उत्तर: बनवीर दीपदान एकांकी का दूसरा प्रमुख पात्र है एवं एकांकी में खलनायक की भूमिका निभाता है। बनवीर चित्तौड़ के महाराजा सांगा के भाई पृथ्वी सिंह का दास पुत्र है। उसके चरित्र में स्वार्थ का गुण कूट-कूट कर भरा हुआ है। वह चित्तौड़ का राजा बनने के लिए एक बालक की हत्या करने से भी नहीं चूकता है। वह एक विश्वास घाती व्यक्ति है। उसके चरित्र की विशेषताओं को निम्नलिखित शीर्षकों के अंतर्गत देखा जा सकता है-
१. महत्वाकांक्षी:-
बनवीर चित्तौड़ के राजा राणा संग के भाई पृथ्वी सिंह का दासी पुत्र है। बनवीर उदय सिंह का संरक्षक है परंतु वह उदय सिंह को मार कर स्वयं राजा बनना चाहता है पन्नाधाय जब उससे उदय सिंह के प्राणों की भीख मांगती है तो बनवीर कहता है- “उदय सिंह की हत्या ही तो मेरे राज्य सिंहासन की सीढ़ी होगी।”
२. कूटनीति:-
बनवीर एक कुशल कूटनीति व्यक्ति था। वह दीपदान का आयोजन कराकर अपनी जनता का ध्यान दूसरी ओर केंद्रित करता है तथा स्वयं कुंवर उदय सिंह की हत्या का योजना बनाता है। वह इस योजना में पन्ना का सहयोग प्राप्त करने के लिए उसे लालच देता है किंतु जब पन्ना उसका विरोध करती है तो उसे भयभीत करता है।
३. विलासी चरित्र व्यक्ति:-
बनवीर एक विनाशी चरित्र व्यक्ति है। वह शराब पीता है तथा उसे नाच गाने का बहुत शौक है। उसने रावल सरूप सिंह की रूपवती, नटखट बेटी सोना को अपने प्रेम जाल में फंसा लिया है। सोना बनवीर की प्रकृति से बेखबर उसकी झूठी प्रेम में पागल हो चुकी है।
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४. क्रूर और हिंसक:-
बनवीर एक क्रूर एवं हिंसक व्यक्ति है। वह चित्तौड़ का राजा बनने के लिए महाराणा के कक्ष में जाकर उनकी हत्या कर देता है। वह कुंवर उदय सिंह की भी हत्या करना चाहता है। इसकी आशंका महल की परिचारिका शामली को पहले ही हो जाती है। पर वह पन्ना से कहती है सांप की तरह उसकी भी जीभें है जो एक से नहीं बुझेगी उसे दूसरा रक्त भी चाहिए।
५. कायर एवं विश्वासघाती:-
बनवीर की चरित्र की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वह एक कायर एवं विश्वास घाती व्यक्ति है। अपने सोए हुए भाई की हत्या करना उसकी कायरता की पहचान है। उसकी कायरता का एक प्रमाण यह भी है कि वह उदय सिंह के धोखे में बालक चंदन की हत्या कर देता है। सोते हुए बालक पर वार करते समय उसका हृदय भी उसे नहीं धिकारता है।
६. निर्दयता:-
बनवीर अत्यंत निर्दय व्यक्ति है। वे इतने निर्दय है कि एक सोये हुए बालक पर रात में आक्रमण कर उसकी हत्या कर देता है एक बालक पर वार करते हुए उनका दिल तोड़ा भी नहीं झीकता है।
बनवीर का चरित्र स्वार्थी, विश्वासघाती तथा हत्यारे का चरित्र है। ऐसे ही चरित्र के कारण भारत का मध्यकालीन इतिहास का पन्ना काले अक्षरों में लिखा गया है।
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