विशेषण किसे कहते हैं और कितने भेद होते हैं? (Adjective in Hindi Grammar with Types and Examples)
हिंदी व्याकरण में शब्दों का सही प्रयोग भाषा की सुंदरता को बढ़ाता है। इन्हीं शब्दों में एक महत्त्वपूर्ण शब्द है – विशेषण। जब भी हम किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, वहां विशेषण की आवश्यकता होती है।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे – विशेषण किसे कहते हैं और कितने भेद होते हैं, उनके उदाहरण, परिभाषा, प्रकार, FAQs और हर वह जानकारी जो आपको एक पूर्ण समझ दे सके।
विशेषण किसे कहते हैं? (Definition of Visheshan in Hindi)
विशेषण वह शब्द होता है जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है।
यह शब्द किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान या विचार की मात्रा, गुण, रंग, आकार आदि की जानकारी देता है।
उदाहरण:
- सुंदर लड़की
- लंबा पेड़
- मीठा आम
- पांच सेब
यहाँ “सुंदर”, “लंबा”, “मीठा” और “पांच” शब्द संज्ञा की विशेषता बता रहे हैं, इसलिए ये सभी विशेषण हैं।
विशेष्य किसे कहते हैं? (Visheshya in Hindi)
हिंदी व्याकरण में विशेष्य वह शब्द होता है जिसकी विशेषता बताने के लिए विशेषण का प्रयोग किया जाता है। सरल शब्दों में, जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताई जाती है, वह ‘विशेष्य’ कहलाता है। विशेषण और विशेष्य का गहरा संबंध होता है — जैसे विशेषण बिना विशेष्य अधूरा होता है।
उदाहरण:
- लाल फूल – यहाँ “फूल” विशेष्य है और “लाल” उसकी विशेषता बताने वाला विशेषण है।
- बुद्धिमान छात्र – “छात्र” विशेष्य है, “बुद्धिमान” विशेषण है।
- तीन लड़कियाँ – “लड़कियाँ” विशेष्य है, “तीन” विशेषण है।
नोट: विशेष्य प्रायः संज्ञा या सर्वनाम होता है और विशेषण उसका रंग, संख्या, गुण या अवस्था आदि को बताता है।
इस प्रकार, वाक्य में विशेष्य की पहचान कर पाना विशेषण को समझने के लिए जरूरी है।
विशेषण के भेद (Types of Visheshan in Hindi)
विशेषण को मुख्यतः 6 प्रकारों में बांटा गया है:
-
गुणवाचक विशेषण (उदाहरण: अच्छा, सुंदर)
-
संख्यावाचक विशेषण (उदाहरण: तीन, अनेक)
-
परिमाणवाचक विशेषण (उदाहरण: थोड़ा, ज्यादा)
-
संबंधवाचक विशेषण (उदाहरण: राम का, पिता की)
-
निश्चयवाचक विशेषण (उदाहरण: यह, वह, वही)
-
प्रश्नवाचक विशेषण (उदाहरण: कौन, कितना, कैसा)
हिंदी व्याकरण में जब कोई शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम के गुण, रूप, रंग, आकार, स्वाद, अवस्था या स्वभाव आदि की जानकारी देता है, तो वह शब्द गुणवाचक विशेषण कहलाता है। ये विशेषण हमें उस वस्तु या व्यक्ति की विशेषता बताते हैं जिससे वाक्य अधिक प्रभावशाली और अर्थपूर्ण बनता है।
गुणवाचक विशेषण की परिभाषा:
जो विशेषण किसी संज्ञा या सर्वनाम के गुण, दोष, रंग, रूप, स्वाद, अवस्था आदि को प्रकट करें, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं।
गुणवाचक विशेषण के उदाहरण:
- राम ईमानदार लड़का है।
➤ यहाँ “ईमानदार” शब्द राम की विशेषता (गुण) बता रहा है, इसलिए यह गुणवाचक विशेषण है। - वह सुंदर लड़की गा रही है।
➤ “सुंदर” लड़की की खूबसूरती को दर्शाता है, अतः यह भी गुणवाचक विशेषण है। - यह मीठा आम मुझे पसंद है।
➤ “मीठा” आम के स्वाद को दर्शाता है, जो कि एक गुण है।
गुणवाचक विशेषण की विशेषताएँ:
- ये विशेषण किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान के गुण या स्वभाव को बताते हैं।
- यह आमतौर पर कैसा? किस प्रकार का? जैसे प्रश्नों का उत्तर देता है।
- वाक्य को अधिक अर्थपूर्ण और भावनात्मक बनाता है।
कुछ अन्य उदाहरण:
- बहादुर सैनिक
- शांत बच्चा
- गर्म पानी
- लंबा आदमी
संख्यावाचक विशेषण किसे कहते हैं? (Sankhyavachak Visheshan in Hindi)
हिंदी व्याकरण में जब कोई शब्द संज्ञा या सर्वनाम की संख्या, क्रम या परिमाण को प्रकट करता है, तो वह संख्यावाचक विशेषण कहलाता है। ये विशेषण यह बताते हैं कि कोई वस्तु कितनी है, किस क्रम में है, या उसकी संख्या क्या है।
संख्यावाचक विशेषण की परिभाषा:
जो विशेषण किसी संज्ञा या सर्वनाम की संख्या, क्रम या मात्रा को दर्शाएं, उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।
संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण:
- कक्षा में पाँच छात्र बैठे हैं।
➤ यहाँ “पाँच” संख्या को दर्शा रहा है, इसलिए यह संख्यावाचक विशेषण है। - वह पहला खिलाड़ी तेज दौड़ता है।
➤ “पहला” शब्द क्रम को दर्शा रहा है, इसलिए यह भी संख्यावाचक विशेषण है। - कई लोग सभा में आए थे।
➤ “कई” अनिश्चित संख्या को दर्शाता है, अतः यह भी संख्यावाचक विशेषण है।
संख्यावाचक विशेषण के प्रकार:
- निश्चित संख्यावाचक विशेषण – जो किसी निश्चित संख्या को दर्शाते हैं।
👉 उदाहरण: एक, दो, पाँच, दस
जैसे: दो किताबें, चार दोस्त - अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण – जो किसी अनिश्चित संख्या को बताते हैं।
👉 उदाहरण: कुछ, कई, बहुत से
जैसे: कई लोग, कुछ छात्र - क्रमवाचक विशेषण – जो क्रम या पोजीशन बताते हैं।
👉 उदाहरण: पहला, दूसरा, तीसरा
जैसे: पहला स्थान, तीसरी पंक्ति
संख्यावाचक विशेषण की विशेषताएँ:
- यह संज्ञा की संख्या, मात्रा या स्थान दर्शाते हैं।
- यह “कितने?” या “किस क्रम में?” जैसे प्रश्नों का उत्तर देते हैं।
- ये वाक्य में संख्या और क्रम की स्पष्टता लाते हैं।
संख्यावाचक विशेषण हिंदी भाषा में गणनात्मक जानकारी देने के लिए जरूरी होते हैं। ये न केवल वाक्य को सटीक बनाते हैं, बल्कि भाषा को और अधिक व्यवस्थित और स्पष्ट भी बनाते हैं।
हिंदी व्याकरण में जब कोई शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम की परिमाण (मात्रा) को दर्शाता है, खासकर जब उस वस्तु को गिना नहीं जा सकता, तो वह परिमाणवाचक विशेषण कहलाता है। ये विशेषण उन वस्तुओं, भावनाओं या स्थितियों की मात्रा को दर्शाते हैं जिन्हें मापा जा सकता है लेकिन गिना नहीं जा सकता।
परिमाणवाचक विशेषण की परिभाषा:
जो विशेषण किसी संज्ञा या सर्वनाम की परिमाण, मात्रा या अनुपात को दर्शाएं, उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।
ये विशेषण “कितना?”, “कितनी?” जैसे प्रश्नों का उत्तर देते हैं।
परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण:
- थोड़ा दूध बचा है।
➤ “थोड़ा” दूध की मात्रा दर्शा रहा है, इसलिए यह परिमाणवाचक विशेषण है। - उसने बहुत मेहनत की।
➤ “बहुत” शब्द मेहनत की मात्रा को दर्शा रहा है, अतः यह परिमाणवाचक विशेषण है। - हमारे पास पूरा समय नहीं था।
➤ “पूरा” समय की परिमाण को दर्शा रहा है।
परिमाणवाचक विशेषण की विशेषताएँ:
- यह किसी अगणनीय संज्ञा की मात्रा बताता है।
- यह संज्ञा या सर्वनाम के मात्रात्मक गुण को दर्शाता है।
- यह “कितना?”, “कितनी?”, “कितना अधिक?”, जैसे प्रश्नों का उत्तर देता है।
कुछ सामान्य परिमाणवाचक विशेषण:
- थोड़ा
- अधिक
- बहुत
- पूरा
- कम
- पर्याप्त
उदाहरणों के साथ सारणी:
वाक्य | परिमाणवाचक विशेषण | विशेष्य (संज्ञा) |
---|---|---|
उसने थोड़ा पानी पिया। | थोड़ा | पानी |
हमारे पास अधिक समय है। | अधिक | समय |
इस काम में बहुत मेहनत लगती है। | बहुत | मेहनत |
परिमाणवाचक विशेषण उन शब्दों में से हैं जो हमें यह बताते हैं कि कोई वस्तु या भावना कितनी मात्रा में है। ये विशेषण विशेषकर अगणनीय संज्ञाओं के साथ प्रयुक्त होते हैं और भाषा को स्पष्टता प्रदान करते हैं। लेखन या वाणी में इनका सही प्रयोग वाक्य को अधिक प्रभावी और सार्थक बनाता है।
संबंधवाचक विशेषण किसे कहते हैं? (Sambandhvachak Visheshan in Hindi)
हिंदी व्याकरण में जब कोई शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम का किसी अन्य संज्ञा के साथ संबंध प्रकट करता है, तो वह शब्द संबंधवाचक विशेषण कहलाता है।
यह विशेषण यह बताता है कि कोई वस्तु, व्यक्ति या स्थान किसके साथ संबंधित है।
संबंधवाचक विशेषण की परिभाषा:
जो विशेषण किसी संज्ञा या सर्वनाम के किसी अन्य संज्ञा से संबंध को प्रकट करें, उन्हें संबंधवाचक विशेषण कहते हैं।
संबंधवाचक विशेषण अधिकतर संज्ञा के “का”, “के”, “की” रूप में प्रयुक्त होते हैं।
संबंधवाचक विशेषण के उदाहरण:
- राम की पुस्तक नई है।
➤ “राम की” पुस्तक से संबंध बता रहा है, इसलिए यह संबंधवाचक विशेषण है। - यह माँ का आशीर्वाद है।
➤ “माँ का” यहाँ आशीर्वाद का संबंध माँ से प्रकट कर रहा है। - गांधीजी की विचारधारा प्रेरणादायक है।
➤ “गांधीजी की” विचारधारा से संबंध दर्शाता है।
संबंधवाचक विशेषण की विशेषताएँ:
- यह किसी वस्तु/व्यक्ति का किसी दूसरे से संबंध बताता है।
- अधिकतर संज्ञा + का/के/की के रूप में होते हैं।
- ये “किसका?”, “किसकी?”, “किसके?” जैसे प्रश्नों का उत्तर देते हैं।
- यह संज्ञा के स्वामित्व या संबंध को स्पष्ट करता है।
कुछ सामान्य संबंधवाचक विशेषण:
- पिता का
- बहन की
- गुरु के
- गाँव का
- राजा की
उदाहरण सारणी:
वाक्य | संबंधवाचक विशेषण | विशेष्य (संज्ञा) |
---|---|---|
यह गुरु की बात है। | गुरु की | बात |
पिता का प्यार अमूल्य है। | पिता का | प्यार |
मोहन के दोस्त बहुत अच्छे हैं। | मोहन के | दोस्त |
संबंधवाचक विशेषण हिंदी भाषा में संबंध या स्वामित्व को दर्शाने के लिए प्रयुक्त होता है। ये विशेषण वाक्य में किसी वस्तु या व्यक्ति के किससे जुड़ाव को स्पष्ट रूप से व्यक्त करते हैं। इनका सही प्रयोग भाषा को अधिक सुसंगत और प्रभावशाली बनाता है।
निश्चयवाचक विशेषण किसे कहते हैं? (Nishchayvachak Visheshan in Hindi)
हिंदी व्याकरण में जब कोई विशेषण शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम के बारे में पूर्ण निश्चितता या दृढ़ता को प्रकट करता है, तो उसे निश्चयवाचक विशेषण कहा जाता है।
ये विशेषण किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान की पहचान को सटीक रूप से और निश्चित तौर पर दर्शाते हैं।
निश्चयवाचक विशेषण की परिभाषा:
जो विशेषण किसी संज्ञा या सर्वनाम की ओर स्पष्ट और निश्चित रूप से संकेत करें, उन्हें निश्चयवाचक विशेषण कहते हैं।
यह विशेषण “कौन?”, “कौन-सा?”, “किस?” जैसे प्रश्नों का नहीं, बल्कि निश्चित उत्तर देता है।
निश्चयवाचक विशेषण के उदाहरण:
- यह लड़का मेरा भाई है।
➤ “यह” लड़के की ओर स्पष्ट संकेत कर रहा है, इसलिए यह निश्चयवाचक विशेषण है। - वह पुस्तक बहुत रोचक है।
➤ “वह” एक निश्चित पुस्तक की ओर इशारा कर रहा है। - ऐसा आदमी भरोसेमंद होता है।
➤ “ऐसा” शब्द किसी निश्चित प्रकार के व्यक्ति को दर्शा रहा है।
निश्चयवाचक विशेषण की विशेषताएँ:
- यह विशेषण किसी व्यक्ति या वस्तु की पहचान को स्पष्ट और निश्चित करता है।
- ये सामान्यतः यह, वह, ऐसा, वैसा, वही, स्वयं, अपना जैसे शब्द होते हैं।
- यह संज्ञा या सर्वनाम की तरफ निश्चित इशारा करता है।
- इससे वाक्य में स्पष्टता और दृढ़ता आती है।
कुछ सामान्य निश्चयवाचक विशेषण:
- यह
- वह
- ऐसा
- वैसा
- स्वयं
- अपना
- यही
- वही
उदाहरण सारणी:
वाक्य | निश्चयवाचक विशेषण | विशेष्य (संज्ञा) |
---|---|---|
यह बच्चा बहुत होशियार है। | यह | बच्चा |
वही घर हमें लेना है। | वही | घर |
स्वयं राम वहाँ गए थे। | स्वयं | राम |
निश्चयवाचक विशेषण वाक्य में किसी विशेष व्यक्ति या वस्तु की ओर सटीक और निश्चित इशारा करता है। ये विशेषण भाषा में स्पष्टता लाते हैं और श्रोता या पाठक को बिना भ्रम के संदेश को समझने में सहायता करते हैं। लेखन और बोलचाल में इनका प्रयोग संवाद को अधिक प्रभावशाली और उद्देश्यपूर्ण बनाता है।
हिंदी व्याकरण में जब कोई विशेषण शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम से जुड़कर प्रश्न करता है, अर्थात किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, संख्या या गुण आदि के बारे में जानने की जिज्ञासा प्रकट करता है, तो उसे प्रश्नवाचक विशेषण कहा जाता है।
ये विशेषण प्रश्नवाचक शब्दों की सहायता से वाक्य में प्रश्न की स्थिति बनाते हैं।
प्रश्नवाचक विशेषण की परिभाषा:
जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम से जुड़कर प्रश्न पूछे, उन्हें प्रश्नवाचक विशेषण कहते हैं।
ये विशेषण सामान्यतः “कौन, क्या, किस, किसका, कितना, किस प्रकार का” आदि प्रश्नवाचक शब्द होते हैं।
प्रश्नवाचक विशेषण के उदाहरण:
- कौन बच्चा रो रहा है?
➤ “कौन” शब्द “बच्चा” नामक संज्ञा से जुड़कर प्रश्न पूछ रहा है – यह प्रश्नवाचक विशेषण है। - कितनी किताबें तुम्हारे पास हैं?
➤ “कितनी” शब्द “किताबें” की संख्या पूछ रहा है – यह भी प्रश्नवाचक विशेषण है। - किस प्रकार की फिल्में पसंद हो?
➤ “किस प्रकार की” फिल्म की गुणवत्ता या प्रकृति पूछ रही है।
प्रश्नवाचक विशेषण की विशेषताएँ:
- यह संज्ञा या सर्वनाम से जुड़कर प्रश्न करता है।
- यह “कौन?, क्या?, कितना?, किसका?” आदि प्रश्नों के माध्यम से जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करता है।
- यह वाक्य को प्रश्नसूचक और जिज्ञासात्मक बनाता है।
कुछ सामान्य प्रश्नवाचक विशेषण:
- कौन
- क्या
- कितना / कितनी
- किस
- किसका / किसकी
- कैसा / कैसी / कैसे
- किस प्रकार का
उदाहरण सारणी:
वाक्य | प्रश्नवाचक विशेषण | विशेष्य (संज्ञा) |
---|---|---|
कौन लड़का प्रथम आया? | कौन | लड़का |
कितनी मिठाइयाँ बनाई गईं? | कितनी | मिठाइयाँ |
किसका घर सबसे बड़ा है? | किसका | घर |
प्रश्नवाचक विशेषण वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रश्न करता है। ये विशेषण भाषा को संवादात्मक और संवाद को जिज्ञासापूर्ण बनाते हैं। दैनिक जीवन की बातचीत, लेखन और परीक्षा के प्रश्नों में इनका विशेष महत्व है। इनका सही प्रयोग भाषा को और अधिक प्रभावशाली और अर्थपूर्ण बनाता है।
विशेषण की विशेषताएँ
- विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं।
- विशेषण वाक्य को स्पष्ट और सुंदर बनाते हैं।
- यह “कैसा?”, “कितना?”, “कौन-सा?” जैसे प्रश्नों का उत्तर देते हैं।
- विशेषण के कई प्रकार होते हैं जैसे- गुणवाचक, संख्यावाचक आदि।
- विशेषण संज्ञा से पहले या बाद में आ सकते हैं।
- ये वाक्य में सहायक और अर्थपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- विशेषण लिंग, वचन और कारक के अनुसार बदलते हैं।
- विशेषण संज्ञा से व्याकरणिक मेल रखते हैं।
- ये भाषा को अधिक प्रभावशाली और भावपूर्ण बनाते हैं।
- विशेषण के प्रयोग से वाक्य की जानकारी संपूर्ण होती है।
विशेषण की पहचान कैसे करें?
हिंदी व्याकरण में विशेषण वह शब्द होता है जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता, गुण, संख्या, परिमाण या संबंध आदि बताता है। इसलिए, विशेषण की पहचान करना भाषा सीखने और सही वाक्य बनाने के लिए बेहद आवश्यक है। यहाँ हम विस्तार से समझेंगे कि विशेषण की पहचान कैसे करें।
1. संज्ञा या सर्वनाम के साथ जुड़ा होना
विशेषण हमेशा किसी संज्ञा या सर्वनाम के साथ जुड़ा होता है। जब आप किसी वाक्य में ऐसा शब्द देखें जो किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान के बारे में कोई जानकारी दे रहा हो, तो वह विशेषण हो सकता है।
उदाहरण: सुंदर फूल, तेज़ हवा, तीन बच्चे।
2. संज्ञा की गुणवत्ता या परिमाण बताना
विशेषण संज्ञा के गुण, आकार, रंग, स्वाद, रूप, संख्या, मात्रा, संबंध आदि को दर्शाता है। यदि कोई शब्द संज्ञा के बारे में यह सब बता रहा है, तो वह विशेषण है।
जैसे:
- गुणवाचक: मीठा आम, लंबा आदमी
- संख्यावाचक: पाँच सेब, पहला दिन
- परिमाणवाचक: थोड़ा पानी, बहुत लोग
3. प्रश्न पूछने पर “कैसा?”, “कितना?”, “कौन-सा?” आदि का जवाब देना
विशेषण ऐसे शब्द होते हैं जो इन प्रश्नों के जवाब में आते हैं। जब आप वाक्य में किसी शब्द से पूछें “यह कैसा है?”, “कितना है?”, “कौन-सा है?”, और वह शब्द इसका जवाब दे, तो वह विशेषण है।
उदाहरण:
- यह किताब नई है। (कैसी?)
- उसने तीन किताबें लीं। (कितनी?)
- वह पहला लड़का है। (कौन-सा?)
4. वाक्य में संज्ञा के पहले या बाद में आना
विशेषण सामान्यतः संज्ञा के पहले आता है, लेकिन कुछ विशेषण वाक्य में संज्ञा के बाद भी आ सकते हैं।
उदाहरण:
- बड़ा घर
- घर बड़ा है
5. लिंग, वचन और कारक के अनुसार बदलना
विशेषण संज्ञा के लिंग (पुल्लिंग-स्त्रीलिंग), वचन (एकवचन-बहोवचन) और कारक के अनुसार बदल सकता है।
जैसे:
- अच्छा लड़का, अच्छी लड़की
- अच्छे लड़के, अच्छी लड़कियाँ
6. संज्ञा की सहायता करना
विशेषण का मूल काम संज्ञा या सर्वनाम की सहायता करना होता है। वह बिना संज्ञा के अकेला अर्थ नहीं दे सकता।
विशेषण की पहचान करने के लिए सबसे पहले देखें कि क्या वह शब्द संज्ञा या सर्वनाम के बारे में कोई जानकारी दे रहा है। साथ ही “कैसा?”, “कितना?”, “कौन-सा?” जैसे प्रश्नों का उत्तर दे रहा है या नहीं। यदि हाँ, तो वह शब्द विशेषण है। हिंदी में सही और प्रभावशाली भाषा के लिए विशेषण की पहचान और सही उपयोग बहुत जरूरी है।
विशेषण के प्रयोग पर उदाहरण (Examples of Visheshan Use)
वाक्य | विशेषण शब्द | किसकी विशेषता |
---|---|---|
बड़ा हाथी जंगल में है। | बड़ा | हाथी |
नीला आसमान बहुत सुंदर है। | नीला, सुंदर | आसमान |
तीन छात्र कक्षा में हैं। | तीन | छात्र |
यह किताब मेरी है। | यह | किताब |
किस रंग की ड्रेस पहननी है? | किस | ड्रेस |
विशेषण और क्रिया के बीच का अंतर
क्रमांक | विशेषण (Adjective) | क्रिया (Verb) |
---|---|---|
1 | विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है। | क्रिया किसी कार्य, घटना या अवस्था को दर्शाती है। |
2 | विशेषण वाक्य में संज्ञा के पहले या बाद में आता है। | क्रिया सामान्यतः वाक्य के अंत या कर्ता के बाद आती है। |
3 | विशेषण “कैसा?”, “कितना?” जैसे प्रश्नों का उत्तर देता है। | क्रिया “क्या कर रहा है?”, “कब?” जैसे प्रश्नों का उत्तर देती है। |
4 | विशेषण लिंग, वचन और कारक के अनुसार बदलता है। | क्रिया काल, पुरुष और वचन के अनुसार बदलती है। |
5 | उदाहरण: सुंदर लड़का। | उदाहरण: लड़का खेल रहा है। |
विशेषण और विशेष्य में अंतर
क्रमांक | विशेषण (Adjective) | विशेष्य (Noun/Subject) |
---|---|---|
1 | विशेषण वह शब्द है जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है। | विशेष्य वह संज्ञा या सर्वनाम होता है जिसके बारे में बात की जा रही हो। |
2 | यह विशेष्य की गुणवत्ता, संख्या, परिमाण आदि को दर्शाता है। | यह वह मुख्य शब्द होता है जिसे विशेषण वर्णित करता है। |
3 | उदाहरण: सुंदर (लड़की में सुंदर विशेषण है)। | उदाहरण: लड़की (यह विशेष्य है)। |
4 | विशेषण अकेला अर्थपूर्ण वाक्य नहीं बनाता। | विशेष्य अकेला या वाक्य का मुख्य भाग हो सकता है। |
5 | विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की सहायता करता है। | विशेष्य वाक्य में कर्ता या कर्म के रूप में कार्य करता है। |
सारांश:
विशेषण वह शब्द है जो किसी वस्तु या व्यक्ति की विशेषता बताता है, जबकि विशेष्य वह शब्द है जिसके बारे में विशेषण कुछ जानकारी देता है।
उदाहरण: “सुंदर लड़की” में सुंदर विशेषण है और लड़की विशेष्य।
FAQs – विशेषण से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. विशेषण का सबसे आसान परिभाषा क्या है?
उत्तर: विशेषण वह शब्द है जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है।
Q2. हिंदी में कितने प्रकार के विशेषण होते हैं?
उत्तर: हिंदी में मुख्यतः 6 प्रकार के विशेषण होते हैं – गुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक, संबंधवाचक, निश्चितवाचक, प्रश्नवाचक।
Q3. विशेषण और विशेष्य में क्या अंतर है?
उत्तर: विशेषण वह शब्द होता है जो विशेष्य (संज्ञा/सर्वनाम) की विशेषता बताता है। जैसे – “लंबा लड़का” में “लंबा” विशेषण है और “लड़का” विशेष्य।
Q4. ‘तीन’ शब्द कौन सा विशेषण है?
उत्तर: यह एक संख्यावाचक विशेषण है।
Q5. क्या ‘मीठा’ विशेषण है?
उत्तर: हां, ‘मीठा’ एक गुणवाचक विशेषण है जो स्वाद की विशेषता बताता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
विशेषण किसे कहते हैं और कितने भेद होते हैं – इस लेख के माध्यम से हमने जाना कि विशेषण हिंदी व्याकरण का एक प्रमुख हिस्सा है जो भाषा को अधिक स्पष्ट और प्रभावशाली बनाता है।
गुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक जैसे विभिन्न प्रकार के विशेषण, वाक्यों को अर्थपूर्ण और आकर्षक बनाते हैं। यदि आप हिंदी व्याकरण को अच्छी तरह से समझना चाहते हैं, तो विशेषण की सही पहचान और प्रयोग आवश्यक है।
👉 अब जब आपको विशेषण की पूरी जानकारी मिल गई है, तो अगली बार जब आप कोई वाक्य पढ़ें या लिखें, तो ध्यान दीजिए कि उसमें कौन-सा विशेषण है और वह किसकी विशेषता बता रहा है।
इसे भी पढ़ें :
- sangya kise kahate hain(संज्ञा किसे कहते हैं), sangya ke kitne bhed hote hain संज्ञा के कितने भेद होते हैं
- सर्वनाम किसे कहते है सर्वनाम के प्रकार और उदाहरण sarvanam kise kahate hain
- क्रिया किसे कहते हैं क्रिया के भेद,धातु और उदाहरण Kriya in Hindi
- कारक किसे कहते हैं हिंदी में Karak Kise Kahate Hain Hindi mein