अमृत वाणी कविता Question Answer Class 5 (Amrit Vani Kavita Question Answer Class 5)

Amrit Vani Kavita Question Answer Class 5

आप सभी का इस आर्टिकल में मैं स्वागत करता हूं। आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से अमृत वाणी कविता के प्रश्न उत्तर class 5 को पढ़ने जा रहे हैं जो पश्चिम बंगाल बोर्ड के सरकारी विद्यालय से लिया गया है इस कविता में कबीरदास, तुलसीदास और रहीम के महत्वपूर्ण दोहों को लिया गया हैं जिसमें मनुष्यों के जीवन तथा व्यवहार को दिखाया गया है  तो आये बिना किसी देरी के अमृत वाणी कविता के प्रश्न उत्तर class 5 (amrit vani  kavita question answer class 5 ) के बारे में पढ़ें।

१. संक्षेप में उत्तर दो।

१.१. किसी से कैसे बोलना चाहिए ?

उत्तर: हमें किसी से भी बोलने से पहले अपनी बातों पर विचार करना चाहिए फिर अपनी बातों को बोलना चाहिए।

१.२. किसी काम को कल पर क्यों नहीं टालना चाहिए ?

उत्तर: किसी काम को कल पर नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि हमें नहीं पता होता है कि कल कैसी परिस्थिति हमारे साथ होंगी और हम उस काम को कर भी पाएंगे या नहीं। इसलिए जो भी काम हमारे सामने होता है उसे हमें जल्द से जल्द कर लेना चाहिए।

१.३. अभ्यास करने का क्या लाभ है?

उत्तर: निरंतर अभ्यास करने से कठिन से कठिन कार्य भी आसान हो जाता है और अभ्यास के द्वारा मूर्ख आदमी भी बुद्धिमान बन सकता है।

१.४. वर्षा के बहुत ज्यादा या कम होने से क्या-क्या नुकसान होता है?

उत्तर: वर्षा के अधिक होने से बाढ़ आ जाती है फसल और घर-परिवार नष्ट हो जाते हैं और वर्षा कम होने से फसल सुख जाती है। दोनों ही परिस्थिति में मनुष्यों की हानि ही होती है।

१.५. दूसरों को उपदेश क्यों नहीं देना चाहिए?

उत्तर: दूसरे को उपदेश नहीं देना चाहिए क्योंकि मुसीबत के समय दूसरों को उपदेश देना तो आसान होता है पर उनके साथ खड़े रहकर उन मुसीबत को दूर करना कठिन।

१.६. दूसरे की पीड़ा को किसकी पीड़ा समझनी चाहिए ?

उत्तर: दूसरे की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझनी चाहिए।

१.७. हमारा सच्चा मित्र या शुभचिंतक कौन है? इसका पता कब चलता है ?

उत्तर: हमारा सच्चा मित्र या शुभचिंतक वही है जो हमारे कष्टों को कम करता है और बुरा वक्त में हमारे साथ खड़ा रहता है।

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१.८. बिगड़ी बात क्या बन पाती है?

उत्तर: बिगड़ी बात कभी बन नहीं पाती है।

१.९. मन की व्यथा को मन में ही क्यों छिपाए रखना चाहिए ?

उत्तर: मन की व्यथा को अपने मन में ही रखना चाहिए क्योंकि दूसरे को बताने से कोई फायदा नहीं वे तुम्हारे मन की व्यथा को दूर तो नहीं कर सकते पर इसका फायदा उठाकर और ज्यादा तकलीफ देने का प्रयास करेंगे और हसेंगे और दूसरे को भी बताएंगे।

१. १०. हमें अपनी बड़ाई क्यों नहीं करनी चाहिए ?

उत्तर: जिनमें अच्छे गुण होते हैं वे अपनी बढ़ाई खुद नहीं करते हैं। जिस प्रकार हीरा, मोती, सोना, चांदी मूल्यवान होते है लोग उनके गुणों से परिचित है ठीक उसी प्रकार सही समय आने पर लोगों को आप के गुण के बारे में पता चल ही जाएगा और वे तुम्हारे बढ़ाई करने लगेंगे।

१.११. किसे सबसे अच्छा कार्य कहा गया है?

उत्तर: परोपकार को सबसे अच्छा कार्य कहा गया है।

अमृत वाणी कविता Question Answer Class 5

२. निम्नलिखित पंक्तियों के भाव स्पष्ट करो।

२.१. हिये तराजू तौलि कै, तब मुख बाहर आनि ।

भाव अर्थ: प्रस्तुत पंक्ति के माध्यम से कबीर दास जी कहते हैं कि हमें कोई भी बात को बिना सोचे समझे नहीं कहना चाहिए। कोई भी बात बोलने से पहले सोच समझकर बोलना चाहिए। जिस प्रकार से हम कोई भी सामान बिना तराजू में तोले उसका सही परिमाण का पता नहीं लगा सकते ठीक उसी प्रकार अपनी बातों को भी अपने मन में विचार करने के पश्चात ही बोलना करना चाहिए।

२.२. परहित सरिस धरम नहिं भाई।

भाव अर्थ: प्रस्तुत पंक्ति के माध्यम से तुलसीदास जी कहते हैं कि दूसरों की भलाई से बढ़कर दूसरा और कोई भी धर्म नहीं है परोपकार ही सबसे बड़ा धर्म है।

२.३. सुनि अलैिहैं लोग सब वाँटि न लैहें कोय ।।

भाव अर्थ: प्रस्तुत पंक्ति के माध्यम से रहीम जी कहते हैं कि अपने मन के कष्टों को किसी के सामने प्रकट नहीं करना चाहिए। सुनने वाला आपके दुखों को सुनकर हंसेंगे न की उसे बांट लेंगे।

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३. क्या हानि होगी-

३.१. दूसरों से कठोर बात कहने पर।

उत्तर: वह व्यक्ति नाराज होगा।

३.२. आज का काम कल पर टालने पर।

उत्तर: वह काम कभी पूरा नहीं होता।

३.३. मन की व्यथा हर एक से कहने पर।

उत्तर: अपने मन की व्यथा दूसरे से कहने पर कभी कम नहीं होता।

३.४. अपनी बड़ाई अपने आप करने पर।

उत्तर: अपनी पड़े अपने आप करने पर अपनी बनाई हुई इज्जत भी कम हो जाती है।

३.५. समय को खोने पर।

उत्तर: समय को खोने पर पछतावा के सिवा और कुछ नहीं बचता।

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४. उन्हें कौन सा दोहा सुनाकर समझाएंगे- जब

४.१. तुम्हारे वे मित्र जो पढ़ाई-लिखाई में पीछे पड़ने के कारण दुखी हो जाते हैं।

उत्तर: का बरषा जब कृषी सुखाने।
समय चूकि पुनि का पछिताने।।

४.२. तुम्हारे वे मित्र जो दूसरों को पीड़ा पहुँचाते हों।

उत्तर: परहित सरिस धरम नहिं भाई।
पर पीड़ा सम नहिं अधमाई।।

४.३. तुम्हारे वे मित्र जो अपनी बड़ाई खुद करते हों।

उत्तर: रहिमन हीरा कब कहे, लाख टका मो मोल।

५. निम्नलिखित शब्दों के समान अर्थ वाले शब्द लिखो।

i.  बरसा – वर्षा                ii.  सरिस – समान          iii.  रसरी – रस्सी

iv. अधमाई – नीचकार्य     v.  जड़मत – मूर्ख            vi.  पुनि – फिर

vii.  माखन – मक्खन        viii. मुख – मुंह

६. इन दोहों से मिलने वाली सीखों की एक सूची बनाओ।

उत्तर:
१. बहुत सोच समझकर बोलना चाहिए।
२. कोई भी काम कल पर नहीं टालना चाहिए।
३. अभ्यास से कठिन काम सरल हो जाता है।
४. समय बीत जाने पर पछताना बेकार है।
५. दूसरे को उपदेश नहीं देना चाहिए।
६. परोपकार सबसे बड़ा धर्म है।

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