biography of kamleshwar in hindi (कमलेश्वर का जीवन परिचय)


कमलेश्वर का व्यक्तित्व और कृतित्व (kamleshwar biography in hindi)

कमलेश्वर का मूल नाम कमलेश्वर प्रसाद सक्सेना है। कमलेश्वर (3 जनवरी 1932-1927 जनवरी 1960) हिंदी लेखक कमलेश्वर बीसवीं शती के सबसे सशक्त लेखकों में से एक समझे जाते हैं। कहानी उपन्यास पत्रकारिता स्तंभ लेखन फिल्म पटकथा जैसे अनेक विधाओं में उन्होंने अपने लेखन प्रतिभा का परिचय दिया। कमलेश्वर का लेखन केवल गंभीर साहित्य से ही जुड़ा नहीं रहा बल्कि उनके लेखन के कई तरह के रंग देखने को मिलते हैं, उनका उपन्यास ‘कितने पाकिस्तान’ हो या फिर भारतीय राजनीति का एक चेहरा दिखाती फिल्म ‘आंधी’ हो, कमलेश्वर का काम एक मानक के तौर पर देखा जाता रहा है। उन्होंने मुंबई में जो टीवी पत्रकारिता की वह बेहद मायने रखती हैं ‘कामगार विश्व’नाम के कार्यक्रम में उन्होंने गरीबों मजदूरों की पीड़ा उनकी दुनिया को अपनी आवाज दी।

      कमलेश्वर का जन्म 6 जनवरी 1932 उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में हुआ। उन्होंने 1954 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में m.a. किया। कमलेश्वर की पत्नी का नाम गायत्री था। उन्होंने फिल्मों के लिए पटकथाएं तो लिखी ही, उनके उपन्यासों पर फिल्में भी बनी। आंधी, मौसम(फिल्म), सारा आकाश, रजनीगंधा, छोटी सी बात, मिस्टर नटवरलाल, सौतन, लैला, रामबलराम, की पटकथा है उनके कलम से ही लिखी गई थी। लोकप्रिय टीवी सीरियल ‘चंद्रकांता’ के अलावा ‘दर्पण’ और ‘एक कहानी’ जैसे धारावाहिकों की पटकथा लिखने वाले भी कमलेश्वर ही थे उन्होंने कई वृदचित्रों और कार्यक्रमों का निर्देशन भी किया।
                   1995 में कमलेश्वर को पद्मभूषण से नवाजा गया और 2003 में उन्हें ‘कितने पाकिस्तान’ (उपन्यास) के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे ‘सारिका, धर्मयुग, जागरण और दैनिक भास्कर जैसे प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं के संपादक भी रहे हैं। उन्होंने दूरदर्शन के अतिरिक्त महा निर्देशक जैसे महत्वपूर्ण दायित्व भी निभाया।
               कमलेश्वर ने अपनी 75 साल के जीवन में 12 उपन्यास 17 कहानी संग्रह और करीब एक सौ फिल्मों की पटकथाएं लिखी।
               27 जनवरी 2007 को उनका निधन हो गया।

कमलेश्वर की रचनाएँ:

कमलेश्वर के उपन्यास:

कमलेश्वर के कुछ प्रसिद्ध उपन्यास है-
तीसरा आदमी, डाक बंगला, समुद्र में खोया हुआ आदमी, काली आंधी, आगामी अतीत, सुबह दोपहर शाम, रेगिस्तान, लौटे हुए मुसाफिर, एक और चंद्रकांता, कितने पाकिस्तान।
kamleshwar ka jeevan parichay in hindi

कमलेश्वर की पटकथा एवं संवाद:

कमलेश्वर ने 99 फिल्मों के संवाद कहानी या पटकथा लेखन का काम किया। कुछ प्रसिद्ध फिल्मों के नाम हैं-
१.सौतन की बेटी (1980) संवाद
२.लैला (1984) संवाद, पटकथा
३. यह देश (1984) संवाद
४. रंग बिरंगी (1983) कहानी
५.सौतन (1983) संवाद
६. साजन की सहेली (1981) संवाद, पटकथा
७.राम बलराम (1980) संवाद, पटकथा
८.मौसम (1975) कहानी
९. आंधी (1975) उपन्यास

कमलेश्वर द्वारा संपादन:

अपने जीवनकाल में अलग-अलग समय पर उन्होंने साथ पत्रिकाओं का संपादन किया-
१. विहान पत्रिका (1954)
२. नई कहानियां पत्रिका (1958-1966)
३. सारिका पत्रिका (1967-1978)
४. कथा यात्रा पत्रिका (1978-1979)
५. गंगा पत्रिका (1984-1988)
६. इंगित पत्रिका (1961-1968)
७. श्री वर्षा पत्रिका (1979-1980)

कमलेश्वर का अखबारों में भूमिका:

वह हिंदी दैनिक जागरण में 1990 से 1992 तक तथा दैनिक भास्कर में 1997 से लगातार स्तंभ लेखन का काम करते रहे।

कमलेश्वर की कहानियों के नाम:

कमलेश्वर ने 300 से अधिक कहानियां लिखी। उनकी कुछ प्रसिद्ध कहानियां है-
राजा निरवसिया, सांस का दरिया, नीली झील, तलाश, बयान, नागमणि, अपना एकांत, आशक्ति जिंदामुर्दे, जॉर्ज पंचम की नाक, मुर्दों की दुनिया, कस्बे का आदमी, स्मारक, खोई हुई दिशाएं इत्यादि।

कमलेश्वर की नाटक:

उन्होंने तीन नाटक लिखें-
१. अधूरी आवाज
२. रेत पर लिखे नाम
३. हिंदोस्ता हमारा
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