाकर अपने को गर्व महसूस कर रहे हैं कि हम धन्य है कि इस देश में हम हैं और वही दूसरी तरफ हरियाली ही हरियाली है जो एक सुंदर दृश्य प्रस्तुत कर रही है। ऐसा लगता है किसी हरे रंग ने पूरे धरती को अपने में समेट लिया है। यह सब वस्तुओं को देखकर और मन में लालच आ जाता है और मन में जिज्ञासा होती है जानने की वह देश कौन है जहां यह सब मौजूद है। अर्थात वह देश भारतवर्ष है।

५. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यान पूर्वक पढ़ो और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दो।

पृथ्वी निवासियों को जिसने प्रथम जगाया,
शिक्षित किया, सुधारा, वह देश कौन सा है?
छोड़ा स्वराज तृणवत् आदेश से पिता के,
वह राम था जहां पर, वह देश कौन सा है?

५.१. पृथ्वी के निवासियों को किसने और किस प्रकार जगाया?

उत्तर: पृथ्वी के निवासियों को सबसे पहले भारत के लोगों ने अपने ज्ञान और सभ्यता का दान देकर जगाया।

५.२. शिक्षित किया सुधारा इस पंक्ति का क्या आशय है?

उत्तर: शिक्षित किया सुधारा का अर्थ है- जब भारत के लोग शिक्षा में बहुत आगे बढ़ गए थे लेकिन एक तरफ की पूरी दुनिया पशु की तरह रहते थे। उसी समय भारत के लोगों ने अपनी धर्म और संस्कृति ज्ञान देकर उनके अज्ञानता को दूर किया। जिस कारण उनको भी ज्ञान प्राप्त हुआ।

५.३. किसके आदेश से और किसने स्वराज छोड़ा?

उत्तर: पिता दशरथ के आदेश से राम ने अपना स्वराज छोड़ा।

५.४. उन्हें कितने वर्ष का वनवास मिला और उनके साथ कौन-कौन गया?

उत्तर: राम को 14 वर्ष का वनवास मिला और उनके साथ उनकी पत्नी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण भी गए थे।

६. वाक्यों में क्रिया पदों के नीचे रेखा खींचो और पास में लिखो।

६.१. जिसकी चरण निरंतर रत्नेश रत्नेश धो रहा है।
उत्तर: धो रहा है।
६.२. नदिया जहां सुधा की धारा बहा रही है।
उत्तर: बहा रही है।
६.३. दिन रात हंस रहे हैं। वह देश कौन सा है?
उत्तर: रहे हैं।
६.४. मैदान गिरि वनों में हरियालियां लहकती।
उत्तर: लहकती
६.५. शिक्षित किया सुधारा वह देश कौन सा है?
उत्तर: सुधारा

७. बिखरे वर्णों को सजाकर शब्द बनाओ।

७.१. च ण र = चरण
७.२. मु ट कु = मुकुट
७.३. शि म रो णि = शिरोमणि
७.४. रा स्व ज = स्वराज
७.५. व क से = सेवक
७.६. मै न दा = मैदान

८. कविता में आए संयुक्ताक्षर क्ष युक्त शब्दों को खोज कर लिखो तथा 3 शब्द स्वयं लिखो।

१.शिक्षित  २.लक्ष्मण  ३.निष्पक्ष  ४.अशिक्षित  ५.क्षमा  ६.शिक्षा

९. दिए गए शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखो।

१. प्रसून: फूल, पुष्प
२. पर्वत: गिरि, पहाड़
३. धरती: भू, धरा, पृथ्वी
४. सूर्य: रवि, दिवाकर, दिनकर

१०. दिए गए शब्दों का प्रयोग कर वाक्य बनाओ।

[सलोना, आनंदमय, शिक्षित, स्वराज, निष्पक्ष, सेवक]
सलोना: मेरा देश सलोना है।
आनंदमय: हमारा जीवन बहुत आनंदमय है।
शिक्षित: भारत के अधिकांश लोग शिक्षित हैं।
स्वराज: स्वराज हमारा हक है।
निष्पक्ष: हमें हमेशा निष्पक्ष बनना चाहिए।
सेवक: मैं भारत देश का सेवक हूं।

११. शब्दों की वर्तनी को सुधारकर लिखो।

१. स्वरग – स्वर्ग
२. चरन – चरण
३. परसून – प्रसून
४. सिरोमनी – शिरोमणि
५. पिरथवी – पृथ्वी
६. परथम – प्रथम
७. परेमी – प्रेमी
८. निस्पछ – निष्पक्ष

१२. विशेषण के साथ विशेष्य का सही मेल बताओ। (रेखा खींचकर)

विशेषण                   विशेष्य

१. सलोना        –           देश
२. सुंदर।          –          प्रसून
३. अनंत।         –           धन
४. न्यायकारी     –          जन
५. रसीले           –          फल
६. सेवक।         –          सपूत

१३. सही विकल्प पर सही (✓) का चिन्ह् लगाओ।

१३.१. इस कविता में किस देश का वर्णन आया है?

i.श्रीलंका [  ]          ii.मालदीव[  ]

   iii.भारत [✓]          iv.पाकिस्तान [ ]

१३.२. सुधा की धारा किसे कहा गया है?

i. सागर [  ]            ii. बरसात[  ]

   iii. तलाब [  ]        iv. नदी [✓ ]

१३.३. नदियों को सुधा कहने का कारण-

i. सब की प्यास बुझाती हैं [  ]
ii. खेतों की सिंचाई करती हैं[  ]
iii. पेड़ पौधों की सिंचाई करती हैं [  ]
iv. उपयुक्त सभी [✓]

१३.४. इस कविता के कवि का नाम क्या है?

i. मैथिलीशरण गुप्त [  ]
ii. सियारामशरण गुप्त[  ]
iii. रामनरेश त्रिपाठी [✓]
iv. सूर्यकांत त्रिपाठी [  ]

१३.५. पिता के आदेश से किसने अपना राज्य तिनके के समान समझकर छोड़ दिया?

i. कृष्ण [ ]               ii. भरत[ ]

  iiii. लक्ष्मण [ ]         iv. राम [✓ ]

१३.६. इस कविता में भारत का मुकुट किसे कहा गया है?

i. हिमालय को [✓]
ii. कश्मीर को[ ]
iii. हिमाचल प्रदेश को [ ]
iv. जम्मू को [ ]

१४. कविता से चुनकर उन पंक्तियों को लिखो जिनका अर्थ नीचे दिया गया है।

१४.१. संसार के लोगों को सबसे पहले जागृत करने वाला, शिक्षा प्रदान करने वाला देश कौन-सा है?
उत्तर: पृथ्वी निवासियों को जिसने प्रथम जगाया,
शिक्षित किया, सुधारा, वह देश कौन-सा है?

१४.२. जहां अमृत जैसा जल बहाने वाली नदियों के द्वारा सिंचाई होती, वह कौन-सा देश है?
उत्तर: नदियां जहां सुधा की धारा बहा रही हैं,
सींचा हुआ सलोना, वह देश कौन-सा है?

१५. शब्दों के अर्थ लिखो।

१. सुधा – अमृत ।   २. रत्नेश – समुद्र।     ३. लगातार – निरंतर।
४. सपूत – सपुत्र।    ५. आज्ञा – आदेश।   ६. प्रकृति – कुदरत।

१६. विलोम शब्द लिखो।

१. स्वर्ग – नरक।    २. पृथ्वी – आकाश।    ३. निष्पक्ष – पक्षपाती।
४. निस्वार्थ – स्वार्थी।   ५. शिक्षित – अशिक्षित ‌।   ६. सुगंध – दुर्गंध।

१७. निम्नलिखित शब्दों में प्रत्यय और मूल शब्द अलग-अलग करो।

शब्द                मूल शब्द            प्रत्यय
१७.१. हरियालियां           हरियाली              यां
१७.२. निवासियों             निवासी               यों
१७.३. न्यायकारी              न्याय                कारी
१७.४. शिक्षित                 शिक्षा                इत
१७.५. हिमालय                हिम                आलय

१८. ‘मेरा भारत महान’ पर पांच वाक्य अपनी भाषा में लिखो।

उत्तर: मेरा भारत दुनिया का सबसे प्यारा और महान देश है। इस देश में अनेक धर्म, जाति के लोग रहते हैं। वह सब आपसी प्यार, भाईचारे के साथ रहते हैं। हमारे देश को भगवान ने सब कुछ से संपन्न किया है। इस कारण हमारे देश को सोने की चिड़िया कहा जाता है। हमारे देश में कई महापुरुषों ने जन्म लिया है। उनके मार्गदर्शन से हमारा देश भारत पहले शिक्षा ग्रहण किया उसके साथ ही साथ दुनिया को भी ज्ञान का दीपक दिया। हमारे देश की सभ्यता बहुत बड़ी और सुंदर है। हमारे देश के कई मनुष्यों ने अपने संसार में अपना नाम रोशन किया है। हमारे देश में सब एक समान हैं। मुझे अपने देश पर गर्व है। हमारा देश महान था, महान है और महान रहेगा।

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