जेंडर समानता में मीडिया की भूमिका ॥ Laingik Samanta Mein Media Ki Bhumika

जेंडर समानता में मीडिया की भूमिका ॥ Gender Samanta Mein Media Ki Bhumika ॥ लैंगिक समानता में मीडिया की भूमिका ॥ Role of Media in Gender Equality in Hindi

जेंडर समानता में मीडिया की भूमिका ॥ Gender Samanta Mein Media Ki Bhumika ॥ लैंगिक समानता में मीडिया की भूमिका ॥ Role of Media in Gender Equality in Hindi

मीडिया क्या है (What is Media)

मीडिया वह साधन या माध्यम है जिसके द्वारा समाचार, जानकारी, विचार, ज्ञान और मनोरंजन जनता तक पहुँचाए जाते हैं। यह समाज में लोगों को जागरूक करने, शिक्षित करने और संवाद स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है।

सरल शब्दों में, मीडिया वह पुल है जो सरकार, समाज, संस्थाओं और आम जनता के बीच सूचना का आदान-प्रदान सुनिश्चित करता है। यह समाज में होने वाली घटनाओं की जानकारी, स्वास्थ्य, शिक्षा, राजनीति, खेल और मनोरंजन से संबंधित सामग्री लोगों तक पहुँचाता है। मीडिया न केवल समाचार पहुँचाने का साधन है, बल्कि यह लोगों की राय बनाने, जागरूकता फैलाने और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा शुरू करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसे समाज की चौथी शक्ति भी कहा जाता है, क्योंकि यह लोकतंत्र में पारदर्शिता और जिम्मेदारी बनाए रखने में सहायक है।

मीडिया का अर्थ (Meaning of Media)

मीडिया शब्द का अर्थ है—सूचना, समाचार, विचार, ज्ञान और मनोरंजन को लोगों तक पहुँचाने का वह माध्यम या साधन, जिसके द्वारा समाज के विभिन्न हिस्सों में संदेश का आदान-प्रदान किया जाता है।

सरल भाषा में कहा जाए तो मीडिया वह माध्यम है जो सरकार, संस्थाओं और आम जनता के बीच संपर्क स्थापित करता है और घटनाओं, ज्ञान तथा मनोरंजन की जानकारी लोगों तक पहुँचाता है।

मीडिया समाज में सूचना फैलाने, लोगों को जागरूक करने और सामाजिक बदलाव लाने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यह लोगों को शिक्षित, सचेत और सक्रिय नागरिक बनने में मदद करता है और लोकतांत्रिक समाज में पारदर्शिता और जिम्मेदारी बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है।

मीडिया की परिभाषा

विभिन्न विद्वानों के अनुसार मीडिया की परिभाषा

मीडिया की परिभाषा अलग-अलग विद्वानों ने अपने दृष्टिकोण और समाजशास्त्र, जनसंचार तथा सूचना विज्ञान के आधार पर दी है। प्रमुख परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं—

  1. लासवेल (Lasswell) के अनुसार
    “मीडिया वह माध्यम है जिसके द्वारा संदेशों का आदान-प्रदान होता है और समाज के विभिन्न वर्गों तक सूचना पहुँचाई जाती है।”
  2. किर्क (Kirk) के अनुसार
    “मीडिया समाज में सूचना, विचार, शिक्षा और मनोरंजन का वितरण करने वाला एक उपकरण है, जो लोगों को जागरूक और शिक्षित करता है।”
  3. शैनन और वीवर (Shannon & Weaver) के अनुसार
    “मीडिया वह चैनल है जिसके द्वारा संदेश स्रोत से ग्रहक तक प्रभावी रूप से संचारित किया जाता है।”
  4. मैकक्वेल (McQuail) के अनुसार
    “मीडिया सामाजिक संस्थानों द्वारा स्थापित वह माध्यम है जो सूचना और संदेश का प्रसार करता है, समाज में संवाद और समझ को बढ़ावा देता है।”

लिंग समानता को कम करने में मीडिया की भूमिका (Role of Media in Reducing Gender Inequality) या जेंडर समानता में मीडिया की भूमिका (Role of Media in Gender Equality)

मीडिया समाज में लिंग समानता के प्रचार-प्रसार और लैंगिक भेदभाव को कम करने में अत्यंत प्रभावी साधन है। यह न केवल लोगों को जागरूक करता है बल्कि सामाजिक सोच को बदलने में भी मदद करता है।

समान अवसरों की जानकारी देना

मीडिया समाज में पुरुष और महिलाओं दोनों को समान अवसर प्रदान करने के महत्व के बारे में जागरूक करता है। यह लोगों को शिक्षा, नौकरी, रोजगार, सामाजिक और कानूनी अधिकारों में समानता के विषय में जानकारी पहुँचाता है। मीडिया के माध्यम से लोग समझते हैं कि लिंग के आधार पर भेदभाव करना अनुचित है और सभी को अपने अधिकारों का समान लाभ मिलना चाहिए। यह जागरूकता समाज में समानता की भावना, न्याय और अवसरों में निष्पक्षता को बढ़ावा देती है। इस प्रकार, मीडिया पुरुष और महिलाओं के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने में एक प्रभावी और आवश्यक उपकरण साबित होता है।

लिंग आधारित रूढ़िवादिता का विरोध

मीडिया, जैसे टीवी, समाचार पत्र और सोशल मीडिया, के माध्यम से यह दिखाया जाता है कि महिलाएँ भी शिक्षा, करियर, खेल, विज्ञान और राजनीति सहित सभी क्षेत्रों में सक्षम हैं। यह समाज में फैली पुरानी सोच और लिंग आधारित भेदभाव को चुनौती देता है। जब लोग मीडिया के जरिए महिलाओं की सफलता और योगदान देखते हैं, तो उनकी मानसिकता में सकारात्मक बदलाव आता है और समाज में समानता और सम्मान की भावना बढ़ती है। इस प्रकार, मीडिया लिंग समानता को बढ़ावा देने और रूढ़िवादी विचारों का विरोध करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करना

मीडिया में महिलाओं की सफलता की कहानियाँ, पुरुषों द्वारा घरेलू जिम्मेदारियाँ निभाने के उदाहरण और समानता आधारित जीवनशैली को उजागर किया जाता है। ये उदाहरण समाज में प्रेरणा और बदलाव लाने का काम करते हैं। जब लोग मीडिया में ऐसे उदाहरण देखते हैं, तो उन्हें यह समझ में आता है कि लिंग के आधार पर भेदभाव करना अनुचित है और सभी को समान अवसर और जिम्मेदारी निभाने का हक है। इस प्रकार, मीडिया समाज के लोगों के दृष्टिकोण और व्यवहार को सकारात्मक दिशा में प्रभावित करता है और लिंग समानता को बढ़ावा देता है।

शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम

मीडिया विभिन्न माध्यमों जैसे टीवी, रेडियो, समाचार पत्र और सोशल मीडिया के जरिए नारी शिक्षा, महिला स्वास्थ्य, महिला अधिकार और लिंग समानता पर आधारित कार्यक्रम और अभियान चलाता है। ये कार्यक्रम समाज में जागरूकता बढ़ाने, लोगों को शिक्षित करने और समानता की भावना विकसित करने में मदद करते हैं। मीडिया द्वारा चलाए गए अभियान महिलाओं को अपने अधिकारों और अवसरों के प्रति सजग बनाते हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का काम करते हैं। इस प्रकार, मीडिया न केवल सूचना पहुँचाने का साधन है, बल्कि समानता और सामाजिक सुधार के लिए प्रभावी उपकरण भी है।

सामाजिक बदलाव में योगदान

मीडिया फिल्मों, विज्ञापनों और डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से समाज में लिंग समानता और समान सम्मान का संदेश फैलाता है। ये सामग्री लोगों को यह समझने में मदद करती है कि पुरुष और महिला दोनों समान हैं और समाज में दोनों का अधिकार और सम्मान बराबर होना चाहिए। मीडिया के द्वारा दिखाई गई सकारात्मक कहानियाँ और उदाहरण समाज में रूढ़िवादी सोच, भेदभाव और असमानता को चुनौती देते हैं। इस प्रकार, मीडिया सामाजिक बदलाव लाने, सोच को बदलने और समानता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

लैंगिक हिंसा के प्रति जागरूकता

मीडिया महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ होने वाली हिंसा, घरेलू अत्याचार और यौन उत्पीड़न के मामलों को उजागर करके समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य करता है। समाचार, डॉक्यूमेंट्री, अभियान और सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से लोग इन समस्याओं के बारे में सीखते हैं और समझते हैं कि ऐसी घटनाएँ समाज के लिए कितनी हानिकारक हैं। मीडिया पीड़ितों के अधिकारों और कानूनी सुरक्षा के बारे में भी जानकारी देता है, जिससे लोग सुरक्षा उपायों और न्याय प्राप्ति के प्रति सजग होते हैं। इस प्रकार, मीडिया लैंगिक हिंसा के खिलाफ चेतना और सामाजिक जिम्मेदारी बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

समान वेतन और करियर अवसरों पर प्रकाश डालना

मीडिया पुरुष और महिला के बीच समान वेतन और करियर अवसर सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। समाचार, लेख, इंटरव्यू और अभियान के माध्यम से यह बताया जाता है कि लिंग के आधार पर भेदभाव करना अनुचित है और सभी को अपने काम और योगदान के अनुसार बराबर सम्मान और आर्थिक लाभ मिलना चाहिए। मीडिया के इस प्रयास से लोग समानता के महत्व को समझते हैं और कार्यस्थल पर न्यायपूर्ण और निष्पक्ष व्यवहार को अपनाने के लिए प्रेरित होते हैं। इस प्रकार, मीडिया लिंग समानता, आर्थिक न्याय और करियर विकास के लिए समाज में जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा देना

मीडिया महिलाओं के नेतृत्व और सफलता के उदाहरणों को उजागर करता है, चाहे वह राजनीति, विज्ञान, खेल या व्यवसाय के क्षेत्र में हो। इन उदाहरणों के माध्यम से समाज में यह संदेश फैलता है कि महिलाएँ भी नेतृत्व के योग्य और सक्षम हैं। जब लोग महिलाओं की उपलब्धियाँ देखते हैं, तो उनकी लैंगिक रूढ़िवादिता और पूर्वाग्रह कम होते हैं और समानता के प्रति जागरूकता बढ़ती है। मीडिया इस प्रकार महिलाओं को प्रेरित करने, उनकी छवि मजबूत करने और समाज में लैंगिक समानता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे आने वाली पीढ़ियाँ सशक्त और समान अधिकार वाली महिलाओं के महत्व को समझती हैं।

पुरुषों में समान जिम्मेदारी की भावना जगाना

मीडिया पुरुषों को घरेलू कार्य, बच्चों की देखभाल और परिवार की अन्य जिम्मेदारियों में समान भागीदारी करने के लिए प्रेरित करता है। टीवी कार्यक्रम, विज्ञापन, समाचार और सोशल मीडिया के माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि घर और परिवार की जिम्मेदारी केवल महिलाओं की नहीं, बल्कि पुरुषों को भी इसमें सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। इससे परिवार में समानता, सहयोग और संतुलन आता है और बच्चों में भी बराबरी और सहयोग की भावना विकसित होती है। मीडिया इस प्रकार समाज में पुरुषों को जिम्मेदार और संवेदनशील बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

शिक्षा के क्षेत्र में मीडिया की भूमिका (Role of Media in the Field of Education)

मीडिया आज शिक्षा का एक प्रभावशाली साधन बन चुका है। यह पारंपरिक शिक्षण पद्धतियों के साथ-साथ डिजिटल और आधुनिक शिक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।

सूचना और ज्ञान का प्रसार

मीडिया छात्रों और शिक्षकों तक नवीनतम जानकारी, शैक्षिक समाचार और ज्ञान पहुँचाने का महत्वपूर्ण माध्यम है। इसके जरिए वे विश्व की घटनाओं, वैज्ञानिक खोजों, तकनीकी नवाचारों और शैक्षणिक संसाधनों से अवगत होते हैं। मीडिया की मदद से शिक्षा अधिक समृद्ध, तात्कालिक और व्यापक बनती है, क्योंकि छात्र तुरंत जानकारी प्राप्त कर अध्ययन में सुधार कर सकते हैं। शिक्षकों को भी पाठ्यक्रम के नवीनतम बदलाव और शिक्षण विधियों के बारे में जानकारी मिलती है, जिससे वे अपने शिक्षण को और प्रभावी बना सकते हैं। इस प्रकार, मीडिया शिक्षा और ज्ञान के प्रसार में एक सक्षम और प्रभावशाली उपकरण के रूप में कार्य करता है।

दूरस्थ शिक्षा (Distance Education)

मीडिया के माध्यम से, जैसे रेडियो, टेलीविजन और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म, छात्र घर बैठे उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। यह सुविधा विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज़ क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों के लिए अत्यंत लाभकारी है, जहाँ शैक्षणिक संसाधनों और स्कूलों की पहुँच सीमित होती है। दूरस्थ शिक्षा के जरिए छात्र पाठ्यक्रम, व्याख्यान, वीडियो लेक्चर और शैक्षणिक सामग्री आसानी से प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उनका सीखने का अनुभव और अधिक सुलभ, तात्कालिक और प्रभावी बनता है। इस प्रकार, मीडिया शिक्षा के अवसर बढ़ाने और समान शिक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

शिक्षा में रुचि बढ़ाना

मीडिया के माध्यम से शिक्षण वीडियो, एनिमेशन, डॉक्यूमेंट्री और इंटरैक्टिव सामग्री छात्रों में विषयों के प्रति रुचि और समझ बढ़ाने में मदद करती है। ये सामग्री सजीव, रोचक और आकर्षक होने के कारण छात्रों का ध्यान आकर्षित करती है और सीखने की प्रक्रिया को मनोरंजक एवं प्रभावी बनाती है। जब छात्र दृश्य और श्रव्य सामग्री के जरिए ज्ञान प्राप्त करते हैं, तो वे कठिन विषयों को आसानी से समझ पाते हैं और उनका सीखने में उत्साह बढ़ता है। इस प्रकार, मीडिया शिक्षा को रोचक, प्रेरक और अधिक सुलभ बनाने में एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित होता है।

शिक्षक और छात्र के बीच संवाद

मीडिया, विशेष रूप से सोशल मीडिया और ऑनलाइन मंच, शिक्षकों और छात्रों के बीच ज्ञान और विचारों के आदान-प्रदान को सरल और त्वरित बनाते हैं। इन प्लेटफ़ॉर्म्स के माध्यम से छात्र अपनी शंकाएँ पूछ सकते हैं, शिक्षकों से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं और विचार साझा कर सकते हैं। इसी तरह, शिक्षक भी अध्ययन सामग्री, नोट्स और वीडियो लेक्चर छात्रों तक आसानी से पहुँचा सकते हैं। यह संवाद सीखने की प्रक्रिया को सक्रिय, सहयोगात्मक और प्रभावी बनाता है। इस प्रकार, मीडिया शिक्षक और छात्र के बीच समन्वय और संवाद को बढ़ावा देकर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करता है।

शिक्षा में नवाचार और कौशल विकास

मीडिया तकनीक और डिजिटल संसाधनों का उपयोग करके छात्रों को तकनीकी कौशल, शोध क्षमता और समस्या समाधान की क्षमता विकसित करने में मदद करता है। इसके माध्यम से छात्र वर्चुअल लैब्स, ई-लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म, वीडियो लेक्चर और इंटरैक्टिव टूल्स का उपयोग कर अपने ज्ञान और समझ को बढ़ा सकते हैं। मीडिया के नवाचारी तरीकों से सीखना सृजनात्मक, व्यावहारिक और आत्मनिर्भर बनता है। इससे छात्र तकनीकी और पेशेवर कौशल हासिल करते हैं, जो भविष्य में उनके करियर और व्यक्तिगत विकास के लिए अत्यंत उपयोगी हैं। इस प्रकार, मीडिया शिक्षा में नवाचार और कौशल विकास का एक प्रभावी साधन बनता है।

जागरूकता और सामाजिक शिक्षा

मीडिया के माध्यम से छात्र सामाजिक, पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा प्राप्त करते हैं। इसके जरिए उन्हें सामाजिक जिम्मेदारियाँ, पर्यावरण की सुरक्षा, स्वास्थ्य संबंधी सावधानियाँ और नैतिक मूल्य सीखने को मिलते हैं। मीडिया के शिक्षा-संबंधी कार्यक्रम और अभियान छात्रों में जागरूकता, संवेदनशीलता और जिम्मेदार व्यवहार विकसित करते हैं। इससे वे न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में सही निर्णय लेने में सक्षम होते हैं, बल्कि समाज और पर्यावरण के प्रति जागरूक और जिम्मेदार नागरिक भी बनते हैं। इस प्रकार, मीडिया शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक और नागरिक जागरूकता बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

भारत में जनसंचार माध्यमों और जेंडर की भूमिका

भारत में जनसंचार माध्यम (Mass Media) समाज और संस्कृति के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनमें प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, रेडियो, टेलीविजन और डिजिटल/सोशल मीडिया शामिल हैं। इन माध्यमों का प्रभाव न केवल सूचना और मनोरंजन तक सीमित है, बल्कि जेंडर समानता और लैंगिक मुद्दों पर भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

1. सामाजिक जागरूकता और लिंग समानता

भारत में जनसंचार माध्यम समाज में लिंग समानता के संदेश फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। टीवी, रेडियो, समाचार पत्र और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म महिलाओं और पुरुषों के समान अधिकार, शिक्षा और रोजगार के अवसरों के प्रति लोगों को जागरूक करते हैं। मीडिया अभियान और कार्यक्रम महिलाओं के सशक्तिकरण, लैंगिक समानता और समाज में उनकी भागीदारी को बढ़ावा देते हैं। इसके माध्यम से पुरानी सोच को बदलकर बच्चों और युवाओं में समानता की भावना विकसित होती है और समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में कदम उठाए जाते हैं।

2. रूढ़िवादी सोच को चुनौती देना

भारत में कई क्षेत्रों में लिंग आधारित रूढ़िवादिता और भेदभाव आज भी मौजूद हैं। जनसंचार माध्यम इन परंपराओं और पुराने सामाजिक मान्यताओं को चुनौती देने का कार्य करते हैं। टीवी, फिल्म, समाचार और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर महिलाओं और पुरुषों की समान भूमिका दिखाकर यह संदेश देते हैं कि समाज में लिंग से कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। मीडिया पुराने विचारों को तोड़कर नई सोच विकसित करता है, जिससे समाज में महिलाओं की स्वतंत्रता, अवसरों और सम्मान के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बढ़ता है।

3. महिला नेतृत्व और उदाहरण प्रस्तुत करना

जनसंचार माध्यम महिलाओं के नेतृत्व, सामाजिक योगदान और सफलता की कहानियों को उजागर करके समाज में प्रेरणा फैलाते हैं। मीडिया में खेल, राजनीति, व्यवसाय और विज्ञान में महिलाओं की उपलब्धियाँ दिखाकर युवा लड़कियों को भी प्रेरित करता है। इससे समाज में महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण बदलता है और उन्हें समान अवसर प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। मीडिया सकारात्मक रोल मॉडल प्रस्तुत कर पुरुषों और महिलाओं दोनों में समानता की भावना मजबूत करता है और महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनने के लिए प्रेरित करता है।

4. जेंडर आधारित हिंसा और अधिकारों की जानकारी

जनसंचार माध्यम महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ होने वाली हिंसा, उत्पीड़न और घरेलू अत्याचार के मामलों को उजागर करता है। समाचार, डिबेट, डॉक्यूमेंट्री और सोशल मीडिया इसके माध्यम से लोगों को कानूनी अधिकारों और सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक करते हैं। यह महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग बनाता है और समाज में लैंगिक समानता की दिशा में बदलाव लाता है। मीडिया का यह कार्य महिलाओं के सशक्तिकरण और समाज में न्याय और समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

5. युवा और बच्चों में समानता की भावना विकसित करना

जनसंचार माध्यम बच्चों और युवाओं में लिंग समानता की भावना पैदा करने में मदद करता है। शैक्षिक कार्यक्रम, एनिमेशन, डिजिटल एप्लिकेशन और बच्चों के लिए तैयार की गई सामग्री के माध्यम से लड़कियों और लड़कों में समानता, सहयोग और सम्मान की शिक्षा दी जाती है। इससे भविष्य की पीढ़ी में लैंगिक भेदभाव की मानसिकता कम होती है। मीडिया यह सुनिश्चित करता है कि बच्चे समान अवसरों और अधिकारों को समझें और समाज में महिलाओं और पुरुषों दोनों का सम्मान करना सीखें।

6. नीति और सरकारी योजनाओं का प्रचार

भारत में सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण और समानता से संबंधित योजनाओं का प्रचार जनसंचार माध्यमों के माध्यम से बड़े पैमाने पर किया जाता है। जैसे ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान, महिला सुरक्षा और शिक्षा योजनाएँ। टीवी, रेडियो, समाचार पत्र और सोशल मीडिया इन कार्यक्रमों को जनता तक पहुँचाते हैं। इससे समाज में महिलाओं के अधिकार, समान अवसर और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ती है। मीडिया नीति और योजनाओं को प्रभावी तरीके से जनता तक पहुँचाकर लैंगिक समानता को बढ़ावा देता है।

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