संज्ञा किसे कहते हैं, संज्ञा के कितने भेद होते हैं, Sangya Kise Kahate Hain, Sangya Ke Kitne Bhed Hote Hain

संज्ञा किसे कहते हैं, संज्ञा के कितने भेद होते हैं, Sangya Kise Kahate Hain, Sangya Ke Kitne Bhed Hote Hain

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संज्ञा किसे कहते हैं, संज्ञा के कितने भेद होते हैं, Sangya Kise Kahate Hain, Sangya Ke Kitne Bhed Hote Hain
sangya kise kahte hain, sangya ke kitne bhed hote hain

 

संज्ञा का सीधा संबंध नामसे होता है, चाहे वो किसी भी वस्तुओं के नाम हो या किसी भी व्यक्तियों के नाम हो या फिर किसी स्थान या प्राणियों के नाम हो या मनुष्य के मन में उठने वाली भावानाओं के नाम हो वह संज्ञा होता है, क्योंकि संज्ञा एक नाम है। हम जो कुछ भी देखते और अनुभव करते हैं, उनका नाम होता है। उन नामों को ही संंज्ञा कहते हैं। जैसे:- मोहन और रोहन ताजमहल देखने दिल्ली जा रहे हैं। संज्ञा का अर्थ सम् + ज्ञा यानी सही ज्ञान कराने वाला। संज्ञा का दूसरा अर्थ ‘नाम’ से है। 
इस वाक्य में मोहन, रोहन,ताजमहल, और दिल्ली संज्ञा है क्योंकि ये सभी नाम  है
मोहन और रोहन (व्यक्तियों के नाम)
ताजमहल (स्मारक के नाम)
दिल्ली (स्थान के नाम)

संज्ञा किसे कहते हैं (sangya kise kahate hain)

इस संसार में जो कुछ भी हैं उन सभी का अपना-अपना नाम हैं और हम उन्हें उसी नाम से जानते हैं।  उन्हीं नामों को संज्ञा कहते हैं।

संज्ञा के कितने भेद होते हैं, संज्ञा के भेद/प्रकार/रूप/भाग (sangya ke prakar in hindi)

हिंदी व्याकरण के अनुसार संज्ञा के तीन रूप होते हैं
१.व्यक्तिवाचक संज्ञा
२.जातिवाचक संज्ञा
३.भाववाचक संज्ञा
इंग्लिश व्याकरण के प्रभावों से और दो संज्ञा के भेद को शामिल किया गया है
४.द्रव्यवाचक संज्ञा
५.समूहवाचक संज्ञा
 

hindi  grammar sangya examples

१.व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं :-

जिस शब्द से किसी विशेष व्यक्ति, स्थान और वस्तु आदि का पता चलता है, उन्हें व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते है।” जैसे:- श्याम, सुभाष, यमुना, मथुरा तथा हरिद्वार आदि। यहाँ श्याम तथा सुभाष से व्यक्ति, यमुना और सिन्धु से नदी तथा मथुरा और हरिद्वार से स्थान आदि का बोध होता है।
व्यक्तिवाचक संज्ञा किन-किन स्थितियों में होती है ?
I) व्यक्तियों के नाम-
विवेक,रूबी,कौशर
II) दिशाओं के नाम –
उत्तर, दक्षिण,पूर्व, पश्चिम
III) देशों के नाम-
भारत,भूटान,चीन
IV) जातियों के नाम-
जापानी, भारतीय, नेपाली
V) समुद्रों के नाम –
हिंद महासागर, प्रशांत
महासागर
VI) नदी, पर्वतों के नाम-
गंगा, हिमालय
VII) नागरों और सड़कों के नाम-
लखनऊ,पार्कस्ट्रीट
VIII) घटनाओं के नाम-
पानीपत के युद्ध,स्वतंत्रता
दिवस
IX) दिन एवं महिनों के नाम-
सोमवार,जनवरी
X) त्योहारों, समाचार पत्रों, पुस्तकों के नाम-
होली, दैनिक जागरण, गोदान
व्यक्तिवाचक संज्ञा के 10 उदाहरण

व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper Noun) वे संज्ञाएँ होती हैं जो किसी विशेष व्यक्ति, स्थान, वस्तु या संस्था के विशेष नाम को दर्शाती हैं। इन्हें हमेशा विशेष पहचान के लिए प्रयोग किया जाता है।

व्यक्तिवाचक संज्ञा के 10 उदाहरण नीचे दिए गए हैं:

  1. राम – राम स्कूल गया।
  2. सीता – सीता बहुत अच्छी गायिका है।
  3. दिल्ली – दिल्ली भारत की राजधानी है।
  4. ताजमहल – ताजमहल आगरा में स्थित है।
  5. हिमालय – हिमालय सबसे ऊँची पर्वतमाला है।
  6. गंगा – गंगा भारत की पवित्र नदी है।
  7. सचिन तेंदुलकर – सचिन तेंदुलकर एक महान क्रिकेटर हैं।
  8. एमेज़ॉन – एमेज़ॉन एक बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी है।
  9. भारत – भारत विविधताओं का देश है।
  10. गूगल – गूगल एक प्रसिद्ध सर्च इंजन है।

२.जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं

जिन संज्ञा शब्दों से प्राणियों, वस्तुओं, स्थानों की संपूर्ण जाति का पता चलता है, उन्हें जातिवाचक संज्ञा कहते है। जैसे:- मनुष्य,पर्वत, नदी, देश, घर इत्यादि। मनुष्य का अर्थ सभी मनुष्यों से, पर्वत से सभी पर्वतों से है,उसी प्रकार घर, नदी और देश से है।
जातिवाचक संज्ञा निम्न दशाओं में होती हैं-
i.संबंधी पद, व्यवसाय एवं कार्यों के नाम – भाई, चाचा, मंत्री, इंजीनियर, डाकिया, प्रोफ़ेसर, डाकू
ii.पशु-पक्षी के नाम – कुत्ता, कोयल, चील, गिद्ध, भालूहिरण, हंस, भैंस
iii.वस्तु – पुस्तक, घड़ी, पेन, मेज
iv.प्राकृतिक तत्व – आंधी, बिजली, तूफान, वर्षा, आग, भूकंप, बाढ़, ज्वालामुखी आदि।
जातिवाचक संज्ञा के 10 उदाहरण

जातिवाचक संज्ञा (Common Noun) वे संज्ञाएँ होती हैं जो किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या जीव की सामान्य जाति या वर्ग को दर्शाती हैं, न कि किसी विशेष नाम को।

जातिवाचक संज्ञा के 10 उदाहरण:

  1. लड़का – वह लड़का तेज दौड़ता है।
  2. किताब – यह किताब बहुत रोचक है।
  3. पेड़ – पेड़ हमें छाया और ऑक्सीजन देते हैं।
  4. नदी – नदी का पानी साफ है।
  5. शहर – यह शहर बहुत सुंदर है।
  6. पक्षी – पक्षी उड़ रहे हैं।
  7. बिल्ली – वह बिल्ली दूध पी रही है।
  8. फूल – फूल बगीचे में खिले हैं।
  9. गाड़ी – गाड़ी बहुत तेज चल रही थी।
  10. विद्यालय – विद्यालय में छुट्टी हो गई।

३.भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं 

 जिन शब्द से व्यक्तियों,प्राणियों और वस्तुओं के गुण,दोष, भाव,दशा आदि का पता चलता है,उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- अच्छाई, उदारता, दुष्टता, स्वतंत्रता, बुढ़ापा, बचपन, अनुशासनहीनता, उग्रता, मिठास आदि। हर पदार्थ का गुण होता है जैसे – नमक में नमकीन , किताब में ज्ञान , मानव में करुणा आदि का ज्ञान होना आवश्यक है । इस संज्ञा का अनुभव केवल इंद्रियों के द्वारा होता है।
भाववाचक संज्ञा का निर्माण जातिवाचक, सर्वनाम,विशेषण, क्रिया तथा अव्यय में प्रत्यय के प्रयोग से होता है। उदाहरण:-
 
जातिवाचक:-बच्चा से बचपन,जवान से जवानी,स्वामी से स्वामित्व, मूर्ख से मूर्खता,शत्रु से शत्रुता आदि।
विशेषण:- सर्द से सर्दी, कठोर से कठोरताकोमल से कोमलता, कमजोर से कमजोरी, बुद्धिमान से बुद्धिमानी, विधवा से वैधव्य।
क्रिया:-पिटना से पिटाई, उतरना से उतराई,जलाना से जलन आदि।
सर्वनाम:-अपना से अपनापन अपनत्व, मम ममता ममत्व, निज से निजत्व।
अव्यय:- निकट से निकटता, आपस से आपसी आदि।
भाववाचक संज्ञा के 10 उदाहरण

भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun) वे संज्ञाएँ होती हैं जो किसी गुण, अवस्था, भावना, क्रिया या विचार को व्यक्त करती हैं। इन्हें देखा या छुआ नहीं जा सकता, केवल अनुभव किया जा सकता है।

भाववाचक संज्ञा के 10 उदाहरण:

  1. सच्चाई – सच्चाई कड़वी हो सकती है।
  2. ईमानदारी – ईमानदारी एक महान गुण है।
  3. दया – दया से बड़ा कोई धर्म नहीं।
  4. क्रोध – क्रोध पर नियंत्रण जरूरी है।
  5. प्रेम – प्रेम ही जीवन का आधार है।
  6. शांति – शांति से जीवन सुखमय होता है।
  7. साहस – साहस हर कठिनाई को पार कर सकता है।
  8. बुद्धि – बुद्धि का प्रयोग समझदारी से करना चाहिए।
  9. दुख – दुख और सुख जीवन के दो पहलू हैं।
  10. गौरव – हमें अपने देश पर गौरव है।

नोट:
भाववाचक संज्ञाएँ अमूर्त होती हैं – इन्हें न तो देखा जा सकता है, न ही छुआ जा सकता है, लेकिन ये अनुभव और समझ में आती हैं।

४. द्रव्यवाचक  संज्ञा किसे कहते हैं

जिन संज्ञा शब्दों से धातुओं, पदार्थों और द्रव्यों के नामों का पता चलता है, उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे:- पेट्रोल, सोना, चांदी, तेल, घी, इत्यादि।

इनका प्रयोग अक्सर किसी वस्तु को बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में किया जाता है।

इन्हें गिना नहीं जा सकता, बल्कि तौला या मापा जाता है।

द्रव्यवाचक संज्ञा के 10 उदाहरण:
  1. पानी – पानी जीवन के लिए आवश्यक है।
  2. दूध – बच्चा रोज दूध पीता है।
  3. सोना – यह अंगूठी सोने की बनी है।
  4. चाँदी – चाँदी से बर्तन बनाए जाते हैं।
  5. लकड़ी – लकड़ी से फर्नीचर बनता है।
  6. लोहा – पुल लोहे का बना है।
  7. चावल – चावल एक प्रमुख अनाज है।
  8. तेल – खाना बनाने के लिए तेल चाहिए।
  9. नमक – खाने में नमक ज़रूरी है।
  10. रेत – रेत से ईंट और सीमेंट मिलाकर निर्माण होता है।

विशेष बातें:

  • द्रव्यवाचक संज्ञा हमेशा सामूहिक रूप में होती है।
  • इनसे बनी वस्तुओं के नाम जातिवाचक संज्ञा होते हैं। (जैसे – “चावल” = द्रव्यवाचक, “थाली” = जातिवाचक)।

५.समूहवाचक संज्ञा किसे कहते हैं 

जिन संज्ञा शब्दों से प्राणियों और वस्तुओं के समूह का पता चलता है, उन्हें समूहवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे:-भीड़, सभा, समूह, मंडली, गोष्ठी इत्यादि।

यह किसी एक व्यक्ति या वस्तु के बजाय पूरे समूह को एक नाम से पुकारती है।

समूहवाचक संज्ञा के 10 उदाहरण:
  1. झुंड – पक्षियों का झुंड आकाश में उड़ रहा है।
  2. टोली – बच्चों की टोली पार्क में खेल रही है।
  3. सेना – सेना देश की रक्षा करती है।
  4. झुंड – हाथियों का झुंड जंगल में घूम रहा है।
  5. मंडली – साधुओं की मंडली यात्रा पर निकली है।
  6. कक्षा – कक्षा में सभी विद्यार्थी चुप हैं।
  7. परिवार – मेरा परिवार बहुत बड़ा है।
  8. दल – गायों का एक दल खेत में चर रहा है।
  9. गुच्छा – फूलों का एक सुंदर गुच्छा मेज पर रखा है।
  10. सभा – प्रधानाचार्य की सभा आज सुबह होगी।

विशेष बातें:

  • समूहवाचक संज्ञा का प्रयोग एक साथ अनेक के लिए किया जाता है, पर उसे एक ही नाम से पुकारा जाता है।
  • यह संज्ञा किसी समूह को एक इकाई के रूप में दर्शाती है।

द्रव्यवाचक और समूहवाचक संज्ञा में क्या अंतर है ?

जिस संज्ञा से नापने या तौलने वाली वस्तु का बोध होता है वह द्रव्यवाचक संज्ञा होता है जबकि जिस संज्ञा से व्यक्तियों या वस्तुओं के समूह का बोध होता है वह समूहवाचक संज्ञा होता है। जैसे सोना, चांदी,दूध आदि का वजन होता है जबकि मेला, सेना, गुच्छा, समूह का बोध करते हैं।

संज्ञा और सर्वनाम में क्या संबंध हैउदाहरण सहित लिखें।

वाक्य में लिंग वचन और पुरुष के अनुसार सर्वनाम उस संज्ञा के अनुरूप ही होता है किंतु यदि वाक्य में अनेक संख्याओं के स्थान पर एक ही सर्वनाम आए तो वह पुल्लिंग बहुवचन में होगा।
जैसे – १) पुरुष वे ही है।
         २) तनुजा
और उमेश चले गये
, वे एक घंटा बाद आएंगे।

व्यक्तिवाचक संज्ञा और जातिवाचक संज्ञा में क्या अंतर है

यह रहा व्यक्तिवाचक संज्ञा और जातिवाचक संज्ञा के बीच टेबल के रूप में 10 मुख्य अंतर:

व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper Noun)जातिवाचक संज्ञा (Common Noun)
किसी विशेष व्यक्ति, स्थान या वस्तु का नामकिसी सामान्य वर्ग, जाति या समूह का नाम
विशिष्ट और एकमात्रसामान्य और अनेक के लिए प्रयुक्त
केवल एक व्यक्ति/स्थान/वस्तु के लिएएक से अधिक व्यक्ति/स्थान/वस्तु के लिए
राम, दिल्ली, एप्पल, गंगालड़का, शहर, कंपनी, नदी
हमेशा Capital Letter से शुरूआमतौर पर small letter से शुरू
विशेषता और व्यक्तिगत पहचान दर्शाता हैसामान्य गुण या श्रेणी दर्शाता है
प्रायः एकवचनएकवचन और बहुवचन दोनों हो सकता है
एक ही व्यक्ति/वस्तु का नामसमान प्रकार के अनेक लोगों/वस्तुओं को दर्शा सकता है
स्पष्ट पहचान (नाम) होती हैपहचान विशेष नहीं होती
किसी एक विशेष इकाई को पहचानने के लिएकिसी सामान्य वर्ग को व्यक्त करने के लिए

जातिवाचक संज्ञा से व्यक्तिवाचक संज्ञा कैसे बनाएं

जातिवाचक संज्ञा से व्यक्तिवाचक संज्ञा बनाना एक रचनात्मक प्रक्रिया है, जिसमें हम किसी सामान्य वर्ग (जातिवाचक संज्ञा) से संबंधित किसी विशेष व्यक्ति, स्थान या वस्तु (व्यक्तिवाचक संज्ञा) का नाम निर्धारित करते हैं।

परिवर्तन की प्रक्रिया:

“जातिवाचक संज्ञा” किसी सामान्य वस्तु/व्यक्ति का नाम बताती है, और जब हम उस सामान्य नाम के किसी एक विशेष नाम को चुनते हैं, तो वह “व्यक्तिवाचक संज्ञा” बन जाती है।

उदाहरणों द्वारा समझिए:
जातिवाचक संज्ञा (Common Noun)व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper Noun)
लड़काराम, अर्जुन, मोहन
शहरदिल्ली, पटना, मुंबई
नदीगंगा, यमुना, गोदावरी
देशभारत, जापान, अमेरिका
पर्वतहिमालय, नीलगिरी, अरावली
शिक्षकविजय सर, रीना मैम, शिव सर
कंपनीTata, Reliance, Infosys
पुस्तकरामायण, गीता, हैरी पॉटर
फिल्मशोले, दंगल, 3 इडियट्स
जानवरसिंबा (शेर का नाम), टोनी (कुत्ते का नाम)
कैसे बनाएं?
  1. पहचानें कि आप किस “सामान्य वर्ग” से विशेष नाम देना चाहते हैं।
  2. कोई प्रसिद्ध या मनचाहा नाम चुनें जो उस वर्ग के किसी एक विशेष इकाई का नाम हो।
  3. उस विशेष नाम को व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग करें।
उदाहरण से स्पष्ट करें:
  • जातिवाचक संज्ञा: शहर
    व्यक्तिवाचक संज्ञा: लखनऊ
    (यह एक विशेष शहर का नाम है)
  • जातिवाचक संज्ञा: नदी
    व्यक्तिवाचक संज्ञा: ब्रह्मपुत्र
  • जातिवाचक संज्ञा: लड़का
    व्यक्तिवाचक संज्ञा: अजय

जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा कैसे बनाएं

जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाने के लिए कुछ विशेष प्रत्ययों (suffixes) का प्रयोग किया जाता है। यह प्रक्रिया किसी व्यक्ति, वर्ग या वस्तु की अवस्था, गुण, विशेषता या भाव को व्यक्त करने के लिए की जाती है।

नीचे प्रमुख प्रत्ययों और उदाहरणों के साथ विस्तृत जानकारी दी गई है:

1. ‘ता’ (–ता) प्रत्यय
  • यह प्रत्यय व्यक्ति या वस्तु की गुणात्मक विशेषता या भावना को दर्शाता है।
  • प्रयोग: जातिवाचक संज्ञा + ता = भाववाचक संज्ञा
जातिवाचक संज्ञाभाववाचक संज्ञाअर्थ
सज्जनसज्जनतासज्जन होने का गुण
मित्रमित्रतामित्र होने का भाव या संबंध
शत्रुशत्रुताशत्रुता का भाव
मनुष्यमनुष्यतामानवता का गुण
ईमानदारईमानदारीईमानदारी का गुण
2. ‘पण’ (–पन) प्रत्यय
  • यह प्रत्यय व्यक्ति के स्वभाव, स्थिति या गुण को प्रकट करता है।
  • प्रयोग: जातिवाचक संज्ञा + पण = भाववाचक संज्ञा
जातिवाचक संज्ञाभाववाचक संज्ञाअर्थ
बच्चाबचपनबच्चे की अवस्था
कविकविपणकाव्य-गुण
ज्ञानीज्ञानपणज्ञानी होने का गुण
बालकबालपनबाल्यावस्था
राजाराजपणराजकीय गुण या अवस्था
3. ‘त्व’ (–त्व) प्रत्यय
  • यह प्रत्यय भी गुण, भाव या स्थिति को दर्शाता है।
  • अधिकतर संस्कृत मूल शब्दों में प्रयोग होता है।
जातिवाचक संज्ञाभाववाचक संज्ञाअर्थ
राजाराजत्वराजा होने की स्थिति
गुरुगुरुत्वगुरु का गुण
देवदैवत्वदैवीय गुण
नेतानेतृत्वनेतृत्व करने की क्षमता
विद्वानविद्वत्त्वविद्वता का भाव
4. ‘वत्ता’ (–वत्ता) प्रत्यय
  • यह प्रत्यय किसी वस्तु या व्यक्ति की विशिष्टता, गुणवत्ता या विशेष गुण को दर्शाता है।
जातिवाचक संज्ञाभाववाचक संज्ञाअर्थ
धनधनवत्ताधनवान होने की विशेषता
गुणगुणवत्तागुण का स्तर
बलबलवत्ताबल की विशेषता
विद्याविद्यावत्ताविद्या का गुण
भूषणभूषणवत्ताभूषण की महत्ता

निष्कर्ष (Conclusion):

जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाने की प्रक्रिया में हम व्यक्ति, वस्तु या स्थान के सामान्य नाम से संबंधित गुण, भावना, अवस्था या संबंध को व्यक्त करने वाले शब्द बनाते हैं।
इसके लिए हिंदी भाषा में ता, पन, त्व, वत्ता जैसे प्रत्ययों का प्रयोग किया जाता है।

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