वाक्य किसे कहते हैं इसके कितने भेद हैं (vakya kise kahate hain iske kitne bhed hain)
वाक्य क्या होता है
वाक्य सार्थक शब्दों का व्यवस्थित रूप है मनुष्य के विचारों को पूर्णता से प्रकट करने वाले पद समूह हो वाक्य कहते हैं। यदि शब्द भाषा की प्रारम्भिक अवस्था है, तो वाक्य उसका विकास। वाक्य की उपयोगिता व्याकरण में तो है ही, पर दैनिक जीवन में भी काम नहीं है अतः सामान्य जीवन में वाक्य का विशेष महत्व है।
वाक्य किसे कहते हैं
ऐसा सार्थक शब्द का समूह जो व्यवस्थित हो तथा पूरा अर्थ प्रकट करता हो, उसे ही वाक्य कहते हैं।
दूसरे शब्दों में,
सार्थक शब्दों का व्यवस्थित समूह जिससे अपेक्षित अर्थ प्रकट हो उसे ही वाक्य कहते हैं।सार्थक शब्दों का व्यवस्थित समूह जिससे अपेक्षित अर्थ प्रकट हो उसे ही वाक्य कहते हैं।
वाक्य के कौन- कौन से अंग होते है, वाक्य के कितने अंग होते हैं
देखा जाए तो किसी भी वाक्य के दो ही अंग होते है-
१. उद्देश्य
२. विधेय
वाक्य के अंग उद्देश्य और विधेय है।
उद्देश्य और विधेय किसे कहते हैं, उद्देश्य और विधेय क्या है
उद्देश्य:- किसी भी वाक्य में जिसके बारे में कुछ बताया जाता है, उसे ही उद्देश्य कहते हैं। जैसे;
१. श्याम खेल रहा है।
२. मोहन खाना खा रहा है।
३. विवेक दौड़ता है।
इन वाक्यों में श्याम, मोहन और विवेक के विषय में बताया गया है। अतः ये उद्देश्य है।
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वाक्य में उद्देश्य कैसे पहचाने
किसी भी वाक्य में अगर उद्देश्य को पहचाना हो तो वाक्य में से कर्ता को अलग कर दो वही कर्ता वाक्य का उद्देश्य होता है। इसे हम उदाहरण से समझते है।
१. राम मैदान में खेल रहा है।
२. रामू रसोई में रोटी बना रहा है।
इन दोनों ही वाक्यों में कुछ काम चल रहा है जैसे राम खेलने का काम कर रहा है और रामू पकाने का इसलिए राम और रामू उद्देश्य है।
विधेय किसे कहते हैं उदाहरण
वाक्य में उद्देश्य के बारे में जो कुछ कहा जाता है, उसे विधेय कहते है।
दूसरे शब्दों में वाक्य के कर्ता (उद्देश्य) को अलग करने के बाद वाक्य में जो कुछ भी शेष रह जाता है, वही विधेय कहलाता है।
वाक्य में विधेय कैसे पहचाने
वाक्य में से विधेय को बहुत ही आसानी से पहचाना जा सकता है इसके लिए सबसे पहले हमें उद्देश्य को अलग करना होगा और बाकी जो भी वाक्य में बचा वह विधेय है जैसे;
१. सचिन मैदान में दौड़ रहा है।
वाक्य अनेक प्रकार के हो सकते हैं। वाक्य का विभाजन हम दो आधारों पर कर सकते हैं-
१. अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद
i.विधानवाचक ii. निषेधवाचक iii. आज्ञावाचक iv. प्रश्नवाचक
v. इच्छावाचक vi. संदेहवाचक vii. विस्मयवाचक viii. संकेतवाचक
२. रचना के आधार पर वाक्य के भेद
i. सरल वाक्य/ साधारण वाक्य ii. संयुक्त वाक्य iii. मिश्र वाक्य
१. अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद
अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद हैं-
i.विधानवाचक ii. निषेधवाचक iii. आज्ञावाचक iv. प्रश्नवाचक
v. इच्छावाचक vi. संदेहवाचक vii. विस्मयवाचक viii. संकेतवाचक
विधानवाचक वाक्य किसे कहते हैं
जिन वाक्यों से किसी क्रिया के करने या होने की सामान्य सूचना मिलती हो, उन्हें ही विधानवाचक या विधिवाचक वाक्य कहते हैं। इससे किसी के अस्तित्व का बोध भी होता है अर्थात किसी सामान्य कार्य व्यापार का ज्ञान होना।
उदाहरण:-
१. छात्रों ने प्रधानाचार्य का स्वागत किया।
२. मैंने दूध पिया।
३. वर्षा हो रही है।
४. राम पढ़ रहा है।
इन वाक्यों में स्वागत करने, दूध पीने, वर्षा होने और पढ़ाई करने का विधान हो रहा है इसलिए ये विधानवाचक वाक्य हैं।
निषेधवाचक वाक्य किसे कहते हैं
जिन वाक्यों से किसी बात या कार्य के न होने का भाव प्रकट होता है उसे निषेधवाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण:
१. आज मैं स्कूल नहीं जाऊँगा।
२. तुम मत लिखो।
३. श्याम को आम पसंद नहीं है।
४. मैंने दूध नहीं पिया।
इन वाक्यों में नकारात्मक भाव प्रकट हो रहा है इसलिए ये वाक्य निषेधवाचक वाक्य हैं।
आज्ञावाचक वाक्य किसे कहते हैं
जिन वाक्यों से किसी तरह की अनुमति, आज्ञा, प्रार्थना, उपदेश देने का बोध हो तो उसे आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण:-
१. आप चुप रहिए।
२. अपना-अपना काम करें।
३. बड़ों का सम्मान करो।
४. आप जा सकते हैं।
प्रश्नवाचक वाक्य किसे कहते हैं
जिन वाक्यों में प्रश्न किया जाए अर्थात किसी से कोई बात पूछी जाए, उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं। वाक्य के अंत में प्रश्नवाचक चिह्न (?) प्रश्नवाचक वाक्यों की पहचान है। जैसे –
१. क्या तुम खेलोगे?
२. रमेश कहाँ जाएगा?
३. तुम्हारा क्या नाम है?
४. तुमसे किसने कहा?
५. क्या टी. वि. खराब हो गया है?
इच्छावाचक वाक्य किसे कहते हैं
जिन वाक्यों में वक्ता की इच्छा, आशा या शुभकामना व्यक्त की जाती है, उसे इच्छावाचक वाक्य कहते हैं। जैसे; –
१. भगवान करे वह सफल हो।
२. भगवान तुम्हें सदैव स्वस्थ रखे।
३. नव वर्ष मंगलमय हो।
४. भगवान तुम्हें लंबी उम्र दे।
५. सुखी रहो।
संदेहवाचक वाक्य किसे कहते हैं
जिन वाक्यों में कार्य के होने में संदेह अथवा उसकी संभावना का बोध हो उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे ;-
१. वह शायद आए।
२. हो सकता है श्याम बाजार गया हो।
३. संभवत वह सुधार जाए।
४. वह आ रहा होगा , पर हमें क्या मालूम।
विस्मयवाचक वाक्य किसे कहते हैं
जिन वाक्यों से आश्चर्य, हर्ष, शोक, घृणा आदि के भाव व्यक्त हों, उन्हें विस्मयवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे ;-
१. अरे ! इतना सुंदर गाड़ी।
२. कैसा सुंदर देश है !
३. धिक्कार है ! तुमने एक विधवा पर हाथ उठाया है।
४. वाह! कितना सुंदर दृश्य है।
५. हाय ! ये क्या हो गया?
६. शाबाश ! तुमने बहुत अच्छा काम किया।
संकेतवाचक वाक्य किसे कहते हैं
जिन वाक्यों से एक क्रिया का दूसरी क्रिया पर निर्भर होने का बोध हो उन्हें संकेत या हेतुवाचक वाक्य कहते हैं। इस वाक्य में किसी शर्त या संकेत का बोध होता है। जैसे:-
१. वर्षा होती तो फसल अच्छी होती।
२. राधा गाती तो पार्टी जम जाती।
३. यदि तुम पढ़ते तो उत्तीर्ण अवश्य होते।
४. पिताजी अभी आते तो अच्छा होता।
२. रचना के आधार पर वाक्य के भेद
i. सरल वाक्य/ साधारण वाक्य ii. संयुक्त वाक्य iii. मिश्र वाक्य
सरल वाक्य किसे कहते हैं
जिन वाक्य में एक ही क्रिया होती है और एक कर्ता होता है, वे सरल वाक्य (साधारण वाक्य) कहलाता है।
या
जिन वाक्यों में केवल एक ही उद्देश्य और एक ही विधेय होता है, उन्हें सरल वाक्य कहते हैं।
इन वाक्यों में एक मुख्य क्रिया होती है।
उदाहरण:-
१. गाय घास चार रही है।
२. बच्चे स्कूल जा रहे हैं।
३. मोहन स्कूल से लौटते समय किताब खरीद लेगा।
४. टोपी वाला बाबू कहाँ गया?
उपर्युक्त वाक्यों में एक ही क्रिया है जैसे की रेखांकित अंशों से स्पष्ट है । ये समस्त वाक्य सरल वाक्य हैं।
संयुक्त वाक्य किसे कहते हैं
जिस वाक्य में दो या दो से अधिक उपवाक्य मिले हो, परंतु सभी वाक्य प्रधान हो तो ऐसे वाक्य को संयुक्त वाक्य कहते हैं।
ट्रिक: जिन भी वाक्य में इनमें से कोई भी शब्द/पद आते हैं तो वहाँ संयुक्त वाक्य होता है- और, एवं, तथा, या, अथवा, इसलिए, अतः, फिर भी, तो, नहीं, किन्तु, परंतु, लेकिन, पर आदि।
उदाहरण;-
१. वह सुबह गया और शाम को लौट आया।
२. उसने बहुत परिश्रम किया किन्तु सफलता नहीं मिली।
३. बादल घिरे और मोर नाचने लगा।
४. माँ ने मारा तो बालक रूठ गया।
५. सुषमा बीमार है इसलिए स्कूल नहीं गई।
६. आप उससे मिलन चाहते हैं अतः द्वार पर प्रतीक्षा करें।
मिश्र वाक्य किसे कहते हैं
जिस वाक्य में एक से अधिक वाक्य मिले हो, किन्तु एक प्रधान उपवाक्य तथा शेष आश्रित उपवाक्य हो, मिश्रित वाक्य कहलाता है।
ट्रिक: जिन वाक्य में ये सब पद होते हैं वहाँ मिश्र वाक्य होता है – कि, जो, क्योंकि, जितना, उतना, वैसा, जैसे , जब, तब, जहां, वहाँ, जिधर, उधर, अगर, यदि, यद्यपि, तथापि आदि से मिश्रित वाक्य को ही मिश्र वाक्य कहते हैं।
उदाहरण:
१. तुम वहाँ चले जाओ जहाँ गाड़ी रुकती है।
२. क्योंकि उसे जूता खरीदना था इसलिए वह बाजार गया।
३. शशि गा और नाच रही है।
४. जब तुम आओगे तब मैं जाऊँगा।
सरल वाक्य से संयुक्त वाक्य:-
सरल वाक्य | संयुक्त वाक्य |
१. कठोर बनकर भी सहृदय बनो। | १. कठोर बनो परंतु सहृदय बनो। |
२. सूर्योदय होने पर पक्षी बोलने लगे | २. सूर्योदय हुआ और पक्षी बोलने लगे। |
३. चोर सिपाही को देखकर भाग गया | ३. चोर ने सिपाही को देखा और भाग गया। |
४. अपराधी होने के कारण उसे सजा मिली। | ४. वह अपराधी था, इसलिए उसे सजा मिली। |
५. साँझ होते ही पक्षी घोंसले में आ गए | ५. साँझ हुए और पक्षी घोसलें में आ गए। |