gender in hindi लिंग किसे कहते हैं gender how many types
Contents
show
![]() |
gender in hindi |
लिंग क्या है (gender in hindi)
‘शब्द की जाति को लिंग कहते हैं‘ अर्थात संज्ञा के जिस रूप से व्यक्ति या वस्तु के ‘नर या मादा‘ होने का पता चलता है उसे व्याकरण में लिंग कहते हैं लिंग संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है – चिन्ह या निशान। यह चिन्ह किसी संज्ञा(नाम) में ही पाया जाता है यानी प्रत्येक संज्ञा पुल्लिंग या स्त्रीलिंग में ही होगी संज्ञा मुख्यत: दो प्रकार के होती है –
१. प्राणिवाचक – मनुष्य घोड़ा बंदर शेर मछली कोयल कबूतर और जितने भी सजीव प्राणी है वे सभी प्राणीवाचक के अंतर्गत आते हैं।
२. अप्राणिवाचक – लोटा, सुराही, फ्रिज, नदी, चट्टान, तलाब जितने भी निर्जीव वस्तु है वे सभी इसके अंतर्गत आते हैं।
लिंग किसे कहते हैं
शब्द के जिस रुप से उसके पुरुष जाति या स्त्री जाति के होने का पता चलता है उसे ही लिंग कहते हैं; जैसे पंडित और पंडिताइन पूजा करने आए। राजा ने रानी की प्रशंसा किया। छात्र और छात्रा ने मिलकर काम किया। इन वाक्यों में पंडित, राजा और छात्र शब्दों से उनके पुरुष जाति के होने का पता चलता है। तथा पंडिताइन, रानी, छात्रा शब्दों से उनके स्त्री जाति होने का पता चलता है इन दोनों में अंतर हमें लिंग के माध्यम से ही होता है।
लिंग के कितने भेद है?
हिंदी व्याकरण के अनुसार लिंग के दो भेद हैं। संपूर्ण सृष्टि समस्त तत्वों का विभाजन मुख्यत: तीन जातियों में किया गया है
१. पुल्लिंग
२. स्त्रीलिंग
३. जड़
इसी आधार पर हिंदी व्याकरण में जीव धारियों का विभाजन भी तीन भागों में किया गया है-
१. पुल्लिंग
२. स्त्रीलिंग
३. नपुंसकलिंग
अंग्रेजी व्याकरण में भी ‘लिंग‘ का निश्चय इसी आधार पर होता है। वर्तमान हिंदी व्याकरण में केवल दो लिंग देखने को मिलता है।
१. पुल्लिंग
२. स्त्रीलिंग
यहां नपुंसकलिंग का अभाव है नपुंसकलिंग संस्कृत व्याकरण का अंग है। इसलिए संस्कृत व्याकरण में लिंग के तीन भेद बताए गए हैं।
1. पुल्लिंग
“जिन शब्दों से पुरुष या नार जाति का पता चलता है उन्हें पुल्लिंग कहते हैं जैसे – रोहित पिताजी के साथ घर के पास वाले पार्क में गया। अंकुर और विशेष अच्छे मित्र हैं। इन वाक्यों के मोटे शब्दों से इनके पुरुष जाति के होने का पता चलता है यह शब्द पुल्लिंग हैं।
कुछ ऐसे शब्द जो हमेशा पुल्लिंग शब्द होते हैं –
१. देशों के नाम – | कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम, अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान, चीन,जापान,अमेरिका, भारत इत्यादि। |
२. फलों के नाम – | संतरा, आम, केला, पपीता इत्यादि। |
३. ग्रहों के नाम – | सूर्या, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, पृथ्वी, वरुण इत्यादि। |
४. वृक्षों के नाम – | अशोक, नीम, अमरूद, पीपल, बरगद, चीड़, देवदार, शीशम, सागौन, कटहल, शरीफा इत्यादि। |
५. रत्नों के नाम – | मोती, माणिक, पन्ना, हीरा, नीलम, मूंगा, पुखराज, लाल, जवाहरात इत्यादि। |
६. धातुओं के नाम | तांबा, लोहा, सोना, सीसा, कांसा इत्यादि। |
७. अनाज के नाम- | जौ, गेहूं, चावल, बाजरा, चना, मटर, दाल, अदरक, लहसुन, प्याज, मिर्च इत्यादि। |
८. द्रव्य पदार्थों के नाम- | पानी, घी, तेल, इत्र, सिरका, शरबत, दही इत्यादि। |
९. रेगिस्तान के नाम- | अंटार्कटिका, सहारा, सीरियाई रेगिस्तान, थार रेगिस्तान, काराकुम रेगिस्तान इत्यादि। |
१०. द्वीप के नाम – | ग्रीनलैंड, न्यू गिनिया, आयरलैंड, आइसलैंड, श्रीलंका (सीलोन), गोवा, लक्ष्यदीप इत्यादि। |
११. पर्वत के नाम – | हिमालय, अरावली, विंध्याचल, नीलगिरि, काराकोरम, रॉकी पर्वत, इत्यादि। |
१२. वायुमंडल के नाम – | ट्रोपोस्फियर, स्ट्रेटोस्फियर, मेसोस्फियर, आयनमंडल, एक्सोस्फियर, चुंबकीय मंडल इत्यादि |
gender in hindi
तत्सम पुल्लिंग शब्द –
चित्र, पत्र, मित्र, गगन, पोषण, पालन, जलज, स्त्रीत्व, कार्य, प्रकार, प्रहार,
विहार, प्रचार, अध्ययन,
उपहार, मास, लोभ,
क्रोध, मुख, दुख,
शंख, उत्तर, प्रश्न,
आचार्य, कष्टट, सौभाग्य,
चांद, अलंकार, छंद,
सरोवर, प्रदान, प्राणदान,
वचन, रूपक, स्वदेश,
कलश, ग्राम, गृह ।
विहार, प्रचार, अध्ययन,
उपहार, मास, लोभ,
क्रोध, मुख, दुख,
शंख, उत्तर, प्रश्न,
आचार्य, कष्टट, सौभाग्य,
चांद, अलंकार, छंद,
सरोवर, प्रदान, प्राणदान,
वचन, रूपक, स्वदेश,
कलश, ग्राम, गृह ।
पुल्लिंग तध्दित प्रत्यय –
आ, आऊ, आका, आटा, आना, आर, इयल, आल, आड़ी, आरा, आलू, आसा, ईला, आदि शब्द जहां लगे होते हैं वह शब्द पुल्लिंग होते हैं जैसे धमाका खर्राटा, पैताना,
भिखारी, हत्यारा, मुंहासा
आदि।
भिखारी, हत्यारा, मुंहासा
आदि।
2. स्त्रीलिंग
“जिन शब्दों से स्त्री या मादा जाति का पता चलता है उसे स्त्रीलिंग कहते हैं” जैसे – अन्नपूर्णा ने बेटी और उसकी सहेलियों के लिए पूरी और आलू की तरकारी बनाएं। इन वाक्यों में आए मोटे शब्द स्त्रीलिंग है क्योंकि इन शब्दों से स्त्री जाति का पता चल रहा है।
कुछ ऐसे शब्द जो हमेशा स्त्रीलिंग होते हैं –
१. नदियों के नाम – | गंगा, यमुना, महानदी, गोदावरी, सतलुज, रावि, ब्यास, झेलम, कोसी, घागरा, कावेरी इत्यादि। |
२. भाषाओं के नाम – | चीनी, जापानी, हिंदी, मणिपुरी, फ्रेंच, पंजाबी, गुजराती, मराठी, तेलुगू, तमिल, उड़िया, बांग्ला, पाली, नेपाली इत्यादि। |
३. किराने की वस्तुओं के नाम – | दालचीनी, इलायची, दाल, नमक, हींग, कोलगेट, बिस्किट, चॉकलेट, मसाला, हल्दी, जीरा इत्यादि। |
४. बर्तनों के नाम – | पतीली, कड़ाही, थाली, परात, कटोरी, चिमटा, चम्मच, ग्लास, घड़ा, टोकरी इत्यादि। |
५. अंगों के नाम | – दाढ़ी, बाल, पलक, बांह, टांग, आंख इत्यादि। |
६. नक्षत्रों के नाम – | भरणी, अश्विनी, रोहिणी इत्यादि। |
७. खाने-पीने की वस्तुओं का नाम- | कचौड़ी, पूरी, खीर, दाल, पकौड़ी, रोटी, तरकारी, चाय, चपाती, सब्जी, खिचड़ी इत्यादि। |
तत्सम स्त्रीलिंग शब्द –
माया, लज्जा, प्रार्थना, शोभा, रचना,
अवस्था, नम्रता, प्रभुता,
महिमा, अभिलाषा, आशा,
निराशा, अक्षमता, उपासना,
रक्षा, आजीविका, नागरिकता,
योग्यता, संपदा, अनुमति,
नियुक्ति, निवृत्ति।
अवस्था, नम्रता, प्रभुता,
महिमा, अभिलाषा, आशा,
निराशा, अक्षमता, उपासना,
रक्षा, आजीविका, नागरिकता,
योग्यता, संपदा, अनुमति,
नियुक्ति, निवृत्ति।
स्त्रीलिंग तध्दित प्रत्यय –
आई, आवट, आस, आहट, इन, एली, औड़ी, औती, की, की, त, ती, नी, री, ल, ली इत्यादि। ये तध्दित प्रत्यय जिन शब्दों में लगे होते हैं वे स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे भलाई, जमावट, हथेली, इतनी, चमड़ी आदि।
पुल्लिंग से स्त्रीलिंग में परिवर्तन या बदलने के नियम
१. अंत में आ, आ के स्थान पर ‘ई‘ लगाकर पुल्लिंग से स्त्रीलिंग में बदला जाता है-
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
रस्सा | रस्सी |
बेटा | बेटी |
घोड़ा | घोड़ी |
नाना | नानी |
पुत्र | पुत्री |
पहाड़ | पहाड़ी |
गधा | गधी |
मौसा | मौसी |
२. आ को ‘इया‘ में बदलकर पुल्लिंग से स्त्रीलिंग में बदला जाता है –
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
कुत्ता | कुत्तिया |
बूढ़ा | बुढ़िया |
लोटा | लुटिया |
बेटा | बेटिया |
गुड्डा | गुड़िया |
डिब्बा | डिबिया |
चूहा | चुहिया |
चिड़ा | चिड़िया |
३. अ,ई, को ‘इन‘ में बदल कर पुल्लिंग से स्त्रीलिंग में बदला जाता है-
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
सुनार | सुनारिन |
बाघ | बाघिन |
धोबी | धोबिन |
माली | मालीन |
लोहार | लोहारी |
मालिक | मालकिन |
जोगी | जोगिन |
पापी | पापिन |
४. ‘आइन‘ लगाकर पुल्लिंग से स्त्रीलिंग में बदला जाता है-
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
पंडित | पंडिताइन |
लाला | ललाइन |
ठाकुर | ठाकुराइन |
गुरु | गुरुआइन |
चौधरी | चौधराइन |
दुबे | दुबाइन |
बाबू | बाबूआइन |
चौबे | चौबाइन |
५. अंत में नी लगाकर पुल्लिंग से स्त्रीलिंग में बदला जाता है-
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
जाट | जाटनी |
मोर | मोरनी |
रीछ | रीछनी |
शेर | शेरनी |
भील | भीलनी |
भाट | बांटनी |
ऊंट | ऊंटनी |
सिंह | सिंहनी |
६. मान को ‘मती‘ और वान को ‘वती‘ में बदल कर पुल्लिंग से स्त्रीलिंग में बदला जाता है जैसे-
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
श्रीमान | श्रीमती |
बुद्धिमान | बुद्धिमती |
पुत्रवान | पुत्रवती |
रूपवान | रूपवती |
शक्तिमान | शक्तिमती |
बलवान | बलवती |
सत्यवान | सत्यवती |
धनवान | धनवती |
७. अंत में ‘आ‘ लगाकर पुल्लिंग से स्त्रीलिंग में बदला जाता है जैसे-
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
बाल | बाला |
शिष्य | शिष्य |
छात्र | छात्रा |
प्रिय | प्रिया |
आचार्य | आचार्या |
महोदय | महोदया |
कांत | कांता |
gender in hindi
८. अ को इनी और ई को इणी में बदलकर पुल्लिंग से स्त्रीलिंग में बदला जाता है जैसे-
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
हंस | हंसिनी |
हाथी | हथिनी |
तपस्वी | तपस्विनी |
फलदायी | फलदाययिणी |
आज्ञाकारी | आज्ञाकारिणी |
मनोहारी | मनोहारिणी |
हितकारी | हितकारिणी |