न्यू टैक्स रिजीम में 12.75 लाख की कमाई टैक्स फ्री: पूरा कैलकुलेशन समझें
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है। अब नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) के तहत 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को पूरी तरह टैक्स फ्री कर दिया गया है। इसके अलावा, 75,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को जोड़कर कुल 12.75 लाख रुपये तक की कमाई पर भी कोई टैक्स नहीं लगेगा। आइए विस्तार से समझते हैं कि यह कैसे संभव है और आपको इस बदलाव का कैसे लाभ मिल सकता है।
न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स स्लैब 2025
वर्तमान में न्यू टैक्स रिजीम के तहत आयकर स्लैब निम्नानुसार हैं:
- 0 से 4 लाख रुपये: कोई टैक्स नहीं (0%)
- 4 से 8 लाख रुपये: 5%
- 8 से 12 लाख रुपये: 10%
- 12 से 24 लाख रुपये: 15%
- 24 लाख से अधिक: 30%
यह दरें नए बजट के अनुसार लागू की गई हैं, जिससे मध्यम वर्ग के करदाताओं को अधिक राहत मिलेगी।
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12.75 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री कैसे होगी?
नई व्यवस्था के तहत, सरकार ने सेक्शन 87A के अंतर्गत टैक्सपेयर्स को 60,000 रुपये तक की टैक्स रिबेट प्रदान की है। इसका अर्थ यह है कि यदि आपकी टैक्स देनदारी 60,000 रुपये या उससे कम है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा।
कैलकुलेशन द्वारा समझें:
- 0 – 4 लाख रुपये: कोई टैक्स नहीं (0%)
- 4 – 8 लाख रुपये: 5% टैक्स लगेगा → ₹20,000
- 8 – 12 लाख रुपये: 10% टैक्स लगेगा → ₹40,000
- कुल टैक्स बनता है: ₹20,000 + ₹40,000 = ₹60,000
- सेक्शन 87A के तहत टैक्स रिबेट: ₹60,000
- अंतिम टैक्स देनदारी: ₹0
स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ
इसके अतिरिक्त, सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन के रूप में ₹75,000 की छूट दी है। इस डिडक्शन के कारण आपकी 12.75 लाख रुपये तक की आय को पूरी तरह टैक्स फ्री माना जाएगा। इसका लाभ मुख्य रूप से सैलरीड क्लास और पेंशनर्स को मिलेगा।
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कैसे मिलेगा टैक्स रिबेट का लाभ?
- इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करें: आपको समय पर ITR दाखिल करना होगा।
- स्वतः लागू होगी छूट: ITR फाइल करते समय, सेक्शन 87A के तहत रिबेट ऑटोमैटिकली लागू हो जाएगी।
- स्टैंडर्ड डिडक्शन को जोड़ें: ₹75,000 के स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ उठाएं।
- नियमों का पालन करें: सही स्लैब और कटौती का लाभ उठाने के लिए अपनी इनकम और निवेश को सही तरीके से रिपोर्ट करें।
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निष्कर्ष
यदि आपकी वार्षिक आय 12.75 लाख रुपये तक है, तो आपको न्यू टैक्स रिजीम के अंतर्गत कोई टैक्स नहीं देना होगा। यह मध्यम वर्ग के करदाताओं के लिए बहुत बड़ी राहत है।
इस बदलाव से अधिकतर वेतनभोगी और छोटे व्यापारी वर्ग को सीधा लाभ मिलेगा। अगर आप इस सुविधा का लाभ उठाना चाहते हैं, तो अपने ITR को समय पर भरें और स्टैंडर्ड डिडक्शन का सही से उपयोग करें।
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