व्याख्यान कौशल क्या है व्याख्यान कौशल के घटक


व्याख्यान कौशल क्या है

जब कोई घटना घटित होती है तो उसे बताने के तीन अवस्थाएं हो सकती है-

१. घटना की घोषणा:-

इसमें वास्तविक समस्याओं के बारे में बताया जाता है।

२. घटना का वर्णन:-

घटना के वर्णन में वास्तविकताओं से अवगत कराने का प्रयास किया जाता है कैसे हुआ और क्यों हुआ।

३. घटना की व्याख्या करना:-

घटना की व्याख्या में घटना के संबंध में जब कोई अध्यापक क्यों, कैसे, अथवा क्या में उत्तर देता है। तो इसका अर्थ है कि वह इसका व्याख्या कर रहा है। व्याख्या ऐसी प्रक्रिया है। जिसके द्वारा किसी घटना या विचार के विषय में पूर्ण रूप से ज्ञान का विस्तार किया जाता है। या विस्तार घटना स्थिति और कारण को देखते हुए की जा सकती है।

व्याख्यान कौशल के घटक:-

१. उपयुक्त प्रारंभिक कथन का प्रयोग।

२. शुद्ध एवं स्पष्ट भाषा का प्रयोग।

३. श्रव्य दृश्य सामग्री का उचित प्रयोग।

४. छात्रों की बुद्धि की जांच के लिए बोधगम्य प्रश्न करना।

५. प्रारंभिक कथन का प्रयोग छात्रों के मानसिक स्तर के अनुसार होना चाहिए।

६. विचारों में क्रमबद्धता होनी चाहिए।

७. विचारों अथवा कथनों को आपस में जोड़ने के लिए उचित शब्द का प्रयोग।

८. कथनों में वाक्यन्स पूरे बोलना चाहिए।

९. शिक्षण बिंदुओं को उचित अवधि में दोहराना चाहिए।

१०. व्याख्या का समापन उचित ढंग से किया जाना चाहिए।

११. व्याख्यान ठीक ढंग से समापन किया जाना चाहिए।

व्याख्या करते समय अध्यापक को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए-

१. व्याख्या सरल एवं स्पष्ट तथा शुद्ध भाषा में होनी चाहिए।

२. विवाह के छात्रों के पूर्व अनुभव पर आधारित होनी चाहिए तथा साथ ही नए अनुभव को भी जोड़ना चाहिए।

३. व्याख्या छात्रों की आयु एवं मानसिक स्तर के अनुसार होनी चाहिए।

४. व्याख्या करते समय बीच-बीच में छात्रों से भी प्रश्न पूछने चाहिए।

५. व्याख्या को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए छात्रों को भी प्रश्न पूछने की अवसर प्रदान करनी चाहिए।

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