समाचार पत्रकारिता क्या है
पत्रकारिता को समाचारों की प्रस्तुति का पर्याय भी माना गया है। पत्रकारिता वह विधा है। जिसमें समाचार संकल्प प्रस्तुत करने वाला व्यक्ति पत्रकार के कार्य, कर्तव्य और उद्देश्यों की विवेचना की जाती हैं। पत्रकारिता का दायित्व है सूचना देना, मनोरंजन करना और उत्सुकता को को शांत करना रहस्यों उद्घाटन पत्रकारिता का जीवन है समाचारों और विचारों के प्रसार एवं प्रकाशन सर्वभौम मांगे की पूर्ति करने वाला उद्ययम पत्रकारिता है अरबी भाषा में समाचार पत्र को अखबार कहते हैं खबर का बहुवचन अखबार है इसीलिए ऐसे पत्र को जिसमें घटनाओं लोगों की सूचनाओं या जानकारी तथा विवरण दिए गए हो अखबार कहते हैं। समाचार को अंग्रेजी में न्यूज़(NEWS) कहते हैं ये अंग्रेजी के 4 अक्षरों N, E, W, S को मिलाकर बना है जो चारों दिशाएं N-north(उत्तर), E-East(पूर्व), W-west(पश्चिम), S-south(दक्षिण) के सूचक हैं। इस प्रकार चारों दिशाओं से अर्थात् सभी ओर की घटनाओं को समाचार कहते हैं। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि सभी दिशाओं की वह सभी घटनाएं अधिक से अधिक लोग जनना चाहते हैं अप्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होते हो समाचार हैं। न्यूज़ से एक अर्थ नया या नवीन भी लिया जाता है अर्थात नई नई घटनाएं या नवीनतम घटनाओं की जानकारी न्यूज़ यानी समाचार है समाचार को संस्कृत के सम्यक आचार से जोड़कर देखा जाता है। अर्थात् संपूर्ण समयानुकूल और सर्वहितकारी व्यवहार और विचार ही समाचार है। समाचार को समाचारात्व तथ्य है समाचार को समाचार बनाने वाले तथ्य है। जानकारी, नवीनता अधिकतम लोगों की रूचि सनसनीखेज या उत्तेजक सूचना या परिवर्तन के जनकारी। समाचार को शीघ्रता में लिए गए इतिहास की संज्ञा दी गई है। ब्रिटिश संसद की परिभाषा के अनुसार जब कोई जानकारी या घटना आदि को क्रमानुसार घन से प्रस्तुत किया जाए और उसे किसी कागज पर छाप कर नियत स्थान से निकाला जाता हो अथवा किसी माध्यम द्वारा प्रसारित किया जाता हो तो उसे समाचार कहते हैं।
समाचार पत्रकारिता निरंतर चलने वाली एक लंबी प्रक्रिया है। जिसमें खबरों की खोज उनका संकलन संपादन संयोजन एवं प्रकाशन या प्रसारण की सभी कड़ियों को सही तरीके से जोड़ना पड़ता है। पत्रकारिता के तीनों माध्यमों के लिए यही व्यवस्था प्रयोग में लाई जाती है। तीनों ही माध्यमों के लिए समाचारों का लेखन सबसे महत्वपूर्ण कारण है। मुद्रित माध्यम यानी समाचार पत्र के लिए जहां समाचार लेखन सर्वाधिक विस्तृत ग्रुप में होता है वही दृश्य श्रव्य माध्यम जानी टीवी के लिए केवल सूचना या जानकारी ही कम से कम शब्दों में दी जाती हैं क्योंकि दृश्य के माध्यम से पूरी स्थिति और परिस्थिति का विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है।
इसे भी पढ़ें: समाचार लेखन के तत्व तथा समाचार के 6 ककार
समाचार संकलन के विभिन्न स्रोत (samachar prapti ke mukhya strot)
समाचार प्राप्ति एवं संकलन के निम्नलिखित स्रोत है-
१. प्रत्याक्षित स्त्रोत
२. पूर्वानुमनित स्रोत
३. अप्रत्याशित स्रोत
४. समाचार समितियां
१. प्रत्याक्षित स्त्रोत:
इसके अंतर्गत वे सभी क्षेत्र और स्थान आते हैं जहां से समाचार मिलने की संभावना रहती है जैसे शिक्षण संस्था, पुलिस स्टेशन, अस्पताल, सामाजिक, आर्थिक या संस्थाएं और समितियां संसद, विधानसभा और न्यायालय आदि से समाचार मिलने की पूरी-पूरी संभावना रहती है।
२. पूर्वानुमनित स्रोत:
सरकारी, गैर सरकारी, संस्थान, बड़ी कंपनियां, फैक्ट्री, कल कारखाने और विभिन्न तरह के कार्यालयों आदि के संबंध में पहले से अनुमान लगाकर समाचार प्राप्त किये जा सकते हैं।
३. अप्रत्याशित स्रोत:
वे सभी स्थान एवं क्षेत्र जहां से अचानक या अनायास समाचार मिल जाए अप्रत्यक्षित स्रोत कहलाते हैं। आर्कषामिक दुर्घटना और प्राकृतिक आपदाये इसी श्रेणी में आते हैं। किसी भिन्न उद्देश्य से किसी संख्या में जाकर वहां से किसी घोटाले हेरफेर की खबर प्राप्त कर लेना भी अप्रत्यक्षित स्रोत कहलाता है।
४. समाचार समितियां:
विस्तृत क्षेत्रों से विविधता पूर्ण समाचार संकलन एवं प्रसारण की अपेक्षाकृत सस्ती एवं क्ररित व्यवस्था समितियां या एजेंसियों को समाचार समिति कहते हैं इनका कार्य क्षेत्र राज्य, राष्ट्र विश्व स्तर का होता है। पर कभी-कभी इन्हें सरकारी अनुदान भी मिलता है। विभिन्न समाचार पत्र और रेडियो तथा टीवी के अपनी इच्छा से इनकी सेवा लेकर उसका शुल्क झुकाते हैं।
भारत की प्रमुख समाचार समितियां या भारतीय समाचार एजेंसी
भारत में कार्यरत कुछ समाचार एजेंसीया है-
१. प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पी.टी.आई)
२. यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ इंडिया (यू. एन. आई)
३. हिंदुस्तान समाचार (हि.स.)
४. समाचार भारती (स.भ)
५. यूनीवार्ता
६. इंडियन प्रेस एजेंसी
७. यूनिवर्सल प्रेस सर्विस
८. न्यूज़ फीचर्स ऑफ इंडिया
९. पब्लिकेशन सिंडिकेट
१. प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पी.टी.आई) :
यह भारत की पहली समाचार एजेंसी है जो 1 फरवरी 1949 से अब तक सक्रिय हैं। यह भारत की सबसे बड़ी समाचार एजेंसी भीहै
२. यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ इंडिया (यू. एन. आई)
इस एजेंसी का संपर्क अनेक विदेशी न्यूज़ एजेंसियों से हैं जहां से यह समाचार संकलित कर भारत के उपभोक्ताओं को समाचार उपलब्ध कराती है।
३. हिंदुस्तान समाचार (हि.स.)
देवनागरी लिपि में टेलीप्रिंटर आरंभ करने वाली यह पहली समाचार एजेंसी है।
४. समाचार भारती (स.भ)
यह समाचार एजेंसी सभी भारतीय भाषाओं में समाचार प्रेषित करती है।
५. यूनीवार्ता
यह एजेंसी सभी भारतीय भाषाओं में ना केवल समाचार उपलब्ध कराती है वरन सभी भारतीय भाषाओं में समाचार आधारित लेख,आलेख, फीचर और साक्षात्कार आदि भी उपलब्ध कराती है।
इनके अतिरिक्त इंडियन प्रेस एजेंसी यूनिवर्सल प्रेस सर्विस न्यूज़ फीचर्स ऑफ इंडिया और पब्लिकेशन सिंडिकेट आदि कई एजेंसियां हैं जो समाचारों के साथ-साथ पत्रकारिता से जुड़े लेख समाचार विश्लेषण और फीचर आदि अपने उपभोक्ता पत्रों या रेडियो या टीवी के चैनल की उपलब्ध कराते हैं।