अपने हेल्थ इंश्योरेंस को पोर्ट कैसे करें, How to port health insurance policy
हेल्थ इंश्योरेंस (स्वास्थ्य बीमा) का महत्व आज के समय में बढ़ चुका है। न जाने कितनी बार हमें अनायास हेल्थ के लिए बड़े खर्चों का सामना करना पड़ता है। हेल्थ इंश्योरेंस न केवल हमें इस बड़े खर्च से बचाता है, बल्कि हमें सुरक्षित महसूस कराता है कि हमारे परिवार का स्वास्थ्य सदैव सुरक्षित है।
अक्सर होता है कि हमें किसी इंश्योरेंस कंपनी की सेवाओं से संतुष्ट नहीं होते हैं। इस प्रकार के परिस्थितियों में, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को पोर्ट करना एक सुविधाजनक विकल्प हो सकता है। बीमा पॉलिसी पोर्टेबिलिटी की सुविधा से, आप अपनी मौजूदा इंश्योरेंस पॉलिसी को एक कंपनी से दूसरी कंपनी में बदल सकते हैं, जिससे आपको अधिक सुविधा और सेवा मिल सकती है।
सही इंश्योरेंस कंपनी कैसे चुनें
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी का चयन करते समय कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं का ध्यान रखना आवश्यक है। पहले तो, आपको बीमा पॉलिसी की शर्तों और शर्तों को ध्यान से पढ़ना चाहिए। साथ ही, कंपनी की सेवा और समर्थन की गुणवत्ता पर भी ध्यान देना चाहिए। आपको भविष्य में किसी आपातकालीन स्थिति के लिए बीमा कवरेज की उपलब्धता की भी जाँच करनी चाहिए।
अपने हेल्थ इंश्योरेंस को पोर्ट कैसे करें
अगर आप अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को पोर्ट करवाना चाहते हैं, तो यहाँ पर एक सही तरीका है जिसे आपको अपनाना चाहिए।
पोर्ट के लिए आवेदन करें
पोर्ट करने के लिए, आपको अपनी पॉलिसी की रिन्यूअल तारीख से 45 दिन पहले अपने इंश्योरेंस कंपनी को आवेदन करना होगा।
प्रपोजल और फॉर्म भेजें
आपके आवेदन के बाद, आपको इंश्योरेंस कंपनी द्वारा प्रपोजल और पोर्टेबलिटी फॉर्म भेजा जाएगा।
जरूरी जानकारी भरें
पोर्टेबलिटी फॉर्म में अपना नाम, फोन नंबर, ईमेल, और अन्य आवश्यक जानकारी भरकर सबमिट करें।
नई कंपनी से संपर्क करें
फॉर्म सबमिट करने के बाद, नई इंश्योरेंस कंपनी आपसे संपर्क करेगी और आपकी पूर्व हेल्थ पॉलिसी कंपनी से संबंधित जानकारी की पुनर्विचार करेगी।
डॉक्यूमेंट्स का पूर्णतः सत्यापन करें
नई कंपनी को आपके जरूरी दस्तावेज मिलने के बाद, वह 15 दिनों के भीतर आपके पोर्टेबिलिटी रिक्वेस्ट को स्वीकृत या अस्वीकृत करने की सूचना देगी।
इस तरह, आप अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को पोर्ट करवाने का सही तरीका अनुसरण कर सकते हैं। यह आपको अधिक सुविधा और अच्छी सेवा प्रदान करेगा।
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आवश्यक डॉक्यूमेंट्स जो हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबल के दौरान आपके पास होने चाहिए
हेल्थ इंश्योरेंस रिन्यू का नोटिस
हेल्थ इंश्योरेंस रिन्यू के समय, आपको अपने पॉलिसी नोटिस के बारे में सतर्क रहना चाहिए। यह नोटिस आपको अपनी पॉलिसी की अवधि, प्रीमियम, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।
नो क्लेम बोनस का सर्टिफिकेट
नो क्लेम बोनस (NCB) सर्टिफिकेट है तो आपको अपनी पॉलिसी की प्रीमियम में छूट दिला सकता है। अपने नो क्लेम बोनस का सर्टिफिकेट प्राप्त करना हमेशा फायदेमंद होता है, क्योंकि यह आपको अगले निश्चित अवधि के लिए भी सामान्यत: प्रीमियम पर छूट प्रदान करता है।
क्लेम के बाद की डिस्चार्ज समरी
अगर आपने किसी भी प्रकार की क्लेम की है, तो आपको उसकी डिस्चार्ज समरी प्रस्तुत करना हो सकता है। इसमें आपकी चिकित्सा इतिहास, उपचार, और क्लेम के लिए भुगतान की जानकारी शामिल होती है।
फॉलो-अप रिपोर्ट
कई बार, चिकित्सा दवाओं के उपयोग के बाद, एक फॉलो-अप रिपोर्ट अपेक्षित होता है। यह रिपोर्ट आपके चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा आपकी सेहत की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए होती है।
मेडिकल हिस्ट्री, रिपोर्ट और कॉपी
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को आपके मेडिकल हिस्ट्री, रिपोर्ट और कॉपियों की आवश्यकता होती है। यह जानकारी आपकी पॉलिसी की प्रोसेसिंग और क्लेम की प्रक्रिया के लिए भी महत्वपूर्ण होती है। साथ ही पोर्टेबल के लिए भी।
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बीमा पॉलिसी ट्रांसफर के बारे में समझें
पॉलिसी खरीदने के बाद का 30 दिन का वेटिंग पीरियड ट्रांसफर हो जाता है
बीमा पॉलिसी को खरीदने के बाद, यदि आप दूसरे बीमा कंपनी में अपनी पॉलिसी को ट्रांसफर करना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए 30 दिन का वेटिंग पीरियड देना होता है। इसका मतलब है कि आपको इस पीरियड के बाद ही अपनी पॉलिसी को ट्रांसफर करने की अनुमति मिलती है।
पुरानी बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड पोर्ट होता है
अगर आपके पास वो बीमा पॉलिसी है जिसमें पहले से ही कोई बीमारी की घटनाओं का लिखा हो, तो आपको अपनी नई पॉलिसी के लिए भी वेटिंग पीरियड का इंतजार करना पड़ सकता है। इसका मतलब है कि आपको अपने पुराने बीमा पॉलिसी को नई पॉलिसी में पोर्ट करने के लिए भी वेटिंग पीरियड का इंतजार करना होगा।
कोई खास बीमारी के लिए वेटिंग पीरियड भी ट्रांसफर हो जाता है
कई बार ऐसा होता है कि किसी विशेष बीमारी के लिए आपको वेटिंग पीरियड का सामना करना पड़ता है। इससे अधिक जानकारी के लिए, अपनी बीमा पॉलिसी की शर्तों को ध्यान से पढ़ें और वेटिंग पीरियड के लिए कितना समय लगेगा, यह सुनिश्चित करें।
पुरानी पॉलिसी का नो क्लेम बोनस भी साथ में ट्रांसफर होता है
जब आप अपनी पुरानी बीमा पॉलिसी को नई बीमा कंपनी में पोर्ट करते हैं, तो आपका नो क्लेम बोनस भी ट्रांसफर हो जाता है। इससे आपको नए बीमा पॉलिसी पर छूट मिल सकती है और आपको अधिक लाभ हो सकता है।
बीमा पॉलिसी को पोर्ट करने से पहले, आपको इस प्रक्रिया के बारे में अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए और अपनी आवश्यकताओं के अनुसार सही निर्णय लेना चाहिए। यदि आपको किसी भी प्रकार की सहायता या सलाह की आवश्यकता हो, तो बीमा एजेंट से संपर्क करें और उनसे पूरी जानकारी प्राप्त करें।
हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी: लाभ और नुकसान
फायदे:
- पोर्टेबिलिटी का विकल्प आपको अपनी जरूरतों और जीवन शैली के अनुसार अपनी पॉलिसी को संशोधित करने की अनुमति देता है।
- मौजूदा राशि में नो क्लेम बोनस के साथ नई बीमा राशि की गणना की जाती है।
- पोर्टेबिलिटी का चयन करने के बाद भी आपके मौजूदा प्लान के सभी लाभ बने रहेंगे।
- नवजात शिशु के लिए टीकाकरण भी कवर किया जाता है और बीमा कंपनियां कम प्रीमियम पर अच्छे लाभ प्रदान करती हैं।
कमियां:
- पोर्टेबिलिटी का विकल्प चुनने के लिए नवीनीकरण की तारीख के नजदीक होना आवश्यक है।
- यहाँ, आपको केवल इस तरह के उत्पादों का चयन करने की सुविधा होती है।
- अक्सर, अतिरिक्त लाभों के लिए उच्च प्रीमियम किया जा सकता है।
- अगर आप ग्रुप प्लान से अलग-अलग प्लान में जाते हैं, तो आपको अपनी मौजूदा योजनाओं के कुछ लाभों को खोना पड़ सकता है, जिससे आपको नुकसान हो सकता है।